Sunday, December 30, 2018

India Post Payments Bank में अब तक 19 लाख खाते खुले

इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) ने अब तक करीब 19 लाख खाते खोले हैं।  डाक विभाग के मुताबिक एक सितंबर 2017 से शुरुआत के बाद 24 दिसंबर 2018 तक इसने 18,96,410 खाते खोले हैं।  इनमें 4.23 लाख खातों के साथ बिहार पहले स्थान पर है, जबकि 3.24 लाख खातों के साथ ओडिशा दूसरे स्थान पर रहा।  वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने राज्यसभा को लिखित जवाब में यह जानकारी दी।  इसके मुताबिक इस साल 20 दिसंबर तक 9,75, 806 ट्रांजेक्शन हुए हैं.
आईपीपीबी ने 30 जनवरी, 2017 से रायपुर और रांची में पायलट आधार पर सेवा शुरू की थी।  2016-17 में कुल 1,654 खाते खोले गए थे, इनमें से 967 छत्तीसगढ़ में और 687 झारखंड में खोले गए। 2017-18 में 7,735 खाते खोले गए, इनमें 3,874 छत्तीसगढ़ में और 3,861 झारखंड में खोले गए। 


24 दिसंबर, 2018 तक बिहार, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और झारखंड में 18 लाख, 96 हजार, 410 खाते खोले गए।  पहले दो वित्त वर्ष में प्राथमिकता दिए जाने के बावजूद झारखंड और छत्तीसगढ़ खातों के मामले में अन्य राज्यों से पिछड़ गए।  झारखंड में अब तक 66,762 और छत्तीसगढ़ में 18,804 खाते खोले गए।  इस साल आईपीपीबी की 650 शाखाओं और 3,250 डाकघरों ने पहले चरण के तहत एक सितंबर 2018 से काम करना शुरू किया था।  सरकार को उम्मीद है कि आने वाले समय में खाता खोलने में और तेजी आएगी। 

Friday, December 28, 2018

Director Postal Services KK Yadav visited Post Offices in Meerut Postal Division

देश के हर कोने में, हर दरवाजे पर डाक विभाग की पहुँच है और वह लोगों के सुख-दुःख में बराबर रूप से जुड़ा हुआ है। डाक सेवाएं नवीनतम टेक्नोलोजी अपनाते हुए नित्य नए आयाम रच रही हैं। इन सबसे जनसामान्य को जोड़ना हमारी प्राथमिकता में शामिल है। उक्त विचार मेरठ डाक मंडल  के दौरे पर आए  लखनऊ एवं बरेली परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने व्यक्त किये | मेरठ  डाक मंडल के प्रवर अधीक्षक श्री पी. डी. रैगर  ने  डाक निदेशक का स्वागत कर मंडल में डाक सेवाओं की प्रगति के बारे में जानकारी दी। डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने प्रवर अधीक्षक डाकघर, मेरठ मंडल कार्यालय के वार्षिक निरीक्षण के साथ-साथ मेरठ प्रधान डाकघर का विजिट भी किया। 

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाकघरों में हर वर्ग और उम्र के हर पड़ाव के लिए अलग-अलग बचत और बीमा योजनाएँ हैं और इनमें लोग पीढ़ी दर पीढ़ी पैसे जमा करते हैं। डाक विभाग अपनी बचत बैंक और बीमा सेवाओं को ऑनलाइन करने के बाद अब इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से बैंकिंग क्षेत्र में भी कदम रख चुका है। मेरठ मंडल  में  इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की सेवाएं प्रधान डाकघर मेरठ व बागपत मुख्य डाकघर सहित  10  डाकघरों के माध्यम से उपलब्ध है। लगभग 2000 खाते इसके तहत खुलवाए जा चुके हैं । डाक निदेशक श्री यादव ने कहा कि दिसंबर माह के अंत तक सभी डाकघरों में इसकी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएँगी, जिससे विभाग की सेवा और पहुँच में और भी इजाफा होगा। इसके बाद आर्थिक और सामाजिक समावेशन के तहत ग्रामीण पोस्टमैन चलते-फिरते  एटीएम  के रूप में नई भूमिका निभाएगा।
डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग का उद्देश्य समावेशी विकास के तहत शहरों के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण अंचल स्थित लोगों को भी सभी योजनाओं के तहत लाना है। 'दर्पण'  प्रोजेक्ट के तहत गाँव में स्थित  शाखा डाकघरों को भी  हाईटेक करके  वहाँ पर  हैण्डहेल्ड डिवाइस  दिए जा रहे हैं । इसके तहत  शाखा डाकघरों को ऑनलाइन और डिजिटल बनाने के लिए सोलर चार्जिंग उपकरणों से जोडने के साथ-साथ मोबाइल थर्मल प्रिन्टर, स्मार्ट कार्ड रीडर, फिंगर प्रिन्ट स्कैनर, डिजिटल कैमरा एवं सिगनेचर व दस्तावेज स्कैनिंग के लिये यन्त्र भी मुहैया कराए गए हैं  ताकि ग्रामीण लोगों को इन सुविधाओं के लिये शहरों की तरफ न भागना पडे और घर बैठे ही वे अपना भुगतान प्राप्त कर सकें। डाक विभाग का यह कदम भारत सरकार के "डिजिटल इण्डिया" मिशन को भी पूरा करता है। श्री यादव ने बताया की अब स्पीड पोस्ट बुकिंग की सुविधा भी शाखा डाकघरों में उपलब्ध होगी, जो कि पहले मात्र उपडाकघरों या प्रधान डाकघर में ही थी।
डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि तमाम अग्रणी योजनाओं को डाक विभाग के माध्यम से प्रमुखता से लागू किया जा रहा है | इसीके तहत 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना के तहत अब डाकिये भी घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगे। सुकन्या समृद्धि योजना के इसके तहत मेरठ मंडल में अब तक लगभग 35000 खाते खोले जा चुके हैं | साथ ही देश में मुख्यधारा से वंचित लोगों व उनके परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से आरम्भ अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन में भी डाकघरों द्वारा सक्रिय भूमिका के निर्वहन का श्री यादव ने उल्लेख किया। इसके अतिरिक्त डाक निदेशक श्री यादव ने डाकघरों में आधार एनरोलमेंट की संख्या बढ़ाने पर ज़ोर दिया । मेरठ में प्रधान डाकघर सहित  कुल 43 आधार एनरोलमेंट एवं अपडेशन सेंटर खोले गए हैं जिसके तहत अब तक लगभग 900 नए आधार बनाये जा चुके हैं तथा लगभग 17000 आधार का नवीकरण किया जा चुका है । श्री यादव ने यह भी बताया कि प्रधान डाकघर मेरठ कैंट में संचालित पासपोर्ट सेवा केंद्र से अब तब लगभग 7000 पासपोर्ट बनाये जा चुके हैं।


मेरठ डाक मंडल के दौरे पर आए बरेली परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव 
हर वर्ग और उम्र के हर पड़ाव के लिए है डाकघर -डाक निदेशक केके यादव 
(साभार : हिंदुस्तान)
गाँव के शाखा डाकघर से भी कर सकेंगे स्पीड पोस्ट बुकिंग - डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव 
(साभार : दैनिक जागरण)

डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने किया निरीक्षण
(साभार : अमर उजाला)

Saturday, December 15, 2018

उत्कृष्ट डाक सेवाओं हेतु 8 डाककर्मी 'मेघदूत पुरस्कार' से सम्मानित

डाक सेवाओं के लिए जाने वाला सर्वोच्च 'मेघदूत पुरस्कार' एक बार फिर से आरम्भ हो गया है। संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्हा ने 14 दिसंबर, 2018 को एक कार्यक्रम में डाक विभाग के कर्मचारियों और ग्रामीण डाक सेवकों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए 8 श्रेणियों में मेघदूत पुरस्कार प्रदान किए। मेघदूत पुरस्कार 2011 के बाद फिर से शुरू किए गए हैं। पुरस्कार पाने वाले आठों विजेताओं में से प्रत्येक को 21,000/- रुपये नकद,  स्वर्ण पदक और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

Friday, December 14, 2018

भारतीय डाक विभाग के ई-कॉमर्स पोर्टल का शुभारंभ

भारतीय डाक विभाग ने ग्रामीण कारीगरों और ऑनलाइन रिटेलरों को डाक विभाग के ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिए अपने उत्पाद बेचने के लिए शुरूआत से अंत तक सहायता प्रदान करने हेतु नये ई-मार्केट क्षेत्र में कदम रखा है। संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्हा ने 14 दिसंबर, 2018 को एक कार्यक्रम में  डाक विभाग के ई-कॉमर्स पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पोर्टल विक्रेताओं विशेषकर ग्रामीण कारीगरों/स्व-सहायता समूहों/ महिला उद्यमियों/राज्य और केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/स्वायत निकायों आदि को अपने उत्पाद देश भर में बेचने के लिए एक ई-मार्केट प्लेस उपलब्ध कराएगा। छोटे और स्थानीय विक्रेता, जो ई-कॉमर्स के क्षेत्र में पीछे छूट चुके हैं, डाक विभाग के विशाल वास्‍तविक और आईटी नेटवर्क का लाभ उठाते हुए अब अपनी पहुंच और खुदरा ताकत को अधिकतम बना पाने में समर्थ हो सकेंगे। खरीददार विक्रेताओं द्वारा पोर्टल पर प्रदर्शित किए गए उत्पादों तक पहुंच कायम कर सकेंगे और डिजिटल भुगतान के जरिए ऑर्डर कर सकेंगे। उत्पादों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजा जाएगा। 

श्री सिन्हा ने इस अवसर पर नये सिरे से तैयार की गई भारतीय डाक की वेबसाइट को भी लांच किया। ये नई वेबसाइट विभाग की डिजिटल पहुंच बढ़ाने की दिशा में उठाया गया कदम है।  श्री सिन्हा ने कहा, “ये कदम शासन को नागरिकों की दहलीज तक पहुंचाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन को ध्यान में रखते हुए उठाए जा रहे हैं।”

श्री सिन्हा ने पोस्ट ऑफिस सेविंग बैंक (पीओएसबी) ग्राहकों के लिए इंटरनेट बैंकिंग सुविधा की भी शुरूआत की, जो कोर बैंकिंग सॉल्युशन (सीबीएस) के अंतर्गत आती है। अब लगभग 17 करोड़ पीओएसबी खाते अंतर-संचालित होंगे और ग्राहक अपनी रकम ऑनलाइन डाकघर के आरडी और पीपीएफ खातों में जमा करा सकेंगे। इस सुविधा से ग्राहकों को डाकघर जाए बिना ही लेन-देन करने में सहायता मिलेगी।

टिकट संग्रह को शिक्षा प्रणाली की मुख्यधारा में लाने और प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 2017 में डाक विभाग ने स्कूली छात्रों के लिए दीन दयाल स्पर्श (अर्थात् स्कॉलरशिप फॉर प्रमोशन ऑफ एप्टीट्यूड एंड रिसर्च इन स्टैम्प्स ऐज ए हॉबी) छात्रवृत्ति कार्यक्रम की शुरूआत की थी। इस योजना ने देश भर के बच्चों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया। यह इसी बात से  जाहिर होता है कि 2017-18 में 20,652 बच्चों ने इसमें भाग लिया था, जबकि 2018-19 में इसमें भाग लेने वाले बच्चों की संख्या लगभग 4 गुना बढ़कर 74,555 तक पहुंच गई। इनमें से 920 छात्रों को सालाना 6000/- रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए चुना गया है। श्री सिन्हा ने दिल्ली सर्किल से चुने गए बच्चों को छात्रवृत्तियां प्रदान कीं और तमिलनाडु, बिहार और आंध्र प्रदेश डाक सर्किल के चुने गए बच्चों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात की।

श्री सिन्हा ने ग्रामीण डाक सेवकों और विभाग के कर्मचारियों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए 8 श्रेणियों में मेघदूत पुरस्कार प्रदान किए। मेघदूत पुरस्कार 2011 के बाद फिर से शुरू किए गए हैं। यह कदम श्री मनोज सिन्हा के मार्गदर्शन के तहत उठाया गया है। पुरस्कार पाने वाले आठों विजेताओं में से प्रत्येक को 21,000/- रुपये नकद,  स्वर्ण पदक और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

अब डाकिये "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" का भी करेंगे प्रचार-प्रसार

अब डाकिया डाक बाँटने के साथ-साथ भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" का भी प्रचार-प्रसार करेंगे।  लखनऊ (मुख्यालय) परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इसके लिए पोस्टमैन अपनी वर्दी पर  "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ'' का बैज लगाकर डाक वितरण करेंगे, ताकि लोग इसके प्रति जागरूक हो सकें। इसके अलावा डाकिया लोगों को  सुकन्या  समृद्धि योजना के बारे में भी जागरूक करेंगे।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी, 2015 में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान का आरम्भ किया था और इसके तहत सुकन्या समृद्धि योजना का आगाज किया था। इसके तहत किसी भी डाकघर में दस साल तक की बालिकाओं का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा सकते है। डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि मात्र 250 रूपये में सुकन्या खाता खोला जा सकता है और इसमें अधिकतम डेढ़ लाख रूपये जमा किये जा सकते हैं। इस योजना में खाता खोलने से मात्र 15 वर्ष तक धन जमा कराना होगा।  बेटी की उम्र 18 वर्ष होने पर जमा राशि का 50 प्रतिशत व सम्पूर्ण राशि 21 वर्ष पूरा होने पर निकाली जा सकती है। वर्तमान में ब्याज दर 8.5 प्रतिशत है और जमा धनराशि में आयकर छूट का भी प्रावधान है। श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगभग 15 लाख बेटियों के सुकन्या खाते डाकघरों में खोले जा चुके हैं। 
डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुडा हुआ है। इस योजना के आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक आयाम महत्वपूर्ण हैं। इसमें जमा धनराशि पूर्णतया बेटियों के लिए ही होगी, जो उनकी शिक्षा, कैरियर  एवं विवाह में उपयोगी होगी। यह योजना बालिकाओं के सशक्तिकरण के द्वारा भविष्य में महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देगी।

Wednesday, December 5, 2018

DARPAN CSI inaugurated by Director Postal KK Yadav in Sitapur Postal Division

गाँवों में स्थित शाखा डाकघर भी अब हाईटेक व डिजिटल बनेंगे। डिजिटल इण्डिया अभियान से अब ग्रामीण शाखा डाकघर भी जुड़ेंगे। दर्पण प्रोजेक्ट के तहत इन्हें भी अब नई टेक्नालॉजी से जोड़ते हुए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जायेगा। उक्त उद्गार बतौर मुख्य अतिथि श्री कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएं लखनऊ (मुख्यालय) परिक्षेत्र, उ.प्र. ने  सीतापुर डाक मंडल में दर्पण परियोजना के तहत कोर सिस्टम इंटीग्रेटर ऐप  रोलऑउट का शुभारम्भ करते हुए 4  दिसंबर, 2018 को व्यक्त किये। शाखा डाकघर खगेसियामऊ में आयोजित कार्यक्रम में श्री यादव ने ग्राहकों को दर्पण सी.एस.आई जनरटेड रसीद भी प्रदान किया। इसी के साथ लखनऊ परिक्षेत्र में इसे लागू करने वाला सीतापुर पहला जिला बन गया। चरणबद्ध रूप में 31 दिसंबर को इसे लखनऊ जिले  के शाखा डाकघरों में भी क्रियान्वित किया जायेगा।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग का उद्देश्य समावेशी विकास के तहत शहरों के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण अंचल स्थित लोगों को भी सभी सेवाएं प्रदान करना है। शाखा डाकघरों में पंजीकृत पत्रों व पार्सल बुकिंग, इलेक्ट्रानिक मनीऑर्डर, बचत बैंक व ग्रामीण डाक जीवन बीमा प्रीमियम व लोन इंस्टॉलमेंट सम्बन्धी विभिन्न कार्यो के लिए अभी तक उप डाकघरों या प्रधान डाकघरों पर निर्भरता थी, पर अब शाखा डाकघर खुद ही ये कार्य डिवाइस के माध्यम से संचालित कर सकेंगे। ग्रामीण डाक जीवन बीमा का प्रीमियम शाखा डाकघरों में अब सीधे ही पॉलिसी में जमा हो सकेगा। 
डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि स्पीड पोस्ट बुकिंग की सुविधा भी शाखा डाकघरों में उपलब्ध होगी, जो कि पहले मात्र उपडाकघरों या प्रधान डाकघर में ही थी। डाक वितरण को प्रभावी बनाने हेतु बल्क डिलीवरी की सुविधा भी दी गई है। कैश, डाक टिकट और अन्य मदों की आपूर्ति के लिए ब्रांच पोस्टमास्टर सी.एस.आई  ऐप के माध्यम से किसी भी समय अनुरोध भेज सकेगा। यही नहीं, गाँवों में स्थित ब्रांच पोस्टमास्टर अब इसके माध्यम से ही अवकाश के लिए भी आवेदन कर सकेंगे और अपना पे-रोल भी देख सकेंगे। 

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया  कि दर्पण  प्रोजेक्ट  के तहत  शाखा डाकघरों में हैण्डहेल्ड डिवाइस प्रदान किये गए हैं।  इसके तहत  शाखा डाकघरों को सोलर चार्जिंग उपकरणों से जोडने के साथ-साथ मोबाइल थर्मल प्रिन्टर, स्मार्ट कार्ड रीडर, फिंगर प्रिन्ट स्कैनर, डिजिटल कैमरा एवं सिगनेचर व दस्तावेज स्कैनिंग के लिये यन्त्र भी मुहैया कराये गए हैं,  ताकि ग्रामीण लोगों को इन सुविधाओं के लिये शहरों की तरफ न भागना पडे और गाँव में ही वे तमाम सुविधाएँ पा सकें। 

सीतापुर मंडल के अधीक्षक डाकघर एच. के यादव ने कहा कि इससे  त्वरित और सुव्यवस्थित कार्य होगा तथा हम ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होंगे। सम्बंधित लेखा कार्यालय भी शाखा डाकघरों के कार्य पर ऑनलाइन रूप में सतत निगरानी रख सकेंगे। 

इस अवसर पर सहायक डाक अधीक्षक विकास मिश्रा, संदीप चौरसिया, डाक निरीक्षक जेपी त्रिवेदी, मो. इकबाल, शाखा डाकपाल श्रीमती मंजू मिश्रा  सहित तमाम स्थानीय जनप्रतिनिधिगण और अधिकारी  उपस्थित रहे।










Sunday, December 2, 2018

पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र, सीतापुर का सांसद राजेश वर्मा ने किया उद्घाटन


डाक अधीक्षक सीतापुर कार्यालय के नवनिर्मित भवन और प्रधान डाकघर सीतापुर में पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र का लोकार्पण सीतापुर के सांसद श्री राजेश वर्मा ने लखनऊ परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री आर. के. महाराज, निदेशक डाक सेवाएं लखनऊ परिक्षेत्र श्री कृष्ण कुमार यादव, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी श्री पीयूष वर्मा व डाक अधीक्षक  एच. के. यादव  की उपस्थिति में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में 1 दिसंबर, 2018 को किया। इस अवसर पर आयोजित डाक मेले में सुकन्या समृद्धि योजना, डाक जीवन बीमा सहित तमाम सेवाओं के धारकों को पासबुक और बॉन्ड्स भी प्रदान किये गए।







इस अवसर पर अपने सम्बोधन में सीतापुर के सांसद श्री राजेश वर्मा ने कहा कि डाक विभाग देश के सबसे पुराने और महत्वपूर्ण विभागों में से है। सरकार की तमाम अहम योजनाओं के क्रियान्वयन में डाकघरों का महत्वपूर्ण योगदान है। यहाँ का डाक अधीक्षक कार्यालय अब किराये के भवन से अपने नवनिर्मित भवन में शिफ्ट हो रहा है।  इससे डाक विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ-साथ जनता को भी काफी सहूलियत होगी। श्री वर्मा ने कहा कि सीतापुर में केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं को प्रमुखता से लागू किया गया है। पहले यहाँ के लोगों को पासपोर्ट बनवाने के लिए लखनऊ जाना होता था,पर अब सीतापुर प्रधान डाकघर में ही यह सुविधा आरम्भ हो गई है। इससे शिक्षा, नौकरी और पर्यटन के लिए विदेश जाने वाले लोगों का  यहीं अपने शहर में ही पासपोर्ट बन सकेगा। सांसद श्री वर्मा ने  इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज और संचार राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा का आभार जताया।   
लखनऊ परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री आर. के. महाराज ने इस बात पर प्रसन्नता  व्यक्त की कि डाक अधीक्षक कार्यालय अब विभागीय भवन में कार्य करेगा। उन्होंने बताया  कि सीतापुर में अब तक 2000 से ज्यादा लोगों के पासपोर्ट डाकघर द्वारा बन चुके हैं। डाकघर की प्रचलित सेवाओं का लोग अधिक से अधिक लाभ उठायें, इसके लिए भी उन्होंने अपील की।


निदेशक डाक सेवाएँ, लखनऊ परिक्षेत्र श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग का उद्देश्य समावेशी विकास के तहत शहरों के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण अंचल स्थित लोगों को भी सभी योजनाओं के तहत लाना है।उत्तर प्रदेश में 28 पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र आरम्भ हो चुके हैं।  शीघ्र ही सीतापुर के मिश्रिख डाकघर में भी पासपोर्ट सेवा केंद्र शुरु किया जायेगा।  श्री यादव ने कहा कि डाक विभाग अपनी बचत और बीमा योजनाओं को ऑनलाइन करने के बाद अब इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के माध्यम से बैंकिंग क्षेत्र में भी कदम रख चुका है। सीतापुर प्रधान डाकघर में इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की शाखा आरम्भ हो चुकी है और 31 दिसंबर तक सभी डाकघरों को  पेमेंट्स बैंक की सुविधा से जोड़ दिया जायेगा।
 डाक निदेशक श्री यादव ने कहा कि डाक विभाग प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र  मोदी जी द्वारा आरम्भ सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में अग्रणी रहा है। सीतापुर में 21 डाकघरों में आधार नामांकन व अद्यतन की सुविधा दी गई है, ताकि लोगों को इसके लिए भटकना न पड़े।  'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के तहत सीतापुर  जिले में लगभग 37  हजार बेटियों के सुकन्या समृद्धि खाते डाकघरों में खोले गए हैं। सीतापुर में 8 गाँवों  को "सम्पूर्ण बीमा ग्राम" बनाया जा चुका है और शीघ्र ही 4 अन्य ग्रामों को भी इसके तहत कवर किया जायेगा। डाकघरों में  एलईडी बल्ब, ट्यूब लाइट व पंखों  की बिक्री द्वारा आमजन में ऊर्जा संरक्षण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। 
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, लखनऊ  श्री पीयूष वर्मा ने कहा कि डाकघरों में पासपोर्ट सेवा केंद्र खुलने से समय और संसाधन दोनों की ही बचत होने लगी है। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग पासपोर्ट के लिए आवेदन करने लगे हैं।
 अधीक्षक डाकघर सीतापुर  एच. के. यादव ने स्वागत संबोधन दिया और सहायक अधीक्षक   विकास मिश्र  ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर श्रीमती शीतल वर्मा जिलाधिकारी, सीतापुर, सहायक निदेशक आर. एन. यादव, डाक अधीक्षक बाराबंकी एस. के. अवस्थी, जेपी त्रिवेदी, मो. इकबाल, प्रधान डाकघर के पोस्टमास्टर अनिल कुमार शुक्ला सहित तमाम जनप्रतिनिधिगण, अधिकारी और संभ्रांतजन उपस्थित रहे।


Friday, November 30, 2018

Indian Postal Service officers keep beating IAS, IPS to top posts, from UPSC to RAW chief

The recent appointment of Arvind Saxena as the chairman of the Union Public Service Commission (UPSC) has brought the focus back on a relatively little-known branch of the country’s bureaucracy — the Indian Postal Service (IPoS).

Arvind Saxena, who took charge Thursday, is the first former Indian Postal Service (IPoS) officer to be appointed as the UPSC chairman. Another officer from the cadre, IMG Khan, is a member of the UPSC.

While it is a relatively low-profile department, several Indian Postal Service (IPoS) officers occupy important positions in the central government ministries.

The Indian Postal service has also produced bureaucrats such as former R&AW chief Vikram Sood, and former special secretary, cabinet secretariat, Tilak Devasher, apart from Arvind Saxena.The three of them, however, have not served in the IPoS for too long.
Vikram Sood, who authored The Unending Game: A Former R&AW Chief’s Insights into Espionage, was permanently absorbed into the R&AW cadre and served there for 31 years.
Tilkak Devashar, a South Asia expert and author of Pakistan: At the Helm, had also served a long tenure in cabinet secretariat before retiring in October 2014. Formerly, an officer from the Indian Postal Service (IPoS), he had resigned from the service before working in cabinet secretariat.

Arvind Saxena too served in R&AW for twenty-seven years, since he joined the agency in 1988.

An old service : Indian Postal Service (IPoS)

The Indian Postal Service (IPoS) is one of the oldest Group ‘A’ Central Civil Services, where officers are selected through the prestigious civil services examination conducted by the UPSC.

Indian Postal Service (IPoS) officers are tasked with looking after the overall administration of the Postal Division where they are posted. This includes management of postal services and operations, looking after post offices and mail offices, expansion of the postal network, public grievance redressal and personnel management.

Once considered a crucial service, when post offices played a significant role in the country’s affairs, the Indian Postal Service (IPoS) has fallen down the pecking order in Indian bureaucracy.

But while its role may have been diminished, the Indian Postal service has been reinventing itself, beating back predictions that it would become redundant, with the death of traditional mail.

“Till the 1970s, it was considered a crucial service and the backbone of India’s communication network with its network spread in every nook and corner of the country,” a senior IPoS officer told The Print. “The service was influential for mobilising small savings of the government and also government funds to states for developmental work.” The officer added that with the advent of unregulated courier services, banks and the internet in the late 80s and early 90s, the service went through a ‘dark’ period. “Many of these challenges still remain because of the delay in decision making and implementation of suggestions recommended by various internal committees in tackling these challenges,” the official said. The officer added that while Indian Postal Service (IPoS) is still considered one of the most trusted networks in the country, there continues to be a deficit in the expenditure, incurred especially in human resources and other technologies, and the revenue earned by the department.

Thursday, November 29, 2018

भारतीय डाक सेवा के अधिकारी रहे अरविन्द सक्सेना बने संघ लोक सेवा आयोग के नए अध्यक्ष

भारतीय डाक सेवा के 1978 बैच के अधिकारी रहे श्री अरविंद सक्सेना को 28 नवंबर 2018 को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), नई दिल्ली का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।  यूपीएससी नौकरशाहों, राजनयिकों और पुलिस अधिकारियों के चयन के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है। श्री सक्सेना का कार्यकाल 7 अगस्त 2020 तक होगा। वह वर्तमान में 20 जून से यूपीएससी के कार्यकारी प्रमुख के रूप में कार्य कर रहे थे।

कार्मिक मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने संघ लोक सेवा आयोग अध्यक्ष  के रूप में श्री अरविन्द सक्सेना की नियुक्ति को मंजूरी दी। श्री सक्सेना ने 8 मई 2015 को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सदस्य के रूप में जॉइन किया था। संघ लोक सेवा आयोग  आने से पहले वह उड्डयन शोध केंद्र में निदेशक के रूप में कार्य कर रहे थे। श्री सक्सेना ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से सिविल इंजीनियरिंग और आईआईटी से एमटेक किया है।


डीटीयू व आईआईटी दिल्ली के इंजीनियरिंग छात्र रहे हैं अरविंद सक्सेना 

दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (वर्तमान में दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय) से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और आईआईटी दिल्ली से एमटेक करने वाले श्री अरविन्द सक्सेना  भारतीय डाक सेवा में 1978 बैच के अधिकारी रहे हैं। भारतीय डाक सेवा में रहने के दौरान वे अलीगढ़ में स्टाम्प व सील फैक्ट्री के आधुनिकीकरण के लिए विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) रहे और प्रतिष्ठित माने जाने वाले डाक एवं तार प्रशिक्षण केंद्र (पीएंडटी ट्रेनिंग सेंटर), सहारनपुर  के प्रिंसिपल के तौर पर भी नियुक्त रहे। 

2015 में यूपीएससी सदस्य बनने वाले 32 साल में पहले रॉ अफसर बने थे

वर्ष 1988 में भारतीय डाक सेवा से रॉ में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले श्री अरविन्द सक्सेना को पड़ोसी देशों में रणनीतिक विकास के अध्ययन का विशेषज्ञ माना जाता है। इस दौरान वे जम्मू-कश्मीर में तैनात रहे और चीन, पाकिस्तान सहित 5 देशों में रॉ को अपनी सेवाएं दीं। वर्ष 2014 में उन्हें  को एविएशन रिसर्च सेंटर (एआरसी) में विशेष सचिव के तौर पर नियुक्त किया गया, जो वायुसेना की विशेष फ्रंटियर फोर्स के कमांडो को ट्रांसपोर्ट उपलब्ध कराती है और देश के सीमावर्ती इलाकों में मानवरहित विमानों के जरिए निगरानी का काम करती है। वर्ष 2015 में उन्हें यूपीएससी में सदस्य के तौर पर शामिल किया गया और तब से वे यहीं पर तैनात थे।