Sunday, February 12, 2017

रूप रजत विहार, मारवाड़ वार्षिकोत्सव महोत्सव के अवसर पर डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने जारी किया विशेष आवरण

भारतीय डाक विभाग के राजस्थान परिमंडल  ने रूप रजत विहार “कांठा प्रांत का गौरव”, वार्षिकोत्सव महोत्सव के अवसर पर विशेष आवरण व विरूपण जारी किया। राजस्थान पश्चिमी, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने  मारवाड़ जंक्शन, पाली में 11 फरवरी, 2017 को आयोजित  एक कार्यक्रम में लोकमान्य संत शेरे राजस्थान वरिष्ठ प्रवर्तक पूज्य गुरुदेव श्री रुपचन्द जी महाराजा साहेब ‘रजत’ की गौरवमयी उपस्थिति में उक्त विशेष आवरण व विरूपण जारी किया। 


इस अवसर पर अपने संबोधन में राजस्थान पश्चिमी, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि भारत वर्ष में ऋषियों-मुनियों की एक लंबी और समृद्ध परंपरा रही है। प्राचीन काल से ही इन लोगों ने अपने विचारों और कर्मों से समाज को नई राह दिखाई। ऐसे ऋषि-मुनि भले ही किसी जाति, धर्म या क्षेत्र विशेष में जन्म लेते हों, पर वक्त के साथ वे इन सबसे ऊपर उठकर पूरे समाज और राष्ट्र के लिए प्रेरणास्प्द बन जाते हैं। श्री यादव ने कहा कि राजस्थान अपनी शौर्य-गाथाओं के साथ-साथ संत परंपराओं के लिए भी जाना जाता है। इन संतों ने देश के विभिन्न हिस्सों का भ्रमण कर समाज की रुढ़िवादी मान्यताओं से परे एक प्रगतिशील समाज के निर्माण में भी अपना बहुमूल्य योगदान दिया। जीवन के यथार्थ से रूबरू होते हुये आध्यात्मिकता के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों से भी जुड़े और जनकल्याण की तमाम गतिविधियों में अपना योगदान दिया। समय-समय पर भारतीय डाक विभाग ने ऐसी तमाम गतिविधियों, उनसे जुड़े विषयों और व्यक्तितवों पर राष्ट्रीय स्तर पर डाक टिकट व प्रथम दिवस आवरण  तो स्थानीय स्तर पर विशेष आवरण जारी करके उनके अवदान को रेखांकित किया है। 
डाक विभाग द्वारा जारी इस विशेष आवरण पर जहाँ रूप रजत विहार के चित्र को प्रदर्शित किया गया है, वहीं इस पर लोकमान्य संत शेरे राजस्थान वरिष्ठ प्रवर्तक पूज्य गुरुदेव श्री रुपचन्द जी महाराजा साहेब ‘रजत’ के चित्र को भी ससम्मान स्थान दिया गया है। इस अवसर पर निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने  श्री रूप मुनि महाराज जी के चित्रों वाली माई-स्टैम्प की शीट भी हवा महल के साथ जारी की। गौरतलब है कि तमाम सम्मानजनक उपाधियों से अलंकृत एवं बहुभाषी पूज्य श्री रूपमुनि जी न सिर्फ बहुआयामी व्यक्तितव के स्वामी हैं, बल्कि आपका कृतित्व भी उतना ही विशाल है। सिर्फ वचनों से ही नहीं, बल्कि कर्मों के धरातल पर भी आपकी तमाम उपलब्धियाँ हैं। जाति-धर्म के बंधनों से परे समाज में सद्भाव कायम करने, शाकाहार की तरफ लोगों को प्रवृत्त करने, मानव मात्र की सेवा के लिए तमाम चिकित्सालयों के निर्माण तो जीवों की सेवा के लिए गौशाला का निर्माण, शिक्षण संस्थानों के निर्माण एवं तमाम बहुपयोगी भवनों के निर्माण में आपकी सदप्रेरणा रही है। गौरतलब  है कि  श्री रूपमुनि जी के गुरु जैन मुनि पूज्य श्री मिश्रीमल जी पर भारतीय डाक विभाग वर्ष 1991 में एक डाक टिकट जारी कर चुका है।

श्री कृष्ण कुमार यादव ने भारतीय डाक विभाग  पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, अपने 162 वर्षों के गौरवशाली सफरनामे में डाक विभाग देश-दुनिया की तमाम महत्वपूर्ण घटनाओं और व्यक्तितवों से रूबरू हुआ है। अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता के तहत डाक विभाग प्रति वर्ष राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय विषयों और व्यक्तितवों पर लगभग 50-60 डाक टिकट, प्रथम दिवस आवरण के साथ जारी करता है। ये डाक टिकट वक्त के साथ दस्तावेज में तब्दील हो जाते हैं और आने वाली पीढ़ियों को अपने इतिहास, परंपराओं, संस्कृति और विरासत से जोड़ने का कार्य करते हैं। इसी कड़ी में स्थानीय और क्षेत्रीय महत्व के विषयों पर विभिन्न डाक परिमंडल, व्यक्तियों और संस्थाओं के आग्रह पर विशेष आवरण और विरूपण जारी करते हैं। स्थानीय स्तर पर फिलेटली को प्रोत्साहित करने और तमाम महत्वपूर्ण गतिविधियों को रेखांकित करने में इन विशेष आवरणों की अहम भूमिका है।

कार्यक्रम में श्री अमरेश मुनि जी निराला ने डाक विभाग की  को सराहते हुए कहा कि वाट्सएप और सोशल मीडिया  दौर में भी हाथ से लिखे पत्रों और डाक टिकटों पर छपी तस्वीरों का अलग ही स्थान  है। 
पूज्य गुरुदेव श्री रुपचन्द जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में जैन मुनियों पर जारी हुए डाक टिकटों को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे उन्हें एक नई प्रतिष्ठा मिलती है। माई स्टैम्प पर अपनी फोटो देखकर उन्होंने डाक विभाग की इस अनूठी पहल की सराहना की। 

इस अवसर पर राजस्थान पश्चिमी, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव को रूप रजत विहार “कांठा प्रांत का गौरव”, वार्षिकोत्सव महोत्सव के अवसर पर सम्मानित भी किया गया। 


इस अवसर पर डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने लोगों से डाक टिकट संग्रह को एक  अभिरुचि के रूप में अपनाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि आपमें से कई लोग डाक टिकटों के संग्रह का शौक रखते होंगे तो कई लोग डाक टिकट पर अपनी फोटो देखने की ख्वाहिश भी। डाक विभाग संग्रह का शौक करने वालों के लिए जहाँ मात्र 200/- में फिलेटली डिपोजिट एकाउंट की सुविधा उपलब्ध कराता है, वहीं “माई स्टैम्प” के तहत अब आपकी तस्वीर भी डाक टिकटों पर स्थान पा सकती है। एक शीट में कुल 12 डाक-टिकटों के साथ फोटो लगाई जा सकती है, जिसकी लागत मात्र 300/- निर्धारित है। पाँच रुपए के इन डाक-टिकट, जिस पर आपकी तस्वीर होगी, वह देशभर में कहीं भी पत्रों पर लगाकर भेजी जा सकती है। इस पर सिर्फ जीवित व्यक्तियों की ही तस्वीर लगाई जा सकती है। श्री यादव ने बताया  कि अब डाक विभाग खूशबूदार माई-स्टैम्प की सीरीज भी जारी करने जा रहा है। लाल गुलाबों वाली इस माई स्टैम्प के लिए मात्र 500/- निर्धारित किए गए हैं। 




Release of Postal Special Cover and Cancellation on Roop Rajath Vihar "Kantha Pranth ka gaurav", anniversary celebration ceremony at Marwad Junction, Pali (Rajasthan) by Shri Krishna Kumar Yadav, Director Postal Services, Rajasthan Westen Region, Jodhpur in the gracious presence of Poojya Gurudev Lokmanya Santh Shree Roopchand Ji Maharaj on 11th February, 2017.



रूप रजत विहार “कांठा प्रांत का गौरव”, वार्षिकोत्सव महोत्सव के अवसर पर मारवाड़ जंक्शन, पाली में लोकमान्य संत शेरे राजस्थान वरिष्ठ प्रवर्तक पूज्य गुरुदेव श्री रुपचन्द जी महाराजा साहेब ‘रजत’ की गौरवमयी उपस्थिति में विशेष आवरण व विरूपण जारी करते हुए श्री कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएं, राजस्थान पश्चिमी, जोधपुर (11 फरवरी, 2017)

No comments: