Tuesday, November 22, 2016

नोटबंदी के बाद जोधपुर के डाकघरों में जमा हुई 1 अरब रूपये से ज्यादा की राशि

भारत सरकार द्वारा 500 और 1,000 रूपये के नोटों के विमुद्रीकरण (demonetisation) और तदनुसार नोटबंदी के बाद डाकघरों में भी 500 और 1,000 रूपये के नोट खूब बदले गए और लोगों ने अपने खातों में  पुराने नोट  भी जमा कराये। राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि 10 नवम्बर से आरम्भ हुए इस अभियान के तहत जोधपुर के डाकघरों में 21 नवम्बर तक अपने खातों  में लोगों ने 500 और 1,000 रूपये की  लगभग 1 अरब 9  करोड़ की राशि जमा की।  डाकघरों में एक्सचेंज के तहत इस दौरान  लगभग 28 करोड़ 94 लाख रूपये की राशि बदली गई। 

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाकघर की तमाम बचत योजनाओं -बचत खाता, आवर्ती जमा खाता, सावधि खाता, मासिक जमा योजना, पीपीएफ, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना, एन एस सी, किसान विकास पत्र में 500 और 1,000 रूपये के पुराने नोट स्वीकार किये जा रहे हैं। प्रधान डाकघर और उप डाकघरों के अलावा गाँवों में स्थित शाखा डाकघरों में भी  500 और 1,000 रूपये के पुराने नोट सभी बचत योजनाओं हेतु स्वीकार किये जा रहे हैं। ग्रामीण शाखा डाकघरों में पचीस हजार जमा करने की सीमा को भी वर्तमान परिस्थियों में डाक विभाग ने उदार बनाते हुए बढ़ा दिया है। अब गाँव के लोग अपने नजदीकी शाखा डाकघर में जाकर अपने खाते में 500 और 1,000 रूपये के  पुराने नोट जमा कर सकते हैं। जोधपुर डाक मंडल के अधीन कुल 558 डाकघरों में से 473 शाखा डाकघर हैं ।

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग द्वारा इस दौरान काफी संख्या में सभी तरह के खाते भी खोले जा रहे हैं। जोधपुर प्रधान डाकघर में खोले जा रहे बचत खातों में तत्काल निशुल्क एटीएम सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे लोग बिना किसी परेशानी के प्रधान डाकघर स्थित एटीएम से राशि निकाल सकते हैं। इसी प्रकार सुकन्या समृद्धि योजना के तहत लोग 10 साल तक की बेटियों का खाता खोलकर साल भर में  एक हजार से डेढ़ लाख रूपये तक जमा कर सकते हैं। इसमें आयकर छूट का भी प्रावधान है।




  

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