हिन्दुस्तान अख़बार में ब्लॉग की चर्चा
आज ८ अप्रैल, २००९ के दैनिक हिंदुस्तान अख़बार में ब्लॉग वार्ता के अंतर्गत "डाकिया डाक लाया" ब्लॉग की चर्चा की गई है। रवीश कुमार जी ने इसे बेहद रोचक रूप में प्रस्तुत किया है.....आभार !! ( उपरोक्त सामग्री को स्पष्ट देखने के लिए इस पर चटका लगायें)
बधाई हो ।
ReplyDeleteअरे मुबारक हो डाकिया बाबू! आप तो छुपे रुस्तम निकले.
ReplyDeleteमुबारक हो! आज सुबह ही मैंने भी पढ़ा.रवीश जी ने बड़ी तबियत से आपके ब्लॉग की चर्चा की है...आप अच्छा कार्य भी तो कर रहे हैं.
ReplyDeleteमुबारक हो! आज सुबह ही मैंने भी पढ़ा.रवीश जी ने बड़ी तबियत से आपके ब्लॉग की चर्चा की है...आप अच्छा कार्य भी तो कर रहे हैं.
ReplyDeleteMaine bhi padha, accha laga. Badhai ho.
ReplyDeleteअच्छे कार्य की हर तरफ सराहना होती है...बधाई.
ReplyDeleteअरे जनाब! हमारी भी नजरों ने देख लिया. क्या खूब लिखा है रवीश जी ने आपके ब्लॉग पर.
ReplyDeleteHeart toching collection about historical events.
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ReplyDelete'हिंदुस्तान' अख़बार में 'ब्लॉग वार्ता' में चर्चा होने पर कोटिश: बधाई. इसे यथावत जारी रखें.
ReplyDeleteसुन्दर चीजों के कद्रदान लोग आपने आप बन जाते हैं. आपका ब्लॉग तमाम खूबसूरत चीजों से भरा पड़ा है..फिर इसकी चर्चा क्यों ना हो.
ReplyDelete'हिंदुस्तान' अख़बार में 'ब्लॉग वार्ता' में इस ब्लॉग की अनुपम चर्चा के बाद ब्लॉग पर तमाम नई चीजों के दर्शन होंगे..ऐसी आशा की जानी चाहिए.आखिरकार अब आप चर्चित लोगों की श्रेणी में हैं.
ReplyDeleteहिंदुस्तान के सम्पादकीय पेज पर हमने भी आपके ब्लॉग पर वार्ता पढ़ी थी...सुखद और सराहनीय लगा.
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ReplyDeleteबधाई हो. ऐसे ही छपते रहिये.
ReplyDeleteबधाई .
ReplyDeleteकाश डाकिया मेरे घर चिठ्ठियाँ लेकर आए,इस तृप्ति के लिए
ReplyDeleteमैं मोबाइल पर msg अधिक करती हूँ,चिठ्ठी की तरह.......
बधाई हो.
आपको बहुत बहुत बधाई हो डाकिया बाबू वैसे रविश जी भी बहुत ही अच्छा लिखते हैं
ReplyDeleteबधाई हो ।
ReplyDeleteनिश्चिततौर पर रविश जी बधाई के पात्र हैं जिन्होने आपके ब्लाग की गंभीरता को समझा व अपने अखबार मे ब्लाग पर इतनी महत्वपूर्ण टिप्पणी / लेख प्रकाशित किये, आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ तथा रविश जी का शुक्रिया ।
ReplyDeleteमुबारक हो!
ReplyDeletei will write in roman........dak late ho thik he,,,,hm to retired hogaye suru me kam kya tha dakye ke roop me,,,,day time me house wife weight karti he to accha lagata he,,,,,,,village me to lettre padhne ke bahana chher chhar bhi hoti he,,,,,,,thora khulna parta he,,,,,,,
ReplyDeletebadhai...
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई हो. बहुत बेहतरीन कवरेज हुई है.
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