दादा-दादी का साथ भला किसे नहीं भाता। उनकी बातें, उनकी कहानियाँ और भी न जाने क्या-क्या। इसे लेकर हर बच्चे की अपनी कल्पनाएँ होती हैं कि दादा-दादी के साथ को कैसे खूबसूरत और यादगार बनाया जाय। और जब मौका इन्हें पेंटिंग के रूप में चित्रित करने का हो तो कैनवास पर कई तरह के रंग उभर कर आते हैं। डाक विभाग द्वारा 16 नवम्बर 2013 को आयोजित “डिजाईन ए स्टाम्प” प्रतियोगिता में ”एक दिन अपने दादा-दादी के साथ” विषय पर बच्चों ने पेंटिंग में ऐसे ही रंग बिखेरे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि आज की पीढी काफी रचनात्मक है और हर जगह अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना चाहती है। शिक्षा के साथ-साथ साहित्य, कला, संस्कृति के तमाम आयामों को भावाभिव्यक्ति देते ये बच्चे ही भविष्य कि सुनहली तकदीर गढेंगे। यही कारण है कि डाक विभाग वर्ष 1998 से यह आयोजन करवा रहा है और इसके माध्यम से बाल दिवस पर जारी होने वाले डाक टिकटों के प्रति बच्चों एवं विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है ।
इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इस प्रतियोगिता में इलाहाबाद परिक्षेत्र में कुल 312 बच्चों ने भाग लिया, जिनमे इलाहाबाद में 23, प्रतापगढ़ में 60, जौनपुर में 68, वाराणसी में 112 व मिर्जापुर में 49 प्रतिभागी बच्चे शामिल हैं। इलाहाबाद में कुल 21 स्कूलों के बच्चों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जिनमे महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर, केंद्रीय विद्यालय न्यू कैंट, सेण्ट मेरी स्कूल, सेंट जोसफ स्कूल, सेंट एंथोनी स्कूल, ब्वायज हाई स्कूल, गर्ल्स हाई स्कूल, टैगोर पब्लिक स्कूल, राजकीय बालिका इंटर कालेज, सेन्ट्रल अकेडमी झूंसी, ज्वाला देवी इंटर कालेज, विष्णु भगवान् पब्लिक स्कूल, वशिष्ट वात्सल्य पब्लिक स्कूल इत्यादि शामिल हैं। सभी विद्यार्थियों को तीन समूहों में विभाजित किया गया - कक्षा 4 तक के विद्यार्थी, कक्षा 5 से कक्षा 8 तक के विद्याथी एवं कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के विद्यार्थी ।
निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इन सभी प्रविष्टियों का मूल्यांकन रीजनल स्तर पर करने के बाद तीनों वर्गों में श्रेष्ठ प्रविष्टि को निदेशालय स्तर पर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल करने हेतु परिमंडलीय कार्यालय लखनऊ भेजा जायेगा और सभी श्रेणियों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्तर पर क्रमशः 10,000, 6,000 एवं 4,000 रुपए के तीन-तीन पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर पर दिये जायेगें । राष्ट्रीय स्तर पर चुनी गयी पुरस्कृत प्रविष्टियों के आधार पर ही अगले वर्ष बाल दिवस पर डाक टिकट, प्रथम दिवस आवरण एवं मिनियेचर शीट इत्यादि का प्रकाशन किया जायेगा। इस अवसर पर स्कूली बच्चों, शिक्षकों व अभिभावकों ने फिलाटेलिक डिपाजिट अकाउंट खोलने में भी रूचि दिखाई जिसके तहत उन्हें हर माह घर बैठे डाक टिकटें प्राप्त हो सकेंगी।