Wednesday, January 5, 2011

जंगलों के संरक्षण पर बच्चों ने लिखीं चिठ्ठयां : UPU पत्र लेखन प्रतियोगिता

पोर्ट ब्लेयर। अंडमान निकोबार द्वीप समूह के डाक विभाग ने स्कूली बच्चों के लिए पोर्ट ब्लेयर में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन पत्र लेखन प्रतियोगिता आयोजित की जिसमें बच्चों ने एक दूसरे को इस विषय पर पत्र लिखे कि जंगलों का संरक्षण क्यों जरूरी है। बच्चों की विषय में गहरी दिलचस्पी दिखाई दी। प्रतियोगिता के बाद की उत्साहजनक आपसी बातचीत में बच्चों ने संबंधित विषय पर अपने लेखन की चर्चा की और कहा कि उन्होंने विभिन्न शैलियों में जंगलों को मानव जीवन और पर्यावरण के लिए वरदान और वन्य प्राणियों के लिए उनका घर एवं जीवन जीने का एकमात्र स्रोत लिखा है। प्रतियोगिता में जहां बच्चों की लेखनशैली प्रतिभा सामने आई वहीं उनकी जंगलों वृक्षों और उनके सहारे वन्यजीवन के फलने फूलने की उनकी मार्मिक भावनाओं का अच्छे शब्दों में प्रकटीकरण हुआ।

पोर्ट ब्लेयर के राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 40वीं यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। प्रतियोगिता का शुभारंभ अंडमान निकोबार द्वीप समूह के डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने किया। बच्चों को पत्र लेखन का महत्व समझाकर खूब लिखने की प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा कि पत्र खुशनुमा अहसास के साथ संवेदनाओं को जीवंत रखते हैं। बच्चों को पत्र लेखन का विषय दिया गया था कि 'वे अपने को जंगल का एक पेड़ मानते हुए अपने मित्र को पत्र लिखें कि जंगलों का संरक्षण क्यों जरूरी है।'

कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग की पत्र लेखन की यह अनूठी पहल किशोरों को डाक सेवाओं के स्वर्णिम आयामों से परिचय कराती है। उनका कहना था कि अभी भी पत्र लेखन का काफी महत्व है और इसमें भावनाओं का जिस प्रकार प्रकटीकरण होता है वह संचार के अन्य साधनों में नहीं है। पत्र लेखन सिर्फ एक विधा ही नहीं है बल्कि इसमें रिश्तों की मिठास हो़ती है और पत्रों की भाषा में एक खुशनुमा अहसास होता है जिससे संवेदनाएं जीवंत रहती हैं। यादव ने कहा कि पत्र लेखन सोचने की क्षमता और शब्द ज्ञान में भी वृद्धि करते हैं, ऐसे में युवा पीढ़ी और विद्यार्थियों को इसके लिए इन्हें प्रेरित करना और इनके महत्व पर ध्यान आकृष्ट करना और भी जरूरी है।

यह प्रतियोगिता अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित की गई थी। डाक निदेशक ने बताया कि पत्र-लेखन प्रतियोगिता में शामिल सभी कापियां पहले सर्किल स्तर पर पोर्टब्लेयर के लिए कोलकात्ता में जांची जाएंगीं फिर उनमें से सर्वोत्तम का चयन कर राष्ट्रीय स्तर के लिए डाक निदेशालय दिल्ली भेजी जाएंगीं। राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम, दितीय और तृतीय स्तर के लिए क्रमशः 2000, 1500 और 1000 रूपये का नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिया जायेगा। प्रत्येक डाक परिमंडल के लिए हर सर्वोत्तम पत्र को 250 रूपये का प्रोत्साहन नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा। राष्ट्रीय स्तर पर चयनित सर्वोत्कृष्ट तीन पत्रों को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों हेतु भेजा जायेगा जहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्तर के लिए क्रमशः स्वर्ण, रजत और ताम्र मेडल एवं साथ में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का अधिकारिक डाक टिकटों का एल्बम सम्मान स्वरूप दिया जायेगा।

इस अवसर पर डाक टिकटों का एक काउंटर भी लगाया गया था जहां बच्चों ने रंग-बिरंगे डाक टिकटों का लुत्फ उठाया। बच्चों में डाक टिकटों के प्रति काफी क्रेज दिखा। उन्हें डाक विभाग की फिलेटलिक डिपाजिट खाता स्कीम के बारे में भी बताया गया जिसके अंतर्गत कोई न्यूनतम 200 रूपये में खाता खोलकर हर महीने घर बैठे नई डाक टिकटें और अन्य मदें प्राप्त कर सकता है। फिलेटलिक डिपाजिट खाता खोलने में तमाम बच्चों और उनके अभिवावकों ने रूचि दिखाई और लगभग 50 फिलेटलिक डिपाजिट खाते इस अवसर पर खोले गए। प्रतियोगिता में कुल 28 बच्चों ने भाग लिया। अधिकतर प्रतिभागी कार्मेल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पोर्टब्लेयर, राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, विवेकानंद विद्यालय पोर्टब्लेयर और संत मेरी विद्यालय पोर्टब्लेयर के विद्यार्थी थे।




साभार : स्वतंत्र आवाज़




यहाँ भी देखें- पत्र जीवंत रखते हैं खुशनुमा अहसास और संवेदनाएँ - के.के. यादव (हिंदी मीडिया.इन)




पोर्टब्लेयर में स्कूली बच्चों के लिए 40वीं यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन पत्र लेखन प्रतियोगिता संपन्न (स्वर्ग विभा)




शब्दकारिता

12 comments:

डॉ. मनोज मिश्र said...

बहुत अच्छा प्रयास,आयोजक बधाई के पात्र हैं.

बलराम अग्रवाल said...

गैर-साहित्यिक माहौल में भी साहित्य को तलाश लेने सम्बन्धी आपकी सक्रियता नि:संदेह प्रशंसनीय है।

संजय भास्‍कर said...

बहुत अच्छा आयोजक बधाई के पात्र हैं.

Shah Nawaz said...

वाह!!! बेहतरीन...

R R RAKESH said...

SACHMUCH LIKHNA BAHUT HI KATHIN KARYA HAI.SRI K K YADAV JI PAR HAME GARV HAI.

राज भाटिय़ा said...

बहुत अच्छी जानकारी दी आप ने. धन्यवाद

KK Yadav said...

@ Manoj Ji,
@ Sanjay Ji,
@ Shahnavaj Ji,


Thanks a lot.

KK Yadav said...

@ Balram Ji,

आप लोगों का स्नेह है...

KK Yadav said...

@ Bhatiya Ji,

Thanks a lot.

@ Rajaram,

Its my pleasure..thanks.

Unknown said...

पत्र लेखन सोचने की क्षमता और शब्द ज्ञान में भी वृद्धि करते हैं, ऐसे में युवा पीढ़ी और विद्यार्थियों को इसके लिए इन्हें प्रेरित करना और इनके महत्व पर ध्यान आकृष्ट करना और भी जरूरी है...Sahi kaha KK Ji.

raghav said...

कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग की पत्र लेखन की यह अनूठी पहल किशोरों को डाक सेवाओं के स्वर्णिम आयामों से परिचय कराती है। उनका कहना था कि अभी भी पत्र लेखन का काफी महत्व है और इसमें भावनाओं का जिस प्रकार प्रकटीकरण होता है वह संचार के अन्य साधनों में नहीं है।..100% agree sir.

S R Bharti said...

Rochak jankari
Bahut bahut dhanywaad