tag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post4851668418895752877..comments2024-03-22T16:18:55.202+05:30Comments on डाकिया डाक लाया: पत्र लिखिए : मित्र बनाइएwww.dakbabu.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/04376997074873178876noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-65418026666980218042010-03-23T13:24:57.077+05:302010-03-23T13:24:57.077+05:30हमें भी पत्र-मित्रता का शौक है.हमें भी पत्र-मित्रता का शौक है.मन-मयूरhttps://www.blogger.com/profile/17368103957948539533noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-62377217255444478162010-03-21T19:59:43.860+05:302010-03-21T19:59:43.860+05:30बहुत सुन्दर. कई बार इतिहास के तले सुन्दर रचनाएँ न...बहुत सुन्दर. कई बार इतिहास के तले सुन्दर रचनाएँ निकल कर आती हैं. अजित गुप्ता जी को बधाई.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-22785912877793177092010-03-18T17:46:27.880+05:302010-03-18T17:46:27.880+05:30पत्रों से तो हमें भी बहुत प्यार है..बेहतरीन लेख.पत्रों से तो हमें भी बहुत प्यार है..बेहतरीन लेख.raghavhttps://www.blogger.com/profile/02798957175847280091noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-61715751558614104372010-03-16T01:44:08.449+05:302010-03-16T01:44:08.449+05:30मैं तो अभी भी पत्रो की दुनिया की वज़ह से ही ज़िन्द...मैं तो अभी भी पत्रो की दुनिया की वज़ह से ही ज़िन्दा हूँ ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-86441491102568092302010-03-14T20:50:17.855+05:302010-03-14T20:50:17.855+05:30पत्रों के अलबेली दुनिया..हर किसी को सम्मोहित करती ...पत्रों के अलबेली दुनिया..हर किसी को सम्मोहित करती है...अजित गुप्ता जी की सार्थक लेखनी को साधुवाद.Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-44508200741070291292010-03-13T08:58:11.064+05:302010-03-13T08:58:11.064+05:30बहुत सुंदर लिखा आपने .....पत्रों की दुनिया से मै ब...बहुत सुंदर लिखा आपने .....पत्रों की दुनिया से मै बचपन से वाकिफ हूँ और मेरी कई पत्र -मित्र आज भी उतने ही स्नेहिल दिनों की तरह है ....फोन के समय मे भी .सुशीला पुरीhttps://www.blogger.com/profile/18122925656609079793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-71798332496207880422010-03-12T16:29:40.423+05:302010-03-12T16:29:40.423+05:30सुन्दर लिखा...
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"पाखी की दुनिया...सुन्दर लिखा...<br />_____________<br /><br />"पाखी की दुनिया" में देखिये "आपका बचा खाना किसी बच्चे की जिंदगी है".Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-11218503344357870762010-03-11T18:24:44.224+05:302010-03-11T18:24:44.224+05:30कृष्ण जी,
चिट्ठियाँ तो अनमोल होती है. मैं आपकी संव...कृष्ण जी,<br />चिट्ठियाँ तो अनमोल होती है. मैं आपकी संवेदना से पहले से वाकिफ हूँ... मैंने पत्र-मित्रता को बहुत ही सलीके से जिया है. मैं खुशकिश्मत हूँ... मेरे पास छोटे बड़े पत्रों / लिफाफों का संग्रह है...<br /><br />मैंने यहाँ तक कह दिया था,<br />मेरे ज़नाजे पर कफ़न नहीं चिट्ठियों की चद्दर हो<br />मेरी ख्वाहिश है मेरे कब्र के नजदीक डाकघर हो<br /><br />Smt. अजित जी पोस्ट में मोहक और विचारणीय बात है... जानकारी साझा करने के लिए आभार.<br /><br />- सुलभSulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-45674393036956200392010-03-11T13:14:07.704+05:302010-03-11T13:14:07.704+05:30यादव जी, आपकी पोस्ट देखी, पोस्ट का विषय और कुछ प...यादव जी, आपकी पोस्ट देखी, पोस्ट का विषय और कुछ पंक्तियों पर नजर जाते ही लगा कि ये तो मेरी ही हैं। लेकिन आपने इसे मेरे नाम से छापा है इसका संतोष है। मेरे सारे ही मधुमती के सम्पादकीय की एक पुस्तक - सांस्कृतिक निबन्ध, साहित्यागार - जयपुर से प्रकाशित हुई है। आप उसे देखे, आपको पुस्तक पसन्द आएगी।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.com