चुनावों के साथ ही डाक मत पत्र की चर्चा भी आरम्भ हो जाती है। लोकतांत्रिक निर्वाचन व्यवस्था में यह एक ऐसी प्रणाली है जिसके माध्यम से मतदाता मतदान केन्द्र पर व्यक्तिशः उपस्थित न होते हुए भी अपना वोट डाल पाता है। दुनिया के कई देशों ने इसको लागू कर रखा है। इस व्यवस्था में सामान्यतया मतदाता के अनुरोध पर बैलट पेपर को उसके पास डाक द्वारा भेजा जाता है। ठप्पा लगाने के बाद मतदाता द्वारा फिर उसे वापस भेजना होता है। पहचान के लिए कुछ सत्यापन प्रक्रियाएं भी आवश्यक होती है। भारत में डाक मत पत्र की व्यवस्था केवल सीमित रूप से ही लागू है। यह सबके लिए नहीं है।
हाल ही में लंबे समय से लंबित मांग को स्वीकार करते हुए सरकार ने चुनाव नियमों में संशोधन किया है. इसके बाद सशस्त्र बल कर्मी और डाक मतपत्र के इस्तेमाल के लिए योग्य अन्य मतदाता, इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के जरिए डाक मतपत्र प्राप्त कर सकेंगे. जिससे बेशकीमती समय की बचत हो सकेगी.इसका मतलब है कि सशस्त्र बल कर्मी और डाक मतपत्र के लिये अधिकृत अन्य मतदाता अब इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजे गए सादा डाक मतपत्र को डाउनलोड कर सकते हैं. अपनी पसंद को बताकर भरा हुआ मतपत्र अपने संबद्ध निर्वाचन अधिकारियों को भेज सकते हैं.
वस्तुत: यह डाक सेवाओं द्वारा मतपत्र को दोतरफा भेजने की मौजूदा व्यवस्था में अनुभव किए जाने वाले विलंब को कम करने के लिए किया गया है, पर चुनाव आयोग ने सुरक्षा और गोपनीयता की वजहों से दोतरफा इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन की सिफारिश नहीं की है. इससे दूरस्थ और सीमावर्ती क्षेत्रों में काम करने वाले सशस्त्र बल कर्मियों को इससे काफी लाभ होगा. क्योंकि, डाक सेवाओं के जरिए मत पत्रों को दो तरफा भेजने की मौजूदा व्यवस्था सशस्त्र बलों में कार्यरत मतदाताओं की अपेक्षाओं को पूरा करने में सक्षम नहीं हो सकी है.
एक सूत्र ने बताया कि सरकार ने 21 अक्तूबर को अधिसूचना जारी की है, जिसमें चुनाव संचालन नियम, 1961 की नियम संख्या 23 में संशोधन किया गया है. इसके जरिए सशस्त्र बल में काम करने वाले मतदाताओं और अन्य को ई-डाक मतपत्र के जरिए चुनावों में अपना वोट डालने में सक्षम बनाया गया है.यह मुद्दा उच्चतम न्यायालय के समक्ष आया था जहां यह दलील दी गई थी कि सशस्त्र बल कर्मियों और उनके परिजनों के आसानी और प्रभावी तरीके से अपने मतदान के अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए कारगर तंत्र बनाया जाए. सरकार ने चुनाव आयोग से संपर्क कर इस बारे में बात की थी.
सरकार ने अपने मताधिकार का प्रयोग करने के दौरान सशस्त्र बलों में काम करने वाले मतदाताओं के समक्ष पेश आने वाली कठिनाइयों को कम करने में मदद करने का आग्रह किया था. चुनाव आयोग की तकनीकी टीम ने एक व्यवस्था विकसित की है जिसके जरिए मतदाता को सादा मत पत्र इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजा जा सकता है.
डाक मतपत्र के हकदार मतदाता यथा सशस्त्र बलों में काम करने वाले मतदाता डाक मतपत्र को डाउनलोड करके और सादा डाक मतपत्र का प्रिंट ले सकते हैं. सादा मतपत्र पर अपना वोट देने के बाद वह जैसे मौजूदा डाक मतपत्र प्रणाली के तहत संबद्ध निर्वाचन पदाधिकारी को डाक से मतपत्र भेजते हैं उसी तरह वह उसे भी भेज सकते हैं.
आयोग ने प्रस्ताव दिया था कि अधिक श्रेणियों के मतदाताओं को ई-डाक मतपत्र प्रणाली के योग्य बनाया जाए. हालांकि, प्रायोगिक आधार पर ई-डाक मतपत्र प्रणाली को सुरक्षा बलों में काम करने वाले मतदाताओं और केंद्र सरकार के सशस्त्र पुलिस बलों, सैन्य अधिनियम के प्रावधानों के तहत अन्य बलों, राज्य के बाहर काम कर रहे राज्य के सशस्त्र बलों और भारत के बाहर तैनात भारत सरकार के कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया है.
सूत्रों ने कहा कि एकतरफा सादा मतपत्र को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजने से काफी लाभ होगा. मतदान के बाद डाक मतपत्र को निर्वाचन अधिकारियों को मतगणना की तारीख से पहले या उस दिन तक मिलने में लगने वाले समय को कम किया जा सकेगा.
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