राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर ने अपने सभी सक्षम डाकघरों को सीबीएस (कोर बैंकिंग सॉल्यूशन) से जोड़कर शत-प्रतिशत सीबीएस होने का लक्ष्य 31 दिसंबर को प्राप्त कर लिया है और इसी के साथ राजस्थान डाक परिमंडल संपूर्ण भारत में शत-प्रतिशत सीबीएस डाक घर वाला प्रथम राज्य बन गया है। इसमें सर्वाधिक 530 डाकघर जोधपुर क्षेत्र, तत्पश्चात अजमेर क्षेत्र के 395 और जयपुर क्षेत्र के 310 डाकघर सहित कुल 1235 डाकघर शामिल हैं। इनमें 48 प्रधान डाकघर और 1187 उपडाकघर शामिल हैं।
राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक विभाग नवीन टेक्नोलाजी के तहत नित्य अपने ग्राहकों को अच्छी सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध है और डाक विभाग की महत्वाकांक्षी परियोजना ’आईटी मार्डनाइजेशन प्रोजेक्ट’ के तहत सीबीएस (कोर बैंकिंग सॉल्यूशन) इस दिशा में एक मील का पत्थर है। उन्होंने बताया कि राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र के अधीन 10 डाक मण्डलों के तहत 530 डाकघरों ने सीबीएस के तहत कार्य करना आरम्भ कर दिया है। राजस्थान में जनवरी 2014 में सीबीएस के तहत डाकघरों को लाने की कवायद आरम्भ की गई थी। गौरतलब है कि राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर भारत का सबसे बड़ा पोस्टल रीजन है। निदेशक श्री यादव ने बताया कि सीबीएस से जुड़ने के बाद डाकघरों में एनीव्हेयर एनीटाइम बैंकिंग के तहत क्रमबद्ध रूप में धीरे-धीरे ग्राहकों को आनलाइन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, नेट बैंकिंग इत्यादि की सुविधाएँ भी दी जाएँगी।
निदेशक डाक सेवायें श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग का उद्देश्य समावेशी विकास के तहत शहरों के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण अंचल स्थित लोगों को भी सेवाओं का त्वरित लाभ पहुँचाना है। इसी क्रम में आई. टी. मार्डनाइजेशन प्रोजेक्ट के तहत ग्रामीण शाखा डाकघरों को भी ग्रामीण सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के अंतर्गत हाईटेक किया जायेगा और वहाॅँ पर नेटबुक व हैण्डहेल्ड डिवाइस भी दिया जायेगा । इसके साथ-साथ मोबाइल थर्मल प्रिन्टर , स्मार्ट कार्ड रीडर, फिंगर प्रिन्ट स्कैनर, डिजिटल कैमरा एवं सिगनेचर व दस्तावेज स्कैनिंग के लिये यन्त्र भी मुहैया कराया जायेगा ताकि ग्रामीण लोगों को इन सुविधाओं के लिये शहरों की तरफ न जाना पडे ।
डाक विभाग के आ गए अच्छे दिन : राजस्थान संपूर्ण भारत में शत-प्रतिशत सीबीएस डाक घर वाला बना प्रथम राज्य
(साभार : दैनिक युग पक्ष, बीकानेर,1 जनवरी 2016)
सीबीएस के मामले में राजस्थान पूरे देश में टॉप पर
(साभार : राजस्थान पत्रिका, 5 जनवरी 2016)
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