Saturday, July 21, 2012

डाकघरों से रक्षाबंधन के पर्व पर डिजाइनदार राखी लिफाफों की ब्रिकी


राखी का त्यौहार भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख त्यौहार है जो प्रत्येक वर्ष श्रावण मास में मनाया जाता है। इस वर्ष भाई-बहन के प्यार का प्रतीक यह पर्व 2 अगस्त को पड़ रहा है। आज इस आधुनिकता एवम विज्ञान के दौर में संसार मे सब कुछ हाईटेक हो गया है। वहीं हमारे त्यौहार भी हाईटेक हो गए है। इन्टरनेट व एस0एम0एस0 के माध्यम से आप किसी को कहीं भी राखी की बधाई दे सकते है। किन्तु जो प्यार, स्नेह, आत्मीयता एवं अपनेपन का भाव बहन द्वारा भाई की कलाई पर राखी बाँधने पर है वो इस हाईटेक राखी में नही है। इस सम्बन्ध में हिन्दी फिल्म का एक मशहूर गाना याद आता है-‘‘बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बाँधा है, कच्चे धागे से सारा संसार बाँधा है।‘‘ इन पंक्तियों में छुपा भाव इस पर्व की सार्थकता में चार चाँद लगा देता है। डाक विभाग इन भावनाओं को हर साल आपके दरवाजे तक पहुँचाता है, सो इस साल भी तैयार है।

बहनों द्वारा राखियों को सुरक्षित एवं सुगमता से भेजने के लिए डाक विभाग ने छ: तरह के लिफाफे जारी किये गये हैं। 11 सेमी X 22 सेमी आकार के इन राखी लिफाफों का मूल्य रुपया 7/- है जो डाक शुल्क के अतिरिक्त है। ये लिफाफे पूर्णतया वाटर प्रूफ, मजबूत, पारगमन के दौरान न फटने, रंगबिरंगे एवं राखी की विभिन्न डिजाइनों से भरपूर है। राखी लिफाफों को चिपकाने हेतु इनमें विशेष स्टिकर का प्रयोग किया गया है जिससे लेई या गम की आवश्यकता नहीं होगी। इसके चलते जहाँ राखी प्राप्त करने वाले को प्रसन्नता होगी, वहीं इनकी छंटाई में भी आसानी होगी। यही नहीं राखी डाक को सामान्य डाक से अलग रखा जा रहा है। लोगों की सुविधा के लिए डाकघरों में अलग से डलिया लगाई गयी हैं, जिन पर स्थान का नाम लिखा है। पोस्ट की गई राखियों को उसी दिन विशेष बैग द्वारा सीधे गंतव्य स्थानों को प्रेषित कर दिया जा रहा है, ताकि उनके वितरण में किसी भी प्रकार की देरी न हो। ऐसे सभी भाई जो अपने घर से दूर है तथा देश की सीमा के सजग प्रहरी हमारे जवान जो बहुत ही दुर्गम परिस्थियो मे भी देश की सुरक्षा मे लगे है उन सभी की कलाई पर बँधने वाली राखी को सुरक्षित भेजे जाने के लिए भी डाक विभाग ने विशेष प्रबन्ध किये हैं। तो आप भी रक्षाबन्धन का इन्तजार कीजिए और इन्तजार कीजिए डाकिया बाबू का जो आपकी राखी को आप तक पहुँचाना सुनिश्चित करेंगे और भाई-बहन के इस प्यार भरे दिवस के गवाह बनेंगे।

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