सावन का महीना इस बार कोरोना संक्रमण के साये के बीच आरंभ हो रहा है। सावन के महीने में भगवान शंकर की पूजा और उनके प्रसाद की बड़ी महिमा है। अक्सर लोगों की इच्छा होती है कि काश घर बैठे ही उन्हें बाबा भोलेनाथ का प्रसाद मिल सके। ऐसे में बाबा के भक्तों को अब निराश नहीं होना पड़ेगा। अब वे घर बैठे स्पीड पोस्ट द्वारा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद प्राप्त कर सकेंगे। उक्त जानकारी लखनऊ (मुख्यालय) परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी।
इस संबंध में जानकारी देते हुए लखनऊ (मुख्यालय) परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक विभाग और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के बीच हुये एक एग्रीमेण्ट के तहत नए स्वरूप में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद स्पीड पोस्ट सेवा द्वारा लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके तहत अपने नजदीकी डाकघर से मात्र 251 रूपये का ई-मनीआर्डर प्रवर डाक अधीक्षक, वाराणसी (पूर्वी) मंडल के नाम भेजना होगा। ई-मनीऑर्डर प्राप्त होते ही डाक विभाग द्वारा तत्काल प्रसाद दिये गए पते पर भेज दिया जाएगा ।
निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि, डिब्बा बंद प्रसाद टेंपर प्रूफ इनवेलप में होगा । इससे किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। प्रसाद में श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की छवि, महामृत्युंजय महायंत्रम, श्री शिव चालीसा, 108 दाने की रुद्राक्ष की माला, बाबा को चढ़ा बेलपत्र, माता अन्नपूर्णा से भिक्षाटन करते भोले बाबा की छवि अंकित सिक्का, मेवा, भस्म, चंदन, रक्षा सूत्र एवं मिश्री का पैकेट इत्यादि शामिल होंगे।
डाक विभाग की इस पहल को काफी सराहना मिल रही है। कोरोना के चलते जहाँ इससे सोशल डिस्टेनसिंग और 'स्टे होम, स्टे सेफ' का पालन हो सकेगा, वहीं लोगों की घर बैठे बाबा का प्रसाद पाने की मुराद भी पूरी हो सकेगी। डाक निदेशक श्री यादव ने कहा कि, डाक विभाग ने इस बात के भी प्रबंध किए हैं कि, भक्तों को मोबाइल नंबर पर स्पीड पोस्ट का विवरण एसएमएस के माध्यम से मिलेगा। इसके लिए भक्तों को ई-मनीऑर्डर में अपना पूरा पता, पिन कोड, मोबाइल नंबर और ईमेल लिखना अनिवार्य होगा।
डाक विभाग की पहल : सावन में घर बैठे स्पीड पोस्ट से मंगायें श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद, मात्र 251 रुपए में
कोरोना के संक्रमण के बीच डाक विभाग की इस पहल से भक्त हुए गदगद
यह तो बहुत अच्छी बात है की घर बैठे ही स्पीड पोस्ट से प्रसाद मंगा सकते है।
ReplyDeleteMaurya Vansh
बहुत ही सराहनीय कार्य
ReplyDeleteकहते है लाल रंग खतरे का सूचक होता है लेकिन डाक विभाग का लाल डिब्बा ख़ुशी का संकेत था और निरंतर इसमें प्रगति हो रही है
उसमे केके सर जैसे कर्मठ जन सेवकों का महत्वपूर्ण योगदान है
केके सर आप मेरे जैसे बहुत से युवाओं के लिए एक प्रेरणा के स्त्रोत है
चूँकि मेरे पिताजी एक ग्रामीण डाक सेवक के पद पर पिछले कई सालों से कार्यरत है इसलिए मुझे इस विभाग से कुछ ज्यादा ही लगाव है ऊपर से आप जैसे सिविल सेवकों को देख डाक विभाग के प्रति लगाव और सम्मान और बढ़ जाता है