आज बेटियाँ समाज में नित नये मुकाम हासिल कर रही हैं। बेटियों की समृद्धि और खुशहाली में ही समाज का भविष्य टिका हुआ है। इसीलिए बेटियों की उच्च शिक्षा, कैरियर और उनके विवाह में सुविधा के लिए 10 वर्ष तक की बेटियों हेतु डाकघरों में सुकन्या समृद्धि योजना आरंभ की गयी है। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने चूरु जनपद के तारानगर स्थित आनन्दसिंहपुरा गाँव में सुकन्या समृद्धि योजना के लिये 03 नवम्बर, 2016 को आयोजित मेले में व्यक्त किये।
मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने "बेटी बचाओ, बेटी पढाओ” के अंतर्गत बालिकाओं के राष्ट्र निर्माण पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुडा हुआ हैं। इस योजना के आर्थिक के साथ साथ सामाजिक आयाम महत्वपूर्ण हैं। इसमें जमा धनराशि पूर्णतया बेटियों के लिए ही होगी, जो उनकी शिक्षा, कैरियर एवं विवाह में उपयोगी होगी। सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के सपनों को पूरा करने का सशक्त माध्यम हैं। श्री यादव ने कहा कि कहा कि हर बेटी को उसके जन्म पर माँ-बाप द्वारा सुकन्या समृद्धि खाता उपहार स्वरूप देकर नई परम्परा का सूत्रपात करना चाहिये।
डाक विभाग की योजनाओं की चर्चा करते हुए डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग का उद्देश्य समावेशी विकास के तहत शहरों के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण अंचल स्थित लोगों को भी इन सभी योजनाओं के तहत लाना है। इसके तहत आने वाले दिनों में ग्रामीण डाक सेवकों सहित विभाग के सभी कर्मचारियों को सूचना प्रौद्योगिकी के माहौल में प्रभावकारी तरीके से कार्य करने के लिए तैयार करना है। इसी क्रम में ग्रामीण शाखा डाकघरों को भी तकनीकी तौर पर दक्ष बनाने के उद्देश्य से ग्रामीण आईसीटी के तहत हाईटेक किया जायेगा और वहाँ पर नेटबुक व हैण्डहेल्ड डिवाइस भी दिया जायेगा । शाखा डाकघरों को सोलर चार्जिंग उपकरणों से जोडने के साथ-साथ मोबाइल थर्मल प्रिन्टर, स्मार्ट कार्ड रीडर, फिंगर प्रिन्ट स्कैनर, डिजिटल कैमरा एवं सिगनेचर व दस्तावेज स्कैनिंग के लिये यन्त्र भी मुहैया कराया जायेगा ताकि ग्रामीण लोगों को इन सुविधाओं के लिये शहरों की तरफ न भागना पडे।
इस अवसर पर चूरु मण्डल के अधीक्षक डाकघर श्री राम सिंह ने कहा कि किसी भी डाकघर में बेटी के जन्म के समय या फिर दस साल की उम्र तक सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा सकते है। इसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 1,000 और अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक जमा किये जा सकते हैं। इस योजना में खाता खोलने से मात्र 15 वर्ष तक धन जमा कराना होगा। बेटी की उम्र 18 वर्ष होने पर जमा राशि का 50 प्रतिशत व सम्पूर्ण राशि 21 वर्ष पूरा होने पर निकाली जा सकती है। ब्याज दर 8.5 प्रतिशत हैं और जमा धनराशि में आयकर छूट का भी प्रावधान है।
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि श्री नौरंग लाल धीनवाल, सरपंच आनन्दसिंहपुरा ने इस योजना की भूरि-भूरि प्रशंसा कर लोकप्रिय एवं कल्याणकारी योजना बताया तथा कहा कि बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया यह प्रयास एक मील का पत्थर साबित होगा। इस अवसर पर श्री धीनवाल आगे कहा कि यह अत्यन्त ही सौभाग्य की बात हैं कि आनन्दसिंहपुरा गाँव की 10 वर्ष तक की समस्त योग्य बालिकाओं के सुकन्या खाते खोलकर, उनका गाँव चूरू जिले का प्रथम “सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना ग्राम” बन गया हैं।
इस दौरान आनन्दसिंहपुरा गाँव की समस्त कुल 116 बालिकाओं के खाते खोले गये। इसके बाद चूरू का आनन्दसिंहपुरा गाँव चूरू जिले का प्रथम सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना गाँव बन गया है। उपस्थित बच्चियों व उनके अभिवावकों को निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने पासबुकें व उपहार देकर उनके सुखी व समृद्ध भविष्य की कामना की। इस अवसर पर श्री यादव ने सरपंच आनन्दसिंहपुरा श्री नौरंग लाल धीनवाल के प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि बेटियों के लिए ऐसे प्रयास अन्य गांवों में भी किये जायेंगे।
इसके साथ-साथ सुकन्या समृद्धि योजना खाते खोलने में सहयोग करने हेतु सरपंच आनन्दसिंहपुरा श्री नौरंग लाल धीनवाल एवं श्री राय सिंह उपडाकपाल तारानगर, श्री भंवरसिंह शाखा डाकपाल आनन्दसिंहपुरा व श्री फूलसिंह भूतपूर्व शाखा डाकपाल ढाणीआशा को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत अधीक्षक डाकघर चूरु श्री राम सिंह, आभार ज्ञापन निरीक्षक डाक श्री दिनेश सिंह और संचालन श्री रामावतार ने किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय कार्यालय जोधपुर से निरीक्षक डाक श्री सुदर्शन सामरिया, उपखण्ड निरीक्षक डाक रतनगढ़ श्री विकास सैनी, उपडाकपाल तारानगर श्री राय सिंह, शाखाडाकपाल आनन्दसिंहपुरा श्री भंवर सिंह सहित तमाम स्थानीय डाककर्मी,बचत अभिकर्तागण व गाँव वासी उपस्थित रहे।
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