एक साल सिरहाने रख कर एक याद पेतानें रख कर चला गया ये साल ये चला गया ख़ाली से पैमाने रख कर भरे भरे अफसाने रख कर चला गया ये साल ये चला गया भूरे बिसरे गाने रख कर गानों मै कुछ मानें रख कर चला गया ये साल ये चला गया नीली आखें चिठ्ठी रख कर इमली कुछ खट्टी मीठी रख कर शुभ संकेतों बाले मुह मै बस तोढ़ी से मिटटी रख कर बच्चों के दास्तानें रख कर सच को सोलह आने रख कर चला गया ये साल ये चला गया ! ....नए साल की बधाई.
नए साल की शुभकामनायें.
ReplyDeleteनए साल की शुभकामनायें.
ReplyDeleteवर्ष नव
ReplyDeleteहर्ष नव
जीवन उत्कर्ष नव !
एक साल सिरहाने रख कर
ReplyDeleteएक याद पेतानें रख कर
चला गया ये साल ये चला गया
ख़ाली से पैमाने रख कर
भरे भरे अफसाने रख कर
चला गया ये साल ये चला गया
भूरे बिसरे गाने रख कर
गानों मै कुछ मानें रख कर
चला गया ये साल ये चला गया
नीली आखें चिठ्ठी रख कर
इमली कुछ खट्टी मीठी रख कर
शुभ संकेतों बाले मुह मै
बस तोढ़ी से मिटटी रख कर
बच्चों के दास्तानें रख कर
सच को सोलह आने रख कर
चला गया ये साल ये चला गया !
....नए साल की बधाई.
नया साल...नया जोश...नई सोच...नई उमंग...नए सपने...आइये इसी सदभावना से नए साल का स्वागत करें !!! नव वर्ष-2010 की ढेरों मुबारकवाद !!!
ReplyDeleteनये वर्ष की शुभकामनाओं सहित
ReplyDeleteआपसे अपेक्षा है कि आप हिन्दी के प्रति अपना मोह नहीं त्यागेंगे और ब्लाग संसार में नित सार्थक लेखन के प्रति सचेत रहेंगे।
अपने ब्लाग लेखन को विस्तार देने के साथ-साथ नये लोगों को भी ब्लाग लेखन के प्रति जागरूक कर हिन्दी सेवा में अपना योगदान दें।
आपका लेखन हम सभी को और सार्थकता प्रदान करे, इसी आशा के साथ
डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर
जय-जय बुन्देलखण्ड