चिट्ठी, मनीआर्डर के अलावा डाकियों ने अब दाल, चावल, तेल, घी, चीनी और दवाओं समेत करीब ढाई सौ वस्तुओं के भाव की जानकारी करने का काम भी शुरू कर दिया है। ग्रामीण इलाकों से डाकिया द्वारा संकलित इस जानकारी के आधार पर ही उपभोक्ता मूल्य सूचकांक बन रहा है।
डाक विभाग अब राष्ट्रीय स्तर पर सटीक वास्तविक मूल्य सूचकांक तैयार करने में भी सहयोग कर रहा है। केंद्रीय सांख्यिकी संगठन ने इस कार्य के लिए डाक विभाग के देशव्यापी नेटवर्क का इस्तेमाल करने के लिए एक अनुबंध किया है। इसके तहत ग्रामीण इलाकों में डाटा एकत्रीकरण शुरू किया गया है।
इस संबंध में निदेशक डाक सेवाएं, कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के तहत ग्रामीण क्षेत्र में डाक कर्मियों के माध्यम से दो तरह के सर्वेक्षण कराए जा रहे हैं। पहला, जनवितरण प्रणाली के तहत प्रदान किए जाने वाले चावल, गेहूं, आटा, चीनी और केरोसिन को बीपीएल व अंत्योदय ग्राहकों को दिए जाने वाले मूल्यों का सर्वेक्षण। दूसरा, गांवों में लगने वाली बाजारों व दुकानों पर बिकने वाले सामानों के मूल्यों का सर्वेक्षण। इसमें करीब 248 वस्तुएं शामिल हैं। पूर्व में देश में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक शहर की दुकानों पर बिकने वाले रोजमर्रा के सामानों के आधार पर तैयार किया जाता था। अब गांवों के बाजारों में बिकने वाली रोजमर्रा की वस्तुओं के मूल्यों के बारे में जानकारी एकत्र करने का काम डाकिया कर रहे। इनमें इलाहाबाद के सेवइथ (फाफामऊ), लवायनकला उपरहार (टीएसएल नैनी), कोखराज उपरहार (भरवारी), पनारा गोपालपुर (सरायअकिल) समेत इलाहाबाद परिश्रेत्र में चयनित 20 डाकघरों के माध्यम से यह सर्वेक्षण कराया जा रहा है। डाक कर्मियों द्वारा एकत्रित 31 पृष्ठ के आंकड़ों को केंद्रीय सांख्यिकी संगठन की वेबसाइट पर डाक विभाग द्वारा फीड किया जा रहा है।
साभार : जागरण और प्रेसनोट
डाक विभाग अब राष्ट्रीय स्तर पर सटीक वास्तविक मूल्य सूचकांक तैयार करने में भी सहयोग कर रहा है। केंद्रीय सांख्यिकी संगठन ने इस कार्य के लिए डाक विभाग के देशव्यापी नेटवर्क का इस्तेमाल करने के लिए एक अनुबंध किया है। इसके तहत ग्रामीण इलाकों में डाटा एकत्रीकरण शुरू किया गया है।
इस संबंध में निदेशक डाक सेवाएं, कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के तहत ग्रामीण क्षेत्र में डाक कर्मियों के माध्यम से दो तरह के सर्वेक्षण कराए जा रहे हैं। पहला, जनवितरण प्रणाली के तहत प्रदान किए जाने वाले चावल, गेहूं, आटा, चीनी और केरोसिन को बीपीएल व अंत्योदय ग्राहकों को दिए जाने वाले मूल्यों का सर्वेक्षण। दूसरा, गांवों में लगने वाली बाजारों व दुकानों पर बिकने वाले सामानों के मूल्यों का सर्वेक्षण। इसमें करीब 248 वस्तुएं शामिल हैं। पूर्व में देश में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक शहर की दुकानों पर बिकने वाले रोजमर्रा के सामानों के आधार पर तैयार किया जाता था। अब गांवों के बाजारों में बिकने वाली रोजमर्रा की वस्तुओं के मूल्यों के बारे में जानकारी एकत्र करने का काम डाकिया कर रहे। इनमें इलाहाबाद के सेवइथ (फाफामऊ), लवायनकला उपरहार (टीएसएल नैनी), कोखराज उपरहार (भरवारी), पनारा गोपालपुर (सरायअकिल) समेत इलाहाबाद परिश्रेत्र में चयनित 20 डाकघरों के माध्यम से यह सर्वेक्षण कराया जा रहा है। डाक कर्मियों द्वारा एकत्रित 31 पृष्ठ के आंकड़ों को केंद्रीय सांख्यिकी संगठन की वेबसाइट पर डाक विभाग द्वारा फीड किया जा रहा है।
साभार : जागरण और प्रेसनोट
1 comment:
डाक विभाग के देशव्यापी नेटवर्क का उपयोग तो होना ही चाहिए ..
एक नजर समग्र गत्यात्मक ज्योतिष पर भी डालें
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