राजस्थान की कला-संस्कृति-विरासत और स्थापत्य कला सदैव डाक टिकटों पर प्रमुखता से स्थान पाती रही है। इसी क्रम में डाक विभाग ने देश की 16 प्राचीन बावड़ियों पर डाक टिकट जारी किए हैं, जिनमें राजस्थान की छह (06) ऐतिहासिक बावड़ियाँ शामिल हैं।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि राजस्थान में जोधपुर के तूरजी का झालरा सहित जयपुर की पन्ना मियाँ की बावड़ी, आभानेरी की चांद बावड़ी, बूंदी की रानीजी की बावड़ी एवं नागर सागर कुंड और अलवर की नीमराना बावड़ी पर डाक टिकट जारी किये गए हैं। इनमें नीमराना बावड़ी व नागर सागर कुंड पर जारी डाक टिकट 15 रूपये के और शेष डाक टिकट 5 रूपये के हैं। श्री यादव ने कहा कि इन डाक टिकटों के प्राप्त होते ही शीघ्र ही सभी फिलेटलिक ब्यूरो के माध्यम से बिक्री के लिए जारी किया जायेगा।
डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि बावड़ियाँ प्राचीन काल से ही जल संरक्षण में अपना अहम योगदान देती रही हैं और इन डाक टिकटों के माध्यम से इस विरासत को जीवंत किया गया है। इन बावड़ियों का निर्माण बेहद खूबसूरती से किया गया है और आज भी ये बावड़ियाँ वास्तु और स्थापत्य कला की दृष्टि से मन मोह लेती हैं। देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए बावड़ियाँ भी एक प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
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