Sunday, June 7, 2015

'बेटी बचाओं-बेटी पढाओ' के अन्तर्गत डाकघरों में आरम्भ सुकन्या समृद्धि योजना को लोगों ने लिया हाथों-हाथ

प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा  'बेटी बचाओं-बेटी पढाओ' अभियान के अन्तर्गत बेटियों के भविष्य को ऊंची उड़ान दिलाने के लिए आरम्भ सुकन्या समृद्धि योजना को लोगों ने हाथों-हाथ लिया है और इसके तहत् डाकघरों में बेटियों के खूब खाते खुल रहे हैं।  

इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुरा राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इसके लिए डाकघरों से लेकर स्कूल, काॅलेजों और पंचायतों तक जागरूकता शिविर और मेले लगाये गये जिसके फलस्वरूप जोधपुर परिक्षेत्र के अधीन डाकघरों में  60 हजार से ज्यादा बालिकाओं के खाते खोले गए और इनमें 11 करोड़ से ज्यादा की राशि जमा हुई । पूरे राजस्थान डाक परिमण्डल में जोधपुर क्षेत्र ने अब तक सर्वाधिक खाते खोलने का कीर्तिमान बनाया है । 

 निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि बालिकाओं के सशक्तीकरण और खुशहाली की दिशा में डाकघर में शुरू की गई सुकन्या समृद्धि योजना  का उद्धेश्य बेटियों की शिक्षा, कैरियर एवं विवाह सम्बन्धी आर्थिक जरूरतों को पूरा करना है और इस रूप में  अभिभावकों के लिए यह वरदान साबित हुई है।  गौरतलब है कि सुकन्या समृद्धि योजना के तहत् 10 साल तक की बेटियों के खाते खोले जा सकते हैं और इसमें वर्तमान में 9.2 फीसदी  ब्याज देय है । प्रतिवर्ष न्यूनतम एक हजार रूपये एवं अधिकतम 1.50 लाख रूपये तक जमा की जा सकने वाली इस योजना में  खाता खोलने से  14 वर्ष तक धन जमा कराना होगा। बचत की बात करें तो सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करना पीपीएफ स्कीम से भी ज्यादा फायदेमंद साबित हो रहा है । 2015-16 के लिए सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलने वाली ब्याज दर 9.2 फीसदी है जबकि कर बचत के लिए प्रसिद्ध स्कीम पीपीएफ पर यह 8.7 फीसदी मात्र है।

कुछ यूँ होगा फायदा  : यदि 2015 में कोई व्यक्ति बेटी के नाम 1,000 रुपए महीने से खाता खोलता है तो उसे 14 साल तक यानी 2028 तक हर साल 12 हजार रुपए डालने होंगे। एक अनुमान के तहत इस पर उसे यदि हर साल 9.1 फीसदी ब्याज भी मिलता रहेगा तो जब बच्ची 21 साल की होगी तो उसे 6,07,128 रुपए मिलेंगे। जबकि इन 14 सालों में खाते में कुल 1.68 लाख रुपए ही जमा करने पड़े। इसके अलावा बाकी के 4,39,128 रुपए ब्याज के हैं। इसी प्रकार यदि इसमें 14 वर्ष तक डेढ़ लाख रुपए प्रति वर्ष जमा करवाते हैं, तो योजना के संपूर्ण होने के पश्चात अंतत: लगभग 72 लाख रूपये मिलेंगे। 


अभिनव पहल : एक दिन में 2686 बच्चियों ने खोले सुकन्या समृद्धि खाते। पाली प्रधान डाकघर में आयोजित सुकन्या समृद्धि योजना मेले में 14 मई, 2015 को बच्चियों के साथ श्री कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएँ, राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, श्री एम एस खान जई, डाक अधीक्षक, पाली मंडल और अन्य। 










अभिनव पहल : एक दिन में 4000 बच्चियों ने खोले सुकन्या समृद्धि खाते। नागौर जनपद स्थित डिडवाना प्रधान डाकघर में आयोजित सुकन्या समृद्धि योजना मेले में 3 जून, 2015 को बच्चियों के साथ श्री कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएँ, राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, श्री बिहारी लाल , डाक अधीक्षक, नागौर  मंडल और अन्य। 













मोदी सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर ''साल एक शुरुआत अनेक" की कड़ी में 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' के अन्तर्गत 'हमारी बेटियाँ हमारा गौरव' के तहत सुकन्या समृद्धि योजना को लेकर विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (DAVP) द्वारा जारी पोस्टर में एक तस्वीर हमारी भी। यह चित्र वाराणसी में सुकन्या समृद्धि मेले के दौरान लिया गया था और इसे हमारे ब्लॉग "डाकिया डाक लाया" से लिया गया है। 



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