ममता की प्रतीक मदर टेरेसा के मानवीय सेवा के क्षेत्र में करीब पचास वर्षों के योगदान के लिए उनके सम्मान के तौर पर अमेरिका ने उनकी पुण्यतिथि पर 5 सितम्बर, 2010 को 44 सेंट का एक डाक टिकट जारी किया है। मदर-टेरेसा पर इससे पूर्व भारत सहित तमाम देशों ने डाक -टिकट जारी किये हैं. वाशिंगटन के बेसिलिका में स्थित नेशनल श्राइन आफ द इमेकुलेट कांसेप्शन में एक विशेष समारोह में अमेरिका के डाक विभाग ने यह डाक टिकट जारी किया। इस डाक टिकट में 1979 में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मदर टेरेसा की तस्वीर है और इस चित्र को कोलेरैडो स्प्रिंग निवासी प्रख्यात चित्रकार थामस ब्लैकशियर द्वितीय ने तैयार किया है। गौरतलब है कि पाँच सितंबर 1997 को मदर टेरेसा का कोलकाता में निधन हो गया था। मदर को वर्ष 1996 में अमेरिका की मानद् नागरिकता दी गई थी। डाक टिकट अनावरण कार्यक्रम में ब्लैशियर द्वितीय भी उपस्थित थे।
रोमन कैथोलिक नन मदर ने लगभग 50 वर्ष तक भारत और दुनिया के दूसरे देशों में गरीबों और दुखियारों की सेवा की। अल्बानिया की निवासी मदर टेरेसा ने 1950 में कोलकाता में मिशनरीज़ आफ चैरिटी की स्थापना की। भारत में लंबे समय तक काम करने के बाद वह यहीं की नागरिक हो गई थीं। मदर को जब 1979 में नोबेल पुरस्कार मिला, तो उन्होंने उसे ‘गरीबों, भूखों, बीमारों और अकेलेपन के शिकार’ लोगों के नाम कर दिया। उन्होंने पुरस्कार की राशि को ऐसे ही लोगों के नाम दान कर दिया।
पोस्टमास्टर जनरल जान पाटर ने डाक टिकट जारी करने के बाद कहा “आम तौर पर डाक टिकटों को देश के ‘काॅलिंग कार्ड’ कहा जाता है क्योंकि वे स्थानीय और दूसरे देशों के लोगों तक भी पहुंचते हैं। डाक टिकट जारी होने के समारोह के दौरान यूएस पोस्टल सर्विस के बोर्ड आफ गवर्नर्स के सदस्य जेम्स एच बाइबरी, आर्कबिशप पीटरो सांबी समेत चर्च के कई पदाधिकारी मौजूद थे।
8 comments:
बहुत अच्छी जानकारी मिली...आपका ब्लाग तॆयारी कर रहे बच्चो के लिये अति उपयोगी हॆ..इसी लिये मॆने आप का लिंक अपने ब्लाग पर सेव कर लिया हॆ ताकि मॆ डाक विभाग के नवीनतम बदलाव से अपडेट रह सकू..एक विनती हॆ..हो सके तो डाक का इतिहास अर्थात आपके ब्लाग पर डाक की नवीन ही नही अपितु प्राचीन जानकारी मिल सके तो सोने पर सुहागा होगा.
मॆने कुछ बदलाव किये हॆ..आपको ये बदलाव कॆसे लगे आरकुट पर स्कॆप कर के बताइयेगाwww.ashu2.tk
मदर टेरेसा ने जो कार्य किये हैं, वाकई अतुल्य हैं...उन पर डाक-टिकट जारी होना एक आहुति मात्र है.
यह डाक टिकट तो बहुत प्यारा है...
बहुत अच्छी जानकारी मिली
मदर टेरेसा जी के कार्य वाकई पुण्यदायी हैं...शानदार प्रस्तुति. इसी बहाने हमने भी डाक-टिकट देख लिए.
मदर टेरेसा जी के कार्य वाकई पुण्यदायी हैं...शानदार प्रस्तुति. इसी बहाने हमने भी डाक-टिकट देख लिए.
“आम तौर पर डाक टिकटों को देश के ‘काॅलिंग कार्ड’ कहा जाता है क्योंकि वे स्थानीय और दूसरे देशों के लोगों तक भी पहुंचते हैं।....Thats True.
डाक टिकटों पर किसी को देखना सदैव अच्छा लगता है...अमेरिका का डाक विभाग इसके लिए बधाई का पत्र है.
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