Sunday, June 24, 2018

पहल : राजस्थान के जोधपुर रीजन में 35 गाँवों को डाक विभाग ने बनाया सम्पूर्ण बीमा ग्राम

जीवन बीमा आज के दौर की एक अनिवार्य आवश्यकता है। डाक विभाग अपने सामाजिक सरोकारों के तहत ग्रामीण लोगों को भी जीवन बीमा देने के लिए प्रतिबद्ध है । इसी कड़ी में राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर रीजन के 35 गाँवों में हर परिवार में न्यूनतम एक ग्रामीण डाक जीवन बीमा पॉलिसी जारी कर उन्हें 'सम्पूर्ण बीमा ग्राम' बनाया गया है। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने सिरोही जिले के ऐवडी गाँव को जोधपुर रीजन का 35 वां  'संपूर्ण बीमा ग्राम' घोषित करते हुए व्यक्त किया। गौरतलब है  कि अक्टूबर 2017 में संचार मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने इस योजना को आरम्भ किया था।  
 डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग ने यह कदम सामाजिक सुरक्षा कवरेज को बढ़ाने के साथ-साथ वित्तीय समावेशन में अभिवृद्धि के प्रयासों के तहत किया है। इससे गाँव में रह रहे किसान एवं गरीब परिवारों को काफी फायदा होगा और उन्हें जीवन सुरक्षा मिलेगी। डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग ने नवीन टेक्नालॉजी अपनाते हुए कोर इंश्योरेंस सर्विस के तहत मैककेमिश सॉफ्टवेयर के माध्यम से बीमा सेवाओं को भी ऑनलाइन बनाया है। हाल ही में  'डाक जीवन बीमा' योजना का दायरा भी बढ़ा दिया गया है। पहले मात्र सरकारी व अर्द्धसरकारी कर्मचारियों तक सीमित डाक जीवन बीमा अब निजी शिक्षण संस्थाओं /विद्यालयों/महाविद्यालयों आदि के कर्मचारियों, डॉक्टरों, इंजीनियरों, प्रबंधन सलाहकारों, चार्टेड एकाउंटेंट, वास्तुकारों, वकीलों, बैंकर  जैसे पेशेवरों और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज तथा बम्बई स्टॉक एक्सचेंज के सूचीबद्ध कम्पनी के कर्मचारियों के लिए भी उपलब्ध होगी। 
 डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग का स्वरुप दिनों-ब-दिन बदल रहा है और इसका फायदा आमजन को मिल रहा है।  डाकघरों में हर वर्ग और उम्र के हर पड़ाव के लिए अलग-अलग बचत और बीमा योजनाएँ हैं और इनमें लोग पीढ़ी दर पीढ़ी पैसे जमा करते हैं। केंद्र सरकार की तमाम अग्रणी योजनाओं को डाक विभाग के माध्यम से प्रमुखता से लागू किया गया है। आधार की सुगमता के लिए  सभी द्विपदीय डाकघरों में आधार एनरोलमेंट एवं अपडेशन सेटर खोले गए हैं। 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के तहत जोधपुर रीजन में  2 लाख 32 हजार बेटियों के सुकन्या खाते खोलने के साथ-साथ 330  गाँवों को शत-प्रतिशत सुकन्या समृद्धि गाँव बनाया जा चुका है।  

डाक निदेशक श्री यादव ने बताया कि ग्रामीण डाकघरों में  बुनियादी डाक सेवाओं के उन्नयन के साथ-साथ उन्हें भी हाईटेक बनाया जा रहा है। दर्पण प्रोजेक्ट  के तहत पश्चिमी राजस्थान के 13 जिलों में से 7 जिलों के  सभी शाखा डाकघरों को हैन्डहेल्ड डिवाइस के साथ हाईटेक किया गया है। इसे शीघ्र ही शेष 6 जिलों - जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर में भी क्रियान्वित किया जायेगा।  श्री यादव ने ने बताया कि हाल ही में ग्रामीण डाक सेवकों के वेतन में सरकार ने औसतन 56 प्रतिशत वृद्धि की मंजूरी दी है, इससे ग्रामीण डाक सेवाओं को और बल मिलेगा। 
 डाक अधीक्षक डी.आर.सुथार ने कहा कि डाकघर में लोगों की आयु और आवश्यकता के हिसाब से ग्रामीण डाक जीवन बीमा की ग्राम संतोष, ग्राम सुमंगल, ग्राम सुरक्षा, ग्राम सुविधा, ग्राम प्रिया योजनायें हैं। न्यूनतम 10 हजार रूपये  से अधिकतम 10 लाख रूपये तक का बीमा इसमें किया जा सकता है। इसमें निवेश की सुरक्षा पर सरकार की गांरटी, आयकर में छूट, कम प्रीमियम व अधिक बोनस, पालिसी पर लोन की सुविधा, ऑनलाइन प्रीमियम जमा कराने की सुविधा और अग्रिम प्रीमियम पर छूट दी जाती है।













पहल : जोधपुर रीजन में 35 गाँवों को डाक विभाग ने बनाया सम्पूर्ण बीमा ग्राम

ग्रामीण स्तर पर वित्तीय समावेशन और सामाजिक सुरक्षा कवरेज को बढ़ाएगा ‘सम्पूर्ण बीमा ग्राम योजना’-डाक निदेशक केके यादव






'फिलेटलिक सेमिनार' व 'ढाई आखर' : डाक टिकटों और पत्रों का संवेदनाओं से गहरा रिश्ता -डाक निदेशक केके यादव

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फिलेटली सिर्फ डाक टिकटों का संग्रह ही नहीं, बल्कि इसका अध्ययन भी है। डाक टिकटों और पत्रों का संवेदनाओं से गहरा रिश्ता है। सोशल मीडिया और वाट्सएप के इस दौर में कॉपी-पेस्ट की बजाय डाक टिकटों व पत्रों के पीछे छुपी कहानी से आज की युवा पीढ़ी को जोड़ने की जरूरत है, ताकि उनमें रचनात्मक अभिरुचि विकसित की जा सके। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने डाक विभाग द्वारा माउन्ट आबू में आयोजित फिलेटलिक सेमिनार व क्विज  एवं 'ढाई आखर' राष्ट्रीय पत्र लेखन प्रतियोगिता  का शुभारम्भ  करते हुए 21 जून  2018  को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, आबूपर्वत में बतौर मुख्य अतिथि अपने उद्बोधन में व्यक्त किये। 

इसमें राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, आबूपर्वत के अलावा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, निर्मला बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, आदर्श विद्या मंदिर, बी.ए.पी.एस. स्वामी नारायण विद्या मंदिर तथा सेंट जोसफ माध्यमिक विद्यालय, आबूपर्वत के 200 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया |

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि राजस्थान से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों, विभूतियों और यहाँ की कला व संस्कृति को डाक टिकटों पर भरपूर स्थान मिला है। डाक टिकट लोगों को अपनी सभ्यता, संस्कृति और विरासत से अवगत कराता है।  श्री यादव ने कहा कि पत्र-लेखन साहित्य की एक गंभीर विधा भी है। डाक विभाग  "ढाई आखर " के माध्यम से पत्र-लेखन की परम्परा को आधुनिक पीढ़ी से भी जोड़ रहा है।  इसके तहत 30 सितंबर तक  "मेरे देश के नाम ख़त" लिखिए और यदि आपका पत्र चुना गया तो पाँच हजार से पचास हजार रूपये तक का पुरस्कार भी मिलेगा। 

बतौर विशिष्ट अतिथि आबूपर्वत के उपखंड अधिकारी आईएएस श्री निशांत जैन ने कहा कि हर डाक टिकट एक अहम एवं समकालीन विषय को उठाकर वर्तमान परिवेश से इसे जोड़ता है, इससे विद्यार्थियों को काफी फायदा होता है। 
नगरपालिका उपसभापति आबूपर्वत श्रीमती अर्चना दवे ने कहा कि वक़्त के साथ डाक विभाग ने अपनी सेवाओं में तमाम नए आयाम जोड़े हैं। ऐसे सेमिनार निरंतर होते  रहने  चाहिये, ताकि अधिक से अधिक लोग डाक टिकट की खूबियों व पत्र लेखन  के प्रति आकर्षित हो सकें।
सिरोही  मंडल के  डाक अधीक्षक डी. आर. सुथार  ने कहा कि फिलेटली के क्षेत्र में तमाम नए कदम उठाये जा रहे हैं। अब लोग अपनी तस्वीर वाली डाक टिकट भी बनवा सकते हैं। डाकघरों में मात्र 200 रूपये में फिलेटलिक डिपाजिट एकाउंट खोलकर घर बैठे नई डाक टिकटें व अन्य सामग्री प्राप्त की जा सकती हैं।  श्री मोहनलाल, प्राचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आबूपर्वत ने शैक्षणिक दृष्टि से डाक टिकटों व पत्रों से जुड़े संस्मरण सुनाते हुए बच्चों को इस ओर प्रोत्साहित किया। 

कार्यक्रम के आरम्भ में सहायक डाक अधीक्षक तरुण शर्मा ने विद्यार्थियों को पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से  फिलेटली के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में  सेमिनार व क्विज के प्रतिभागियों को डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव द्वारा पुरस्कृत भी किया गया। 
इस अवसर पर सहायक डाक अधीक्षक पुखराज राठौड़, डाक निरीक्षक सत्येन्द्र सिंह, उपडाकपाल जयंतीलाल, विजयराज, रणछोड़राम चौधरी, धीरेन्द्र सिंह, मीना शाह, दीपक माली, मूल सिंह  सहित तमाम अधिकारी-कर्मचारी, अध्यापकगण व स्कूली बच्चे  उपस्थित रहे।  









डाक टिकटों और पत्रों का संवेदनाओं से गहरा रिश्ता -डाक निदेशक केके यादव

डाक विभाग द्वारा माउन्ट आबू में 'फिलेटलिक सेमिनार' व 'ढाई आखर' पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन

सभ्यता, संस्कृति एवं विरासत के संवाहक हैं डाक टिकट - डाक निदेशक केके यादव


सिरोही प्रधान डाकघर में शीघ्र खुलेगा पासपोर्ट सेवा केंद्र, सिरोही-जालोर के लोगों को मिलेगी सहूलियत - डाक निदेशक के.के. यादव

सिरोही और जालोर जिले के लोगों को आने वाले दिनों में पासपोर्ट के लिए जोधपुर, पाली, उदयपुर या जयपुर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। शीघ्र ही सिरोही प्रधान डाकघर में भी  पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र आरंभ किया जायेगा। यह बात सिरोही-जालोर डाक मंडल के दौरे पर पधारे राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने कही।  
डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग और विदेश मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र के अधीन 13 जिलों में अब तक 9 पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र आरम्भ किये गए हैं। शीघ्र ही सिरोही प्रधान डाकघर में 10वां  पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र आरंभ किया जायेगा। यह केंद्र शुरू होने के पश्चात सिरोही और जालोर जिले के नागरिक अपना पासपोर्ट प्रधान डाकघर सिरोही में जाकर बनवा सकते हैं। इससे समय और संसाधन दोनों की बचत होगी और लोगों को रोजगार के लिए आसानी से विदेश जाने के अवसर मिलेंगे।

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुविधा के लिए और पासपोर्ट को हर किसी की पहुँच के अंदर बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा डाकघरों में पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र आरंभ किए गए हैं। इन केंद्रों से आमजन को काफी सहूलियत हो गई है। आने वाले दिनों में  सिरोही प्रधान डाकघर में यह सेवा आरम्भ होने के बाद पासपोर्ट के आवेदक को पहले www.passportindia.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। साथ ही केंद्र के रूप में पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र, सिरोही  को सलेक्ट करना होगा और 1500 सौ रुपए ऑनलाइन शुल्क जमा करना होगा। उसी दौरान उसे पाँच तिथि दी जाएगी जिसमें से कोई एक दिन पर आवेदक को अपनी सुविधानुसार चयन करना होगा। इसके बाद एआरएन नंबर के साथ आवेदक के मोबाइल पर एप्वाइंटमेंट का समय और दिनांक का मैसेज आएगा। निर्धारित समय और दिनांक को आवश्यक दस्तावेज के साथ आवेदक को पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंन्द्र आना होगा। 

श्री यादव कहा कि प्रधान डाकघर में ही आवेदक का फिंगर प्रिंट्स, फोटो तथा दस्तावेज वेरीफिकेशन किया जाएगा। इसके बाद पुलिस सत्यापन होगा। करीब 20 से 25 दिन में पासपोर्ट तैयार कर आवेदक के घर स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेज दिया जाएगा। श्री यादव ने बताया कि पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्रों पर फिलहाल तत्काल पासपोर्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं है।









Monday, June 18, 2018

डाक विभाग द्वारा 'ढाई आखर' पत्र लेखन प्रतियोगिता, "मेरे देश के नाम ख़त" लिखिए और पाईये 50 हजार रूपये तक का ईनाम

अपने देश के प्रति आपके मन में कई खूबसूरत विचार उमड़ते होंगे। अब इन मनोभावों को आप खत के रूप में कागज पर भी लिख सकते हैं।  डाक विभाग की "ढाई आखर " राष्ट्रीय स्तर पत्र लेखन प्रतियोगिता के तहत "मेरे देश के नाम ख़त" लिखिए और  यदि आपका पत्र चुना गया तो पाँच हजार से पचास हजार रूपये तक का पुरस्कार भी मिलेगा। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं  श्री कृष्ण कुमार यादव ने जोधपुर में इस प्रतियोगिता का शुभारम्भ करते हुए कहीं। 15 जून से 30 सितंबर तक चलने वाली इस प्रतियोगिता के बैनर का श्री यादव ने लोकार्पण किया और तमाम बच्चियों को लिफाफे देकर इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित भी किया। 
डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा  कि इस  'ढाई आखर' पत्र लेखन प्रतियोगिता में किसी भी उम्र के लोग भाग ले  सकते हैं। पहला वर्ग 18 वर्ष तक तथा दूसरा 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग का होगा। पत्र  डाक विभाग द्वारा जारी अंतर्देशीय पत्र अथवा लिफाफे में ही स्वीकार्य होगा,  जिसमें क्रमशः 500 और 1,000 शब्दों में अंग्रेजी, हिन्दी अथवा स्थानीय भाषा में हाथ से पत्र लिखा जा सकता है। 
शहरों में  पत्र को प्रधान डाकघर या अन्य वितरण डाकघरों में इसके लिए निर्दिष्ट लेटर बॉक्स में ही  डालना होगा, जबकि गाँवों में लोग इसे अपने ब्रांच पोस्टमास्टर के माध्यम से भेज  सकते हैं।  पत्र में अपना पूरा नाम, पता व जन्मतिथि  सहित  चीफ पोस्टमास्टर जनरल, राजस्थान परिमंडल, जयपुर-302007  के पते पर 30 सितंबर, 2018  तक निर्धारित लेटर बॉक्स में  डाल दें। 


डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया  कि  प्रतियोगिता के विजेताओं को राज्य और राष्ट्रीय स्तरों पर तीन-तीन पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इनमें परिमंडलीय (राज्य) स्तर पर चयनित श्रेष्ठ पत्रों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी में क्रमश: पचीस हजार, दस हजार व  पांच हजार रूपए का पुरस्कार दिया जायेगा। अखिल भारतीय स्तर पर चयनित श्रेष्ठ पत्रों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी में क्रमश: पचास हजार, पचीस हजार व दस हजार रूपए का पुरस्कार दिया जायेगा। 

इस अवसर पर सहायक निदेशक इशरा राम,वरिष्ठ लेखाधिकारी डी.आर. सैनी, सहायक डाक अधीक्षक पुखराज राठौड़, विनय खत्री, जगदीश, ओपी चांदोरा, राहुल कुमार, अमित कुमार  सहित तमाम अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।