एक गांव में एक स्त्री थी। उसके पति आई टी आई मे कार्यरत थे । वह अपने पति को पत्र लिखना चाहती थी, पर अल्पशिक्षित होने के कारण उसे यह पता नहीं था कि पूर्णविराम कहाँ लगेगा । इसीलिये उसका जहाँ मन करता था वहीं पूर्णविराम लगा देती थी। आखिरकार उसने चिट्टी इस प्रकार लिखी की उसका मजमून ही बदल गया. आप भी गौर करें और आनंद लें-
मेरे प्यारे जीवनसाथी मेरा प्रणाम आपके चरणों में । आप ने अभी तक चिट्टी नहीं लिखी मेरी सहेली कॊ । नौकरी मिल गयी है हमारी गाय को । बछडा दिया है दादाजी ने । शराब की लत लगा ली है मैंने । तुमको बहुत खत लिखे पर तुम नहीं आये कुत्ते के बच्चे । भेड़िया खा गया दो महीने का राशन । छुट्टी पर आते समय ले आना एक खूबसूरत औरत । मेरी सहेली बन गई है । और इस समय टीवी पर गाना गा रही है हमारी बकरी । बेच दी गयी है तुम्हारी माँ । तुमको बहुत याद कर रही है एक पड़ोसन । हमें बहुत तंग करती है तुम्हारी बहन । सिर दर्द मे लेटी है तुम्हरी पत्नी।
Saturday, March 21, 2009
Tuesday, March 10, 2009
डाकघरों से सोने के सिक्कों की बिक्री
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj3Z07_rqlLGlwqMqmypdixY9MAjpodZb1e4k5sUpU-JbmPkkBQQcrrl1A-zHJQRyCRMckWHi-HHVLNvJzGTnP3OaFfQFGzYkw95OadbSxixgaLKJSiyeK_42zewnhMBGMSNgF_G0QiT38/s320/GOLD4.jpg)
सोने के ये सिक्के 0.5, 1, 5, 8 ग्राम की टेम्पर प्रूफ पैकिंग में बिक्री हेतु उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इनकी बिक्री बाजार द्वारा निर्धारित मूल्य से ही निर्धारित होगी। सील्ड कवर में पैक किये गये ये सिक्के वल्काम्बी (Valcambi) स्विटजरलैण्ड द्वारा निर्मित हैं एवं 24 कैरेट के साथ इनकी शुद्धता 99.99 प्रतिशत स्विस सर्टिफिकेशन द्वारा प्रमाणित है। इसके साथ ही डाक विभाग की विभिन्न योजनाओं में निवेश करने के साथ-साथ अब लोगों को डाकघरों में जाकर सोने में निवेश करने का मौका भी मिलेगा। फिलहाल डाकघर से सोने की इस खरीद पर ग्राहकों को 8 अप्रैल तक 5 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।.......... है न आकर्षक योजना।
(http://pib.nic.in/release/release.asp?relid=46556)
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डाकघरों में सोने के सिक्के
Sunday, March 8, 2009
अमेरिकी राष्ट्रपति को रोज मिलते हैं 40,000 पत्र
कौन कहता है कि लोग अब पत्र नहीं लिखते। दुनिया की मशहूर हस्तियांँ इस बात की गवाह हैं कि लोगों में अभी भी पत्र लिखने का क्रेज कायम है। नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को प्रतिदिन करीब 40,000 पत्र मिलते हैं। हालांकि वह इनमें से केवल 10 का ही जवाब दे पाते हैं। यह आंकड़ा खुद राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सार्वजनिक किया। उन्होंने व्हाइट हाउस में बुलाए गए हेल्थ सेमिनार के समापन समारोह में इस बात का खुलासा किया। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि मुझे हर दिन 40,000 पत्र मिलते हैं। यद्यपि मैं सभी 40,000 पत्र तो नहीं पढ़ पाता लेकिन मेरा स्टाफ हर दिन 10 पत्रों को चुनता है जो कि मैं पढ़ता हूँ और इनमें से अधिकतर का जवाब देने की हरसंभव कोशिश करता हूँ। राष्ट्रपति बराक ओबामा का मानना है कि यह जनता से संपर्क में रहने का एक नायाब तरीका है।
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दूर देश से,
पत्रों की दुनिया
Monday, March 2, 2009
1897 में गठित हुयी फिलेटलिक सोसाइटी ऑफ़ इंडिया
भारत में प्रथम स्टैम्प सोसाइटी, फिलेटलिक सोसाइटी ऑफ़ बंगाल थी। 1894 में स्थापित इस सोसाइटी के प्रथम अध्यक्ष जी0जे0 हिन्स, उपमहानिदेशक डाक विभाग थे। फिलेटलिक सोसाइटी आफ इंडिया का गठन 6 मार्च 1897 में हुआ था और फिलेटलिक सोसाइटी ऑफ़ बंगाल के तत्कालीन अध्यक्ष सी0 इस्टीवर्ट विल्सन ही इसके प्रथम अध्यक्ष बने। आरम्भ में इस सोसाइटी में 6 महिलाओं सहित कुल 60 सदस्य थे और सभी ब्रिटिश थे। 1897 में ही प्रथम भारतीय सी0के0 दत्त इस सोसाइटी के सदस्य बने। 1906 का वर्ष सोसाइटी हेतु महत्वपूर्ण रहा, जब प्रिन्स आफ वेल्स जार्ज पंचम ने कलकत्ता में स्वयं सदस्यों के डाक टिकटों का संग्रह व्यक्तिगत रूप से देखा। इस दौरान एक सदस्य ए0सी0 राइट ने जार्ज पंचम को ‘सिन्दे डाक' भी सौपा। सोसाइटी ने 1977 में अपना एक शताब्दी का सफर पूरा किया और इस दौरान डाक विभाग द्वारा इस पर दो डाक टिकटों का सेट भी जारी किया . इसके वर्तमान अध्यक्ष श्री दिलीप शाह हैं।
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फिलेटलिक सोसाइटी ऑफ़ इंडिया
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