Saturday, December 15, 2012

भारतीय डाक विभाग की ऑनलाइन सेवाएँ

जमाना अब काफी हाईटेक हो गया है। हर क्षेत्र में ऑनलाइन सेवाओं की बढ़ोतरी हो रही है। समय एवं धन की बचत के लिए ऑनलाइन सेवाओं पर काफी जोर दिया जा रहा है। इस मामले में भारतीय डाक विभाग भी पीछे नहीं है। ग्राहकों की सहूलियत एवं सेवाओं में पारदर्शिता के मद्देनजर डाक विभाग अपनी अधिकतर सेवाएं ऑनलाइन तरीके से भी उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहा है। गौरतलब है कि दुनिया में सबसे ज्यादा डाकघर भारत में हैं एवं भारतीय डाक विभाग काफी सफलतापूर्वक इसका संचालन भी कर रहा है। आज भी भारत में आधारभूत ढ़ांचों का पूर्ण विकास नहीं हो पाया है एवं देश के दूर-दराज के इलाकों में डाकघर ही लेन-देन जैसे महत्वपूर्ण कार्य को भी अंजाम देता है। इस लेख के जरिए हम डाकघर विभाग द्वारा प्रदान किए जा रहे कुछ महत्वपूर्ण ऑनलाइन सेवाओं की चर्चा कर रहे हैं।
ऑनलाइन मनी ऑर्डर
आम तौर पर मनी ऑर्डर भेजने के लिए आपको डाक घर में जाकर फार्म भरना होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर बैठे-बैठे भी आप मनी ऑर्डर भेज सकते हैं। ग्राहक अब ऑनलाइन तरीके से भी मनी ऑर्डर भेज सकते हैं। आईसीआईसीआई बैंक का स्मार्ट मनी ऑर्डर एक विशेष सेवा है जो ग्राहकों को भारत में कही भी यह सेवा उपलब्ध कराता है। इसके लिए आपको आईसीआईसीआई बैंक का अपना ऑनलाइन एकाउंट नंबर लॉगइन करने की आवश्यता होगी। ग्राहक को रकम एवं प्राप्तकर्ता का पता भी दर्ज कराना होगा। यह रकम भारतीय डाक विभाग द्वारा संबंधित पते पर (जिस पते पर ग्राहक भेजना चाहता है) पहुंचा दिया जाएगा। स्मार्ट मनी ऑर्डर में किसी तरह की कोई रूकावट नहीं है एवं इसे आप अपने गांव, शहर या अपने घर, कहीं से भी (जहां इंटरनेट की सुविधा हो) भेज सकते हैं।

एनआरआई भी उठा सकते हैं लाभ- इस सुविधा का लाभ एनआरआई भी उठा सकते हैं। पर उन्हें इसके लिए इंडिया का स्थानीय पता दर्ज कराना होगा। यह सेवा वर्ष भर चौबीसों घंटे उपलब्ध है। इंडिया पोस्ट इस सेवा के बदले मनी ऑर्डर की राशि का 5 फीसदी कमीशन के रूप में लेता है जबकि आईसीआईसीआई बैंक इस सेवा के बदले 25 रुपये प्रोसेसिंग फीस प्रति मनी ऑर्डर एवं सर्विस टैक्स के रूप में लेता है।

डिलिवरी टाइम-डिलिवरी प्राप्त होने में लगने वाला समय दरअसल डाक विभाग के पोस्टल सर्विस विभाग द्वारा तय होता (आमतौर पर 15 कार्यदिवस) है।

क्या होगा यदि मनी ऑर्डर प्राप्त न हो- मनी ऑर्डर जिस पते पर भेजा गया है एवं जिस व्यक्ति के लिए भेजा गया है यदि वह संबंधित पत पर न मिले तो उस सूरत में पोस्ट मास्टर प्राप्तकर्ता के पते पर मनी ऑर्डर आने का एक नोटिस देता है एवं उसे सात कार्यदिवस में पोस्ट ऑफिस से प्राप्त करना होता है। यदि तय कार्य दिवस में मनी ऑर्डर पोस्ट ऑफिस से प्राप्त नहीं किया तो विभाग इसे भेजने वाले को रिफंड कर देता है।

इंस्टेंट मनी ऑर्डर (आईएमओ)
इंस्टेंट मनी ऑर्डर भारतीय डाक विभाग द्वारा प्रदान किया जाने वाली एक महत्वपूर्ण सेवा है। इंस्टेंट ऑनलाइन मनी ट्रांसफर एक तेज, सुरक्षित एवं विश्वसनीय सर्विस है। आईएमओ, पोस्ट ऑफिस द्वारा शुरू किया गया एक वेब आधारित मनी ट्रांसफर सेवा है। आईएमओ की सुविधा युक्त पोस्ट ऑफिस के जरिए आप 1,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक की रकम ट्रांसफर कर सकते हैं। इस सेवा ने डाक विभाग की कार्य पद्धति में काफी परिवर्तन ला दिया है। इसने मनी ऑर्डर सेवा में आमूल-चूल बदलाव किए हैं।

इस सेवा के लिए एक फार्म भरना होता है। उसके बाद इसे आईएमओ पोस्ट ऑफिस के काउंटर पर जमा कराना होता है एवं काउंटर क्लर्क तुरंत आईएमओ बुक करता है एवं इसका एक प्रिंटेड रसीद ग्राहक को देता है जिसमें एक कम्प्यूटर जनित 16 अंको का गुप्त नंबर दर्ज होता है। इस अंक के बारे में क्लर्क को भी पता नहीं होता। मनी ट्रांसफर करने वाले व्यक्ति के लिए यह जरूरी है कि सुरक्षा मानकों एवं विश्वसनीयता के मद्देनजर इस नंबर को एसएमएस, ई-मेल या फोन के जरिए प्राप्तकर्ता (जिसे पैसे भेजे गए हैं) को बता दे ताकि उसकी सही पहचान की जा सके। क्योंकि इसी नंबर को उसे (प्राप्तकर्ता) पोस्ट ऑफिस में दिखाना पड़ता है।
 
ई-पोस्ट कॉरपोरेट सर्विस
भारतीय डाक विभाग ने ई-पोस्ट कॉरपोरेट सर्विस लांच किया है इसके जरिए कंपनियां पूरे देश में कही भी इंटरनेट के जरिए बिजनेस ईमेल भेज सकती है। इस सेवा का लाभ उठाने के लिए संबंधित कंपनियों को डाक विभाग के साथ एक बिजनेस एकाउंट खुलवाना होता ( इस पर कोई चार्ज नहीं लगता) है एवं इसके बाद कंपनी डाक विभाग को ईमेल भेजेगी। विभाग इस ईमेल का प्रिंट लेकर संबंधित पते पर पहुंचा देगा। डाक विभाग प्रिटिंग, पैकेजिंग, पोस्ट प्रिंटिंग एवं डिलीवरी सभी काम करता है। कंपनी ने इसके लिए दिल्ली एवं कोलकाता में दो प्रिंटिंग सेट अप भी स्थापित किए हैं। कंपनियों को बिजनेस ईमेल से संबंधित सारे डाटा उपलब्ध कराने होंते हैं। इसके बाद डाक विभाग प्रोग्रामिंग एवं लेआउट, प्रिंट, पैकेज एवं डिलीवरी से संबंधित सारे कार्य करता है एवं प्रति पेज के हिसाब से 6 रुपये चार्ज करता है। इस ईमेल सुविधा में क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट, मोबाइल फोन बिल एवं बाजार संबंधित अन्य सूचनाएं भी शामिल हो सकती हैं।

इंटरनेट न होने पर भी ई-पोस्ट सेवा- यदि आप ई-पोस्ट प्रीपेड कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं तो चाहे दोनों पक्ष इंटरनेट के जरिए न भी जुड़ें हो तब भी आप ऑनलाइन तरीके से पत्र भेज सकते हैं। गौरतलब है कि इंडिया पोस्ट ई-पोस्ट सेवा के जरिए ग्राहकों को ऑनलाइन तरीके से भी लेटर भेजने की सेवा उपलब्ध करा रहा है। यह मैसेज पेन ड्राइव में भी दिया जा सकता है। डाक विभाग की ईपोस्ट सेवा देश के बाहर भी अपनी सेवाएं देता है। लेकिन देश के बाहर इस सेवा को डाक विभाग द्वारा सिर्फ इलैक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में भेजा जाता है। इसकी हार्ड कॉपी नहीं भेजी जाती है।

ऑनलाइन भरें आवेदन फॉर्म
डाक विभाग अपने ग्राहकों को ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जमा करने की इजाजत देता है। इस सेवा के जरिए अब अभ्यर्थी पोस्ट ऑफिस के जरिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए संबंधित ग्राहक को प्रति आवेदन के हिसाब से 20 रुपये चुकाना होगा। हालांकि आवेदन की हार्ड कॉपी आवेदक को बाद में रजिस्टर्ड डाक से भी भेजना पड़ता है।

ऑनलाइन जांचें स्पीड पोस्ट

भारतीय डाक विभाग ने स्पीड पोस्ट एवं एक्सप्रेस पार्सल के ऑनलाइन ट्रैकिंग की भी सुविधा दी है। इस सेवा के जरिए ग्राहक यह ट्रैक कर सकते हैं कि उनका पार्सल कहां तक पहुंचा है। इतना ही नहीं आप पार्सल एवं एक्सप्रेस पार्सल कंसाइनमेंट की डेलिवरी रिकार्ड को भी ट्रैक कर सकते हैं।


कौन-कौन सी सुविधाएं होंगी ट्रैक-स्पीड पोस्ट (डॉमेस्टिक ईएमएस), इंटरनेशनल ईएमएस, इलैक्ट्रॉनिक मनी ऑर्डर (ईएमओ), रजिस्टर्ड ईमेल, एक्सप्रेस पार्सल, इलैक्ट्रॉनिक वैल्यू पेबल पार्सल (ईवीपीपी) जैसी सुविधाओं को आप ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।

कैसे करें ट्रैक- ट्रैकिंग नंबर बॉक्स में पोस्टल आर्टिकल नंबर डालें। उसके बाद गो बटन पर क्लिक करें। ध्यान रहे ट्रैकिंग नंबर फॉर्मेट हमेशा 13 अंकों का होता है। कोई जल्दबाजी न करें एवं इन नंबर को सावधानीपूर्वक बॉक्स में डालें।

इस पर रखें ध्यान- यदि पार्सल को ट्रैक करना चाहते हैं एवं आपने इससे संबंधित प्रक्रिया भी अपनाई है पर इससे संबंधित कोई सूचना नहीं मिल रही तो घबराएं नहीं। यह न समझें कि आपका पार्सल भेजा ही नहीं गया है। यह संभव है कि स्कैनिंग में देरी हो रही हो, इसलिए ट्रैकिंग संबंधित सूचना नहीं प्राप्त हो रही हो। ऐसा नहीं है कि पार्सल भेजते ही आपको ट्रैकिंग संबंधित सूचना मिल जाए। इसमें थोडा़ समय लगता है।
 
एनएससी रिटर्न की ऑनलाइन गणना

डाक विभाग ने अपने ग्राहकों को एनएससी स्कीमों में मिलने वाली रिटर्न की गणना के लिए ऑनलाइन कैलकुलेटर की व्यवस्था की है। विभाग ने ऐसा संबंधित स्कीम में पारदर्शिता बरतने के मद्देनजर किया है।


 एसएमएस स्टेटस सेवा

ग्राहकों को बेहतर सेवा उपलब्ध कराने के लिए डाकविभाग ने स्पीड पोस्ट एवं ईएमओ (इलैक्ट्रॉनिक मनी ऑडर्र) के लिए एसएमएस ट्रैकिंग सुविधा लांच की है। इस सुविधा को अन्य डाक सेवाओं पर भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।

इंटरनेट बैंकिंग सुविधा

भारतीय डाक विभाग ग्राहकों के लिए जल्द ही इंटरनेट बैंकिंग सुविधा शुरू करने वाला है। इसके अलावा डाक विभाग एटीएम भी स्थापित करेगा। विभाग अपने ग्राहकों को डेबिट कार्ड भी जारी करने की योजना पर काम कर रहा है। इससे आसान ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में मदद मिलेगी। इंडिया पोस्ट बैंकों से इस संबंध में समझौता करने की कोशिश कर रहा है ताकि उसके डेबिट कार्ड ग्राहकों को कोई परेशानी न हो। डाक विभाग जल्द ही दूर-दराज के इलाकों में अपनी पहुंच का फायदा उठाने के लिए स्वयं का बैंकिंग सेट-अप लगानेे के लिए भी जोर आजमाइश कर रहा है।

ऑनलाइन आरटीआई

डाक विभाग ने ऑनलाइन आरटीआई दायर करने की सुविधा भी दी है। आप चाहें तो घर बैठे-बैठे आरटीआई दायर कर सकते हैं। भारतीय नागरिक के अलावा देश के बाहर यात्रा पर गए लोग या एनआरआई भी दुनिया में कहीं से भी डाक विभाग के माध्यम से आरटीआई दायर कर सकते हैं।

डाक विभाग ने एक पोर्टल लांच किया जिसके जरिए देश के बाहर से भी ऑनलाइन आरटीआई दायर कर सकते हैं। पहले देश के बाहर रह रहे भारतीयों को आरटीआई दाखिल करने में काफी परेशानी होती थी क्योंकि इसके लिए आवश्यक फीस विदेशी करेंसी में कैसे जमा किया जाए इसका कोई स्पष्ट नियम नहीं था। इसलिए पहले ऐसे आवदेकों को भारत में रह रहे सगे -संबंधियों पर निर्भर रहना पड़ता था।

Courtesy : Money Mantra

2 comments:

Amit Kumar Yadav said...

वक़्त के साथ यह बदलाव भी जरुरी था.

Shahroz said...

Nice SErvices, but needs vide publicity also.