Saturday, September 1, 2018

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ‘इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक’ का किया शुभारंभ- वित्तीय समावेश की दिशा में एक बड़ी पहल

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 1 सितंबर, 2018 को  नई दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) का शुभारंभ किया। इसी के साथ आईपीपीबी की 650 शाखाएं और 3250 डाककेंद्र काम करना शुरू कर चुके हैं। पोस्ट पेमेंट बैंक के जरिए डाकिए घर-घर तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने का काम करेंगे। इसमें ग्राहकों को 3 तरह के सेविंग अकाउंट जीरो बैलेंस पर खोलने की सुविधा मिलेगी। यह समारोह देश भर में 3000 से भी अधिक उन स्थानों पर देखा गया जो दिल्ली में आयोजित मुख्य कार्यक्रम से जुड़े हुए थे।इस अवसर पर भारत सरकार के  संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्हा, डाक विभाग के सचिव श्री ए. एन. नन्दा, इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुरेश सेठी सहित तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे। 

इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि इंडिया पोस्ट पैमेंट बैंक देश की अर्थव्यवस्था में और सामाजिक व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन लाने वाला है. इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के जरिए बैंकिंग सेवाएं देश भर में सबसे दूरस्थ स्थानों और वहां रहने वाले लोगों तक बड़ी आसानी से पहुंच जाएंगी। पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि आज का दिन बैंक और बैंकिंग सुविधा के लिए ऐतिहासिक रहेगा. देश के 650 जिलों और 3250 डाकघरों में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की सुविधा शुरू होने से बैंक आपके दरवाजे पर पहुंचाने की सोच साकार होने जा रही है. देश भर में डाक सेवकों और पोस्टमैन के जरिए पेमेंट बैंक की सुविधा आम जन को मिलने वाली है.

उन्होंने स्‍मरण किया कि केंद्र सरकार ने इससे पहले वित्तीय समावेश सुनिश्चित करने के लिए ‘जन धन योजना’ शुरू की थी। उन्होंने कहा कि आज ‘आईपीपीबी’ का शुभारंभ किया जाना इस उद्देश्य की पूर्ति करने की दिशा में एक और अहम कदम है। उन्होंने कहा कि आईपीपीबी की शाखाएं आज 650 जिलों में खोली गई हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डाकिया लंबे समय से गांवों में एक सम्मानित और स्वीकार्य व्यक्ति रहे हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों द्वारा दस्‍तक देने के बावजूद डाकिया पर भरोसा अब भी बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण मौजूदा ढांचों एवं संरचनाओं में सुधार सुनिश्चित करना है, इसलिए बदलते समय के अनुसार उनमें बदलाव लाना ही है। उन्होंने कहा कि देश भर में 1.5 लाख से भी अधिक डाकघर और तीन लाख से भी ज्यादा डाकिया या ‘ग्रामीण डाक सेवक’ हैं जो देश के लोगों से जुड़े हुए हैं। अब लोगों को वित्तीय सेवाएं सुलभ कराने के उद्देश्‍य से उन्हें स्मार्टफोन और डिजिटल उपकरणों के माध्‍यम से सशक्त बनाया जाएगा।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार पुरानी व्यवस्थाओं को रिफॉर्म करके, उन्हें ट्रांसफॉर्म करने का काम कर रही है। लेटर की जगह अब भले ई-मेल ने ले ली हो, लेकिन लक्ष्य एक ही है। जिस टेक्नोलॉजी ने पोस्ट ऑफिस को चुनौती दी, उसी टेक्नोलॉजी को आधार बनाकर हम इस चुनौती को अवसर में बदलने की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय डाक विभाग के पास डेढ़ लाख डाकघर हैं। तीन लाख से अधिक पोस्टमैन देश के जन-जन से जुड़े हैं। इतने व्यापक नेटवर्क को टेक्नॉलॉजी से जोड़कर 21वीं सदी में सेवा का सबसे शक्तिशाली सिस्टम बनाने का बीड़ा हमने उठाया है। अब डाकिए के हाथ में स्मार्ट फोन है और बैग में एक डिजिटल डिवाइस भी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि डाकिया और पोस्ट ऑफिस हमारे जीवन का अहम हिस्सा है. आज से देश में डाकिया डाक लाया के साथ-साथ डाकिया बैंक लाया के रूप में जाना जाएगा। आज भी मुझे सैकड़ों की संख्या में चिट्ठियां मिलती हैं. मन की बात के लिए ही हर महीने हजारों पत्र आते हैं। ये पत्र लोगों के साथ मेरा सीधा संवाद स्थापित करते हैं। जब वो चिट्ठियां पढ़ता हूं, तो लगता है कि लिखने वाला सामने ही है और अपनी बात सीधे मुझसे कह रहा है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि आईपीपीबी के लॉन्च होने के बाद अब डाकिया चलता फिरता बैंक बन गया है। उन्होंने कहा कि सरकार पर लोगों का विश्वास बेशक डगमगाया हो, लेकिन डाकिया के प्रति कभी नहीं डगमगाया। पहले डाकिया को चोर और डाकू भी परेशान नहीं करते थे। उन्होंने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक देश के अर्थतंत्र, सामाजिक व्यवस्था में एक बड़ा परिवर्तन करने जा रहा है। हमारी सरकार ने पहले जनधन के माध्यम से करोड़ों गरीब परिवारों को पहली बार बैंक पहुंचाया और आज से बैंक को ही गांव और गरीब के दरवाज़े पर पहुंचाने का काम शुरू हो गया है।

‘आईपीपीबी’ के फायदों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि यह धन हस्तांतरण, सरकारी लाभों के हस्तांतरण और बिल भुगतान के साथ-साथ निवेश एवं बीमा जैसी अन्य सेवाएं भी सुलभ कराएगा। उन्होंने कहा कि डाकिया लोगों के घरों के दरवाजे पर ये सेवाएं सुलभ कराएंगे। उन्होंने कहा कि आईपीपीबी डिजिटल लेन-देन की सुविधा भी प्रदान करेगा और इसके साथ ही विभिन्‍न स्‍कीमों जैसे कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ प्रदान करने में भी मदद करेगा, जिसके तहत किसानों को सहायता मुहैया कराई जाती है।
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में भारत सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है. आईपीपीबी अपने खाताधारकों को पेमेंट बैंक के साथ-साथ करेंट अकाउंट, मनी ट्रांसफर, डायरेक्ट मनी ट्रांसफर, बिलों के पेमेंट वगैरह की सर्विस भी मुहैया कराएगा. इससे डाक विभाग के व्यापक नेटवर्क और तीन लाख से अधिक डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों का लाभ मिलेगा. देश के 1.55 लाख डाकघरों को 31 दिसंबर 2018 तक आईपीपीबी प्रणाली से जोड़ लिया जाएगा. इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में ग्राहकों को 3 तरह के सेविंग अकाउंट खोलने की सुविधा मिलेगी, ये तीनों अकाउंट जीरो बैलेंस पर खोले जा सकते हैं, इसके जरिए गांव और गरीबों तक बैंकिंग सुविधा सीधे घर तक पहुंच सकेगी. देश भर में इसके एटीएम और माइक्रो एटीएम भी काम करेंगे. साथ ही ये मोबाइल बैंकिंग एप, एसएमएस और आईवीआर जैसी सुविधाओं के जरिए बैंकिंग सेवाएं लोगों तक पहुंचाएगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से ही केंद्र सरकार अंधाधुंध ऋण दिए जाने के कारण भारत के बैंकिंग क्षेत्र में उत्‍पन्‍न हुई विकृतियों और समस्याओं से पूरी दृढ़ता के साथ निपट रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा ऋणों की समीक्षा की गई है और बैंकिंग क्षेत्र के संबंध में प्रोफेशनल नजरिया अपनाया गया है। उन्‍होंने ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक’ जैसे अन्‍य कदमों का भी उल्‍लेख किया जिन्‍हें यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि दोषी लोगों को दंडित किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब स्व-रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए गरीब और मध्यम वर्ग को 13 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक के ‘मुद्रा’ ऋण दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा ‘एशियन गेम्‍स’ में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और अर्थव्यवस्था में विकास के आंकड़े अत्‍यंत उत्‍कृष्‍ट रहने से आज पूरा देश नए आत्मविश्वास से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह लोगों के सामूहिक प्रयासों से ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि आज भारत न केवल दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, बल्कि वह एक ऐसा देश भी बनकर उभरा है जो सबसे तेजी से गरीबी का उन्‍मूलन कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 3 लाख ‘डाक सेवक’ हर घर और हर किसान के साथ-साथ गांवों में हर छोटे उद्यम को भी वित्तीय सेवाएं सुलभ कराने में अत्‍यंत अहम साबित होंगे। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि हाल के महीनों में ‘डाक सेवकों’ के कल्याण और उनकी लंबित मांग को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्‍होंने कहा कि इन कदमों की बदौलत डाक सेवकों के वेतन में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आईपीपीबी अगले कुछ महीनों में देश भर में फैले 1.5 लाख से भी अधिक डाकघरों तक पहुंच जाएगा।

देश के प्राय: हर जिले में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की शाखाओं के शुभारम्भ कार्यक्रम में तमाम केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, सांसद, विधायक सहित तमाम जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया।  
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इसका शुभारम्भ केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ जीपीओ में आयोजित एक भव्य समारोह में उत्तर प्रदेश की केबिनेट मंत्री प्रो. रीता बहुगुणा जोशी, मोहनलालगंज सांसद श्री कौशल किशोर, मेयर श्रीमती संयुक्ता भाटिया, उत्तर प्रदेश के चीफ पोस्टमास्टर जनरल श्री विनय प्रकाश सिंह, लखनऊ परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव की  उपस्थिति में किया।
केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा  कि अर्थतन्त्र के साथ समाज के अंतिम व्यक्ति तक को जोड़ने की जो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सोच थी वह आज इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक– आईपीपीबी के रूप में साकार हो रही है। लखनऊ में आईपीपीबी के उद्घाटन समारोह में गृहमंत्री ने इसे आर्थिक क्रांति की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय डाक विभाग दुनिया का सबसे बड़ा पोस्टल नेटवर्क है। गांव स्तर पर फैली अपनी शाखाओं के माध्यम से यह लंबे समय से लोगों तक चिट्ठी पहुंचाने का माध्यम रहा है। संचार क्रांति के बाद डाक विभाग में परिवर्तन हुआ और आज यह बैंकिंग से जुड़ रहा है। उन्होने कहा कि चिट्ठी पहुंचाने वाला डाकिया अब आईपीपीबी के जरिये लोगों के चालू खाता खुलवाने से लेकर उन्हें कर्ज सुविधा मुहैया कराने का काम करेगा।

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