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Friday, December 14, 2018

भारतीय डाक विभाग के ई-कॉमर्स पोर्टल का शुभारंभ

भारतीय डाक विभाग ने ग्रामीण कारीगरों और ऑनलाइन रिटेलरों को डाक विभाग के ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिए अपने उत्पाद बेचने के लिए शुरूआत से अंत तक सहायता प्रदान करने हेतु नये ई-मार्केट क्षेत्र में कदम रखा है। संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्हा ने 14 दिसंबर, 2018 को एक कार्यक्रम में  डाक विभाग के ई-कॉमर्स पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पोर्टल विक्रेताओं विशेषकर ग्रामीण कारीगरों/स्व-सहायता समूहों/ महिला उद्यमियों/राज्य और केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/स्वायत निकायों आदि को अपने उत्पाद देश भर में बेचने के लिए एक ई-मार्केट प्लेस उपलब्ध कराएगा। छोटे और स्थानीय विक्रेता, जो ई-कॉमर्स के क्षेत्र में पीछे छूट चुके हैं, डाक विभाग के विशाल वास्‍तविक और आईटी नेटवर्क का लाभ उठाते हुए अब अपनी पहुंच और खुदरा ताकत को अधिकतम बना पाने में समर्थ हो सकेंगे। खरीददार विक्रेताओं द्वारा पोर्टल पर प्रदर्शित किए गए उत्पादों तक पहुंच कायम कर सकेंगे और डिजिटल भुगतान के जरिए ऑर्डर कर सकेंगे। उत्पादों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजा जाएगा। 

श्री सिन्हा ने इस अवसर पर नये सिरे से तैयार की गई भारतीय डाक की वेबसाइट को भी लांच किया। ये नई वेबसाइट विभाग की डिजिटल पहुंच बढ़ाने की दिशा में उठाया गया कदम है।  श्री सिन्हा ने कहा, “ये कदम शासन को नागरिकों की दहलीज तक पहुंचाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन को ध्यान में रखते हुए उठाए जा रहे हैं।”

श्री सिन्हा ने पोस्ट ऑफिस सेविंग बैंक (पीओएसबी) ग्राहकों के लिए इंटरनेट बैंकिंग सुविधा की भी शुरूआत की, जो कोर बैंकिंग सॉल्युशन (सीबीएस) के अंतर्गत आती है। अब लगभग 17 करोड़ पीओएसबी खाते अंतर-संचालित होंगे और ग्राहक अपनी रकम ऑनलाइन डाकघर के आरडी और पीपीएफ खातों में जमा करा सकेंगे। इस सुविधा से ग्राहकों को डाकघर जाए बिना ही लेन-देन करने में सहायता मिलेगी।

टिकट संग्रह को शिक्षा प्रणाली की मुख्यधारा में लाने और प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 2017 में डाक विभाग ने स्कूली छात्रों के लिए दीन दयाल स्पर्श (अर्थात् स्कॉलरशिप फॉर प्रमोशन ऑफ एप्टीट्यूड एंड रिसर्च इन स्टैम्प्स ऐज ए हॉबी) छात्रवृत्ति कार्यक्रम की शुरूआत की थी। इस योजना ने देश भर के बच्चों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया। यह इसी बात से  जाहिर होता है कि 2017-18 में 20,652 बच्चों ने इसमें भाग लिया था, जबकि 2018-19 में इसमें भाग लेने वाले बच्चों की संख्या लगभग 4 गुना बढ़कर 74,555 तक पहुंच गई। इनमें से 920 छात्रों को सालाना 6000/- रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए चुना गया है। श्री सिन्हा ने दिल्ली सर्किल से चुने गए बच्चों को छात्रवृत्तियां प्रदान कीं और तमिलनाडु, बिहार और आंध्र प्रदेश डाक सर्किल के चुने गए बच्चों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात की।

श्री सिन्हा ने ग्रामीण डाक सेवकों और विभाग के कर्मचारियों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए 8 श्रेणियों में मेघदूत पुरस्कार प्रदान किए। मेघदूत पुरस्कार 2011 के बाद फिर से शुरू किए गए हैं। यह कदम श्री मनोज सिन्हा के मार्गदर्शन के तहत उठाया गया है। पुरस्कार पाने वाले आठों विजेताओं में से प्रत्येक को 21,000/- रुपये नकद,  स्वर्ण पदक और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

Friday, November 24, 2017

डाक-टिकटों के प्रति अभिरूचि व शोध कार्य हेतु "दीन दयाल स्पर्श योजना" छात्रवृत्ति देगा डाक विभाग

डाक टिकटों के संग्रह और उनके अध्ययन (फिलेटली) के प्रति स्कूली विद्यार्थियों में अभिरुचि पैदा करने तथा इस क्षेत्र में शोध के प्रचार-प्रसार हेतु डाक विभाग ने "दीन दयाल स्पर्श योजना" नामक छात्रवृत्ति  योजना आरंभ की है। इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि कक्षा 6 से 9 तक के बच्चों के लिए आरम्भ इस योजना में  उन मेधावी छात्रों को  6000/- रूपये वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान करने का प्रस्ताव है, जिनका शैक्षणिक  रिकार्ड अच्छा है और जिन्होंने शौक के तौर पर फिलैटली को अपनाया है।  

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इसके तहत अखिल भारतीय स्तर पर विद्यार्थियों को 920 छात्रवृत्तियाँ प्रदान की जाएंगी और प्रत्येक डाक परिमंडल कक्षा 6, 7, 8, और 9 के 10-10 विद्यार्थियों को, अधिकतम 40 छात्रवृत्तियाँ  प्रदान करेगा। छात्रवृत्ति  की राशि, 500/- रूपये प्रतिमाह की दर से 6000/- रूपये प्रतिवर्ष होगी, जो कि  तिमाही आधार पर देय  होगी। डाक निदेशक श्री यादव ने कहा कि छात्रवृत्ति की अहर्ता हेतु भारत में मान्यता प्राप्त विद्यालय का विद्यार्थी होना चाहिए। संबंधित विद्यालय का फिलैटली क्लब होना चाहिए और उम्मीदवार क्लब का सदस्य होना चाहिए। यदि विद्यालय में फिलैटली क्लब नहीं है, तो उस विद्यालय के ऐसे विद्यार्थी जिसका अपना फिलैटली जमा खाता है, के नाम पर भी विचार किया जा सकता है। छात्रवृत्ति देने लिए चयन करते समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि उम्मीदवार ने विगत अंतिम परीक्षा में कम से कम 60 प्रतिशत अंक अथवा समकक्ष ग्रेड/ग्रेड प्वांइट प्राप्त किए हों। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए 5 प्रतिशत की छूट होगी। 

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि छात्रवृत्ति हेतु चयन विद्यार्थियों  द्वारा फिलैटली संबंधी प्रोजेक्ट कार्य के मूल्यांकन अथवा परिमण्डलों द्वारा आयोजित फिलैटली क्विज में प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए  परिमंडल स्तर पर डाक अधिकारी और प्रतिष्ठित फिलैटलीविदों की एक  समिति भी गठित की जाएगी। चयनित विद्यार्थियों को, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक अथवा डाकघर बचत बैंक की कोर बैंकिंग सुविधा वाली शाखा में, अपने अभिभावकों के साथ एक संयुक्त खाता खुलवाना होगा।

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इस छात्रवृत्ति का उद्देश्य बच्चों  में छोटी आयु से ही फिलैटली के शौक को इस प्रकार बढ़ावा देना है, ताकि यह रूचिकर कार्य, उन्हें सुकून भरा अनुभव और तनाव-मुक्त जीवन प्रदान करने के साथ-साथ उनके लिए शिक्षाप्रद भी सिद्ध हो।