Saturday, February 20, 2021

पहल : डाक विभाग द्वारा अब वाराणसी सेंट्रल जेल में भी कैदियों के आधार संशोधन का किया जा रहा कार्य, कैदियों को मिली सहूलियत

अब जेल में बंद कैदियों को आधार में संशोधन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। डाक विभाग द्वारा अब जेल में भी कैदियों का आधार अपडेशन किया जा रहा है। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव के निर्देश पर कैंट प्रधान डाकघर, वाराणसी के डाककर्मियों ने शिवपुर स्थित  केंद्रीय कारागार,  वाराणसी में विशेष कैम्प करके कैदियों के आधार अपडेशन का कार्य किया। 





इस हेतु केंद्रीय कारागार, वाराणसी के वरिष्ठ अधीक्षक ने डाक विभाग से अनुरोध किया था, जिसके आधार पर  पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने इसकी स्वीकृति दी। वाराणसी पश्चिमी मंडल के अधीक्षक डाकघर श्री राम मिलन ने बताया कि इस दौरान 237 कैदियों का आधार अपडेट किया गया। इससे जहाँ कैदियों को सहूलियत हुई, वहीं जेल प्रशासन को भी सुविधा मिली।

गौरतलब है कि वाराणसी परिक्षेत्र में जबसे श्री कृष्ण कुमार यादव ने पोस्टमास्टर जनरल का पदभार संभाला है, तबसे डाक सेवाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार और इससे लोगों को जोड़ने पर कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में आधार नामांकन व अपडेशन को लेकर हर मंडल में समय-समय पर विशेष अभियान चलाकर लोगों को सहूलियत दी जा रही है। वाराणसी परिक्षेत्र में कुल 136 आधार किट्स में से 132 सक्रिय हैं, जोकि 97 प्रतिशत के साथ पूरे उत्तर प्रदेश परिमंडल में द्वितीय स्थान पर है।

सहायक निदेशक शम्भु राय ने बताया कि, पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव की पहल पर वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों में विशेष अभियान चलाकर इस साल जनवरी से 13 फरवरी तक 71,000 से ज्यादा लोगों का आधार इनरोलमेंट व अपडेशन का कार्य किया जा चुका है।  इसमें 27,000 लोगों ने नया आधार बनवाया और 44,000 से ज्यादा लोगों ने आधार में संशोधन कराया।

डाकघरों में निःशुल्क बनते हैं आधार कार्ड

 डाकघरों में नया आधार पूर्णतया नि:शुल्क बनाया जाता है। सिर्फ पुराने आधार में संशोधन हेतु ही शुल्क लगता है। इसमें डेमोग्राफिक संशोधन (नाम, जन्म तिथि, लिंग, पता, मोबाइल व ईमेल) हेतु ₹50/- और बायोमेट्रिक संशोधन (फिंगरप्रिंट, आईरिस व फोटो) हेतु ₹100/- शुल्क देना होता हैI










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