डाक टिकट संग्रह को लोगों विशेषकर युवाओं में अभिरूचि रूप में विकसित करने हेतु सूरत में प्रवर डाक अधीक्षक के रूप में भारतीय डाक सेवा के अधिकारी कृष्ण कुमार यादव ने 24 वर्षों के लम्बे अन्तराल पश्चात 22-23 दिसम्बर 2003 को जनपद स्तरीय डाक टिकट प्रदर्शनी ‘सूरतपेक्स- 2003’ का आयोजन किया, जिसे काफी सराहा गया। इस प्रदर्शनी की रोचकता का अन्दाज इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें जहाँ 1854 में जारी भारत का प्रथम डाक टिकट प्रदर्शित किया गया, वहीं स्विटजरलैण्ड द्वारा जारी चाकलेट की खुशबू वाला डाक टिकट भी प्रदर्शित था। इस प्रदर्शनी में ‘सूरत रक्तदान केन्द्र व अनुसंधान केन्द्र‘ एवं ‘नेचर क्लब सूरत‘ पर विशेष आवरण जारी किये गये और सरदार वल्लभभाई पटेल पर एक बुकलेट जारी की गई, जिसमें उन पर जारी चारों डाक टिकटों को स्थान दिया गया। इन विशेष आवरणों व बुकलेट को http://www.geocities.com/indianphilately/pg200323?20082 पर देखा जा सकता है। सरदार वल्लभभाई पटेल पर जारी बुकलेट को ‘‘फिला इण्डिया गाइड बुक 2005‘‘ में भी अंकित किया गया है एवं इसे पृष्ठ संख्या 229 पर प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी की यादों को सहेजने हेतु इस अवसर पर एक स्मारिका भी जारी की गई, जिसमें तमाम ज्ञानवर्द्धक व रोचक लेखों के अलावा भारतीय डाक, प्रसिद्ध भारतीय नारियाँ, भारतीय फिल्म और ब्यूटी आफ इण्डिया पर जारी डाक टिकटों को समाहित कर इसे संग्रहणीय बना दिया गया। आज इस प्रदर्शनी को बीते पूरे पॉँच वर्ष हो गए, पर अपने प्रथम कार्यकाल की प्रथम प्रदर्शनी भला किसे bhulati है। सो अतीत के आईने से आप भी इस प्रदर्शनी की खूबसूरत तस्वीरों का आनंद इस लिंक पर जाकर उठाइए -http://www.geocities.com/indianphilately/pg200323?20082
No comments:
Post a Comment