tag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post6906218284463324798..comments2024-03-22T16:18:55.202+05:30Comments on डाकिया डाक लाया: प्यार की चिट्ठीwww.dakbabu.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/04376997074873178876noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-7048993854610245992011-05-06T17:31:31.365+05:302011-05-06T17:31:31.365+05:30KK जी,
नन्हीं अक्षिता को बेस्ट बेबी ब्लागर अवार्...KK जी, <br /> नन्हीं अक्षिता को बेस्ट बेबी ब्लागर अवार्ड प्राप्त होने पर बधाई.इसे कहते हैं पूत के पांव पालने में. <br />के.के. जी और आकांक्षा जी ने बिटिया पाखी को जो संस्कार और परिवेश दिया है, वाकई अनुकरणीय है. श्रद्धावत नमन. .Shyamahttps://www.blogger.com/profile/15780650583480468092noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-41337958961272730652011-05-06T17:31:01.564+05:302011-05-06T17:31:01.564+05:30आज हम भी अपनी चिट्ठियों का पिटारा खोलेंगें...सुन्द...आज हम भी अपनी चिट्ठियों का पिटारा खोलेंगें...सुन्दर पोस्ट.Shyamahttps://www.blogger.com/profile/15780650583480468092noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-71520797560952428092011-05-05T23:51:39.586+05:302011-05-05T23:51:39.586+05:30सिद्धेश्वर जी! नमस्कार!
आपको वर्षों बाद आपका लेख ...सिद्धेश्वर जी! नमस्कार! <br />आपको वर्षों बाद आपका लेख आँखों के सामने पड़ा और पुरानी यादे ताजी हो गईं। सन १९७० के आस-पास ’शुभ-तारिका’ में आपकी रचनाएं प्रकाशित होती थीं और मेरी भी । उस समय पत्र ही संवाद का सस्ता और आसान साधन होता था। आपसे मेरा पत्राचार होता रहा है। बीच में यह क्रम टूट गया। आपका पत्रों पर आलेख रोचक है।<br />सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी<br />================================डॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-23060225411363140682011-04-29T03:23:45.267+05:302011-04-29T03:23:45.267+05:30इस बार घर जाने पर एक पुराना खत हाथ लग गया तो लगा ज...इस बार घर जाने पर एक पुराना खत हाथ लग गया तो लगा जैसे कोई अनमोल खजाना मिल गया हो. उस चिट्ठी में जो आत्मीयता और प्यार की सुंदर अनुभूति होती थी वह ईमेल व एसएमएस तो सोची भी नहीं जा सकती.संतराम यादवhttps://www.blogger.com/profile/10989095817786039835noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-54008562728418878962011-04-28T23:09:47.076+05:302011-04-28T23:09:47.076+05:30आभार! बंधु के०के०यादव जी और सभी साथियों के प्रति, ...आभार! बंधु के०के०यादव जी और सभी साथियों के प्रति, saajhaa aura sheyara karane ke lie !siddheshwar singhhttps://www.blogger.com/profile/06227614100134307670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-49303723285623971272011-04-27T16:22:48.184+05:302011-04-27T16:22:48.184+05:30चिट्ठियों की भी अद्भुत दास्ताँ है...सिद्धेश्वर जी ...चिट्ठियों की भी अद्भुत दास्ताँ है...सिद्धेश्वर जी ने लाजवाब लिखा. बधाई.Dr. Brajesh Swaroophttps://www.blogger.com/profile/17791749899067207963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-56831564604979591622011-04-27T12:23:01.000+05:302011-04-27T12:23:01.000+05:30सही कहा आपने पत्र लिखने की कला स्कूलों के पाठ्यक्र...सही कहा आपने पत्र लिखने की कला स्कूलों के पाठ्यक्रम तक सिमट तक रह गई है ..........<br />मै भी कभी कभी आकाशवाणी के कार्य कर्मो में पत्र डालता हूँ .........तरुण भारतीयhttps://www.blogger.com/profile/06484935775975350578noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-88386228625454556252011-04-27T10:24:03.549+05:302011-04-27T10:24:03.549+05:30मुझे भी तो पत्र लिखना सीखना है...मुझे भी तो पत्र लिखना सीखना है...Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-75770094163701850162011-04-26T19:42:49.152+05:302011-04-26T19:42:49.152+05:30चिट्ठियोँ की तो बात ही निराली थी दोस्तचिट्ठियोँ की तो बात ही निराली थी दोस्तKunal Vermahttps://www.blogger.com/profile/13464602325847466085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-28073790125890634132011-04-26T16:11:36.830+05:302011-04-26T16:11:36.830+05:30पुराने दिनों की यादें ताजा हो गईं...पुराने दिनों की यादें ताजा हो गईं...Bhanwar Singhhttps://www.blogger.com/profile/15075816337973720075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-80062844094588097362011-04-26T16:03:36.852+05:302011-04-26T16:03:36.852+05:30पत्रों के प्रति अनुपम भावों को सिद्धेश्वर जी ने स...पत्रों के प्रति अनुपम भावों को सिद्धेश्वर जी ने सुन्दर शब्दों में ढाला है. आपकी लेखनी को साधुवाद.S R Bhartihttps://www.blogger.com/profile/16535000568157262183noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-91020547301351357512011-04-26T16:03:27.225+05:302011-04-26T16:03:27.225+05:30पत्रों के प्रति अनुपम भावों को सिद्धेश्वर जी ने स...पत्रों के प्रति अनुपम भावों को सिद्धेश्वर जी ने सुन्दर शब्दों में ढाला है. आपकी लेखनी को साधुवाद.S R Bhartihttps://www.blogger.com/profile/16535000568157262183noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-9663375014915917802011-04-26T14:41:07.239+05:302011-04-26T14:41:07.239+05:30सर जी, सच कहा आपने...जो स्पर्श की अनुभूति चिठ्ठी म...सर जी, सच कहा आपने...जो स्पर्श की अनुभूति चिठ्ठी मे होती हॆ वो e-mail या sms मे कहा सम्भव हे..<br />आज भी मुझॆ अपने १० बाई ११ के स्ट्डी रूम की सफाई करने मे 2 दिन लग जाते हॆ..क्या करे सफाई करते ही कोई पुराना खत हाथ मे आते ही फ्लॆश बॆक मे पहुच जाते हॆ...उसकी हॆडराईटिग..उसके लिखने की कला..ऎसा लगता हे कि जॆसे कल की ही बात हो....ऒर अगर खत प्रिये का हो तो क्या कहने...Ashish (Ashu)https://www.blogger.com/profile/17298075569233002510noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-76250245561336844982011-04-26T14:16:50.095+05:302011-04-26T14:16:50.095+05:30चिट्ठियों के बारे में जितना भी लिखा जाये कम ही होग...चिट्ठियों के बारे में जितना भी लिखा जाये कम ही होगा. सुन्दर रचना के लिए बधाई.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-31392437214798214092011-04-26T14:16:27.260+05:302011-04-26T14:16:27.260+05:30सिद्धेश्वर जी का यह लेख वाकई अनुपम है. इस के लिए उ...सिद्धेश्वर जी का यह लेख वाकई अनुपम है. इस के लिए उन्हें ढेरों बधाई.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6653099707070063796.post-56304751542065241972011-04-26T12:53:43.059+05:302011-04-26T12:53:43.059+05:30बहुत अच्छी और साहित्यिक पोस्ट है आपकी, बीच बीच में...बहुत अच्छी और साहित्यिक पोस्ट है आपकी, बीच बीच में दिए पध्य बताते हैं के आपने कितना कुछ पढ़ रखा है और उसे याद भी रखा है...आपकी इस विलक्षण प्रतिभा को सलाम...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.com