(सेलुलर जेल)
(बैरन द्वीप और बैरन ज्वालामुखी)
(राॅस और स्मिथ द्वीप)
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भारतीय डाक विभाग ने अंडमान में पर्यटन को बढ़ावा देने वाले मेघदूत पोस्टकार्ड जारी किए हैं. गौरतलब है कि जहाँ सामान्य पोस्टकार्ड 50 पैसे में उपलब्ध होते हैं वहीँ मेघदूत पोस्टकार्ड मात्र 25 पैसे में उपलब्ध होते हैं। मेघदूत पोस्टकार्ड के पते वाले साइड में कुछ लिखा नहीं जा सकता वहाँ पर विभिन्न प्रकार के विज्ञापन या प्रचार सामग्री मुद्रित की जाती है। उक्त मेघदूत पोस्टकार्ड बिक्री हेतु भारत के विभिन्न हिस्सों में उपलब्ध है।
इस विज्ञापन में कभी काला पानी के लिए मशहूर पर अब ऐतिहासिक राष्ट्रीय स्मारक सेलुलर जेल, बैरन द्वीप और यहाँ स्थित भारत के एकमात्र सक्रिय बैरन ज्वालामुखी एवं राॅस और स्मिथ द्वीपों इत्यादि के चित्रों को प्रदशित किया गया है. राॅस और स्मिथ द्वीपों की यह विशेषता है कि ज्वार आने पर यह दोनों द्वीप आपस में मिल जाते हैं और भाटा के समय अलग हो जाते हैं. इसी कारण इन्हें सिस्टर-आइलैंड भी कहा जाता है. गौरतलब है कि इन मेघदूत पोस्टकार्डों को सूचना-प्रसार एवं पर्यटन निदेशालय, अंडमान व निकोबार प्रशासन द्वारा विज्ञापित किया गया है।
उक्त मेघदूत पोस्टकार्डों की डाकघरों में काफी माँग है और वर्तमान में टूरिस्ट सीजन होने के चलते तमाम विदेशी और भारतीय पर्यटक इन पर पत्र लिखकर अपने परिजनों को भेज रहे हैं. यहाँ से भेजे जाने के कारण इन पर अंडमान के डाकघरों की मुहर भी लगी होती है, इस कारण इनकी फिलेटलिक वैल्यू भी बढ़ जाती है. देश-विदेश से लोग अंडमान में पर्यटन के बहाने आते हैं और एक बार उस सेलुलर जेल के दर्शन जरुर करते हैं जहाँ देशभक्तों ने इतनी यातनाएं सहीं. डाक विभाग भी इसके प्रति सचेत है और यहाँ के पोर्टब्लेयर प्रधान डाक घर से बाहर जाने वाले पत्रों पर जो मुहर लगाई जाती है, उस पर सेलुलर जेल का चित्र अंकित है. ऐसे में इन पत्रों को लोग यादगार के रूप में सहेज कर रखते हैं.
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अतीत के पन्नों को कुरेदते बहुत खूबसूरत हैं ये,इससे निश्चित ही पर्यटन में बढ़ावा मिलेगा.
ReplyDeleteबहुत ही प्रसंसनीय और एक यादगार प्रयास. है. इससे लोंगों में अंडमान के प्रति आकर्षण बढेगा और वहां पर्यटन के द्वार अच्छे से खुल सकते है.... सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteये पोस्टकार्ड तो मेरे पास भी हैं...
ReplyDeleteKASH MERE PAAS BHI YE POST CARD HOTA.
ReplyDeleteYAH LEKH BATLA RAHA HAI KI SAMARPAN KI PARIBHASHA KYA HOTI HAI.DAK PAR LEKHAN SAMAGRI BAHUT HI KAM HAI.AUR HAI BHI TO UPLABD NAHI HAI.LEKIN SRI KRISHNA KUMAR YADAV SIR DAK PAR LEKH DEKAR HAM PATHAK KO SOCHNA PAR MAJBOOR KAR DETE HAI KI JANKARI AUR SAMARPAN KA ARTH KYA HAI
ReplyDeleteअंडमान तो आ नहीं पा रहे, कुछ पोस्टकार्ड ही यादगार रूप में भिजवा दीजिये.
ReplyDeleteराजाराम जी की बात से भी इत्तफाक रखता हूँ. आपका यह प्रयास स्तुत्य है के.के. भाई.
ReplyDeleteवाकई अनुपम पोस्टकार्ड !!
ReplyDeleteडाक विभाग भी इसके प्रति सचेत है और यहाँ के पोर्टब्लेयर प्रधान डाक घर से बाहर जाने वाले पत्रों पर जो मुहर लगाई जाती है, उस पर सेलुलर जेल का चित्र अंकित है. ऐसे में इन पत्रों को लोग यादगार के रूप में सहेज कर रखते हैं...Salute to India Post.
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी... और पोस्टकार्ड के साथ......पसंद आई... आभार ..इस प्रस्तुति के लिए...
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