भारत इस वर्ष राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन कर रहा है और काॅमनवेल्थ खेल-2010 को आकर्षक व यादगार बनाने के लिए भारतीय डाक विभाग ने भी दो स्मारक डाक टिकट जारी किए हैं। गौरतलब है कि क्वीन्स बैटन के साथ रत्नजड़ित बक्से में ब्रिटेन के महारानी के संदेश को रखा गया है और इस संदेश को प्राचीन भारतीय पत्रों के प्रतीक 18 कैरट सोने की पत्ती में लेजर से मीनिएचर के रूप में उकेरा गया है ताकि इसे आसानी से प्रयोग किया जा सके। इन डाक टिकटों पर क्वीन्स बैटन एवं दूसरे डाक टिकट में दिल्ली के इंडिया गेट की पृष्ठभूमि में गौरवान्वित शेरा को बैटन पकड़े हुए चित्रित किया गया है। क्रमशः 20 और 5 रू0 में जारी ये डाक टिकट इंडिया सिक्योरिटी प्रेस नासिक में फोटोग्रेव्याॅर तकनीक द्वारा मुद्रित है एवं कुल 8 लाख डाक टिकट जारी किए गए हैं। इन डाक टिकटों के साथ-साथ मिनिएचर शीट भी जारी की गई है, जिसकी कीमत रू0 25/- है। यह डाक टिकट 25 जून 2010 को जारी किए गए, जिस दिन क्वीन्स बैटन सभी राष्ट्रमंडल देशों में भ्रमण के बाद भारत पहुँची। फ़िलहाल लोगों में इन डाक टिकटों का खूब क्रेज देखा जा रहा है !!
बहुत ही बढ़िया और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई आपके पोस्ट के दौरान! आपका ये ब्लॉग मुझे बहुत अच्छा लगा! मैं फोल्लोवेर बन गयी हूँ अब से आती रहूंगी!
ReplyDeletePhillataly mere hobby hai.........lekin ye nahi pata ye ticket kaise milegee.......
ReplyDeleteham to bas purane lifafe se hi ikattha kar te rahte hain
waise informative post hai aapki!!
ab follow karne laga hoon, barabar aaunga sir!!
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी प्रदान करने के लिए आभार!
ReplyDeleteअच्छी डाक थी, .. है!
"थी" हमें डाक (मैथिली और बांगला में डाक माने बुलाना) कर यहां बुलाने के लिए, और "है" ... यह डाक (POST) देने (प्रस्तुत) के लिए।
@ Babli ji,
ReplyDeleteआपका बहुत-बहुत शुक्रिया...
@ Mukesh ji,
ReplyDeleteअपने प्रधान डाकघर में फिलेटली ब्यूरो से संपर्क कीजिये. वहां इस तरह की डाक-टिकटें प्राप्त हो सकेंगीं. आप चाहें तो न्यूनतम 200/- से फिलेटलिक डिपाजिट अकौंट भी खोल सकते हैं और हर माह आपके पते पर ये नई डाक-टिकटें इत्यादि आती रहेंगीं, कोई झंझट नहीं.
@ मनोज जी,
ReplyDeleteआपका अंदाज़ पसंद आया....आभारी हूँ.
टिकट संग्रह करने का शौक है, तो पसन्द आया चिट्ठा व पोस्ट.
ReplyDeleteइतनी सुंदर जानकारी का शुक्रिया ।
ReplyDelete@ संजय बेंगाणी जी,
ReplyDeleteशुक्रिया...हमारा प्रयास सार्थक हुआ.
@ सुशीला जी,
ReplyDeleteआप इस ब्लॉग की नियमित विजिटर हैं..हौसला अफजाई के लिए आती रहें...स्नेह बनाये रखें.
यह तो बहुत सुन्दर है. अब मुझे भी चाहिए....
ReplyDeleteDak ticket ka aaj bhale shahron mein kam upyog hota hai lekin gaon mein chhiti aaj bhi post office ke hi maarfat bhrji jaati hai.. Aapne dak ticket ke baari mein bahut achhi jaankari dee hai.. aabhar.
ReplyDeleteBahut achha laga blog...
Haardik shubhkamnayne.
इस महत्त्व पूर्ण जानकारी का शुक्रिया...
ReplyDeleteनीरज
उपयोगी जानकारी का बहुत-बहुत शुक्रिया ।
ReplyDeleteबन्धु ज्ञान वर्धक - रोचक है आपका ब्लॉग ,बधाई ।
ReplyDeleteइन डाक टिकटों को जब भी देखेंगे तो कम से कम उन मक्कार और भ्रष्ट लोगों का चेहरा एक बार नजरों के सामने होगा जिसने अपने स्वार्थों के खातिर इस देश को इस खेल के बहाने बेदर्दी से लूटा है ,लूटेरों का खेल बनकर रह गया है यह खेल ...खेल का असल मकसद के जगह भ्रष्टाचार का खेल ही रह गया है ...
ReplyDeleteइतनी सुंदर जानकारी का शुक्रिया ।
ReplyDeleteBahut Achhi jankari...abhar.Abhi jakar ye Stamps kharidata hoon.
ReplyDeleteBahut Achhi jankari...abhar.Abhi jakar ye Stamps kharidata hoon.
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ReplyDeleteसचमुच, इतने प्यारे डाकटिकटों का क्रेज किसे नहीं होगा।
…………..
अंधेरे का राही...
किस तरह अश्लील है कविता...
hmm...chaliye kuch naya malum hua...:)
ReplyDeletedhanywaad!
वाह सर जी मॆ तो आज ही गया था खरीदने पर किसमत खराब मिला ही नही,,,:)
ReplyDeleteसर जी ये फिलेटलिक डिपाजिट अकौंट का क्या चक्कर हॆ प्लीज बताईये
ReplyDelete...अब तो लेना ही पड़ेगा.
ReplyDeleteBeautiful Stamps..
ReplyDeleteडाक-टिकट तो हमें बहुत पसंद हैं...रोचक जानकारी..आभार.
ReplyDelete@ Kavita Ravat ji,
ReplyDeleteBahut sahi kaha apne..abhar.
@ Honesty....Ji,
ReplyDeleteफ़िलहाल ये डाक-टिकट इन दलदलों से दूर हैं...
@ Ashu,
ReplyDeleteइनसे घर बैठे हर माह नई डाक-टिकटें प्राप्त होती रहेंगीं. जब पैसा कम हो जाय तो फिर जमा करा दो या पहली बार में ही ज्यादा पैसे जमा करा दो. पोस्ट आफिस के चक्कर लगाने से छुट्टी....
बहुत अच्छी जानकारी क़े लिए धन्यवाद.
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी क़े लिए धन्यवाद.
ReplyDeleteInteresting...So Crazy.
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