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Wednesday, February 22, 2017

अब मिलेंगे ई-डाक मतपत्र, कम समय में होगा मतदान

चुनावों के साथ ही डाक मत पत्र की चर्चा भी आरम्भ हो जाती है।  लोकतांत्रिक निर्वाचन व्यवस्था में यह एक ऐसी प्रणाली है जिसके माध्यम से मतदाता मतदान केन्द्र पर व्यक्तिशः उपस्थित न होते हुए भी अपना वोट डाल पाता है। दुनिया के कई देशों ने इसको लागू कर रखा है। इस व्यवस्था में सामान्यतया मतदाता के अनुरोध पर बैलट पेपर को उसके पास डाक द्वारा भेजा जाता है। ठप्पा लगाने के बाद मतदाता द्वारा फिर उसे वापस भेजना होता है। पहचान के लिए कुछ सत्यापन प्रक्रियाएं भी आवश्यक होती है। भारत में डाक मत पत्र की व्यवस्था केवल सीमित रूप से ही लागू है। यह सबके लिए नहीं है।

हाल ही में लंबे समय से लंबित मांग को स्वीकार करते हुए सरकार ने चुनाव नियमों में संशोधन किया है. इसके बाद सशस्त्र बल कर्मी और डाक मतपत्र के इस्तेमाल के लिए योग्य अन्य मतदाता, इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के जरिए डाक मतपत्र प्राप्त कर सकेंगे. जिससे बेशकीमती समय की बचत हो सकेगी.इसका मतलब है कि सशस्त्र बल कर्मी और डाक मतपत्र के लिये अधिकृत अन्य मतदाता अब इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजे गए सादा डाक मतपत्र को डाउनलोड कर सकते हैं. अपनी पसंद को बताकर भरा हुआ मतपत्र अपने संबद्ध निर्वाचन अधिकारियों को भेज सकते हैं.

वस्तुत: यह डाक सेवाओं द्वारा मतपत्र को दोतरफा भेजने की मौजूदा व्यवस्था में अनुभव किए जाने वाले विलंब को कम करने के लिए किया गया है, पर  चुनाव आयोग ने सुरक्षा और गोपनीयता की वजहों से दोतरफा इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन की सिफारिश नहीं की है. इससे  दूरस्थ और सीमावर्ती क्षेत्रों में काम करने वाले सशस्त्र बल कर्मियों को इससे काफी लाभ होगा. क्योंकि, डाक सेवाओं के जरिए मत पत्रों को दो तरफा भेजने की मौजूदा व्यवस्था सशस्त्र बलों में कार्यरत मतदाताओं की अपेक्षाओं को पूरा करने में सक्षम नहीं हो सकी है.

एक सूत्र ने बताया कि सरकार ने 21 अक्तूबर को अधिसूचना जारी की है, जिसमें चुनाव संचालन नियम, 1961 की नियम संख्या 23 में संशोधन किया गया है. इसके जरिए सशस्त्र बल में काम करने वाले मतदाताओं और अन्य को ई-डाक मतपत्र के जरिए चुनावों में अपना वोट डालने में सक्षम बनाया गया है.यह मुद्दा उच्चतम न्यायालय के समक्ष आया था जहां यह दलील दी गई थी कि सशस्त्र बल कर्मियों और उनके परिजनों के आसानी और प्रभावी तरीके से अपने मतदान के अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए कारगर तंत्र बनाया जाए. सरकार ने चुनाव आयोग से संपर्क कर इस बारे में बात की थी.

सरकार ने अपने मताधिकार का प्रयोग करने के दौरान सशस्त्र बलों में काम करने वाले मतदाताओं के समक्ष पेश आने वाली कठिनाइयों को कम करने में मदद करने का आग्रह किया था. चुनाव आयोग की तकनीकी टीम ने एक व्यवस्था विकसित की है जिसके जरिए मतदाता को सादा मत पत्र इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजा जा सकता है.
डाक मतपत्र के हकदार मतदाता यथा सशस्त्र बलों में काम करने वाले मतदाता डाक मतपत्र को डाउनलोड करके और सादा डाक मतपत्र का प्रिंट ले सकते हैं. सादा मतपत्र पर अपना वोट देने के बाद वह जैसे मौजूदा डाक मतपत्र प्रणाली के तहत संबद्ध निर्वाचन पदाधिकारी को डाक से मतपत्र भेजते हैं उसी तरह वह उसे भी भेज सकते हैं.

आयोग ने प्रस्ताव दिया था कि अधिक श्रेणियों के मतदाताओं को ई-डाक मतपत्र प्रणाली के योग्य बनाया जाए. हालांकि, प्रायोगिक आधार पर ई-डाक मतपत्र प्रणाली को सुरक्षा बलों में काम करने वाले मतदाताओं और केंद्र सरकार के सशस्त्र पुलिस बलों, सैन्य अधिनियम के प्रावधानों के तहत अन्य बलों, राज्य के बाहर काम कर रहे राज्य के सशस्त्र बलों और भारत के बाहर तैनात भारत सरकार के कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया है.

सूत्रों ने कहा कि एकतरफा सादा मतपत्र को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजने से काफी लाभ होगा. मतदान के बाद डाक मतपत्र को निर्वाचन अधिकारियों को मतगणना की तारीख से पहले या उस दिन तक मिलने में लगने वाले समय को कम किया जा सकेगा.

Friday, May 2, 2014

लोकसभा चुनावों में डाक मतपत्र के लिए डाक विभाग भी मुस्तैद

देश की सरहद पर बैठा सैनिक यदि देश की रखवाली कर रहा होता है तो उसे उतनी ही चिंता अपने क्षेत्र की भी होती है। उसकी दिली इच्छा होती है कि काश वह अपने इलाके में वोट दे सके। डाक मतपत्र ऐसे लोगों के लिए वोटिंग का माध्यम उपलब्ध कराता है। गौरतलब है कि इस बार डाक मतपत्र इसलिये भी चर्चा में हैं क्योंकि पहली बार देश के राष्ट्रपति भी दक्षिण कोलकाता लोकसभा सीट पर अपना वोट डालने के लिए पोस्टल बैलेट का उपयोग कर सकते हैं।  

 इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव के अनुसार, चुनाव अधिनियम के अनुसार सेना के सशस्त्र बलों के जवान, केन्द्रीय पुलिस बल के जवान और राज्य पुलिस बलों के जवान, जो कि राज्य से बाहर तैनात हैं और अपने मूल निवास स्थान पर मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं, डाक मतपत्र के जरिये वोट दे सकते हैं।  इसके लिए नियमानुसार प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप दिये जाने के 24 घंटे के भीतर डाक मतपत्र छापे जाने चाहिए और अगले 24 घंटे के अन्दर जारी कर दिये जाने का प्रावधान है। सेवा मतदाताओं के डाक मतों के लिए बाहरी लिफाफे (फार्म 13 ग) पीले रंग में होते हैं, ताकि उन्हें मतदान में ड्यूटी पर तैनात कर्मियों के लिए डाक मतों से अलग किया जा सके।
निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक मतपत्रों के लिए डाक विभाग ने तमाम तैयारियांँ की हैं। इसके लिए संबंधित मंडलों के प्रवर डाक अधीक्षकों/अधीक्षकों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। रिटर्निंग आॅफिसर द्वारा प्राप्त डाक मतपत्रों को प्राप्त कर उन्हें पंजीकृत पत्र/स्पीड पोस्ट के माध्यम से संबंधित लोगों को भेजा जा रहा है और इन्हें प्राप्त होते ही उसी दिन रिटर्निंग आॅफिसर को हाथों-हाथ उनका वितरण भी सुनिश्चित किया जा रहा है। श्री यादव ने बताया कि डाक मतपत्रों के पारगमन में सुविधा के मद्देनजर विशेष रजिस्टर्ड/स्पीड पोस्ट बैग बनाये जा रहे हैैं, जिन पर ’’इलेक्शन अर्जेन्ट’’ लिखा जाता है। संबंधित डाकघर भेजे व प्राप्त सभी डाक मतपत्रों का रिकार्ड भी अलग से रखता है। इलाहाबाद जनपद में जहाँ डाक मतपत्र पहले ही भेजे जा चुके हैं, वहाँ यह वापस वितरण के लिए रोज प्राप्त हो रहे हैं। 

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि संबंधित वितरण डाकघरों में डाक मतपत्र प्राप्त होने के दिन ही संबंधित रिटर्निंग आॅफिसर को हाथों-हाथ वितरण के लिए प्रबंध किये गये हैं। मतगणना के दिन तक प्राप्त सभी डाक मतपत्र प्राप्ति के दिन ही रिटर्निंग अधिकारी को हस्तगत कर दिये जायेंगे। अन्य दिनों में सायं 3 बजे और मतगणना के दिन प्रातः 8 बजे या मतगणना के आरंभ होने के निर्धारित समय तक प्राप्त डाक मतपत्र हस्तगत किये जायेंगे। 

Thursday, May 1, 2014

President Pranab Mukherjee will be the first Head of the State to use postal ballot.

NEW DELHI: Breaking from tradition, President Pranab Mukherjee will become the first Head of the State to exercise his franchise through postal ballot when he will cast his vote early next week for South Kolkata Lok Sabha polls. Mukherjee's polling station is Nikhil Bharat Bangabhasha Parishad at Lake road in Kolkata.

Unlike his predecessor, the President will not be voting in the national capital and will instead use postal ballot as he is a registered voter in 160 Rashbehari, part of South Kolkata parliamentary seat, which goes to polls on May 12, official sources said.

Mukherjee has completed the form required for the postal ballot, the sources said, adding the rationale behind the President's decision was that he did not want to pressurise the state administration for making arrangements for his visit.

Presidents in the past have been voting either at the Rashtrapati Bhavan polling station or at Nirman Bhavan.

This makes, Mukherjee, who is the country's 14th President, the first Head of the State to use postal ballot.

Wednesday, April 30, 2014

Postal Dept. made arrangements for Speedy transmission of Postal Ballots

The soldiers guarding the frontiers of the country are also worried about the things happening at his home, at his town and in his country. It is his dire wish that he can vote. Here Postal ballots come to the scene. Mr. Krishna Kumar Yadav, Director Postal Services, Allahabad Region told that As per provisions of election law, the members of the armed Forces of the Union, Central Armed Police Forces and State Armed Police forces posted outside the State, who are registered as a voter in the voters' list of their native place, can cast their vote from their place of posting through Postal Ballot paper. All postal ballots for these voters will be printed within 24 hours of finalization of list of contesting candidates and kept ready for dispatch with all other documents within the next 24 hours through the Post Offices to the Record Offices of various services. 

Mr. Krishna Kumar Yadav, Director Postal Services, Allahabad Region said that Department of Posts has make the arrangement for issue of postal ballots to the service voters received from returning officer of each constituency and receipt of postal ballots by post for returning officer of each constituency. The Divisional Head of all the Divisions are nominated as nodal officer who will coordinate with the concerned returning officer. The postal ballots for service voters are handed over to the Returning Officer/Asst. Returning Officer of each constituency to a designated employee of the postal department nominated for this purpose. The postal ballots will be booked under registered post/speed post. For speedy transmission of postal ballots the label of CRC/Speed Post Bag has been mentioned the word "Election Urgent", added Mr. Yadav.

Director Postal Services Mr Krishna Kumar Yadav said that for receiving back postal ballots by post, the delivery post offices have been instructed  to make the same day delivery arrangement of all postal ballots to the concerned returning officer by hand through nominated officer. The record of booked public delivery of postal ballots will be maintained by the concerned post offices. Mr. Yadav added that the delivery Post Offices will make the same day delivery arrangement of all Postal Ballots to the concerned Returning Officer of that particular constituency by hand through nominated officer at 3 PM every day except for the counting day when the time for delivery will be before 8 AM or such other time fixed for commencement of counting at the counting centre for that Assembly constituency.

Mr. KK Yadav said that Post offices have been sensitized to give top most priority to the delivery of envelopes containing POSTAL BALLOT PAPERS sent by post so that these are delivered to the electors and these envelops reach back to the concerned Returning Officers in the shortest possible time. Postal department have to ensure that all postal ballots for service voters are delivered to the respective record offices/army personnel within 48 hours.

 It is worth to mention that at first time even President of India Mr. Pranav Mukherjee can use postal ballot for casting his vote at South Kolkata constituency.

Tuesday, April 14, 2009

जानें डाक मत पत्र के बारे में

डाक मत पत्र का नाम सभी ने सुना होगा। लोकतांत्रिक निर्वाचन व्यवस्था में यह एक ऐसी प्रणाली है जिसके माध्यम से मतदाता मतदान केन्द्र पर व्यक्तिशः उपस्थित न होते हुए भी अपना वोट डाल पाता है। दुनिया के कई देशों ने इसको लागू कर रखा है। इस व्यवस्था में सामान्यतया मतदाता के अनुरोध पर बैलट पेपर को उसके पास डाक द्वारा भेजा जाता है। ठप्पा लगाने के बाद मतदाता द्वारा फिर उसे वापस भेजना होता है। पहचान के लिए कुछ सत्यापन प्रक्रियाएं भी आवश्यक होती है। 

भारत में डाक मत पत्र की व्यवस्था केवल सीमित रूप से ही लागू है। यह सबके लिए नहीं है। चुनाव में नामांकन में नाम वापसी के बाद प्रत्याशियों की तस्वीर साफ होने के 48 घण्टे के भीतर संबंधित लोगों को जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा डाक मत पत्र भेजने का नियम है। मतगणना के दिन सुबह 8 बजे तक डाक से वापस आने वाले डाक मत पत्रों को मतगणना में शामिल किया जाता है। मतगणना के सबसे आखिर में डाक मत पत्र को जोड़ा जाता है। 

 द कंडक्ट आफ इलेक्शन रूल 1961 के सेक्शन 18 ए के अनुसार लोकसभा और विधानसभा के चुनावों में डाक द्वारा मतदान के हकदार लोगों की सूची बनाई गई है। इसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल जैसे महत्वपूर्ण व्यक्ति शामिल हैं। इसके अलावा सेना, चुनाव ड्यूटी पर तैनात मतदाता एवं ऐहतियात के तहत गिरफ्तार मतदाता भी डाक मत पत्र का इस्तेमाल अपना वोट डालने के लिए कर सकते हैं। 

साल 2003 में हुए जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 के सेक्शन 60 सी में किए गये संशोधन अनुसार अब किसी भी ऐसे वर्ग से संबंधित कोई भी व्यक्ति जिसको चुनाव आयोग ने सरकार की सलाह पर अधिसूचित कर रखा हो, डाक या पोस्टल वोटिंग कर सकता है। भारत (आंशिक रूप से) के अलावा डाक मत पत्र का प्रावधान अमेरिका, ब्रिटेन, स्विटजरलैंड, आस्ट्रेलिया, आयरलैंड, जर्मनी इत्यादि देशों में भी है।