डाकघरों द्वारा गंगाजल की बिक्री को लोगों ने हाथों-हाथ लिया है। यही कारण है कि इनकी डिमांड दिनों-ब-दिन बढ़ती जा रही है। सावन के महीने में तो गंगाजल की बिक्री और भी बढ़ गई है। लोग अपने इलाके के डाकिये से गंगाजल की फरमाइश कर रहे हैं तो कई जगहों पर मंदिरों के सामने डाक विभाग ने विशेष स्टॉल भी लगाए हैं। राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि सिर्फ इस सावन के महीने में अब तक 1,000 लीटर से ज्यादा गंगाजल की बिक्री हो चुकी है।
राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि जोधपुर रीजन में अब तक 3,800 लीटर से ज्यादा गंगाजल की बिक्री की जा चुकी है। इसमें ऋषिकेश का गंगाजल करीब 3,460 लीटर और गंगोत्री का 340 लीटर शामिल है। ऋषिकेश गंगाजल की 200 मिलीलीटर की 5,900 व 500 मिलीलीटर की 4,470 बोतलें, वहीँ गंगोत्री गंगाजल की 200 मिलीलीटर की 223 व 500 मिलीलीटर की 591 बोतलें बिक्री हो चुकी हैं।
डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि गंगा जल का विशेष महत्व है और परिवारों में पूजा-पाठ, अन्य धार्मिक अनुष्ठान, शादी-ब्याह और यहाँ तक कि श्राद्ध के वक्त गंगाजल की जरूरत होती है। ऐसे में प्रधान डाकघरों के माध्यम से 200 और 500 मिलीलीटर में ऋषिकेश से संग्रहित गंगाजल क्रमशः 15 और 22 रूपये में एवं 200 और 500 मिलीलीटर में ही गंगोत्री से संग्रहित गंगाजल क्रमशः 25 और 35 रूपये में उपलब्ध कराया जा रहा है।
श्री यादव ने कहा कि गंगाजल बिक्री से लाभ कमाने का मकसद नहीं है, बल्कि डाक विभाग ने गंगाजल के प्रति लोगों की असीम आस्था एवं विश्वास की पवित्र भावना का सम्मान करते हुए गंगोत्री व ऋषिकेश से संग्रहित गंगाजल को उन तक पहुंचाने का प्रयास है, जिससे कि लोग लाभान्वित हो सकें। श्री यादव ने कहा कि यदि कोई अपने द्वार पर ही गंगाजल मंगाना चाहता है तो वह गंगाजल के मूल्य, पैकेजिंग चार्ज और स्पीड पोस्ट दर का अग्रिम भुगतान कर मँगवा सकता है। ऐसे ग्राहकों को स्पीड पोस्ट से गंगाजल भेज दिया जायेगा।
( सावन माह में शिव मंदिरों के समक्ष गंगाजल की बिक्री हेतु डाक विभाग द्वारा लगाए गए विशेष काउंटर)
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