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इसके तहत राजनैतिक दलों ही नही उत्पादन, निर्माण और सेवा क्षेत्र के निजी या सरकारी संस्थान भी प्रचार के लिए इसका सहारा ले सकते हैं । मसलन किसी कम्पनी को अपने उत्पादों की खासियत उपभोक्ताओं तक पहुंचानी या फिर कोई धार्मिक-समाजिक संस्था अपनी बात लोगों तक पहुँचाना चाहती है तो उसके लिए भी डायरेक्ट पोस्ट सेवा के द्वार खुले है । इसके जरिये पर्चे, प्रचार, साहित्य, अपीलें ही नहीं सीडी, कैसेट और कम्प्यूटर फ्लापी भी मनचाहे क्षेत्रों में लोगों तक पहुँचाने का दायित्व डाक विभाग लेता है. इस सेवा का लाभ लेने से पहले सम्बन्धित संस्थान या व्यक्ति को कुछ शर्तों का पालन सुनिश्चित करना होगा। जैसे कि भेजने वाला निश्चित पते पर सामग्री नही भेज सकता । बस उसे इतनी छूट होगी कि वह क्षेत्र निर्धारित कर दे। वही सामग्री स्वीकार की जायेगी जो इंडियन आफिस एक्ट-1898 और इंडियन पोस्ट आफिस रुल्स 1933 में निषिद्ध नहीं की गयी है । इस सेवा में विभाग एक हजार से कम संख्या में सामग्री स्वीकार नहीं करेगा । एक जिले में अर्थात स्थानीय वितरण कार्य के लिए डेढ रुपये प्रति नग और एनी जगहों के लिए 2 रूपये प्रति 20 ग्राम की दर से शुल्क वसूला जायेगा । 20 ग्राम से अधिक वजन होने पर प्रति 20 ग्राम तक 1 रूपये ज्यादा चार्ज देने होंगें. शर्त यह भी है कि सामग्री का आकार ए-3 से अधिक न हो।
2 comments:
wah , yah to khub majedar rahega.
इलाहाबाद के तमाम अख़बारों में आपके हवाले से यह समाचार पढ़ा था..अनूठी पहल.
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