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Wednesday, June 19, 2024

The Post Office Act 2023 comes into effect from 18th June, 2024

डाकघर अधिनियम-2023 18 जून, 2024  से लागू हो गया।  इसके लागू होने से भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 निरस्त हो गया है। इस अधिनियम का  उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक नागरिक केंद्रित सेवाओं, बैंकिंग सेवाओं और सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए एक सरल विधायी ढांचा तैयार करना है, जिससे जीवनयापन में आसानी हो।  

मंत्रालय के मुताबिक डाकघर अधिनियम-2023 व्यापार करने में आसानी और जीवन को आसान बनाने के लिए पत्रों के संग्रह, प्रोसेसिंग और वितरण के विशेष विशेषाधिकार जैसे प्रावधानों को समाप्त करता है। अधिकतम शासन और न्यूनतम सरकार की भावना को बढ़ावा देने के लिए अधिनियम में कोई दंडनीय प्रावधान नहीं किए गए हैं।  यह वस्तुओं, पहचानकर्ताओं और पोस्टकोड के उपयोग के बारे में निर्धारित मानकों के लिए प्रारूप उपलब्ध करता है।

अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था सहित निर्दिष्ट आधारों पर भारतीय डाक के माध्यम से भेजी जाने वाली किसी भी वस्‍तु को सरकार, गंतव्‍य तक पहुंचने के पहले बीच में ही रोक सकती है। ऐसा किसी भी आपातकाल की स्थिति में या सार्वजनिक सुरक्षा या शांति को ध्‍यान में रखते हुए किया जा सकता है। केंद्र सरकार, राज्‍य सरकार या इन दोनों की ओर से अधिकृत कोई भी अधिकारी ऐसा कर सकता है। नए कानून के तहत प्रतिबंधित किसी भी वस्तु को डाक के जरिए भेजे जाने पर ऐसे अधिकारी उस पार्सल को खोल सकते हैं, रोक सकते हैं या उसे नष्ट कर सकते हैं।

अधिनियम में यह भी कहा गया है कि डाक सेवा महानिदेशक को भारतीय डाक का प्रमुख नियुक्त किया जाएगा। उसके पास सेवाओं के शुल्क और डाक टिकटों की आपूर्ति सहित विभिन्न मामलों पर नियम बनाने की शक्तियां होंगी।

गौरतलब है कि "डाकघर विधेयक, 2023" 10.08.2023 को राज्यसभा में पेश किया गया था और 04.12.2023 को राज्यसभा ने इसे पारित किया था। इसके बाद विधेयक पर लोकसभा द्वारा 13.12.2023 और 18.12.2023 को विचार किया गया और पारित किया गया। "डाकघर अधिनियम, 2023" को 24 दिसंबर 2023 को भारत के माननीय राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई और इसे सामान्य जानकारी के लिए विधि और न्याय मंत्रालय (विधायी विभाग) द्वारा 24 दिसंबर 2023 को भारत के राजपत्र, असाधारण, भाग II, खंड 1 में प्रकाशित किया गया था।

"डाकघर अधिनियम, 2023" अधिसूचना सं 1/2023-सीमा शुल्क, दिनांक 10-11-2010 एस.ओ. 2352€ दिनांक 17 जून, 2024, 18 जून, 2024 से प्रभावी होता है और भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 को निरस्त करता है।

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“The Post Office Bill, 2023” was introduced in Rajya Sabha on 10.08.2023 and was passed in Rajya Sabha on 04.12.2023. The Bill was then considered and passed by Lok Sabha on 13.12.2023 and 18.12.2023.

“The Post Office Act, 2023” received the assent of Hon’ble President of India on 24th December 2023 and was published in the Gazette of India, Extraordinary, Part II, Section 1, dated 24th December 2023 by Ministry of Law & Justice (Legislative Department) for general information.

The Act aims to create a simple legislative framework for delivery of citizen centric services, banking services and benefits of Government schemes at the last mile.

The Act does away with provisions such as the exclusive privilege of collecting, processing and delivering of letters, to enhance the ease of doing business and ease of living.

No penal provisions have been prescribed in the Act.

This provides a framework for prescribing standards for addressing of the items, address identifiers and usage of postcodes.

“The Post Office Act, 2023” vide Notification no. S.O. 2352€ dated 17th June, 2024, comes into force w.e.f. 18th June, 2024 and repeals the Indian Post Office Act, 1898.

Tuesday, December 5, 2023

भारतीय डाकघर विधेयक 2023 : डाक सेवा नेटवर्क को और अधिक विस्तार

डाक विभाग 150 से अधिक वर्षों से देश की रीढ़ है। 'डाकघर विधेयक-2023' को देश में डाक सेवा नेटवर्क में और अधिक विस्तार देने के लिए लाया गया है। नए जमाने के पोस्ट ऑफिस के लिए सरकार नया कानून ला रही है। इस प्रक्रिया में 4 दिसंबर, 2023 को पोस्ट ऑफिस बिल 2023 को राज्य सभा से पारित कर दिया गया। इस बिल के कानून बनने के बाद अंग्रेजों के जमाने का 125 साल पुराना पोस्ट ऑफिस कानून समाप्त हो जाएगा।

सरकार का मानना है कि पोस्ट ऑफिस अब सिर्फ डाक पहुंचाने वाले काम तक सीमित नहीं है, बल्कि जनता से जुड़ी विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान कर रहा है। इसलिए इसके कानून में भी बदलाव की जरूरत है।

1898 में बनाया गया था पोस्ट ऑफिस कानून

प्रचलित पोस्ट ऑफिस कानून 1898 में बनाया गया था। प्रस्तावित नए कानून में जनता से जुड़ी विभिन्न सेवा प्रदाता के रूप में पोस्ट आफिस को स्थापित करने की कोशिश है। प्रस्तावित कानून में राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में अधिकारी को पोस्ट ऑफिस के माध्यम से आने वाले डाक या सामान को खोलकर देखने का अधिकार होगा। डाक या सामान को अधिकारी डिलिवरी करने के बजाए उसे जब्त भी कर सकता है। इसके अलावा डाक विभाग के महानिदेशक को पोस्ट ऑफिस की तरफ से आवश्यकतानुसार नई सेवाओं को शुरू करने और उसके बदले में शुल्क निर्धारित करने का अधिकार होगा।

सेवा प्रदान करने वाला संस्थान बन गया है पोस्ट ऑफिस

राज्य सभा में इस बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय संचार मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पिछले साढ़े नौ साल में पोस्ट आफिस से लेकर पोस्टमैन और पोस्ट आफिस की सेवाओं में बड़ा बदलाव हुआ है और पोस्ट ऑफिस सिर्फ डाक पहुंचाने की जगह अब विभिन्न सेवा प्रदान करने वाला संस्थान बन गया है। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा भी आया था खासकर यूपीए के शासनकाल में, जब पोस्ट आफिस अप्रासंगिक लगने लगा था।

2014 से लेकर 2023 तक खोले गए 5000 नए पोस्ट ऑफिस

संचार मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वर्ष 2004 से वर्ष 2014 तक 660 पोस्ट आफिस बंद कर दिए गए, जबकि वर्ष 2014 से वर्ष 2023 तक 5000 नए पोस्ट आफिस खोले गए और 5746 पोस्ट ऑफिस खोलने की तैयारी है। इसके अलावा 1.6 लाख पोस्ट ऑफिस को कोर बैंकिंग व डिजिटल बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ दिया गया है। पोस्ट ऑफिस आधार सेवा केंद्र का भी काम कर रहे हैं।

Friday, October 30, 2015

डाकघर में 1999 रु. का मोबाइल, इतने ही मिनट का टॉक टाइम फ्री


 आजकल मोबाइल फोन में तमाम सुविधाएं मिल रही हैं। यहाँ तक कि डिजिटल इण्डिया और  ई-गर्वनेंस की अवधारणा भी कहीं न कहीं मोबाइल के माध्यम से आसान हो गयी है। इसके लिए जरूरी है कि मोबाइल फोन को हर किसी तक किफायती मूल्य में पहुँचाया जाय ताकि जन सुविधाएं आसानी से लोगों  को एक क्लिक पर उपलब्ध हो सकें। इसी के मद्देनजर अब डाकघरों से  भी  मोबाइल फोन की बिक्री भी आरंभ हो रही है। 

इस संबंध में जानकारी देते हुए राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर  के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि  डाकघरों से  ’’पेंटा भारत फोन’’ की बिक्री की जाएगी । इण्टरनेट सुविधा युक्त 2. 8 " स्क्रीन साइज में उपलब्ध यह मोबाइल फोन 1999 रुपये  के रियायती कीमत में कई खूबियों के साथ उपलब्ध होगा। इस फोन के साथ 1999 मिनट का बीएसएनएल का फ्री टाक टाइम भी दिया जायेगा। श्री यादव ने फोन की विशेषताओं के बारे में बताया कि इसमें ब्लूटूथ, फिल्म और फाइल्स शेयर करने के साथ ही एफएम का आनंद उठाया जा सकता है। फ्री मेमोरी कार्ड, जावा इन्बिल्ड, मल्टीमीडिया और गेम्स, डिजिटल कैमरा, डबल सिम, डबल स्टैंडबाई और एसएमएस अनुसूचक के साथ ही मोबाइल में टार्च की सुविधा भी है। 

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि मेसर्स पैन्टल टेक्नालाॅजी प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक करार के तहत उक्त फोन की बिक्री जोधपुर प्रधान डाकघर में आरम्भ कर दी गई है।  शीघ्र ही अन्य डाकघरों से भी बिक्री आरम्भ की जाएगी। 





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Thursday, August 7, 2014

Indian Post office Act - Govt thinks to Amend

NEW DELHI, Aug 4: The government today said it is considering a proposal to amend the Indian Post Office Act, making postal authorities responsible for non-delivery or loss in transit of articles for consumers.
“The proposal to amend the Indian Post Office Act, 1898, is under consideration which includes the examination of the scope of making postal authorities responsible for non-delivery or loss in transit of the articles of consumers,” Minister of Communications and IT Mr. Ravi Shankar Prasad said in a written reply to Lok Sabha.

On a query if Indian Post is losing its share to the operations of private courier companies, the Minister said the share of both the traffic and revenue of Speed Post have been increasing over the years.
“Study on Speed Post conducted through the Indian Market Research Bureau International, reveals that the share of Department of Posts in the overall courier market has increased from the range of 15.1 per cent to 18.3 per cent in the year 2010-2011, 16.7 per cent to 19.8 per cent in year 2011-12 and 17.4 per cent to 20.2 per cent in year 2012-13,” he added. (PTI)