Wednesday, December 24, 2008

माँ का पत्र



घर का दरवाजा खोलता हूँ 
नीचे एक पत्र पड़ा है 
शायद डाकिया अंदर डाल गया है 
उत्सुकता से खोलता हूँ 
माँ का पत्र है 
एक-एक शब्द दिल में उतरते जाते हैं 
बार-बार पढ़ता हूँ
 फिर भी जी नहीं भरता 
पत्र को सिरहाने रख सो जाता हूँ 
रात को सपने में देखता हूँ 
माँ मेरे सिरहाने बैठी बालों में उंगलियाँ फिरा रही है। 

- कृष्ण कुमार यादव-

Tuesday, December 23, 2008

सूरतपेक्स-२००३ की यादें

डाक टिकट संग्रह को लोगों विशेषकर युवाओं में अभिरूचि रूप में विकसित करने हेतु सूरत में प्रवर डाक अधीक्षक के रूप में भारतीय डाक सेवा के अधिकारी कृष्ण कुमार यादव ने 24 वर्षों के लम्बे अन्तराल पश्चात 22-23 दिसम्बर 2003 को जनपद स्तरीय डाक टिकट प्रदर्शनी ‘सूरतपेक्स- 2003’ का आयोजन किया, जिसे काफी सराहा गया। इस प्रदर्शनी की रोचकता का अन्दाज इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें जहाँ 1854 में जारी भारत का प्रथम डाक टिकट प्रदर्शित किया गया, वहीं स्विटजरलैण्ड द्वारा जारी चाकलेट की खुशबू वाला डाक टिकट भी प्रदर्शित था। इस प्रदर्शनी में ‘सूरत रक्तदान केन्द्र व अनुसंधान केन्द्र‘ एवं ‘नेचर क्लब सूरत‘ पर विशेष आवरण जारी किये गये और सरदार वल्लभभाई पटेल पर एक बुकलेट जारी की गई, जिसमें उन पर जारी चारों डाक टिकटों को स्थान दिया गया। इन विशेष आवरणों व बुकलेट को http://www.geocities.com/indianphilately/pg200323?20082 पर देखा जा सकता है। सरदार वल्लभभाई पटेल पर जारी बुकलेट को ‘‘फिला इण्डिया गाइड बुक 2005‘‘ में भी अंकित किया गया है एवं इसे पृष्ठ संख्या 229 पर प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी की यादों को सहेजने हेतु इस अवसर पर एक स्मारिका भी जारी की गई, जिसमें तमाम ज्ञानवर्द्धक व रोचक लेखों के अलावा भारतीय डाक, प्रसिद्ध भारतीय नारियाँ, भारतीय फिल्म और ब्यूटी आफ इण्डिया पर जारी डाक टिकटों को समाहित कर इसे संग्रहणीय बना दिया गया। आज इस प्रदर्शनी को बीते पूरे पॉँच वर्ष हो गए, पर अपने प्रथम कार्यकाल की प्रथम प्रदर्शनी भला किसे bhulati है। सो अतीत के आईने से आप भी इस प्रदर्शनी की खूबसूरत तस्वीरों का आनंद इस लिंक पर जाकर उठाइए -http://www.geocities.com/indianphilately/pg200323?20082

Tuesday, December 9, 2008

डाक टिकट संग्रहकर्ताओं हेतु "फिला पोस्ट" का प्रकाशन

डाक टिकट संग्रहकर्ताओं के लिए खुशखबरी। भारतीय डाक विभाग और फिलेटलिक काँग्रेस आफ इण्डिया द्वारा संयुक्त रूप से एक त्रैमासिक पत्रिका ‘‘फिला पोस्ट‘‘ का प्रकाशन आरम्भ किया गया है। इसका प्रथम अंक अक्टूबर-दिसम्बर 2008 कुल 28 पृष्ठों में प्रकाशित है। फिलहाल इस त्रैमासिक पर कहीं भी कोई मूल्य अंकित नहीं है। डाक सचिव सुश्री राधिका दोराईस्वामी एवं फिलेटलिक काग्रेस आफ इंडिया के अध्यक्ष श्री दिलीप शाह ने अपने संदेश में पत्रिका को शुभकामनाएं देने के साथ-साथ इसके उद्देश्यों पर भी प्रकाश डाला है। फिलेटली पर विभिन्न लेखों के साथ-साथ इस पत्रिका में भारत में विभिन्न फिलेटलिक सोसाइटीज के इतिहास पर भी प्रकाश डाला गया है। वर्ष 2008 में जारी स्मारक डाक टिकटों, मिनियेचर सीट एवं प्रथम दिवस आवरण से सुसज्जित इस पत्रिका में 2008 एवं 2009 में जारी किये जाने वाले डाक टिकटों की सूची भी प्रकाशित है। 1973 से लेकर वर्ष 2007 तक जारी सभी मिनियेचर शीट का विवरण भी पत्रिका में प्रकाशित है। मधुबाला एवं इण्डो-चाइना ज्वाइंट इश्यू स्टैम्प से संबंधित चित्र पत्रिका को और खूबसूरत बनाते हैं। ग्लेज्ड पेपर पर प्रकाशित पत्रिका पहली ही नजर में आकर्षित करती है। निश्चिततः भारतीय डाक विभाग और फिलेटलिक काँग्रेस आफ इण्डिया द्वारा संयुक्त रूप से की गई इस पहल को सराहा जाना चाहिए और आशा की जानी चाहिए कि फिलेटली के क्षेत्र में यह पत्रिका मील का पत्थर साबित होगी।

Monday, December 1, 2008

डाक वितरण की स्थिति ई-मेल द्वारा अथवा वेबसाइट पर

डाक विभाग ने बल्क कस्टमर्स हेतु इलेक्ट्रानिक इन्टीमेशन आफ डिलीवरी सुविधा आरम्भ की है, जिसके तहत मात्र 50 पैसे अतिरिक्त देकर कोई भी बल्क कस्टमर अपनी डाक वितरण की स्थिति ई-मेल द्वारा अथवा वेबसाइट पर प्राप्त कर सकता है। इस सुविधा के साथ सामान्य डाक को भी स्पीड पोस्ट की भाँति ट्रैक-ट्रेस किया जा सकेगा। अभी तक यह सुविधा मात्र स्पीड पोस्ट और एक्सप्रेस पार्सल पोस्ट पर ही लागू है। इस सुविधा का उपयोग भारी संख्या में डाक भेजने वाले बैंकिंग, टेलीकाम, बीमा, वित्तीय क्षेत्र, समाचार पत्र समूहों इत्यादि के साथ-साथ आमंत्रण पत्र व ग्रीटिंग कार्ड भेजने वाले भी कर सकते है। इस हेतु पत्रों की न्यूनतम संख्या एक बार में निम्नवत् होनी चाहिएः-

आमंत्रण पत्र/ग्रीटिंग कार्ड - २००
पंजीकृत पत्र/पार्सल/वीपीपी - २००
बुक पोस्ट/पत्र/पोस्टकार्ड/अन्तर्देशीय पत्र - 5,०००
बिल मेल सर्विस/डायरेक्ट पोस्ट - 5,०००
समाचार पत्र - 5,०००
नेशनल बिल मेल सर्विस - 10,०००

‘‘इलेक्ट्रानिक इन्टीमेशन आफ डिलीवरी‘‘ सुविधा का लाभ चाहने वालों को डाकघर में पंजीकरण कराना होगा। तदोपरान्त ग्राहकों को 13 अंक के बार कोड संख्या आवंटित किये जायेंगे, जिनकी प्रिन्टिंग वे खुद करायेंगे और तदोपरान्त इस सुविधा के तहत पोस्ट की जाने वाली डाक पर इसे चिपका कर पिनकोड वाइज बुकिंग की जायेगी। इस बारकोड स्टिकर के आधार पर ही ग्राहकों को उनके डाक वितरण की जानकारी मुहैया करायी जायेगी। इस 13 अंक के बार कोड में प्रथम दो अंक सर्किल/रीजन, अगले चार अंक डिवीजन, अगले तीन अंक सम्बन्धित डाकघर और अंतिम चार अंक ग्राहको को चिन्हित करेंगे।