दुनिया की सबसे बड़ी डाक सेवा भारतीय डाक
को प्रौद्योगिकी के स्तर पर उन्नत बनाते हुये डाक बचत खातों को कोर बैंकिंग
सोल्यूशंस (सीबीएस) से जोड़ने और ग्राहकों के लिए एटीएम कार्ड जारी करने की शुरूआत कर दी गयी. इसके साथ ही डाक जीवन बीमा का आनलाइन परिचालन भी शुरू कर दिया
गया है. संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्ल ने यहां इंद्रप्रस्थ
मुख्य डाकघर में एटीएम मशीन और डाकघर बचत खातों को ऑनलाइन करने की प्रौद्योगिकी
कोर बैंकिंग सोल्यूशंस के साथ ही डाक जीवन बीमा के आन लाइन परिचालन की शुरूआत की. डाक
एमटीएम धारक शीघ्र ही अपने कार्ड का उपयोग ऑनलाइन खरीद और दूसरी सेवाओं के लिए कर
सकेंगें.
इस अवसर पर सिब्बल ने बताया कि पांच हजार
करोड़ रूपये की लागत से डाकघरों को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से जोड़ने की योजना के
तहत यह संभव हो सका है. उन्होंने बताया कि मार्च 2014 तक देश के 700 डाकघर कोर बैंकिंग से जुडे जायेंगे और
मार्च 2015 तक 23207 डाकघर इस नेटवर्क से
जुड़ जायेंगे. जुलाई 2015 तक देश के 25 हजार डाकघर इसके दायरे में आ जायेगें और अगले कुछ वर्षों में
देश के कार्यरत सभी 1.60 लाख डाकघरों में यह सेवा उपलब्ध होगी. उन्होंने बताया कि इसी
तरह से अगले कुछ महीने में डाकघर के एक हजार एटीएम होंगे और मार्च 2015 तक यह संख्या बढ़कर 2800 हो जायेगी.
सिब्बल
ने उम्मीद जतायी कि देश के सभी डाकघरों के कोर बैंकिंग सोल्यूशंस से जुड़ने से
किसानों और छोटे कारोबारियों को बहुत अधिक लाभ होगा, क्योंकि सरकार की योजना इसके माध्यम से
किसानों को अपने उपज को बेचने और कारोबारियों को अपने उत्पाद बेचने में भी मददगार
बनने की है. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश के सभी डाकघरों के कोर बैंकिंग से
जुड़ने के बाद देश के सकल घरेलू उत्पाद में दोगुने की बढ़ोतरी हो सकती है, क्योंकि ग्रामीण
क्षेत्रों में आज भी कारोबारी और किसान घरो में रूपये रखते है, जो इसके बाद डाकघरों
में जमा करायेंगे.
इस
मौके पर डाक सचिव पी गोपीनाथ ने बताया कि डाक विभाग को आधुनिक प्रौद्योगिकी के
अनुरूप बनाने में टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस, इंफोसिस, एनआईएसजी सिफी और असेंचर ने मदद की है. कोर
बैंकिंग सोल्यूशंस के लिए इंफोसिस के फिनैकल का उपयोग किया गया है. उन्होंने बताया
कि देश के अभी भारतीय डाक के चार एटीएम हो गये हैं, जिनमें से दो दिल्ली में है. अभी देश के 64 डाकघरों के 64 लाख खाते कोर
बैंकिंग सोल्यूशंस से जुड़ चुके हैं. इनमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, असम और आंध्र प्रदेश
शामिल है. देश में 28 करोड़ डाक बचत खाते हैं. सीबीएस से जुड़े डाकघरों के बचत खाताधारक अब अपने खातों को
किसी भी डाकघर में प्रचालन कर सकेंगे तथा खाता संबंधित सेवाओं का लाभ ले सकेंगे.
डाकघर के ग्राहक को कहीं भी कभी भी बैंकिंग, नेट बैंकिंग, आरजीटीएस, एनईएफटी की भी सुविधायें भी उपलब्ध हो सकेंगें. सीबीएस का
उद्देश्य इंटरनेट, मोबाइल फोन तथा एटीएम के माध्यम से तीव्र एवं सुलभ बैंकिंग
सेवायें उपलब्ध कराने की है.
दिल्ली
परिमंडल के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल वसुमित्र ने बताया कि मार्च 2014 तक दिल्ली के 86 डाकघर
सीबीएस से जुड़ जायेंगे और जुलाई 2015 तक
राजधानी के सभी 600 डाकघर इसके दायरे में आ जायेंगे. मार्च 2015 तक राजधानी के 386 डाकघर
सीबीएस से जुड़ जायेंगे.
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