Wednesday, May 13, 2009
भारत के गौरव की झांकी पेश करेंगे "स्वर्ण डाक टिकट"
डाक विभाग लोगों को आर्किर्षत करने हेतु तमाम तरह के डाक टिकट समय-समय पर जारी करता है। अभी हाल ही में चन्दन, गुलाब और जूही वाले खुशबूदार डाक टिकट जारी किये गये हैं। जानकर ताज्जुब होगा कि अब डाक विभाग स्वर्ण डाक टिकटों का एक ऐतिहासिक एवं संग्रहणीय सेट जारी कर रहा है, ताकि भारत की सभ्यता और संस्कृति से जुड़ी धरोहरांे को अक्षुण्ण रखा जा सके और महापुरूषों को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सके। इस हेतु राष्ट्रीय फिलेटलिक म्यूजियम, नई दिल्ली के संकलन से 25 ऐतिहासिक व विशिष्ट डाक टिकट इतिहासकारों व डाक टिकट विशेषज्ञो द्वारा विशेष रूप से भारत की अलौकिक कहानी का वर्णन करने के लिए चुने गए है। ‘‘प्राइड आफ इण्डिया‘‘ नाम से जारी किये जा रहे ये डाक टिकट शुद्ध ठोस चांदी में ढाले गये हैं और उन पर 24 कैरेट सोने की परत चढी़ है। प्रत्येक डाक टिकट डायमण्ड कट वाले छिद्र के साथ 2.2 मि0मी0मोटा है।
भारत के गौरव की झांकी पेश करने वाले इन स्वर्णिम डाक टिकटों को जारी करने हेतु भारतीय डाक विभाग ने लंदन स्थिति कम्पनी हाॅलमार्क ग्रुप को अधिकृत किया है। हाॅलमार्क ग्रुप द्वारा प्रत्येक चुनी हुई कृति के अनुरूप विश्व प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा समान आकार व रूप के मूल टिकट के अनुरूप ही ठोस चांदी में डाक टिकट ढाले गये हैं और उस पर 24 कैरेट सोने की परत चढ़ायी गयी है, ताकि भारत की समृद्धि की स्थायी धरोहर को शाश्वत बनाया जा सके। 25 डाक टिकटों का यह पूरा सेट 1.5 (डेढ़ लाख रूपये) का है अर्थात् प्रति डाक टिकट की कीमत 6000 रूपये है। इन डाक टिकटों के पीछे भारतीय डाक और हाॅलमार्क का लोगो अंकित किया गया है।
इन 25 खूबसूरत डाक टिकटों में स्वतंत्र भारत का प्रथम डाक टिकट ‘जयहिन्द‘, थाणे और मुंबई के बीच चली प्रथम रेलगाड़ी पर जारी डाक टिकट, भारतीय डाक के 150 वर्ष पर जारी डाक टिकट, 1857 के महासंग्राम के 150वें वर्ष पर जारी डाक टिकट, प्रथम एशियाई खेल (1951), क्रिकेट विजय-1971, मयूर प्रतिरूप: 19वीं शताब्दी मीनाकारी, राधा किशनगढ़ कथकली, भारतीय गणराज्य, इण्डिया गेट, लालकिला, ताजमहल, वन्देमातरम्, भगवद्गीता, अग्नि-2 मिसाइल पर जारी डाक टिकट शामिल किये गये हैं। इसके अलावा महात्मा बुद्ध, महात्मा गांधी, रवीन्द्र नाथ टैगोर, जे.आर.डी.टाटा, होमी जहांगीर भाभा, मदर टेरेसा, सत्यजित रे, अभिनेत्री मधुबाला एवं धीरूभाई अम्बानी पर जारी डाक टिकटों की स्वर्ण अनुकृति भी जारी की जा रही है।
भारतीय डाक विभाग के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब स्वर्ण डाक टिकट जारी किए जायेंगे। भारत के पड़ोस में स्थित भूटान ने वर्ष 1996 में 140 न्यू मूल्य वर्ग का ऐसा विशेष डाक टिकट जारी किया था जिसके मुद्रण में 22 कैरेट सोने के घोल का उपयोग किया गया था। विश्व के पहले डाक टिकट ‘पेनी ब्लैक‘ के सम्मान में जारी किये गये इस टिकट पर ‘22 कैरेट गोल्ड स्टेम्प 1996‘ लिखा है। इस टिकट की स्वर्णिम चमक को देखकर इसकी विश्वसनीयता के बारे में कोई संदेह नहीं रह जाता। यह खूबसूरत डाक टिकट अब दुर्लभ डाक टिकटों की श्रेणी में माना जाता है क्योंकि अब यह आसानी से उपलब्ध नहीं है।
भारतीय डाक विभाग द्वारा हाॅलमार्क ग्रुप के साथ जारी किये जा रहे इन डाक टिकटों के बारे में सबसे रोचक तथ्स यह है कि ये स्वर्ण डाक टिकट डाकघरों में उपलब्ध नहीं होंगे और न ही किसी शोरूम में। इन्हें प्राप्त करने के लिए विशेष आर्डर फार्म भर कर हाॅलमार्क को भेजना होगा। इसके साथ संलग्न विवरणिका जो इसकी खूबसूरती की व्याख्या करती है, स्वयं में एक अनूठा उपहार है। साथ ही वैलवेट लगी एक केज, ग्लब्स व स्विस निर्माणकर्ता द्वारा सत्यापित शुद्धता का प्रमाण पत्र इन डाक टिकटों को और भी संग्रहणीय बनाते हैं। इन डाक टिकटों की ऐतिहासिकता बरकरार रखने और इन्हें मूल्यवान बनाने हेतु इनका सेट सीमित संख्या में ही जारी होगा, जो कि मात्र 7500 है।
निश्चिततः भारतीय डाक विभाग का यह अनूठा प्रयोग सराहनीय है। यह न सिर्फ डाक टिकट संग्रहकर्ताओं बल्कि अपनी सभ्यता व संस्कृति से जुड़े हर व्यक्ति के लिए एक अमूल्य धरोहर साबित होगा, जो कि पीढ़ी-दर-पीढ़ी सुरक्षित होकर अपनी यशगाथा चारों तरफ फैलाता रहेगा। सम्भवतः इसीलिए डाक टिकटों के प्रथम सेट को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय फिलेटलिक म्यूजियम में भी प्रदर्शन हेतु सुरक्षित रखने का फैसला लिया गया है ।
सुगन्धित डाक टिकटों के बाद स्वर्णिम डाक टिकट...नए दौर का डाक विभाग है ये.
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ReplyDeleteVery interesting information...Thanks.
ReplyDeleteइस उपलब्धि पर डाक विभाग को ढेरों बधाई और डाकिया बाबू को इस अनुपम पोस्ट के लिए साधुवाद !!
ReplyDelete...इन सोने के टिकटों का बेसब्री से इंतजार रहेगा.
ReplyDeleteMahan logon par maha dak tikat.
ReplyDeleteDak vibhag logon ka dil jitne ke liye tamam chijen kar raha hai...badhai!!
ReplyDeleteYah to rochak jaankari hai.
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ReplyDeleteडाकिया बाबू! यह स्वर्णिम डाक टिकट हमें भी चाहिए.
ReplyDeleteAre bhai Pahle order to place kijiye..fir ap tak bhi pahunch jayega.
ReplyDeleteवाकई डाकतार विभाग का एक अनूठा कदम है. आपका आभार इस जानकारी को देने के लिए.
ReplyDeleteaapke bare me aksar patrikaon me padhte rahte hain... hee 'aajkal' bhi aaya hai
ReplyDeleteमेरे घर होलमार्क के व्यापार विभाग से सचित्र केटलोग आ चुका है - बढिया पोस्ट लगी आपकी
ReplyDelete- लावण्या
तभी सोना
ReplyDeleteअब सोना नहीं रहा
गोल्ड हो गया है
पहले रहता था कोल्ड
पर अब गोल्ड हो गया है
रेट इसका बोल्ड हो गया है
बेनींदों के लिए
ReplyDeleteनींद का जादू जगाए
ऐसा डाक टिकट
आप जब लाएंगे
तो सोने का टिकट
सोने के रेट में भी
बखूबी बेच पाएंगे।
कार्टून पर प्रतिक्रिया के लिए आभार. सोने की डाक टिकटें तो अच्छी हैं पर ये समझ नहीं आया कि इससे धरोहर कैसे सुरक्षित रहेगी क्योंकि मेरे ख्याल से तो सोना, आज नहीं तो कल गला ही लिया जायेगा.
ReplyDeleteवैसे बाज़ार में टिके रहने के लिए, डाक विभाग को अभी बहुत लम्बा रास्ता तय करना बाकी है.
bahut badiyaa jaankaaree hai bahut bahut badhai aur dhanyvad
ReplyDeleteसही जानकारी ,यह होना भी था .
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ReplyDeleteआप कड़ी मेहनत कर रहे हैं, आपकी हर पोस्ट लाजवाब होती है.
ReplyDelete@ Samir lal ji!
ReplyDeleteअब तो सिर्फ डाक रहा. तार तो दूरसंचार के पास चला गया.
काजल कुमार जी! इन डाक टिकटों को कोई गलाने के लिए नहीं खरीद रहा. एक बार स्टॉक ख़त्म होने पर वैसे भी इनकी फिलाटेलिक वैल्यू काफी बढ़ जायेगी और उसी अनुरूप इनका दाम भी. जब कागज के डाक टिकट लोग इतना सहेज कर रखते हैं तो फिर ये तो सोने के हैं....वैसे भी इन डाक टिकटों का एक सेट फिलाटेलिक म्यूज़ियम में सुरक्षित रखा जायेगा.
ReplyDeleteNice info on Pride of India Collection. It would have been very nice if these beautiful items were available individually so that a collector could purchase replica of one's choice on spending small amount. The whole set is not in every one's limit. It is possible if India Post takes steps in this regard. As many collectors would like to purchase replica of Gandhi, Taj Mahal Madhubala and some more of their specific choice individually...
ReplyDeleteबेहद सुन्दर जानकारी के लिए आभार.
ReplyDeleteaapki har post main nai jaankaari mailti hai.kun saa lifafa haath agya hai dakiya baabu..
ReplyDeleteभैया, आज सुबह ही जनसत्ता में आपका सोने के डाक टिकट लेख पढ़ा. वाकई ये भारतीय सभ्यता और संस्कृति की धरोहर को रखने का डाक विभाग का सुन्दर प्रयास है. अख़बार की प्रति आपने पास सुरक्षित रख ली है.
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