Sunday, December 30, 2012

Instant money order a boon for customers


ALLAHABAD: Gone are the days when you waited anxiously for the postman to arrive with money order. India Post's i-MO is a web-based instant money transfer service offered by India Post to transfer money between two resident individuals within India.
Director postal services, Allahabad region, Krishna Kumar Yadav told TOI that money transferred through i-MO can be received by the payee within few minutes of the transfer. To make this user more cost-efficient for customers i-MO tariffs have been reduced lately.

I-MO is an instant, reliable, affordable and most convenient way for transferring money within the country, for sending an amount up to Rs 50,000 a customer has to pay only Rs 120. Now, customers have to pay Rs 100 for an amount of Rs 1,000-10,000, Rs 110 for transfer between Rs 10,001 and 30,000, and Rs 120 for transfer between Rs 30,001 and Rs 50,000. The facility of ordinary money order is already being provided by India Post, in which Rs five is charged per Rs 100. The instant money order is much faster and efficient compared to ordinary money order.
 
Further Mr. KK Yadav added that, to send money through i-MO, a customer is required to fill a "To Remit Payment Form" and submit it with money and i-MO commission at i-MO post office counter. i-MO counter clerk will give a printed receipt immediately after booking the i-MO that contains 16 digits i-MO number. This 16 digits i-MO number has to be conveyed by sender to the receiver over phone, SMS, or e-Mail or any other means. Receiver can collect money from any designated i-MO Post Office counter on presentation of the 16 digits i-MO number. He will be required to fill up a simple "To Make Payment Form" and submit it along with a copy of any of the prescribed Identity Proofs.
 

Friday, December 28, 2012

भारतीय मुद्रा परिषद् के शताब्दी वर्ष पर डाक विभाग ने जारी किया विशेष आवरण

मुद्रा और डाक-टिकट दोनों ही सभ्यता व संस्कृति के संवाहक हैं। इनके माध्यम से जहाँ तत्कालीन इतिहास व अर्थव्यवस्था की जानकारी मिलती है, वहीं ये विभिन्न पीढि़यों में संचारित होकर विभिन्न काल खंडों के मध्य पुल का भी कार्य करते हैं। उक्त उदगार इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने भारतीय मुद्रा परिषद के शताब्दी वर्ष पर ’विशेष आवरण’ जारी करते हुए व्यक्त किये ।
 
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग में 28 दिसम्बर 2012 को आयोजित समारोह में डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने सिक्कों एवं डाक-टिकटों को एकत्र करने के अपने अनुभवों को समझा करते हुए इनके ऐतिहासिक व सांस्कृतिक पहलुओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने प्राचीन इतिहास के विनिर्माण में मुद्राओं का अध्ययन महत्वपूर्ण बताया और डाक टिकटों के विशिष्ट अवारण के सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व का ब्यौरा भी प्रस्तुत किया। श्री यादव ने युवा पीढ़ी को भी इनसे जोड़ने की बात कही।
 
भारतीय मुद्रा परिषद के शताब्दी वर्ष समारोह के मुख्य अतिथि रूप में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति डा. लालजी सिंह ने जहाँ भारतीय डाक विभाग द्वारा परिषद पर विशेष आवरण जारी करने को महत्वपूर्ण कदम बताया वहीं संग्रहालय द्वारा प्रकाशित जर्नलस को ज्ञान में बढ़ोतरी के लिए सहायक बताया। डा0 सिंह ने कहा कि मुद्राओं के माध्यम से इतिहास का ज्ञान, विज्ञान को पुष्ट करने के लिए आधार मुहैया कराता है एवं इसका सुव्यवस्थित अध्ययन कर लक्ष्य को पाया जाता है।
 
भारतीय मुद्रा परिषद के अध्यक्ष प्रो. पारसनाथ सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुये अपने सम्बोधन में मुद्रा परिषद की ऐतिहासिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारतीय मुद्रा परिषद की स्थापना 28 दिसम्बर 1910 को इलाहाबाद में हुई थी। कालांतर में बी एच यू के कुलपति डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रयास से इसे 1961 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में स्थापित किया गया। 1966 में काशी नरेश विभूति नारायण सिंह ने भवन का शिलान्यास किया था।
 
इस अवसर पर कुलपति डा. लालजी सिंह और निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने मुद्रा परिषद की शोध पत्रिका का विमोचन भी किया। गौरतलब है कि अब तक पत्रिका के 73 अंक प्रकाशित हो चुके हैं और 2500 देशी-विदेशी मुद्राशास्त्री इसके आजीवन सदस्य है।
 
कार्यक्रम का आरम्भ मदन मोहन मालवीय की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ। आभार ज्ञापन भारतीय मुद्रा परिषद के मुख्य सचिव प्रो. मोहम्मद नसीम ने किया। कार्यक्रम में प्रवर डाक अधीक्षक श्री शिव सहाय मिश्र, सहायक डाक अधीक्षक प्रभाकर त्रिपाठी, श्री बी के शर्मा, सीनियर पोस्टमास्टर श्री एस एम राय सहित बीएचयू के प्रशासनिक अधिकारी, प्रोफेसर, मुद्राशास्त्री एवं शोध छात्र उपस्थित थे।

Saturday, December 22, 2012

डाक लिफाफों (स्पेशल कवर) पर दिखेगी प्रयाग महाकुंभ-2013 की विरासत

बारह वर्षों बाद जनवरी 2013 में लगने वाले प्रयाग कुंभ की विरासत को देश-दुनिया में पहुँचाने के लिए डाक विभाग ने अभी से तैयारियां आरंभ कर दी हैं। प्रयाग कुंभ की ऐतिहासकता, पौराणिकता एवं आध्यात्मिकता को दर्शाने के लिए डाक विभाग ने विशेष आवरण (लिफाफा) जारी करने की योजना बनाई है, ताकि मेले में आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालु इसे अपने साथ यादगार रूप में ले जा सकें।
 
इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक विभाग इस कुंभ मेले को ऐतिहासिक बनाने के लिए छः प्रमुख स्नानों पर विशेष विरूपण सहित छः विशेष आवरण (डाक लिफाफा) जारी करेगा। इन्हें प्रमुख स्नानों-मकर संक्राति (14 जनवरी 2013), पौष पूर्णिमा (27 जनवरी, 2013), मौनी अमवस्या (10 फरवरी, 2013), वसंत पंचमी (15 फरवरी, 2013), माघ पूर्णिमा (25 फरवरी, 2013), महाशिवरात्रि (10 मार्च, 2013) पर जारी किया जायेगा। इन विशेष आवरण पर डिजाइन के रूप में कुम्भ की विरासत एवं प्रमुख स्नान पर्वों की आध्यामिकता के रूप में दर्शन होंगे। इन लिफाफों को जारी किये जाने वाले दिन विशेष विरूपण (स्टैम्प कैंसिलेशन) से अंकित किया जायेगा एवं हर विशेष विरूपण पर प्रमुख स्नान की तिथि भी अंकित जाएंगी।
 
निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इससे पूर्व भी विभिन्न कुंभ मेलों के दौरान विशेष आवरण जारी हुये हैं, लेकिन यह पहली बार होगा कि जब हर प्रमुख स्नान पर एक विशेष आवरण जारी किया जायेगा। ऐसे में महाकुंभ मेले में देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालु एवं पर्यटक इन लिफाफों को प्रयाग कुंभ-2013 की यादगार व धरोहर के रूप में अपने साथ ले जा सकेंगे।
 
साभार : राष्ट्रीय सहारा, 20 दिसंबर 2012 

Interview of KK Yadav, Director Postal Service on Postal Services in Kumbh-Allahabad, 2013 @
http://kumbhexpress.blogspot.in/2012/12/postal-services-in-kumbh.html

Friday, December 21, 2012

Special Postal Covers on Maha Kumbh dip dates

ALLAHABAD: To showcase the historical, mythical and spiritual significance of Prayag Maha Kumbh, Department of Posts has planned to issue Special Covers (envelopes), as a souvenir for devotees coming from across the world.
 
Krishna Kumar Yadav director Postal Services Allahabad Region said to make the event historical, the department will issue six special covers showcasing six important baths. These will be released on Makar Sankranti (January 14, 2013), Paus Purnima (January 27), Mauni Amwasya (February 10), Basant Panchami (February 15), Magh Purnima (February 25) and Mahashivratri (March 10, 2013).
 
The design of the covers will portray the legacy of Mahakumbh and spirituality of the important holy 'shahi snans'. At the time of release of these covers.
 
Yadav added that special covers have been issued during Kumbh Melas earlier too, but it will be the first time they will be issued on the occasion of every important bath and devotees from across the world may take back these envelopes with them as a souvenir of Mahakumbh-2013.
 


Interview of KK Yadav, Director Postal Service on Postal Services in Kumbh-Allahabad, 2013 @

Tuesday, December 18, 2012

भिन्न-भिन्न देशों में डाक सेवाएँ

हमारे देश भारत की पोस्टल सर्विस दुनिया की सबसे बड़ी पोस्टल सर्विस है। इस विभाग की स्थापना 1774 में वारेन हेस्टिंग्स ने की थी। चिट्ठियों को पोस्ट करते समय लगाए जाने वाले स्टैंप्स की शुरुआत भारत में 1852 में शुरू हुई। इसके बाद हर शहर और गांव में पोस्ट ऑफिस बनाए गए। इन पोस्ट ऑफिसों में चिट्ठियों को संभालने के साथ-साथ लोगों के पैसों को भी जमा करने का काम किया जाता है। पोस्ट ऑफिस कभी-कभी बैंक का काम भी करते हैं। आजकल भारतीय डाक विभाग रजिस्ट्री पोस्ट, स्पीड पोस्ट, बिजनेस पोस्ट और ग्रीटिंग पोस्ट से चिट्ठियों को भेजने का काम करता है। भारत में पोस्टमैन खाकी रंग की यूनिफॉर्म पहनता है।

भारत की डाक सेवा में एक खास बात यह है कि यहां एक खास तरह का पिन कोड होता है। यह पिन कोड 6 नम्बरों का होता है। पिन कोड पोस्ट ऑफिस का नंबर होता है। इसकी मदद से ही तुम तक चिट्ठियां पहुंच पाती हैं।

दुनिया भर में सबसे ऊंचाई पर बना पोस्ट ऑफिस भारत में है। यह हिमाचल प्रदेश के हिक्किम में स्थित है।

ब्रिटेन
लंदन में इस डिपार्टमेंट को रॉयल मेल के नाम से जाना जाता है। रॉयल मेल की स्थापना 1516 में की गई थी। ब्रिटेन का मेन पोस्ट ऑफिस इंग्लैंड में बनाया गया है। ब्रिटेन के रॉयल मेल के साथ एक खास बात यह है कि यहां पोस्ट बॉक्स को पिलर बॉक्स के नाम से जाना जाता है। इस विभाग ने एक खास तरह की सर्विस भी शुरू की है, जो अगले ही दिन चिट्ठियों को कहीं भी पहुंचा देती है। यह विभाग रॉयल मेल, बिजनेस सर्विस और नॉन पोस्टल सर्विस भी चलाती है।

अमेरिका
अमेरिका में डाक विभाग को यूएस मेल के नाम से जाना जाता है। यूएस मेल की स्थापना 1775 में की गई थी। यूएस मेल में सेना के लिए एक अलग सर्विस है, जिसेआर्मी पोस्ट ऑफिस और फील्ड पोस्ट ऑफिस कहा जाता है। साथ ही एक्सप्रेस मेल, मीडिया मेल, फस्र्ट क्लास मेल, लाइब्रेरी मेल और पार्सल पोस्ट इसकी खास सेवाएं हैं।

फ्रांस
फ्रांस में डाक विभाग को ला पोस्टे के नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना 1576 में की गई थी। इसका हेड क्वार्टर फ्रांस की राजधानी पेरिस में है। यह चिट्ठियां लाने के साथ ही साथ बैंक और कुरियर का भी काम करता है। ला पोस्टे के पोस्ट ऑफिस पीले रंग के होते हैं और देखने में बहुत सुन्दर लगते हैं।

यहां भी हैं प्रमुख पोस्ट ऑफिस

जर्मनी— जर्मनी में डाक विभाग को डूटस्चे पोस्ट के नाम से जाना जाता है। यह दुनिया की सबसे बड़ी कुरियर कंपनी है। इसका हेडक्वार्टर बॉन में बना हुआ है।

नॉर्वे— नार्वे में डाक सेवा को नॉर्वे पोस्ट के नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना 1647 में की गई थी। इसका हेडक्वार्टर ओस्लो में है।

चीन— चीन में डाक विभाग को चाइना पोस्ट या चुनघवा पोस्ट के नाम से जाना जाता है। चाइना पोस्ट की नींव 1949 में रखी गई थी। इसका हेडक्वार्टर चीन की राजधानी बीजिंग में है।

श्रीलंका— हमारे पड़ोसी देश श्रीलंका में डाक विभाग का नाम है श्रीलंका पोस्ट। श्रीलंका पोस्ट की नींव 1882 में रखी गई थी। इसका हेडक्वार्टर श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में है।
 
पाकिस्तान— पाकिस्तान में डाक विभाग को पाकिस्तान पोस्ट कहा जाता है। इसकी नींव 1947 में रखी गई थी। इसका हेडक्वार्टर इस्लामाबाद में है।

दुनिया भर की 5 बड़ी डाक सेवाएं
भारत
चीन
रूस
अमेरिका
जापान

Saturday, December 15, 2012

भारतीय डाक विभाग की ऑनलाइन सेवाएँ

जमाना अब काफी हाईटेक हो गया है। हर क्षेत्र में ऑनलाइन सेवाओं की बढ़ोतरी हो रही है। समय एवं धन की बचत के लिए ऑनलाइन सेवाओं पर काफी जोर दिया जा रहा है। इस मामले में भारतीय डाक विभाग भी पीछे नहीं है। ग्राहकों की सहूलियत एवं सेवाओं में पारदर्शिता के मद्देनजर डाक विभाग अपनी अधिकतर सेवाएं ऑनलाइन तरीके से भी उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहा है। गौरतलब है कि दुनिया में सबसे ज्यादा डाकघर भारत में हैं एवं भारतीय डाक विभाग काफी सफलतापूर्वक इसका संचालन भी कर रहा है। आज भी भारत में आधारभूत ढ़ांचों का पूर्ण विकास नहीं हो पाया है एवं देश के दूर-दराज के इलाकों में डाकघर ही लेन-देन जैसे महत्वपूर्ण कार्य को भी अंजाम देता है। इस लेख के जरिए हम डाकघर विभाग द्वारा प्रदान किए जा रहे कुछ महत्वपूर्ण ऑनलाइन सेवाओं की चर्चा कर रहे हैं।
ऑनलाइन मनी ऑर्डर
आम तौर पर मनी ऑर्डर भेजने के लिए आपको डाक घर में जाकर फार्म भरना होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर बैठे-बैठे भी आप मनी ऑर्डर भेज सकते हैं। ग्राहक अब ऑनलाइन तरीके से भी मनी ऑर्डर भेज सकते हैं। आईसीआईसीआई बैंक का स्मार्ट मनी ऑर्डर एक विशेष सेवा है जो ग्राहकों को भारत में कही भी यह सेवा उपलब्ध कराता है। इसके लिए आपको आईसीआईसीआई बैंक का अपना ऑनलाइन एकाउंट नंबर लॉगइन करने की आवश्यता होगी। ग्राहक को रकम एवं प्राप्तकर्ता का पता भी दर्ज कराना होगा। यह रकम भारतीय डाक विभाग द्वारा संबंधित पते पर (जिस पते पर ग्राहक भेजना चाहता है) पहुंचा दिया जाएगा। स्मार्ट मनी ऑर्डर में किसी तरह की कोई रूकावट नहीं है एवं इसे आप अपने गांव, शहर या अपने घर, कहीं से भी (जहां इंटरनेट की सुविधा हो) भेज सकते हैं।

एनआरआई भी उठा सकते हैं लाभ- इस सुविधा का लाभ एनआरआई भी उठा सकते हैं। पर उन्हें इसके लिए इंडिया का स्थानीय पता दर्ज कराना होगा। यह सेवा वर्ष भर चौबीसों घंटे उपलब्ध है। इंडिया पोस्ट इस सेवा के बदले मनी ऑर्डर की राशि का 5 फीसदी कमीशन के रूप में लेता है जबकि आईसीआईसीआई बैंक इस सेवा के बदले 25 रुपये प्रोसेसिंग फीस प्रति मनी ऑर्डर एवं सर्विस टैक्स के रूप में लेता है।

डिलिवरी टाइम-डिलिवरी प्राप्त होने में लगने वाला समय दरअसल डाक विभाग के पोस्टल सर्विस विभाग द्वारा तय होता (आमतौर पर 15 कार्यदिवस) है।

क्या होगा यदि मनी ऑर्डर प्राप्त न हो- मनी ऑर्डर जिस पते पर भेजा गया है एवं जिस व्यक्ति के लिए भेजा गया है यदि वह संबंधित पत पर न मिले तो उस सूरत में पोस्ट मास्टर प्राप्तकर्ता के पते पर मनी ऑर्डर आने का एक नोटिस देता है एवं उसे सात कार्यदिवस में पोस्ट ऑफिस से प्राप्त करना होता है। यदि तय कार्य दिवस में मनी ऑर्डर पोस्ट ऑफिस से प्राप्त नहीं किया तो विभाग इसे भेजने वाले को रिफंड कर देता है।

इंस्टेंट मनी ऑर्डर (आईएमओ)
इंस्टेंट मनी ऑर्डर भारतीय डाक विभाग द्वारा प्रदान किया जाने वाली एक महत्वपूर्ण सेवा है। इंस्टेंट ऑनलाइन मनी ट्रांसफर एक तेज, सुरक्षित एवं विश्वसनीय सर्विस है। आईएमओ, पोस्ट ऑफिस द्वारा शुरू किया गया एक वेब आधारित मनी ट्रांसफर सेवा है। आईएमओ की सुविधा युक्त पोस्ट ऑफिस के जरिए आप 1,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक की रकम ट्रांसफर कर सकते हैं। इस सेवा ने डाक विभाग की कार्य पद्धति में काफी परिवर्तन ला दिया है। इसने मनी ऑर्डर सेवा में आमूल-चूल बदलाव किए हैं।

इस सेवा के लिए एक फार्म भरना होता है। उसके बाद इसे आईएमओ पोस्ट ऑफिस के काउंटर पर जमा कराना होता है एवं काउंटर क्लर्क तुरंत आईएमओ बुक करता है एवं इसका एक प्रिंटेड रसीद ग्राहक को देता है जिसमें एक कम्प्यूटर जनित 16 अंको का गुप्त नंबर दर्ज होता है। इस अंक के बारे में क्लर्क को भी पता नहीं होता। मनी ट्रांसफर करने वाले व्यक्ति के लिए यह जरूरी है कि सुरक्षा मानकों एवं विश्वसनीयता के मद्देनजर इस नंबर को एसएमएस, ई-मेल या फोन के जरिए प्राप्तकर्ता (जिसे पैसे भेजे गए हैं) को बता दे ताकि उसकी सही पहचान की जा सके। क्योंकि इसी नंबर को उसे (प्राप्तकर्ता) पोस्ट ऑफिस में दिखाना पड़ता है।
 
ई-पोस्ट कॉरपोरेट सर्विस
भारतीय डाक विभाग ने ई-पोस्ट कॉरपोरेट सर्विस लांच किया है इसके जरिए कंपनियां पूरे देश में कही भी इंटरनेट के जरिए बिजनेस ईमेल भेज सकती है। इस सेवा का लाभ उठाने के लिए संबंधित कंपनियों को डाक विभाग के साथ एक बिजनेस एकाउंट खुलवाना होता ( इस पर कोई चार्ज नहीं लगता) है एवं इसके बाद कंपनी डाक विभाग को ईमेल भेजेगी। विभाग इस ईमेल का प्रिंट लेकर संबंधित पते पर पहुंचा देगा। डाक विभाग प्रिटिंग, पैकेजिंग, पोस्ट प्रिंटिंग एवं डिलीवरी सभी काम करता है। कंपनी ने इसके लिए दिल्ली एवं कोलकाता में दो प्रिंटिंग सेट अप भी स्थापित किए हैं। कंपनियों को बिजनेस ईमेल से संबंधित सारे डाटा उपलब्ध कराने होंते हैं। इसके बाद डाक विभाग प्रोग्रामिंग एवं लेआउट, प्रिंट, पैकेज एवं डिलीवरी से संबंधित सारे कार्य करता है एवं प्रति पेज के हिसाब से 6 रुपये चार्ज करता है। इस ईमेल सुविधा में क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट, मोबाइल फोन बिल एवं बाजार संबंधित अन्य सूचनाएं भी शामिल हो सकती हैं।

इंटरनेट न होने पर भी ई-पोस्ट सेवा- यदि आप ई-पोस्ट प्रीपेड कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं तो चाहे दोनों पक्ष इंटरनेट के जरिए न भी जुड़ें हो तब भी आप ऑनलाइन तरीके से पत्र भेज सकते हैं। गौरतलब है कि इंडिया पोस्ट ई-पोस्ट सेवा के जरिए ग्राहकों को ऑनलाइन तरीके से भी लेटर भेजने की सेवा उपलब्ध करा रहा है। यह मैसेज पेन ड्राइव में भी दिया जा सकता है। डाक विभाग की ईपोस्ट सेवा देश के बाहर भी अपनी सेवाएं देता है। लेकिन देश के बाहर इस सेवा को डाक विभाग द्वारा सिर्फ इलैक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में भेजा जाता है। इसकी हार्ड कॉपी नहीं भेजी जाती है।

ऑनलाइन भरें आवेदन फॉर्म
डाक विभाग अपने ग्राहकों को ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जमा करने की इजाजत देता है। इस सेवा के जरिए अब अभ्यर्थी पोस्ट ऑफिस के जरिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए संबंधित ग्राहक को प्रति आवेदन के हिसाब से 20 रुपये चुकाना होगा। हालांकि आवेदन की हार्ड कॉपी आवेदक को बाद में रजिस्टर्ड डाक से भी भेजना पड़ता है।

ऑनलाइन जांचें स्पीड पोस्ट

भारतीय डाक विभाग ने स्पीड पोस्ट एवं एक्सप्रेस पार्सल के ऑनलाइन ट्रैकिंग की भी सुविधा दी है। इस सेवा के जरिए ग्राहक यह ट्रैक कर सकते हैं कि उनका पार्सल कहां तक पहुंचा है। इतना ही नहीं आप पार्सल एवं एक्सप्रेस पार्सल कंसाइनमेंट की डेलिवरी रिकार्ड को भी ट्रैक कर सकते हैं।


कौन-कौन सी सुविधाएं होंगी ट्रैक-स्पीड पोस्ट (डॉमेस्टिक ईएमएस), इंटरनेशनल ईएमएस, इलैक्ट्रॉनिक मनी ऑर्डर (ईएमओ), रजिस्टर्ड ईमेल, एक्सप्रेस पार्सल, इलैक्ट्रॉनिक वैल्यू पेबल पार्सल (ईवीपीपी) जैसी सुविधाओं को आप ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।

कैसे करें ट्रैक- ट्रैकिंग नंबर बॉक्स में पोस्टल आर्टिकल नंबर डालें। उसके बाद गो बटन पर क्लिक करें। ध्यान रहे ट्रैकिंग नंबर फॉर्मेट हमेशा 13 अंकों का होता है। कोई जल्दबाजी न करें एवं इन नंबर को सावधानीपूर्वक बॉक्स में डालें।

इस पर रखें ध्यान- यदि पार्सल को ट्रैक करना चाहते हैं एवं आपने इससे संबंधित प्रक्रिया भी अपनाई है पर इससे संबंधित कोई सूचना नहीं मिल रही तो घबराएं नहीं। यह न समझें कि आपका पार्सल भेजा ही नहीं गया है। यह संभव है कि स्कैनिंग में देरी हो रही हो, इसलिए ट्रैकिंग संबंधित सूचना नहीं प्राप्त हो रही हो। ऐसा नहीं है कि पार्सल भेजते ही आपको ट्रैकिंग संबंधित सूचना मिल जाए। इसमें थोडा़ समय लगता है।
 
एनएससी रिटर्न की ऑनलाइन गणना

डाक विभाग ने अपने ग्राहकों को एनएससी स्कीमों में मिलने वाली रिटर्न की गणना के लिए ऑनलाइन कैलकुलेटर की व्यवस्था की है। विभाग ने ऐसा संबंधित स्कीम में पारदर्शिता बरतने के मद्देनजर किया है।


 एसएमएस स्टेटस सेवा

ग्राहकों को बेहतर सेवा उपलब्ध कराने के लिए डाकविभाग ने स्पीड पोस्ट एवं ईएमओ (इलैक्ट्रॉनिक मनी ऑडर्र) के लिए एसएमएस ट्रैकिंग सुविधा लांच की है। इस सुविधा को अन्य डाक सेवाओं पर भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।

इंटरनेट बैंकिंग सुविधा

भारतीय डाक विभाग ग्राहकों के लिए जल्द ही इंटरनेट बैंकिंग सुविधा शुरू करने वाला है। इसके अलावा डाक विभाग एटीएम भी स्थापित करेगा। विभाग अपने ग्राहकों को डेबिट कार्ड भी जारी करने की योजना पर काम कर रहा है। इससे आसान ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में मदद मिलेगी। इंडिया पोस्ट बैंकों से इस संबंध में समझौता करने की कोशिश कर रहा है ताकि उसके डेबिट कार्ड ग्राहकों को कोई परेशानी न हो। डाक विभाग जल्द ही दूर-दराज के इलाकों में अपनी पहुंच का फायदा उठाने के लिए स्वयं का बैंकिंग सेट-अप लगानेे के लिए भी जोर आजमाइश कर रहा है।

ऑनलाइन आरटीआई

डाक विभाग ने ऑनलाइन आरटीआई दायर करने की सुविधा भी दी है। आप चाहें तो घर बैठे-बैठे आरटीआई दायर कर सकते हैं। भारतीय नागरिक के अलावा देश के बाहर यात्रा पर गए लोग या एनआरआई भी दुनिया में कहीं से भी डाक विभाग के माध्यम से आरटीआई दायर कर सकते हैं।

डाक विभाग ने एक पोर्टल लांच किया जिसके जरिए देश के बाहर से भी ऑनलाइन आरटीआई दायर कर सकते हैं। पहले देश के बाहर रह रहे भारतीयों को आरटीआई दाखिल करने में काफी परेशानी होती थी क्योंकि इसके लिए आवश्यक फीस विदेशी करेंसी में कैसे जमा किया जाए इसका कोई स्पष्ट नियम नहीं था। इसलिए पहले ऐसे आवदेकों को भारत में रह रहे सगे -संबंधियों पर निर्भर रहना पड़ता था।

Courtesy : Money Mantra

Thursday, December 13, 2012

बैंक बन जाएगा भारतीय डाक

सरकार ने सब्सिडी का दुरुपयोग रोकने की मुहिम क्या छेड़ी, भारतीय डाक को बैंक में तब्दील करने की अब तक लटकी पुरानी योजना भी ठंडे बस्ते से अचानक निकल आई है। पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की तरफ से खास तवज्जो नहीं मिलने से यह योजना लटक गई थी। वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने पिछले दिनों अपने अधिकारियों को इस बारे में साफ निर्देश दे दिया है कि चालू वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान ही भारतीय डाक को बतौर बैंक काम करने की इजाजत मिल जानी चाहिए। वित्त मंत्रालय और डाक विभाग के कुछ अधिकारियों को मिलाकर एक टीम बनाई गई है। इन्हें मार्च, 2013 तक कैबिनेट नोट तैयार करने को कहा गया है।
 
वित्त मंत्रालय को अब यह लग रहा है कि सब्सिडी पर नियंत्रण पाने की कोशिशों में भारतीय डाक [इंडिया पोस्ट] को बैंक में तब्दील करने का कदम काफी उपयोगी साबित हो सकता है। सरकार खाद्य, उर्वरक व पेट्रोलियम सब्सिडी कम करने के लिए सीधे जनता के हाथों में नकदी देने की योजना लागू कर रही है। इस योजना की सफलता के लिए हर घर में बैंक खाता और हर गांव में बैंक शाखा का होना जरूरी है। इस दिशा में कदम उठाया जा रहा है, लेकिन इसमें अभी काफी समय लग सकता है। ऐसे में भारतीय डाक को बैंक में बदलने पर देश के 1.55 लाख से ज्यादा डाकघर तुरंत बैंक ब्रांच के तौर पर काम करना शुरू कर सकते हैं। इससे सरकार के लिए आम जनता तक सब्सिडी पहुंचाना आसान हो जाएगा।
 
वित्त मंत्रालय यह भी मान रहा है कि गरीबों को वित्तीय सेवा पहुंचाने में भारतीय डाक सबसे अहम भूमिका निभा सकता है। अभी डाक विभाग जमा और बीमा स्कीम जैसी कई तरह की वित्तीय सेवाएं मुहैया कराता है। मगर वह कर्ज वितरण नहीं कर सकता। गांव वाले डाकघरों में पैसे तो जमा कर देते हैं, लेकिन कर्ज लेने के लिए उसे दूरदराज के गांवों में संपर्क करना पड़ता है। बैंक सेवा शुरू होने के बाद इन्हें गांवों में भी सभी तरह की सेवाएं मिलने लगेंगी।
 
अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो भारतीय डाक के तहत पोस्ट बैंक ऑफ इंडिया के नाम से एक नया बैंक काम करने लगेगा। इस बैंक को स्थापित करने की योजना उस समय बनी थी, जब रिजर्व बैंक ने नए बैंकिंग लाइसेंस देने की अपनी मंशा जताई थी। आरबीआइ इस बारे में अपनी नीति बना चुका है और माना जा रहा है कि बहुत जल्द ही कुछ नए बैंकों को लाइसेंस दिए जाएंगे। बैंक में तब्दील होते ही 'पोस्ट बैंक ऑफ इंडिया' देश का सबसे अधिक शाखाओं और जमाकर्ताओं वाला बैंक बन जाएगा। फिलहाल डाकघरों में बचत खाता चलाने वालों की संख्या 23.7 करोड़ के करीब है।
 
साभार : जागरण

भारतीय डाक की बैंक एवं बीमा कारोबार को संवारेगी इन्फोसिस

भारतीय डाक विभाग ने  बैंकिंग और बीमा कारोबार का कायाकल्प करने की 700 करोड़ की योजना के लिए इन्फोसिस को चुना है। इसके तहत भारतीय डाक के 1,50,000 डाकघरों में बैंकिंग व बीमा कारोबार के परिचालन को नया रुप दिया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत इन्फोसिस, भारतीय डाक के लिए 1,000 एटीएम भी लगाएगी।


इन्फोसिस के बयान में कहा गया है कि इस पहल का उद्देश्य भारतीय डाक को तकनीकी रूप से सक्षम बाजार अग्रणी बनाना है। यह ‘भारतीय डाक 2012’ का ही एक हिस्सा है। इसके तहत विभाग के कामकाजों में पादर्शिता, संचालन में सुधार आदि लाना है।

Postal dept to hold UPU letter writing contest



The Universal Postal Union is organising 42nd letter writing contest on the topic " Why water is precious". Director postal services, Allahabad region, Krishna Kumar Yadav said the contest will be held at the headquarters of all postal circles/regions on January 6.
 
In Allahabad region, the contest will be organised here where participants from Allahabad, Kaushambi, Pratapgarh, Varanasi, Bhadohi, Chandauli, Sonebhadra, Mirzapur, Ghazipur and Jaunpur will participate. Besides, schools and colleges may organize a similar contest in collaboration of department of posts.
 
Schoolchildren upto 15 years (as on March 3l, 2013) can participate. Last date of application is December 26. The application forms can be obtained from the office of senior superintendent/ superintendent of post offices. All divisional heads have been told to ensure wide publicity and supply of forms to all schools.
 
Yadav said these letters will be evaluated at the circle level and three best letters will be sent to Postal Directorate, New Delhi for inclusion at the national level. Three best participants at the national level will be awarded first, second and third prizes while one best entry from each circle will also be awarded. The best letter at national level will be included in the international contest. Out of which, top three participants will be awarded gold, silver and bronze medals with certificate and an official stamps album of the Universal Postal Union.
 

Wednesday, December 12, 2012

यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन द्वारा 6 जनवरी को पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन

जल ही जीवन है। यह हम बचपन से ही सुनते आ रहे है। पर जरूरत जल के मूल्य को समझने एवं इसे शुद्ध रूप में संरक्षित करने की है। यदि हम आज नही चेते तो विकट समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसी भावना के मद्देनजर यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन द्वारा वैश्विक स्तर पर 42वीं पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसका विषय  है -”जल क्यों मूल्यवान है, इस पर एक पत्र लिखें।”

        इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि सभी डाक सर्किल /परिक्षेत्रों के मुख्यालय पर उक्त पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन 6 जनवरी 2013, रविवार को सुबह 10.00 बजे से 11.00 बजे तक किया जायेगा। इलाहाबाद परिक्षेत्र में यह परीक्षा इलाहाबाद में आयोजित की जायेगी, जिसमें इलाहाबाद, कौषाम्बी, प्रतापगढ, वाराणसी, भदोही, चन्दौली, सोनभद, मिर्जापुर, गाजीपुर एवं जौनपुर जनपदों के प्रतियोगी षामिल होंगे। यही नहीं स्कूल-कालेज, डाक विभाग से मिलकर अपने स्तर पर  भी इस प्रतियोगिता का आयोजन कर सकते हैं। 

 निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इस प्रतियोगिता में दिनांक 31 मार्च 2013 के अनुसार 15 वर्ष तक के स्कूली बच्चे भाग ले सकते हैं।  प्रतियोगिता हेतु   आवेदन करने की अन्तिम तिथि 26 दिसम्बर 2012 है। प्रतियोगिता हेतु आवेदन करने का प्रारूप सम्बन्धित प्रवर अधीक्षक/अधीक्षक कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है, हलांकि सभी मण्डलीय अधीक्षकों को व्यापक प्रचार व प्रमुख स्कूलों को प्रारूप उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये है।

 निदेशक श्री यादव ने बताया कि पत्र लेखन प्रतियोगिता का मूलयांकन परिमण्डलीय स्तर पर किया जायेगा तथा श्रेष्ठ तीन पत्र लेखन को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मिलित करने हेतु डाक निदेशालय नई दिल्ली भेजा जायेगा। राष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ तीन प्रतियोगियों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय व प्रत्येक परिमण्डल के श्रेष्ठ प्रतियोगी को पुरस्कृत किया जायेगा। राष्ट्रीय स्तर के श्रेष्ठ पत्र लेखन को अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में सम्मिलित किया जायेगा। जिसमें से श्रेष्ठ तीन प्रतियोगियों को स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक के साथ प्रमाण पत्र व यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के अधिकारिक डाक टिकटों का एलबम प्राप्त होगा। 
 
साभार : दैनिक आज, 12 दिसंबर, 2012

 

Sunday, November 25, 2012

Kids paint 'Holiday' for postal stamp design


ALLAHABAD: Holidays are always a welcome sign in the life of kids who delve deep into their imaginative world to make Holidays more memorable and meaningful. Given a chance to put his imagination on the canvas, a multitude of colors come out in the process. Many such colors found place in "Design a stamp" competition organized by Department of Posts on Friday based on the topic 'Holiday'.
A total of 389 children participated in the competition from Allahabad Region, out of which 37 were from Allahabad, 78 in Pratapgarh, 79 in Jaunpur, and 192 in Varanasi. In Allahabad, children of 18 schools participated in the competition, which include participants from Saint Anthony Girls Inter College, Bishop Johnson Inter College, Dr KN Kaatju Inter College, Jwala Devi Saraswati Vidyamandir, VashisthVatsalya Public School, PatanjaliRishikul etc. All the participants were divided in three categories- Students of up to class 4th, Students from class 5th to 8th and students from class 9th to 12th.
Director, Postal Services, Allahabad region, Krishna Kumar Yadav said that all these entries will be evaluated at Regional level and best entry from all three categories will be sent to Circle office, Lucknow for further submission to Directorate for inclusion in National level competition.
First, second and third winners from all three categories will be awarded cash prizes of Rs. 10000, 6000 and 4000 respectively at National level. On the basis of winning entries at national level Postage Stamps, First Day Covers and Miniature sheets will be published next year on the occasion of Children's Day.
Yadav added that on this occasion children, teachers and guardians evinced keen interest in opening Philatelic Deposit Account under which they will receive Philatelic Postage Stamps each month at their home address.

Saturday, November 24, 2012

हॉलिडे को लेकर बच्चों ने डाक टिकट की डिजाइन हेतु बनाई पेंटिंग

'हॉलिडे' भला किसे नहीं भाता। हर बच्चे की अपनी कल्पनाएँ होती हैं कि 'हॉलिडे' को कैसे खूबसूरत और यादगार बनाया जाय। और जब मौका इन्हें पेंटिंग के रूप में चित्रित करने का हो तो कैनवास पर कई तरह के रंग उभर कर आते हैं।  डाक विभाग द्वारा 23 नवम्बर, 2012 को आयोजित “डिजाईन ए  स्टाम्प” प्रतियोगिता में 'हॉलिडे' विषय पर बच्चों ने पेंटिंग में ऐसे ही रंग बिखेरे।
 
       इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इस प्रतियोगिता में इलाहबाद परिक्षेत्र में कुल 389 बच्चों ने भाग लिया, जिनमे इलाहाबाद में 37, प्रतापगढ़ में 78, जौनपुर में 79, व वाराणसी में 192 प्रतिभागी बच्चे  शामिल हैं।  इलाहाबाद  में कुल 18 स्कूलों के बच्चों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जिनमे सैंट एंथोनी  गर्ल्स इन्टर कॉलेज, बिशप जॉन्सन इंटर कालेज, डा. के. एन. काटजू इंटर कालेज, ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर, वशिष्ठ वात्सल्य पब्लिक स्कूल, पतंजलि ऋषिकुल इत्यादि शामिल हैं। सभी विद्यार्थियों को तीन समूहों में विभाजित किया गया - कक्षा 4 तक के विद्यार्थी, कक्षा 5 से कक्षा 8 तक के विद्याथी एवं कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के विद्यार्थी ।
 
 निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इन सभी प्रविष्टियों का मूल्यांकन रीजनल स्तर पर करने के बाद तीनों वर्गों में श्रेष्ठ प्रविष्टि को निदेशालय स्तर पर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल करने हेतु परिमंडलीय कार्यालय लखनऊ भेजा जायेगा और  सभी श्रेणियों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्तर पर क्रमशः 10,000, 6,000 एवं 4,000 रूप्ये के तीन-तीन पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर पर दिये जायेगें । राष्ट्रीय स्तर पर चुनी गयी पुरस्कृत प्रविष्टियों के आधार पर ही अगले वर्ष बाल दिवस पर डाक टिकट, प्रथम दिवस आवरण एवं मिनियेचर शीट इत्यादि का प्रकाशन किया जायेगा। इस अवसर पर स्कूली बच्चों , शिक्षको व अभिभावकों ने फिलाटेलिक डिपाजिट अकाउंट खोलने में भी रूचि दिखाई जिसके तहत उन्हें हर माह घर बैठे डाक टिकटें प्राप्त हो सकेंगी.
 
साभार : जनसन्देश टाइम्स, 24 नवम्बर 2012

Monday, November 19, 2012

भारतीय डाक सेवा के अधिकारी रहे शम्सुर्रहमान फारूकी को ’सूफी जमील अख्तर’ सम्मान

 भारतीय डाक सेवा से सेवानिवृत्त एवं संप्रति उर्दू उपन्यासकार, आलोचक व शायर शम्सुर्रहमान फारूकी को पिछले दिनों उनके जीवनपर्यंत साहित्य सेवा हेतु कोलकाता के कला मंदिर हाल में पं. बंगाल के ’सूफी जमील अख्तर’ सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके तहत उन्हें 51 हजार रूपये की धनराशि सहित स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र दिया गया।

 इस मौके पर सूफी जमील अख्तर फाउंडेशन के महासचिव डा0 शकील अख्तर, कहानीकार अनीस रफी, सिद्दीक आलम, शब्बीर अहमद, ड्रामा निगार, जहीर अनवर, आलोचक मोईद रशीदी आदि ने श्री फारूकी के साहित्यिक सेवाओं एवं योगदान पर प्रकाश डाला।

इससे पूर्व श्री फारूकी को बिरला फाउन्डेशन द्वारा प्रतिष्ठित सरस्वती सम्मान, पद्मश्री, साहित्य अकादमी पुरस्कार, उ.प्र. बिहार, पं. बंगाल, दिल्ली, हरियाणा आदि राज्यों का सम्मान सहित 2010 में पाकिस्तान का सितारा-ए-इम्तियाज भी मिल चुका । श्री फारूकी भारतीय डाक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी पद से सेवानिवृत्त पश्चात संप्रति इलाहाबाद में रहकर सृजनरत हैं।

Sunday, November 18, 2012

Paint 'a holiday' for ticket to posterity

ALLAHABAD: Here is an opportunity for budding artists to bid for posterity-Department of Posts is holding a 'design a stamp' competition and the winning post could well assume the form of a postal stamp that would be released on Children's Day (November 14) next year. Competition is scheduled to be organised in head post offices of Allahabad Region and the topic for this year's contest is 'A holiday'.
 
Sharing details with TOI, director Postal Services Allahabad region Krishna Kumar Yadav said "Department of Posts is offering a unique opportunity in the National level design a stamp competition in which the best paintings will be released in the form of postal stamps on Children's Day next year." Yadav said the Department of Posts has been organising the competition since 1998 and participation of children and students to design the postage stamp has been a regular practice since then.
The participants are to required to make an original design on this subject. There will be three groups, including up to Class IV, Class V to VIII and Class IX to XII. There will be three levels of prize for all categories. The prize wining design in each category will be considered for use on stamps and other philatelic material. The prize money for all categories will be Rs 10,000, Rs 6,000 and Rs 4,000 for first, second and third prizes, respectively. Prize winning entries at National level are likely to be chosen as design for a postage stamp, first day cover and miniature sheet.
In Allahabad region, the competition will be held on Saturday, November 23 at 11am at head post offices of Allahabad Region. The design could be in ink, water colour, oil colour or any other medium.
Participants are free to use drawing paper, art paper or any other type of paper. The competition will be organised in head post offices of Allahabad, Varanasi, Pratapgarh and Jaunpur. Nomination of students can be sent to the senior superintendant concerned of post offices and senior postmasters latest by November 20.
 

Saturday, November 17, 2012

डाक टिकट के रूप में जारी होगी विद्यार्थियों द्वारा बनायी गयी पेंटिंग

 
यदि आप चाहते हैं कि आपकी बनाई हुई पेंटिंग डाक टिकट के रूप में जारी हो तो यह अवसर लेकर आया है डाक विभाग । डाक विभाग देशव्यापी स्तर पर ‘‘स्टैम्प डिजाइन‘‘ प्रतियोगिता करवा रहा है जिसमें सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग को अगले वर्ष बाल दिवस पर डाक टिकट के रूप में जारी किया जायेगा । गौरतलब है कि डाक विभाग वर्ष 1998 से यह आयोजन करवा रहा है और इसके माध्यम से डाक टिकटों के प्रति बच्चों एवं विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है ।

इस वर्ष की थीम ‘‘अवकाश‘‘ (A Holiday) है जिस पर विद्यार्थियों को पेंटिंग बनाना है । सभी विद्यार्थियों को तीन समूहों में विभाजित किया गया है - कक्षा 4 तक के विद्यार्थी, कक्षा 5 से कक्षा 8 तक के विद्याथी एवं कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के विद्यार्थी । सभी श्रेणियों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्तर पर क्रमशः 10,000, 6,000 एवं 4,000 रूप्ये के तीन-तीन पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर पर दिये जायेगें । राष्ट्रीय स्तर पर चुनी गयी पुरस्कृत प्रविष्टियों के आधार पर ही अगले वर्ष बाल दिवस पर डाक टिकट, प्रथम दिवस आवरण एवं मिनियेचर शीट इत्यादि का प्रकाशन किया जायेगा।

इलाहाबाद परिक्षेत्र के मण्डलों में उक्त प्रतियोगिता 23 नवम्बर 2012 दिन शनिवार को प्रातः 1100 बजे आयोजित होगी । यह प्रतियोगिता इलाहाबाद प्रधान डाकघर, वाराणसी प्रधान डाकघर, प्रतापगढ़ प्रधान डाकघर एवं जौनपुर प्रधान डाकघर में आयोजित की जाएगी। इसके लिए संबंधित मण्डलों के प्रवर अधीक्षक डाकघर व प्रधान डाकघरों के सीनियर पोस्टमास्टर के पास 20 नवम्बर 2012 तक स्कूलों व विद्यार्थियों द्वारा नामांकन भेजा जा सकता है।

Thursday, November 15, 2012

डाक विभाग ने शुरू की मोबाइल मनी ट्रांसफर सेवा



भारतीय डाक विभाग (डीओपी) ने भारतीय संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के साथ मिलकर मोबाइल मनी ट्रांसफर सेवा शुरू की है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने 15 नवम्बर, 2012 बृहस्पतिवार को दिल्ली और केरल के बीच भारतीय डाक की इस सेवा को लांच किया।
 
इस सेवा के जरिए कोई व्यक्ति डाकघरों में मोबाइल फोन के माध्यम से दूसरे व्यक्ति को तत्काल पैसे भेज सकेगा। इसके अंतर्गत, पैसे भेजने के लिए डाकघरों में डाक सहायक बीएसएनएल की ओर से उपलब्ध कराई गई तकनीक और मोबाइल फोन का इस्तेमाल करेंगे। पैसे भेजने और प्राप्त करने वाले दोनों के पास किसी भी टेलीकॉम कंपनी का मोबाइल नंबर होना आवश्यक है।
 
 फिलहाल, यह मोबाइल मनी ट्रांसफर सेवा दिल्ली, केरल, पंजाब और बिहार सर्किल के 18 डाकघरों में उपलब्ध है, जो पंजाब के 12, केरल व दिल्ली के 14 और बिहार के 15 शहरों को कवर करती है। भारतीय डाक विभाग (डीओपी) ने भारतीय संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के साथ मिलकर मोबाइल मनी ट्रांसफर सेवा शुरू की है।

Wednesday, November 7, 2012

Indo-Israel revelry on postal dept's new release

ALLAHABAD: Department of Posts has set rolling celebration of Deepawali. While special arrangements are being made for distribution of Deepawali greetings timely, a twin-set of postage stamps depicting Deepawali have been issued by India and Israel.
Director postal services Allahabad region Krishna Kumar Yadav said the stamps of Rs 5 denomination are being issued on the occasion of completion of 20 years diplomatic relations between India and Israel.
The festival of lights is celebrated as Deepawali in India and as 'Hanuka' in Israel.
'Deepawali' is the festival of lights and celebrated on the eve of 'Amavasya' in the Hindu month of Kartik in India.
The Hanuka is also celebrated as festival of lights in Israel. This is Jewish holiday festival of eight days started before 2{+n}{+d} century BC at the time of the Maccabean Revolt in Jerusalem at the time of re-dedication of holy temple in the form of memorials.
The candles are lit on windows and doors in a traditional way and this is also lit on nine-branched Menorah and also as Hanuka special lamps. The postal stamps are available in Philately Bureau, Allahabad head post office and Allahabad Kutchery head post office too.
 

Monday, November 5, 2012

दीपावली पर्व पर जारी हुए भारत-इजराइल संयुक्त डाक टिकट


भारतीय डाक विभाग ने दीपावली पर्व के लिए अभी से तैयारियां आरंभ कर दी हैं। जहाँ एक ओर दीपावली पर आने वाले ग्रीटिंग कार्डो के त्वरित निस्तारण हेतु विशेष प्रबंध किये जा रहे है, वहीं डाक विभाग ने दीपावली पर केन्द्रित दो डाक टिकट भी जारी किये है। रू0 5/ मूल्य वर्ग में उपलब्ध ये डाक टिकट भारत और इजरायल के बीच राजनयिक संबंध के बीस वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में दोनों देशों द्वारा जारी किये गये है, जो प्रकाश के दो पर्व, दीपावली और हनुका को दर्शाते है।
 
 जहाँ भारत में दीपावली रोशनी का त्योहार है जो कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, वहीं इजराइल में हनुका को प्रकाश पर्व के नाम से जाना जाता है। यह आठ दिन का यहूदी अवकाश होता है जो ईसा पूर्व की दूसरी सदी के मेक्केबिन विद्रोह के समय यरूशलम में होली टेम्पल के पुनः समर्पण के स्मरणोत्सव के रूप में मनाया जाता है। हनुका त्यौहार में भी खिड़कियों एवं दरवाजों पर मोमबत्तियां जलाने की परंपरा है और इसे नौ शाखाओं वाले मेनोराह अथवा हनुकिया नाम विशिष्ट दीप के रूप् में भी जलाया जाता है।
 
लोगों में दीपावली के लिए भेजी जाने वाली ग्रीटिंग कार्डो पर दीपावली वाले डाक टिकट लगाकर भेजने का उत्साह देखा जा रहा है। यही नही तमाम युवा एवं छात्रों में भी इन डाक टिकटों को ग्रीटिंग कार्ड के रचनात्मक रूप में भेजने की प्रवृत्ति देखी जा रही है। यह डाक टिकट सभी फिलेटली ब्यूरो में बिक्री के लिए उपलब्ध हैं !!

Monday, October 22, 2012

मुक्तक


मुद्दतों से है भले कंटकों में जिन्दगी
मुझको रूमानी करे रूत गुलाबी आज भी
जोहते ही जोहते इक ज़माना हो गया
डाकिया लाया नहीं खत ज़वाबी आज भी।

यहाँ तक सिर्फ आने में ज़माना बीत जायेगा
उन्हें इक फूल जाने में ज़माना बीत जायेगा
पता करते कि आयी है हमारे प्यार की चिट्ठी
हमें तो डाकख़ाने में ज़माना बीत जायेगा।

किसी ने ख़त मुझे लिक्खा नहीं है
कि चिट्ठी डाकिया देता नहीं है
वो वादा लौटने का कर गये हैं
मगर ऐसा मुझे लगता नहीं है।

कोई मौका नहीं है आशिकी का
गो मौसम आशिकाना लग रहा है
गया है मेरा ख़त, आना है उनका
इसी में इक जमाना लग रहा है।


 -केशव शरण

(केशव शरण का नाम हिंदी-साहित्य में किसी परिचय का मोहताज़ नहीं है. देश की प्राय: अधिकतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होने वाले केशव शरण भारतीय डाक विभाग में कार्यरत हैं और सम्प्रति बनारस में पोस्टमास्टर के पद पर कार्यरत हैं. उनसे संपर्क का पता- एस 2/564 सिकरौल, वाराणसी -221002. मो.बा.- 9415295137)

Thursday, October 18, 2012

चिट्ठी: सच या बहाना

मेरी चिट्ठी
उन्हें नहीं मिली
जाने वे सच कह रहे हैं
या कर रहे हैं बहाना

अगर वे सच कह रहे हैं तो
मुझे खुशी है
मैं शुक्रगुजार हूँ डाकखाने का
हालांकि, मुझे एतबार नहीं है
कि उनके नाम लिखी
मेरी चिट्ठी को
डाकखाना गायब करेगा

अगर वह बहाना बना रहे हैं तो
फिर गंभीर बात है
गंभीर बात है कि
मेरी अगंभीर बातें
उन तक पहुँच गयीं।


- केशव शरण

(केशव शरण का नाम हिंदी-साहित्य में किसी परिचय का मोहताज़ नहीं है. देश की प्राय: अधिकतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होने वाले केशव शरण भारतीय डाक विभाग में कार्यरत हैं और सम्प्रति बनारस में पोस्टमास्टर के पद पर कार्यरत हैं. उनसे संपर्क का पता- एस 2/564 सिकरौल, वाराणसी -221002. मो.बा.- 9415295137)

Tuesday, October 16, 2012

Postal dept's insurance & saving plans hailed at mela


ALLAHABAD: National Postal Week which began on Monday, October, 15, was celebrated as Postal Life Insurance day. On the occasion, a grand postal life insurance mela was organised in government/semi government offices of Allahabad region. The mela was inaugurated by Director Postal services, Allahabad Region Krishna Kumar Yadav.
 
Addressing the gathering on the occasion, Yadav said Postal Department was serving the public also with savings bank and postal life insurance schemes. Postal life insurance was started with effect from 1 February 1, 1984 for Central Government/State Government officials, Defence personnel, officials of Govt institutions, municipal corporation and boards, government universities, employees of nationalised banks, additional bodies of State Banks of India and Reserve Bank, operational units under Central/State government, UTI, IDBI and employees of state insurance corporation.
 
There are six schemes of Postal Life Insurance such as Suraksha, Santosh, Suvidha, Yugal Suraksha, Sumangal and Children's policy. Rural-Postal Life lnsurance Schemes for the benefit of villagers are called Gram Santosh, Gram Suraksha, Gram Suvidha, Gram Sumangal, Gram Priya and Children's policy. The minimum and maximum age limit of the postal life insurance scheme is fixed between 19 and 55 years, respectively whereas maximum age limit for the Sumangal scheme which matures in 15 years and 20 years are 45 and 40 years, respectively.
 
Discussing benefits of the postal life insurance, he said Government was bound for 100 per cent security of investor's investment, relaxation in Income Tax under section 88, low premium and high bonus, loan benefit on the policies, deposit of premium at any post office in the country and rebate of 1 per cent & 2 per cent on advance premium of 6 months and 12 months, respectively.
 
Yadav said Postal Department had earned more than Rs 2-crore business on the occasion and 150 persons were insured in different schemes of Postal life insurance. Postal department will organise more melas in coming days, he promised.
 

Monday, October 15, 2012

’राष्ट्रीय डाक सप्ताह’ के तहत डाक जीवन बीमा मेलों का आयोजन

राष्ट्रीय डाक सप्ताह के तहत 15 अक्टूबर 2012 को डाक जीवन बीमा दिवस के रूप में मनाया गया। इस दौरान इलाहाबाद परिक्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न महत्वपूर्ण सरकारी/अर्द्धसरकारी कार्यालयों में डाक जीवन बीमा मेले का आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ इलाहाबाद प्रधान डाकघर में श्री कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवायें, इलाहाबाद परिक्षेत्र ने किया।

 इस अवसर पर निदेशक श्री यादव ने बताया कि डाक विभाग पत्रों के वितरण के   साथ-साथ जीवन बीमा के क्षेत्र में भी एक लम्बे समय से कार्यरत रहा है। 1 फरवरी 1884 को आरंभ डाक जीवन बीमा के तहत वर्तमान में केन्द्र व राज्य सरकारों के कर्मचारी, रक्षा कर्मी, सरकारी निकाय द्वारा स्थापित संस्थाओं, सरकार द्वारा स्थापित विश्वविद्यालयों के कर्मचारी, राष्ट्रीयकृत बैंक, एसबीआई की सहायक इकाइयों व रिजर्व बैंक कर्मचारी, केंन्द्र व राज्य सरकारी के अधीन संचालित इकाइयों, निगमों व बोर्डों के कर्मी, यूटीआई, आई डीबीआई जैसे सरकारी नियंत्रण वाले वित्तीय संस्थानों के कर्मी, राज्य बीमा निगम के कर्मचारी पात्र हैं। डाक जीवन बीमा में 6 योजनायें-सुरक्षा, संतोष, सुविधा, युगल सुरक्षा, सुमंगल व चिल्डेªन पालिसी हैं एवं ग्रामीण अंचल में निवास करने वाले निवासियों के लिए ग्रामीण डाक जीवन बीमा के अंतर्गत-ग्राम संतोष, ग्राम सुरक्षा, ग्राम सुविधा, ग्राम सुमंगल, ग्राम प्रिया, एवं चिल्डेªन पाॅलिसी है। उन्होंने आगे बताया कि  बीमा प्रस्तावक की आयु सीमा 19 वर्ष से 55 वर्ष की नियत है, जो कि 15 वर्षीय एवं 20 वर्षीय सुमंगल योजना के लिए अधिकतम सीमा क्रमशः 45 वर्ष एवं 40 वर्ष है।

 डाक जीवन बीमा के अन्तर्गत लाभों की चर्चा करते हुए श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि निवेश की सुरक्षा पर सरकार की गांरटी, धारा 88 के तहत आयकर में छूट, कम प्रीमियम और अधिक बोनस, पाॅलिसी पर लोन की सुविधा, देश के किसी भी डाकघर में प्रीमियम जमा करने की सुविधा और 6 महीने के अग्रिम प्रीमियम पर 1 फीसदी की छूट, 12 माह अग्रिम जमा पर 2 फीसदी की छूट दी जाती है। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि जमा प्रीमियम पर किसी तरह का किसी प्रकार के एजेन्ट कमीशन का भार प्रस्तावक पर नहीं पड़ता है।
 
 डाक-निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इस दौरान इलाहाबाद परिक्षेत्र में 3 करोड़ रू से अधिक का डाक जीवन बीमा व्यवसाय हुआ और 300 से अधिक लोगों ने अपना बीमा कराया। आने वाले दिनों में भी डाक विभाग के द्वारा मेलों का आयोजन किया जायेगा ।
 

Tuesday, October 9, 2012

'विश्व डाक दिवस' पर उत्कृष्टता हेतु सम्मान

भारतीय डाक विभाग द्वारा 'विश्व डाक दिवस' पर होटल मिलन पैलेस, सिविल लाइन्स में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रवर डाक अधीक्षक, इलाहाबाद मंडल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में श्री अशोक कुमार गुप्ता, पोस्टमास्टर जनरल इलाहाबाद परिक्षेत्र ने किया, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवायें, इलाहाबाद परिक्षेत्र ने किया। कार्यक्रम में जहाँ तमाम डाक सेवाओं के बारे में विस्तार से बताया गया वहीं अधिकाधिक राजस्व देने वाले संस्थानों एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल श्री अशोक कुमार गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि व्यवसायिकता के इस दौर में बिना स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा के कोई भी संगठन उन्नति नहीं कर सकता और डाक विभाग भी इस क्षेत्र में तमाम नये कदम उठा रहा है। डाक विभाग जहाँ नित् नई सेवायें लागू कर रहा है, वहीं विभाग ने अपनी परम्परागत छवि को प्रतिस्पर्धा के तहत कारपोरेट इमेज में भी तब्दील करने का प्रयास किया है।

निदेशक डाक सेवायें श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग अपने ग्राहकों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए लोगों से संवाद कायम करना बेहद जरूरी है। इस परिप्रेक्ष्य में प्रोजेक्ट एरो के तहत जहांँ विभाग ने कोर सेक्टर पर ध्यान दिया है वहीं स्टाफ को ग्राहकों से अच्छे व्यवहार हेतु भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। श्री यादव ने कहा कि एक तरफ विभिन्न कारपोरेट एवं सरकारी व अद्र्व सरकारी विभागों की आवश्यकतानुसार तमाम सेवायें आरम्भ की गई हैं, वहीं बुक नाउ-पे लेटर, बल्क मेल पर छूट, फ्री पिकअप जैसी स्कीमों के तहत डाक सेवाओं को और आकर्षक बनाया गया है। इस अवसर पर डाक सेवाओं से संबंधित कारपोरेट कस्टमर मीट/बिजनेस मीट का भी आयोजन हुआ । विभिन्न प्रीमियम सेवाओं मसलन- स्पीड पोस्ट, एक्सप्रेस पार्सल पोस्ट, बिजनेस पोस्ट, बिल मेल सर्विस, डायरेक्ट पोस्ट, मीडिया पोस्ट, ई-पोस्ट, ई-पेमेण्ट, लाजिस्टिक पोस्ट, फ्री पोस्ट, डाक जीवन बीमा, बचत बैंक सेवायें, फिलेटली इत्यादि के संबंध में जानकरी दी गई।

विश्व डाक दिवस के अवसर पर उन संस्थानों के प्रतिनिधियों का भी सम्मान किया गया, जो कि डाक विभाग को अधिकाधिक व्यवसाय देते हैं। इनमें श्री बी बी सिंह, सचिव, लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश, श्री जे पी गर्ग, निदेशक, कर्मचारी चयन आयोग, श्री आर मीना, सदस्य सचिव, रेलवे भर्ती बोर्ड, उत्तर मध्य रेलवे, श्री राम मूर्ति यादव, उप मुख्य कार्मिक अधिकारी, रेलवे भर्ती सेल, इलाहाबाद को पोस्टमास्टर जनरल द्वारा सम्मानित किया गया। इसके अलावा इलाहाबाद परिक्षेत्र में विभिन्न सेवाओं उत्कृष्ट कार्य करने हेतु भी सम्मानित किया गया। इनमें श्री राम नारायन, प्रवर अधीक्षक डाकघर, इलाहाबाद को अधिकतम राजस्व अर्जन हेतु, श्री टी बी सिंह, सीनियर पोस्टमास्टर इलाहाबाद प्रधान डाकघर को अन्तर्राष्ट्रीय धन अंतरण सेवा हेतु, श्री पी के पाठक, डाक निरीक्षक, सैदपुर, गाजीपुर को सर्वश्रेष्ठ डाक जीवन बीमा व्यवसाय हेतु, श्री राम चन्द्र शुक्ल शाखा डाकपाल डेज मेडिकल (टीएसएल उपडाकघर) इलाहाबाद, को ग्रामीण डाक जीवन बीमा हेतु, श्री रजनीश कुमार, मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव, इलाहाबाद मंडल को सर्वश्रेष्ठ मार्केटिंग हेतु एवं श्री नन्द लाल, पोस्टमैन, प्रधान डाकघर, इलाहाबाद को सर्वश्रेष्ठ डाकिया हेतु सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर उपस्थित जनों का स्वागत श्री राम नारायन, प्रवर अधीक्षक डाकघर, इलाहाबाद, आभार ज्ञापन श्री रहमतुल्लाह एवं कार्यक्रम का संचालन श्री राम नाथ यादव सहायक निदेशक, कार्यालय पोस्टमास्टर जनरल, इलाहाबाद द्वारा किया गया।

Monday, October 8, 2012

Postal department to celebrate National Postal Week

ALLAHABAD: The postal deprtment will observe the World Post Day and 'National Postal Week. Presently various new techniques are invented in Information and Communication revolution but the department of posts has maintained its existence for the distribution and sale of various organisations through its vast network and exchange of new techniques from time to time.
 
Director Postal Services, Allahabad Region Krishna Kumar Yadav, said the World Post Day is celebrated every year on October 9. It marks the establishment of the Universal Postal Union (UPU) in 1874 in the Swiss capital, Bern. It was declared World Post Day by the UPU Congress held in Tokyo, Japan, in 1969.
 
He said that in Allahabad Postal Region and its postal divisions are also celebrating the World Post Day and National Postal Week from October 9 to 15. A programme has been organised by the Department of Posts on the occasion of World Post Day on Tuesday, wherein institutions providing the excellent business revenue to the department will be honoured.
 
During National Postal Week October 10 (Savings Bank Day), October 11 (Mail Day), October 12 (Philately Day) October 13 (Business Development Day) and October 15 (Postal Life Insurance Day) will be organised. Yadav said during this ceremony efforts will not only be made to popularize and revenue realization of the Postal Services but customer meet, visit of post offices by school students, letter writing, quiz for the promotion of hobbies in respect of philately in the youth, savings bank and Postal Life Insurance Melas and honouring of personnel/institutions for providing the best revenue to the department will also be held.
 

यूँ आरंभ हुआ 9 अक्तूबर को 'विश्व डाक दिवस' मनाने का चलन..

’हरकारों’ से लेकर ’कम्प्यूटर’ तक डाक विभाग ने एक लम्बा सफर तय किया है। वर्तमान में सूचना एवं संचार क्रान्ति के चलते तमाम नवीन तकनीकों का आविष्कार हुआ है, पर डाक-विभाग ने समय के साथ नव-तकनीक के प्रवर्तन, अपनी सेवाओं में विविधता एवं अपने व्यापक नेटवर्क के चलते विभिन्न संगठनों के उत्पादों व सेवाओं के वितरण एवं बिक्री हेतु उनसे गठजोड़ करके अपनी निरन्तरता कायम रखी है।

पूरी दुनिया में 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस के रूप में मनाया जाता है। 9 अक्टूबर 1874 को 'यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन' के गठन हेतु बर्न, स्विटजरलैण्ड में 22 देशों ने एक संधि पर हस्ताक्षर किया था, इसी कारण 9 अक्टूबर को कालान्तर में ‘‘विश्व डाक दिवस‘‘ के रूप में मनाना आरम्भ किया गया। यह संधि 1 जुलाई 1875 को अस्तित्व में आयी, जिसके तहत विभिन्न देशों के मध्य डाक का आदान-प्रदान करने संबंधी रेगुलेसन्स शामिल थे। कालान्तर में 1 अप्रैल 1879 को जनरल पोस्टल यूनियन का नाम परिवर्तित कर यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन कर दिया गया। यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बनने वाला भारत प्रथम एशियाई राष्ट्र था, जो कि 1 जुलाई 1876 को इसका सदस्य बना। जनसंख्या और अन्तर्राष्ट्रीय मेल ट्रैफिक के आधार पर उस समय सदस्य राष्ट्रों की 6 श्रेणियां थीं और भारत आरम्भ से ही प्रथम श्रेणी का सदस्य रहा। 1947 में यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन, संयुक्त राष्ट्र संघ की एक विशिष्ट एजेंसी बन गई।

वर्ष 1969 में टोकियो, जापान में सम्पन्न यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन, कांग्रेस में सर्वप्रथम 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गयी। यह भी गौरतलब है की विश्व डाक संघ के गठन से पूर्व दुनिया में एक मात्र अन्तर्राष्ट्रीय संगठन रेड क्रास सोसाइटी (1870) था।


- कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएँ, इलाहाबाद परिक्षेत्र, इलाहाबाद.

Saturday, October 6, 2012

डाक सेवाओं में अग्रणी रहा है इलाहाबाद : घोड़ागाड़ी से डाक सेवा, रेलवे डाक सेवा और हवाई डाक सेवा का आरंभ इलाहाबाद में


संचार के क्षेत्र में डाक सेवाओं का प्रमुख स्थान रहा है और इसमें भी इलाहाबाद अग्रणी रहा है। कई सेवाओं को आरंभ करने का श्री इलाहाबाद की धरा को ही जाता है.घोड़ागाड़ी से डाक सेवा, रेलवे डाक सेवा और हवाई डाक सेवा जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं का आरंभ इलाहाबाद से ही हुआ है.

6 मई 1840 को ब्रिटेन में विश्व के प्रथम डाक टिकट जारी होने के अगले वर्ष 1841 में इलाहाबाद और कानपुर के मध्य घोड़ा गाड़ी द्वारा डाक सेवा आरम्भ की गई। इलाहाबाद के एक धनी व्यापारी लाला ठंठीमल, जिनका व्यवसाय कानपुर तक विस्तृत था को इस घोड़ा गाड़ी डाक सेवा को आरम्भ करने का श्रेय दिया जाता है, जिन पर अंग्रेजों ने भी अपना भरोसा दिखाया।
जी0टी0 रोड बनने के बाद उसके रास्ते भी पालकी और घोड़ा गाड़ी से डाक आती थी, जिसमें एक घोड़ा 7 किलोमीटर का सफर तय करता था। आधा तोला वजन का एक पैसा किराया तुरन्त भुगतान करना होता था। इलाहाबाद से बिठूर तक डाक का आवागमन गंगा नदी के रास्ते से होता था। डाक हरकारे जंगल से होकर गुजरते थे इसलिए सुरक्षा के लिहाज से कमर में घंटी और हाथ में भाला लिए रहते थे। सन् 1850 में लाला ठंठीमल ने कुछ अंग्रेजों के साथ मिलकर ‘इनलैण्ड ट्रांजिट कम्पनी’ की स्थापना की और इलाहाबाद के बाद कलकत्ता से कानपुर के मध्य घोड़ा गाड़ी डाक व्यवस्थित रूप से आरम्भ किया। अगले वर्षों में इसका विस्तार मेरठ, दिल्ली, आगरा, लखनऊ, बनारस इत्यादि प्रमुख शहरों में भी किया गया। इलाहाबाद की अवस्थिति इन शहरों के मध्य में होने के कारण डाक सेवाओं के विस्तार के लिहाज से इसका महत्वपूर्ण स्थान था। इस प्रकार लाला ठंठीमल को भारत में डाक व्यवस्था में प्रथम कम्पनी स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है। 1854 में डाक सेवाओं के एकीकृत विभाग में तब्दील होने पर इनलैण्ड ट्रांजिट कम्पनी’ का विलय भी इसमें कर दिया गया।

रेलवे डाक सेवा का उदभव भी इलाहाबाद में ही हुआ माना जाता है। रेल सेवा के आरम्भ होने के बाद इलाहाबाद और कानपुर के बीच अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम बार रेलवे सार्टिंग सेक्शन की स्थापना 1 मई 1864 को की गई, जो कि कालान्तर में रेलवे डाक सेवा में तब्दील हो गया। आरम्भ में कानपुर की रेलवे डाक सेवा इलाहाबाद से संचालित होती थी, पर 30 अगस्त 1972 को पोस्टमास्टर जनरल, उत्तर प्रदेश के एक आदेश द्वारा ‘ए’ मण्डल इलाहाबाद को विभक्त कर ‘के0पी0’ मण्डल कानपुर का गठन किया गया।

सामरिक रूप से महत्वपूर्ण होने के कारण ब्रिटिश शासन काल से ही अंग्रेजों ने इलाहाबाद में भी संचार साधनों की प्रमुखता पर जोर दिया। इनमें डाक सेवायें सर्वप्रमुख थीं। डाक सेवा का विचार सबसे पहले ब्रिटेन में और हवाई जहाज का विचार सबसे पहले अमेरिका में राइट बंधुओं ने दिया वहीं चिट्ठियों ने विश्व में सबसे पहले भारत में हवाई उड़ान भरी।

 इलाहाबाद को यह भी सौभाग्य प्राप्त है कि प्रथम हवाई डाक सेवा यहीं से आरम्भ हुई। यह ऐतिहासिक घटना लगभग 100 वर्ष पूर्व 18 फरवरी 1911 को इलाहाबाद में हुई। संयोग से उस साल कुंभ का मेला भी लगा था। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार उस दिन एक लाख से अधिक लोगों ने इस घटना को देखा था जब एक विशेष विमान ने शाम को साढ़े पांच बजे यमुना नदी के किनारों से उड़ान भरी और वह नदी को पार करता हुआ 15 किलोमीटर का सफर तय कर नैनी जंक्शन के नजदीक उतरा जो इलाहाबाद के बाहरी इलाके में सेंट्रल जेल के नजदीक था। आयोजन स्थल एक कृषि एवं व्यापार मेला था जो नदी के किनारे लगा था और उसका नाम ‘यूपी एक्जीबिशन’ था। इस प्रदर्शनी में दो उड़ान मशीनों का प्रदर्शन किया गया था। विमान का आयात कुछ ब्रिटिश अधिकारियों ने किया था। इसके कलपुर्जे अलग अलग थे जिन्हें आम लोगों की मौजूदगी में प्रदर्शनी स्थल पर जोड़ा गया। आंकड़ों के अनुसार कर्नल वाई विंधाम ने पहली बार हवाई मार्ग से कुछ मेल बैग भेजने के लिए डाक अधिकारियों से संपर्क किया जिस पर उस समय के डाक प्रमुख ने अपनी सहर्ष स्वीकृति दे दी। मेल बैग पर ‘पहली हवाई डाक’ और ‘उत्तर प्रदेश प्रदर्शनी, इलाहाबाद’ लिखा था। इस पर एक विमान का भी चित्र प्रकाशित किया गया था। इस पर पारंपरिक काली स्याही की जगह मैजेंटा स्याही का उपयोग किया गया था। आयोजक इसके वजन को लेकर बहुत चिंतित थे, जो आसानी से विमान में ले जाया जा सके। प्रत्येक पत्र के वजन को लेकर भी प्रतिबंध लगाया गया था और सावधानीपूर्वक की गई गणना के बाद सिर्फ 6,500 पत्रों को ले जाने की अनुमति दी गई थी। विमान को अपने गंतव्य तक पहुंचने में 13 मिनट का समय लगा। विमान को फ्रेंच पायलट मोनसियर हेनरी पिक्वेट ने उड़ाया।
- कृष्ण कुमार यादव, 
निदेशक डाक सेवाएँ, 
इलाहाबाद परिक्षेत्र, इलाहाबाद.