Saturday, July 31, 2021

Munshi Premchand Jayanti : डाककर्मी के पुत्र मुंशी प्रेमचंद ने दी हिंदी साहित्य को नई ऊँचाइयाँ : पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

हिन्दी साहित्य के इतिहास में उपन्यास सम्राट के रूप में प्रसिद्ध मुंशी प्रेमचंद के पिता अजायब राय श्रीवास्तव लमही, वाराणसी में डाकमुंशी (क्लर्क) के रूप में कार्य करते थे। ऐसे में प्रेमचंद का डाक-परिवार से अटूट सम्बन्ध था। मुंशी प्रेमचंद को पढ़ते हुए पीढ़ियाँ बड़ी हो गईं। उनकी रचनाओं से बड़ी आत्मीयता महसूस होती है। ऐसा लगता है मानो इन रचनाओं के  पात्र हमारे आस-पास ही मौजूद हैं। प्रेमचंद जयंती (31 जुलाई) की पूर्व संध्या पर उक्त उद्गार चर्चित ब्लॉगर व साहित्यकार एवं वाराणसी  परिक्षेत्र  के पोस्टमास्टर जनरल  श्री कृष्ण कुमार यादव ने व्यक्त किये। 




पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि लमही, वाराणसी में जन्मे डाककर्मी के पुत्र मुंशी प्रेमचंद ने साहित्य की नई इबारत  लिखी। आज भी तमाम साहित्यकार व शोधार्थी लमही में उनकी जन्मस्थली की यात्रा कर प्रेरणा पाते हैं। हिंदी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में 1918 से 1936  तक के कालखंड को 'प्रेमचंद युग' कहा जाता है। प्रेमचंद साहित्य की वैचारिक यात्रा आदर्श से यथार्थ की ओर उन्मुख है। मुंशी प्रेमचंद स्वाधीनता संग्राम के भी सबसे बड़े कथाकार हैं। श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि, प्रेमचंद की स्मृति में भारतीय डाक विभाग की ओर से 30  जुलाई 1980 को उनकी जन्मशती के अवसर पर 30 पैसे मूल्य का एक डाक टिकट भी जारी किया जा चुका है। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, प्रेमचन्द के साहित्यिक और सामाजिक विमर्श आज भूमंडलीकरण के दौर में भी उतने ही प्रासंगिक हैं और उनकी रचनाओं के पात्र आज भी समाज में कहीं न कहीं जिन्दा हैं। प्रेमचंद ने साहित्य को सच्चाई के धरातल पर उतारा। प्रेमचन्द जब अपनी रचनाओं में समाज के उपेक्षित व शोषित वर्ग को प्रतिनिधित्व देते हैं तो निश्चिततः इस माध्यम से वे एक युद्ध लड़ते हैं और गहरी नींद सोये इस वर्ग को जगाने का उपक्रम करते हैं। श्री यादव ने कहा कि प्रेमचन्द ने अपने को किसी वाद से जोड़ने की बजाय तत्कालीन समाज में व्याप्त ज्वलंत मुद्दों से जोड़ा। उनका साहित्य शाश्वत है और यथार्थ के करीब रहकर वह समय से होड़ लेती नजर आती हैं।












आज भी प्रासंगिक हैं प्रेमचन्द के साहित्यिक व सामाजिक विमर्श - पोस्टमास्टर जनरल  कृष्ण कुमार यादव 

Inext Live : लमही ने संजोए रखा है मुंशी प्रेमचंद जी की यादों को

जागरण : वाराणसी में एक डाककर्मी के पुत्र मुंशी प्रेमचंद ने लिखी साहित्य की नई इबारत : कृष्ण कुमार यादव

Sunday, July 25, 2021

Shri Kashi Vishwanath Temple Prasad by Speed Post in Sawan month, at your home by eMoney Order of ₹ 251 only

The worship of Lord Shiva and his Prasad in pious month of Sawan is very glorified. Often people wish that they can get Baba Bholenath's Prasad at their home. In such a situation, people will not have to be disappointed anymore.  Now they will be able to get the Prasad of Shri Kashi Vishwanath temple through the speed post sitting at home. The above information was given by the Postmaster General of Varanasi Region Mr. Krishna Kumar Yadav.

Postmaster General Mr. Krishna Kumar Yadav said that under an agreement between the Department of Posts and Shri Kashi Vishwanath Temple Trust, Prasad of Shri Kashi Vishwanath Temple in new format is being made available to the people through Speed ​​Post Service.  Under this scheme, an e-money order of only ₹ 251 has to be sent to the Senior Superintendent of Post Offices, Varanasi (East) Division from the nearest Post office. Prasad will be sent to the addressee  immediately by the Department of Posts as soon as the e-money order is received. The prasad will be in the temper proof envelope with proper packaging. This will not be tampered with in any way.




Shri Kashi Vishwanath temple Prasad will include these items :

Postmaster General Mr. Krishna Kumar Yadav said that the image of Shri Kashi Vishwanath Jyotirlinga, Mahamrityunjaya Yantra, Shri Shiva Chalisa, 108 beads of Rudraksha's garland, Bel Patra,  coin having Bhole Baba's image inscribed with Mata Annapurna, Dry Fruits, Bhasma, Sandalwood, Raksha Sutra and Mishri packets etc. will be included.

Senior Superintendent Post Offices, Varanasi East Division Mr. Sumit Kumar Gatt told that Prasad can also be obtained from the counter of Varanasi City Post Office for just ₹ 201. 



Saturday, July 24, 2021

डाक विभाग की पहल : सावन में घर बैठे स्पीड पोस्ट से मंगायें श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद

पवित्र श्रावण मास में भगवान शंकर की पूजा और उनके प्रसाद की बड़ी महिमा है। अक्सर लोगों की इच्छा होती है कि काश घर बैठे ही उन्हें बाबा भोलेनाथ का प्रसाद मिल सके। ऐसे में लोगों को अब निराश नहीं होना पड़ेगा। अब वे घर बैठे स्पीड पोस्ट द्वारा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद प्राप्त कर सकेंगे। उक्त जानकारी वाराणसी  परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। 

इस संबंध में जानकारी देते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक विभाग और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के बीच हुये एक एग्रीमेण्ट के तहत नए स्वरूप में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद स्पीड पोस्ट सेवा द्वारा लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके तहत अपने नजदीकी डाकघर से मात्र ₹ 251 का ई-मनीआर्डर प्रवर  अधीक्षक डाकघर, वाराणसी (पूर्वी) मंडल के नाम भेजना होगा। ई-मनीऑर्डर प्राप्त होते ही डाक विभाग द्वारा तत्काल दिए गए पते पर प्रसाद भेज दिया जाएगा। डिब्बा बंद प्रसाद टेंपर प्रूफ इनवेलप में होगा। इससे किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। 



श्री काशी विश्वनाथ प्रसाद में शामिल होंगी ये वस्तुएं-

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि प्रसाद में श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की छवि, महामृत्युंजय यंत्र, श्री शिव चालीसा, 108 दाने की रुद्राक्ष की माला, बाबा को चढ़ा बेलपत्र, माता अन्नपूर्णा से भिक्षाटन करते भोले बाबा की छवि अंकित सिक्का, मेवा, भस्म, चंदन, रक्षा सूत्र एवं मिश्री का पैकेट इत्यादि शामिल होंगे। 

प्रवर अधीक्षक डाकघर, वाराणसी पूर्वी मंडल सुमीत कुमार गाट ने बताया कि वाराणसी में स्थानीय तौर पर श्री काशी विश्वनाथ प्रसाद मात्र ₹ 201 में वाराणसी सिटी डाकघर के काउंटर से भी प्राप्त किया जा सकता है। 







डाक विभाग की पहल :  सावन में घर बैठे स्पीड पोस्ट से मंगायें श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद

मात्र ₹ 251 में घर बैठे स्पीड पोस्ट से मिलेगा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव



Thursday, July 22, 2021

Postmaster General Krishna Kumar Yadav released waterproof designer Rakhi envelopes for sale from Post Offices

RakshaBandhan festival, a symbol of brother-sister love in the midst of Corona pandemic, will be celebrated on 22nd August and for this, the Postal Department has already started preparations. Postmaster General of Varanasi Region, Mr. Krishna Kumar Yadav released special colourful designer waterproof Rakhi envelopes in a function at Cantt Head Post Office. These envelopes will now be available for sale in Post Offices of Varanasi Region.

Postmaster General Mr. Krishna Kumar Yadav said that these designer Rakhi envelopes are waterproof and strong from the point of view of security, even in rainy season the Rakhi sent by sisters can reach the distant brothers safely. The value of these Rakhi envelopes of size 11 cm X 22 cm is only ten rupees which is in addition to postage charges. Rakhi envelope is written in english with logo of India Post and design of Rakshabandhan on the upper left side of the waterproof envelope and 'Happy Rakhi' written on the lower right side. Postmaster General Mr. Krishna Kumar Yadav said that being colourful and designer, it would be convenient to differentiate them from other mails result in saving time and also in getting them delivered before the festival.

Assistant Director Shri Sanjay Verma informed that Rakhi envelopes are being sent for sale to all Head Post Offices in Varanasi Region, from where Superintendent of Post Offices can make it available for sale in other Post Offices as well. Rashmi Srivastava, who came to the Varanasi Cantt Head Post Office to buy envelopes, said that her brothers are working in distant cities and during the pandemic period of COVID 19, she will now be sure of sending Rakhi by the Postal Department through this designer envelope.



Postmaster General Krishna Kumar Yadav released waterproof designer Rakhi envelopes for sale from Post Offices

Water proof Designer Envelopes for sending Rakhi by Postal Department, cost only ₹ 10

During the corona pandemic, Postal Department eased the difficulties of the sisters, now send Rakhi in a waterproof designer envelope

Wednesday, July 21, 2021

पहल : डाक विभाग द्वारा राखी भेजने हेतु वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे, मूल्य मात्र ₹10

कोरोना संक्रमण के बीच भाई-बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व 22 अगस्त को मनाया जायेगा और इसके लिए डाक विभाग ने अभी से तैयारियाँ आरंभ कर दी हैं। इसी क्रम में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने विशेष रुप से निर्मित रंगीन डिजाइनर वाटरप्रूफ राखी लिफाफे कैंट प्रधान डाकघर में आयोजित एक कार्यक्रम में जारी किए। अब वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों में बिक्री के लिए ये उपलब्ध होंगे।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि ये डिजानइर राखी लिफाफे वाटर प्रूफ तथा सुरक्षा की दृष्टि से मजबूत हैं, जिससे बारिश के मौसम में भी बहनों द्वारा भेजी गई राखियाँ सुदूर रहने वाले भाइयों तक सुरक्षित पहुँच सकें। 11 सेमी X 22 से.मी. आकार के इन राखी लिफाफों का मूल्य दस रुपया मात्र है जो डाक शुल्क के अतिरिक्त है। वाटरप्रूफ लिफाफे के बाएं हिस्से के ऊपरी भाग में भारतीय डाक के लोगो और रक्षाबंधन की डिजाइन के साथ अंग्रेजी में राखी लिफाफा और नीचे दाहिने तरफ 'हैप्पी राखी'  लिखा गया है। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा  कि रंगीन और डिजाइनदार होने की वजह से इन्हें अन्य डाक से अलग करने में समय की बचत और रक्षाबन्धन पर्व के पूर्व वितरण कराने में भी सहूलियत  होगी।  

सहायक निदेशक श्री संजय वर्मा ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र में सभी प्रधान डाकघरों को बिक्री के लिए राखी लिफाफे भिजवाए जा रहे हैं, जहाँ से डाक अधीक्षक आवश्यकतानुसार इसे अन्य डाकघरों में भी बिक्री के लिए उपलब्ध कराएंगे। कैंट प्रधान डाकघर में लिफाफे खरीदने आई रश्मि श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड 19 के संक्रमण दौर में दूर शहर में नौकरी करने वाले अपने भाईयों को अब इस डिजाइनर लिफाफे के माध्यम से डाक विभाग द्वारा राखी भेजकर निश्चिन्त हो सकेंगी।












पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने जारी किए वाटरप्रूफ डिजायनर राखी लिफाफे,  डाकघरों से शुरू होगी बिक्री

पहल : डाक विभाग द्वारा राखी भेजने हेतु वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे, मूल्य मात्र ₹10

कोरोना संक्रमण के दौर में डाक विभाग ने आसान की बहनों की मुश्किलें, अब वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे में भेजें राखी 


Department of Posts providing digital & paperless banking facility from doorstep to farms through IPPB - Postmaster General Krishna Kumar Yadav

डाक विभाग द्वारा वाराणसी परिक्षेत्र में विशेष अभियान चलाकर एक ही दिन में 20 जुलाई को साढ़े आठ हजार से ज्यादा लोगों के इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक खाते खुलवाए गए। देर रात्रि तक चले इस अभियान में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देते हुए मात्र आधार व मोबाईल नम्बर द्वारा ये पेपरलेस खाते खोले गए। उक्त जानकारी वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। वाराणसी परिक्षेत्र में अब तक 3.94 लाख लोग इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक खाता खुलवाकर घर बैठे इसकी सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान भी इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से लगभग 25 हजार लोगों ने आईपीपीबी खाते खुलवाए।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंटस बैंक के माध्यम से हर किसी के लिए घर से लेकर खेतों तक  सहजता से डिजिटल और पेपरलेस बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सब्जी, चाय, जनरल स्टोर की दुकान वालों से लेकर खेतों में धान की रोपाई कर रहे लोगों का भी डाकियों और ग्रामीण डाक सेवक ने खाता खोला और उन्हें डिजिटल बैंकिंग से परिचित कराया। आम जन के साथ-साथ वृद्धजनों, दिव्यांगों, बीमार व्यक्तियों से लेकर महिलाओं, किसानों, श्रमिकों  तक को डाक विभाग की इस पहल से घर बैठे डीबीटी राशि प्राप्त करने जैसी तमाम सुविधाएँ मिल रही हैं। इस खाते के माध्यम से मोबाईल व डीटीएच रिचार्ज, बिजली व पानी बिल भुगतान जैसी तमाम सुविधाएँ भी मिलेंगी। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि जहाँ कोई नहीं पहुँचता, वहाँ डाकिया पहुँच रहा है। अब डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक चलते- फिरते बैंक बन गए हैं। आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम द्वारा अन्य बैंकों में प्राप्त डीबीटी राशि या जमा राशि का भी डाकिया द्वारा लोगों को माइक्रो एटीएम से भुगतान किया जा रहा है।




घर से लेकर खेतों तक आईपीपीबी के माध्यम से  डिजिटल व पेपरलेस बैंकिंग की सुविधा दे रहा डाक विभाग - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

पहल :  वाराणसी परिक्षेत्र में खुले एक दिन में  साढ़े आठ हजार से ज्यादा इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक खाते, आधार व मोबाइल नंबर से घर बैठे डाक विभाग खोल रहा पेपरलेस खाते

खेतों में भी डाक विभाग ने पहुंचाई डिजिटल बैंकिंग, धान रोपाई कर रहे लोगों का खुलवाया आईपीपीबी खाता


Department of Posts opened India 8,500 India Post Payments Bank in a single day on 20th July by running a special campaign in Varanasi Region. In this campaign that lasted till late night,  paperless accounts were opened only by Aadhaar and mobile number, promoting the ambitious plan of digital banking and financial inclusion of Prime Minister Mr. Narendra Modi. The above information was given by Mr. Krishna Kumar Yadav, Postmaster General of Varanasi Region. So far, 3.94 lakh people in Varanasi Region are availing its services at doorstep by opening India Post Payments Bank accounts. In this financial year during the Corona pandemic, about 25,000 people opened IPPB accounts.

Postmaster General Mr. Krishna Kumar Yadav told that through India Post Payments Bank, digital and paperless banking facility is being made available to everyone from home to farms with ease. Postmen and Gramin Dak Sevaks opened accounts of various categories including vegetable seller, tea seller, general store shops to farmers planting paddy in the fields and introduced them to digital banking. Due to it's door step service, old aged people, Divyang, sick persons, women, farmers, labourers are availing all the facilities like getting DBT amount doorstep with this initiative of the Department of Posts. Through this account, all the facilities like mobile and DTH recharge, electricity and water bill payment is being also  available. 

Postmaster General Mr. Krishna Kumar Yadav said that where no other service providers reach, the postman is reaching there. Now postmen and Gramin Dak Sevaks have become mobile banks. Through Aadhar Enabled Payment System, DBT or deposits amount of other banks are also being paid by the postman to the people through micro ATMs.

Department of Posts providing digital & paperless banking facility from doorstep to farms through IPPB - Postmaster General Krishna Kumar Yadav 

Postal Department opened 8500 IPPB Accounts in a day in Varanasi Region, promoting Digital banking in rural areas

Department of Posts reaching to farmers, IPPB account opened for people transplanting paddy