वक्त के साथ डाक सेवाओं में तमाम बदलाव आए हैं। 160 साल से पुरानी भारतीय डाक सेवा अब नई टेक्नॉलाजी के साथ नए रूप में लोगों के सामने आ रही है। सन 1882 से अनवरत बचत बैंक सेवाएं दे रहा डाक विभाग अब बदलते दौर के साथ डाकघरों में सीबीएस और एटीएम जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराने रहा है।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग नवीन टेक्नोलाजी के तहत नित्य अपने ग्राहकों को अच्छी सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध है और डाक विभाग की महत्वाकांक्षी परियोजना ’आईटी मार्डनाइजेशन प्रोजेक्ट’ के तहत सीबीएस इस दिशा में एक मील का पत्थर है। उन्होंने बताया कि राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र के अधीन 10 डाक मण्डलों के तहत् 568 डाकघरों में से 84 डाकघरों में सीबीएस आरम्भ किया जा चुका है, जिनमें 19 प्रधान डाकघर शामिल हैं। इनमें से जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, चुरू, पाली मारवाड़ व डीडवाना प्रधान डाकघरों में एटीएम लगाये जाने प्रस्तावित हैं, जिनमें जोधपुर व बीकानेर में ये सर्वप्रथम लगेंगे ।
निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि सीबीएस से जुड़ने के बाद एनीव्हेयर एनीटाइम बैंकिंग के तहत क्रमबद्ध रूप में धीरे-धीरे ग्राहकों को आन लाइन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, नेट बैंकिंग और एटीएम इत्यादि का लाभ मिल सकेगा। एटीएम के बाद डाक विभाग की काॅल सेंटर, इंटरनेट मोबाइल बैकिंग और नेट बैंकिंग शुरू करने की योजना है।
डाकघरों में लगने वाले एटीएम के सम्बन्ध में निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाकघरों में बचत खाता रखने वाले लोग भी अब डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे। आरम्भिक तौर पर इस एटीएम का इस्तेमाल डाक घरों के खाताधारक ही कर सकेंगे। फिलहाल इस एटीएम से देश के किसी भी कोने में स्थित डाक घरों के सीबीएस बचत खाता धारक ग्राहक पैसे निकाल सकेंगे। इसके लिए उनके खाते में न्यूनतम 5000 रूपये की राशि होना जरुरी है। इस एटीएम से एक दिन में 25 हजार रूपये और एक बार में 10 हजार रूपये निकालने की सुविधा होगी । पुराने खाताधारकों को एटीएम की सुविधा लेने हेतु केवाईसी (नो योर कस्टमर) के तहत अपने पहचान संबंधित दस्तावेज भी उपलब्ध कराने होंगे।रकम निकासी के साथ ग्राहक अपना स्टेटमेंट भी ले सकेंगे।
गौरतलब है कि डाकघरों के बचत खाताधारकों को यह सुविधा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने सरकारी बचत बैंक अधिनियम, 1875 के नियमों में हाल ही में बदलाव किया है। वित्त मंत्रलय ने इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके मुताबिक कोर बैंकिंग साल्यूशन प्लेटफार्म पर संचालित होने वाले डाकघरों में खातों का संचालन भी ग्राहक इलेक्ट्रानिक कर सकेंगे।
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