Sunday, January 18, 2009

महाराज प्रयाग नारायण मंदिर, शिवाला पर डाक विभाग द्वारा विशेष आवरण


भारतीय डाक विभाग ने कानपुर के प्रसिद्ध महाराज प्रयाग नारायण मंदिर, शिवाला पर दिनांक 17 जनवरी, 2009 को एक विशेष आवरण (लिफाफा) एवं इसका विशेष विरूपण जारी किया। कानपुर जी0पी0ओ0 द्वारा जारी किये गये इस विशेष आवरण का विमोचन श्री श्रीप्रकाश जायसवाल, गृहराज्य मंत्री, भारत सरकार द्वारा श्री रवीन्द्र पाटनी, मेयर कानपुर, श्री उदय कृष्ण, पोस्टमास्टर जनरल कानपुर परिक्षेत्र और श्री कृष्ण कुमार यादव, चीफ पोस्टमास्टर, कानपुर जीपीओ के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। 

महाराज प्रयाग नारायण मंदिर के 148 साल पूरे होने पर जारी (1861-2009) इस विशेष आवरण पर जहाँ मंदिर के गोपुरम का रेखाचित्र बना है, वहीं दुर्गा पूजा पर जारी डाक टिकट लगाकर इसका विरूपण किया गया है। विरूपण में भी मंदिर का चित्र बना हुआ है। गौरतलब है कि दक्षिण के त्रिचरापल्ली के श्री रंगम मंदिर के बाद तथा उत्तरी भारत में वृन्दावन के बाद महाराज प्रयाग नारायण मंदिर, दूसरा मंदिर है, जिसकी ख्याति देश के अलावा विदेशों तक में हैं। नागरी शैली में स्थापित इस मंदिर का ऊँचा गोपुरम व भव्य उज्जवल कलश दूर से ही अपनी अलग छटा बिखेरता है। बहुत कम लोगों को ज्ञात है कि मंदिरों की स्थापत्य के दृष्टिकोण से पॉँच भिन्न-भिन्न शैलियाँं हैं, जो दक्षिण के पॉँच प्रमुख राजवंशों की परिचायक हैं। ये पाँच मुख्य शैलियाँ कालक्रम में इस प्रकार हैं- पल्लव (600-1100 ई0 के लगभग), चोल (1100-1150 ई0 के लगभग), पांड्य (1100-1350 ई0 के लगभग), विजयनगर (1350-1565 ई0 के लगभग) एवं नायक (1600 ई0 के पश्चात)। इसमें प्रयाग नारायण शिवाला मंदिर विजयनगर शैली का है। इस शैली की मुख्य विशेषता है कि इसके प्रांगण में बाजार होता है, जो यहाँ पर भी है।
इस अवसर पर विशेष आवरण का विमोचन करते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री श्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा कि इससे राष्ट्रीय स्तर पर न सिर्फ कानपुर को विशिष्ट पहचान मिली है बल्कि कानपुर के धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों में महाराज प्रयाग नारायण मंदिर का नाम भी शुमार हो गया है। जिस कानपुर की पहचान या तो औद्योगिक नगर के रूप में रही है, या ब्रह्मावर्त के चलते, वहाँ उत्तर व दक्षिण का सेतुबन्ध कहे जाने वाले शिवाला के श्री रंगनाथ जी मंदिर पर विशेष आवरण जारी कर डाक विभाग ने कानपुर की सांस्कृतिक चेतना में प्राण फूँकने का कार्य किया है। महापौर श्री रवीन्द्र पाटनी ने इसे कानपुर के इतिहास में एक मील का पत्थर बताते हुए आशा की कि आने वाले दिनों में कानपुर के अन्य प्रसिद्ध स्थानों को भी यह गौरव प्राप्त होगा।


       (गृह राज्य मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल और भारतीय डाक सेवा के अधिकारी कृष्ण कुमार यादव)
कार्यक्रम के आरम्भ में सभी का स्वागत करते हुए भारतीय डाक सेवा के अधिकारी एवं कानपुर जीपीओ के चीफ पोस्टमास्टर श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि कानपुर सदैव से ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक धरोहरों एवं विभूतियों के मामले में अग्रणी रहा है। यही कारण है कि डाक विभाग ने अब तक कानपुर से जुड़े जहाँ 13 डाक टिकट जारी किये हैं, वहीं स्थानीय तौर पर अब तक 6 विशेष आवरण भी जारी किये गये हैं। श्री यादव ने बताया कि महाराज प्रयाग नारायण मंदिर, शिवाला अतीत के उस काल खण्ड का भी साक्षी है जब इसके प्रांगण में रहकर ही पं0 मोती लाल नेहरू ने कानपुर में अपनी वकालत शुरू की थी। इसी मंदिर के प्रांगण में झण्डा गीत के अमर रचयिता पद्मश्री श्याम लाल गुप्त ‘पार्षद‘ नित्य नंगे पैर रामायण का श्रवण करने आते थे। यहीं सन् 1884-85 में पं0 प्रताप नारायण मिश्र ने लावनी की अलख जगाई व नगर में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों दंगल, शास्त्रार्थ आदि में अग्रणी रहे, जिसकी चर्चा पं0 मिश्र ने ‘ब्राह्मण‘ पत्रिका में भी की है। सन् 1965 से शिवाला प्रांगण में सन्त मनीषियों व विद्वानों के व्याख्यान का जो सूत्रपात हुआ था वह अनवरत् रूप से आज भी जारी है। पं0 राम किंकर उपाध्याय ने शिवाला में रामकथा रस की अविरल गंगा बहाई, जो आज भी जारी है। मंदिर के प्रांगण में प्रतिवर्ष सांस्कृतिक-साहित्यिक गतिविधियों के पर्याय ‘मानस संगम‘ संस्था का वार्षिकोत्सव लगता है, जिसमें देश-विदेश के विद्वानों का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।

            (विशेष आवरण का विमोचन करते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री श्री श्रीप्रकाश जायसवाल)
पोस्टमास्टर जनरल श्री उदय कृष्ण ने कहा कि सांस्कृतिक धरोहरों को सवंर्धित करने का कार्य आरम्भ से ही डाक विभाग करता रहा है और इसी कड़ी में महाराज प्रयाग नारायण मंदिर पर जारी इस विशेष आवरण को भी देखा जाना चाहिए। कार्यक्रम के अन्त में धन्यवाद ज्ञापन महाराज प्रयाग नारायण मंदिर के संरक्षक श्री बद्री नारायण तिवारी द्वारा एवं संचालन श्री प्रदीप दीक्षित द्वारा किया गया। मंचासीन अतिथियों को श्री मुकुल नारायण तिवारी एवं अभिनव नारायण तिवारी द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में डाक विभाग के अधिकारियों के अलावा शहर के तमाम साहित्यकार, समाजसेवी, जन प्रतिनिधिगण एवं पत्रकार उपस्थित थे।


अभिनव नारायण तिवारी, 
प्रबन्धक- महाराजा प्रयाग नारायण मन्दिर,
 शिवाला, कानपुर-208001

7 comments:

Amit Kumar Yadav said...

Bahut sundar...Mubarak ho.

ilesh said...

nice one...badhai,,

KK Yadav said...
This comment has been removed by the author.
हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World said...

दक्षिण के त्रिचरापल्ली के श्री रंगम मंदिर के बाद तथा उत्तरी भारत में वृन्दावन के बाद महाराज प्रयाग नारायण मंदिर, दूसरा मंदिर है, जिसकी ख्याति देश के अलावा विदेशों तक में हैं।
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ऐसे ऐतिहासिक मंदिर पर लिफाफा जारी कर डाक विभाग ने पुण्य कार्य किया है.

Ram Shiv Murti Yadav said...

महाराज प्रयाग नारायण मंदिर, शिवाला अतीत के उस काल खण्ड का भी साक्षी है जब इसके प्रांगण में रहकर ही पं0 मोती लाल नेहरू ने कानपुर में अपनी वकालत शुरू की थी। इसी मंदिर के प्रांगण में झण्डा गीत के अमर रचयिता पद्मश्री श्याम लाल गुप्त ‘पार्षद‘ नित्य नंगे पैर रामायण का श्रवण करने आते थे।....ऐसे प्रसिद्ध स्थलों को यह सम्मान मिलना ही चाहिए.

Anonymous said...

भारतीय डाक विभाग को इस नेक कार्य के लिए साधुवाद. कृष्ण कुमार यादव जी तो भारतीय डाक सेवा के अधिकारी के साथ-साथ अच्छे ब्लॉगर भी है.

Dr. Brajesh Swaroop said...

बहुत सुन्दर जानकारी..आभार.