Saturday, October 8, 2011

विश्व डाक दिवस पर बधाईयाँ

डाक सेवाओं की एक पुरानी परम्परा है। दुनिया भर में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं होगा, जिसका कभी डाक सेवाओं से पाला न पड़ा हो। यह अचरज की बात है कि एक देश में पोस्ट किया हुआ पत्र दुनिया के दूसरे कोनों में आराम से पहुँच जाता है। डाक सेवाओं के संगठन रूप में उद्भव के साथ ही इस बात की जरूरत महसूस की गई कि दुनिया भर में एक ऐसा संगठन होना चाहिए, जो यह सुनिश्चित करे कि सभी देशों के मध्य पत्रों का आवागमन सहज रूप में हो सके और आवश्यकतानुसार इसके लिए नियम-कानून बनाये जा सकें।

इसी क्रम में 9 अक्टूबर 1874 को ‘‘जनरल पोस्टल यूनियन‘‘ के गठन हेतु बर्न, स्विटजरलैण्ड में 22 देशों ने एक संधि पर हस्ताक्षर किया था, इसी कारण 9 अक्टूबर को कालान्तर में ‘‘विश्व डाक दिवस‘‘ के रूप में मनाना आरम्भ किया गया। यह संधि 1 जुलाई 1875 को अस्तित्व में आयी, जिसके तहत विभिन्न देशों के मध्य डाक का आदान-प्रदान करने संबंधी रेगुलेसन्स शामिल थे। कालान्तर में 1 अप्रैल 1879 को जनरल पोस्टल यूनियन का नाम परिवर्तित कर यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन कर दिया गया। यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बनने वाला भारत प्रथम एशियाई राष्ट्र था, जो कि 1 जुलाई 1876 को इसका सदस्य बना। जनसंख्या और अन्तर्राष्ट्रीय मेल ट्रैफिक के आधार पर उस समय सदस्य राष्ट्रों की 6 श्रेणियां थीं और भारत आरम्भ से ही प्रथम श्रेणी का सदस्य रहा। 1947 में यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन, संयुक्त राष्ट्र संघ की एक विशिष्ट एजेंसी बन गई। यह भी एक रोचक तथ्य है कि विश्व डाक संघ के गठन से पूर्व दुनिया में एकमात्र अन्तर्राष्ट्रीय संगठन रेड क्रास सोसाइटी (1870) था।

कल 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस है और इसी क्रम में पूरे सप्ताह राष्ट्रीय डाक सप्ताह (9-14 अक्टूबर) का आयोजन चलता है। इस दौरान जहाँ प्रतिदिन सेवाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं राजस्व अर्जन में वृद्धि पर जोर दिया जाता है वहीं डाक टिकटों की प्रदर्शनी, स्कूली विद्यार्थियों हेतु कार्यक्रम, कस्टमर मीट, स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा डाकघरों का विजिट, बचत बैंक खातों हेतु लकी ड्रा एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्टाफ तथा महत्वपूर्ण बचत अभिकर्ताओं व कारपोरेट कस्टमर्स के सम्मान जैसे तमाम कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

विश्व डाक दिवस की बधाईयाँ !!

8 comments:

Ram Avtar Yadav said...

भारतीय डाक-सेवा द्वारा इतने लम्बे समय तक संतोषपूर्ण सेवाए उपलब्ध करते रहना बड़े गौरव की बात है. मै बचपन से (१९६२ से )अब तक डाक सेवाओं का उपभोक्ता रहा हूँ, इस दौरान कभी शिकायत का मौका नहीं मिला. विश्व डाक-दिवस के अवसर पर मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाये.

Ram Avtar Yadav said...

भारतीय डाक-सेवा द्वारा इतने लम्बे समय तक संतोषपूर्ण सेवाए उपलब्ध करते रहना बड़े गौरव की बात है. मै बचपन से (१९६२ से )अब तक डाक सेवाओं का उपभोक्ता रहा हूँ, इस दौरान कभी शिकायत का मौका नहीं मिला. विश्व डाक-दिवस के अवसर पर मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाये

डॉ. मनोज मिश्र said...

हार्दिक शुभकामनाये .

Unknown said...

बहुत बहुत बधाई...अनेक शुभकामनाएँ.

Unknown said...

बहुत बहुत बधाई...अनेक शुभकामनाएँ.

Shyama said...

विश्व डाक दिवस के बहाने महत्वपूर्ण आलेख...डाक विभाग का योगदान देश को जोड़े रखने में अद्भुत है।

Shyama said...

हम तो आज भी पत्र लिखते हैं. पत्रों की आत्मीय दुनिया बड़ी सुखद लगती है.

मन-मयूर said...

डाक विभाग की विशालता तो वाकई अनुपम है. हर व्यक्ति तक पहुँच. विश्व डाक-दिवस के अवसर पर मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाये.