बारहों महीने प्रवेश की छूट देने के बाद उत्तर प्रदेश राजर्षिटंडन मुक्त विश्वविद्यालय (यूपीआरटीओयू) ने अब पाठ्यसामग्री भेजने के तरीके में भी बदलाव कर दिया है। पाठ्यसामग्री अब अध्ययन केंद्रों से नहीं, रजिस्टर्ड डाक से सीधे परीक्षार्थी के घर भेजी जाएगी। यह व्यवस्था शैक्षिक सत्र 2012-2013 से लागू कर दी गई है। खास बात यह है कि जिस दिन पाठ्यसामग्री भेजी जाएगी, उसी दिन परीक्षार्थी को एसएमएस/फोन से इसकी सूचना दे दी जाएगी।
राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के प्रदेश में 450 से अधिक अध्ययन केंद्र हैं, जहां 50 हजार से अधिक विद्यार्थी विभिन्न पाठ्यक्रमों में पंजीकृत हैं। अभी तक पाठ्यसामग्री जिस अध्ययन केंद्र पर विद्यार्थी प्रवेश लेता था वहां से दी जाती रही है। इसमें कई बार प्रवेश लेने के चार से छह माह बाद पाठ्यसामग्री मिल पाती थी। कई बार परीक्षा शुरू होने तक भी नहीं मिल पाती थी। यूपीआरटीओयू के लिए प्रदेश के 450 परीक्षा केंद्रों पर 50 हजार पैकेट बंटवाना अपने आप में 'सिरदर्द' था। इसके लिए सैकड़ों गाड़ियों का टेंडर देना पड़ता था। इसमें मुक्त विवि का करोड़ों रुपया खर्च होता था। इसको देखते हुए मुक्त विवि ने रजिस्टर्ड डाक से पाठ्य सामग्री सीधे परीक्षार्थी के पते पर भिजवाने का निर्णय लिया है। पैकेट में अधिन्यास (एसाइनमेंट), स्टडी मैटेरियल 'जिज्ञासा' पत्रिका, जिसमें मुक्त विश्वविद्यालय से संबंधित सभी सवालों के जवाब होंगे।
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वाटर प्रूफ और आकर्षक होगा पैकेट
खास बात यह है पाठ्य सामग्री के लिए एक विशेष प्रकार का पैकेट भी बनाया जा रहा है, जिसमें किताबों के भीगने और फटने का डर नहीं होगा। पैकेट के प्रारूप निर्धारण के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। पैकेट का जो प्रारूप अभी तक तय हो पाया है उसके मुताबिक पैकेट वाटर प्रूफ व आकर्षक होगा।
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वर्जन
डाक विभाग के पास लाइसेंस लेने के लिए आवेदन किया है। एक सप्ताह के अंदर लाइसेंस मिल जाएगा। इसके बाद इसी शैक्षिक सत्र से डाक के द्वारा सीधे परीक्षार्थी के घर ही पाठ्यसामग्री भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
प्रो. एके बख्शी, कुलपति उप्र राजर्षि टंडन मुक्त विवि
Courtesy :Jagran
राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के प्रदेश में 450 से अधिक अध्ययन केंद्र हैं, जहां 50 हजार से अधिक विद्यार्थी विभिन्न पाठ्यक्रमों में पंजीकृत हैं। अभी तक पाठ्यसामग्री जिस अध्ययन केंद्र पर विद्यार्थी प्रवेश लेता था वहां से दी जाती रही है। इसमें कई बार प्रवेश लेने के चार से छह माह बाद पाठ्यसामग्री मिल पाती थी। कई बार परीक्षा शुरू होने तक भी नहीं मिल पाती थी। यूपीआरटीओयू के लिए प्रदेश के 450 परीक्षा केंद्रों पर 50 हजार पैकेट बंटवाना अपने आप में 'सिरदर्द' था। इसके लिए सैकड़ों गाड़ियों का टेंडर देना पड़ता था। इसमें मुक्त विवि का करोड़ों रुपया खर्च होता था। इसको देखते हुए मुक्त विवि ने रजिस्टर्ड डाक से पाठ्य सामग्री सीधे परीक्षार्थी के पते पर भिजवाने का निर्णय लिया है। पैकेट में अधिन्यास (एसाइनमेंट), स्टडी मैटेरियल 'जिज्ञासा' पत्रिका, जिसमें मुक्त विश्वविद्यालय से संबंधित सभी सवालों के जवाब होंगे।
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वाटर प्रूफ और आकर्षक होगा पैकेट
खास बात यह है पाठ्य सामग्री के लिए एक विशेष प्रकार का पैकेट भी बनाया जा रहा है, जिसमें किताबों के भीगने और फटने का डर नहीं होगा। पैकेट के प्रारूप निर्धारण के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। पैकेट का जो प्रारूप अभी तक तय हो पाया है उसके मुताबिक पैकेट वाटर प्रूफ व आकर्षक होगा।
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वर्जन
डाक विभाग के पास लाइसेंस लेने के लिए आवेदन किया है। एक सप्ताह के अंदर लाइसेंस मिल जाएगा। इसके बाद इसी शैक्षिक सत्र से डाक के द्वारा सीधे परीक्षार्थी के घर ही पाठ्यसामग्री भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
प्रो. एके बख्शी, कुलपति उप्र राजर्षि टंडन मुक्त विवि
Courtesy :Jagran
उपयोगी जानकारी आभार।
ReplyDeleteयह तो बहुत बढ़िया कदम है..अभिनन्दन.
ReplyDeleteउचित कदम इससे विघार्थियों को समय पर पाठन सामग्री प्राप्त हो सकेगी
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