Monday, January 18, 2010

ब्लागर- साहित्यकार-प्रशासक के.के. यादव के निदेशक बनने पर अभिनन्दन व विदाई


ब्लागिंग और साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय तथा भारतीय डाक सेवा के अधिकारी कृष्ण कुमार यादव व "डाकिया डाक लाया" ब्लाग के सूत्रधार को निदेशक पद पर प्रोन्नति के उपलक्ष्य में कानपुर में 17 जनवरी, 2010 को आयोजित एक समारोह में भावभीनी विदाई दी गई। केंद्र सरकार के एक अधिकारी के साथ-साथ साहित्यकार व ब्लागर के रूप में चर्चित केके यादव की विदाई पर कानपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में तमाम प्रमुख साहित्यकार, बुद्विजीवी, शिक्षाविद, पत्रकार, अधिकारीगण मौजूद थे।

इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री गिरिराज किशोर ने कहा कि प्रशासन के साथ-साथ साहित्यिक दायित्वों का निर्वहन बेहद जटिल कार्य है पर कृष्ण कुमार यादव ने इसका भलीभांति निर्वहन कर रचनात्मकता को बढ़ावा दिया। गिरिराज किशोर ने इस बात पर जोर दिया कि आज समाज और राष्ट्र को ऐसे ही अधिकारी की जरूरत है जो पदीय दायित्वों के कुशल निर्वहन के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं से भी अपने को जोड़ सके। जीवन में लोग ऐसे पदों पर आते-जाते हैं, पर मनुष्य का व्यक्तित्व ही उसकी विराटता का परिचायक होता है। मानस संगम के संयोजक डॉ बद्री नारायण तिवारी ने कहा कि केके यादव जहां एक कर्तव्यनिष्ठ एवं ईमानदार अधिकारी की भूमिका अदा कर रहे हैं, वहीं एक साहित्य साधक एवं सशक्त रचनाधर्मी के रूप में भी अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित टीआर यादव, संयुक्त निदेशक कोषागार, कानपुर मण्डल ने एक कहावत के माध्यम से साहित्यकार केके यादव को इंगित करते हुए कहा कि कोई भी पद महत्वपूर्ण नहीं होता बल्कि उसे धारण करने वाला व्यक्ति अपने गुणों से उसे महत्वपूर्ण बनाता है। एक ही पद को विभिन्न समयावधियों में कई लोग धारण करते हैं पर उनमें से कुछ ही पद और पद से परे कार्य करते हुए समाज में अपनी अमिट छाप छोड़ पाते हैं, केके यादव इन्हीं में एक हैं। समाजसेवी एवं व्यवसायी सुशील कनोडिया ने कहा कि यह कानपुर का गौरव है कि केके यादव जैसे अधिकारियों ने न सिर्फ यहां से बहुत कुछ सीखा बल्कि यहां लोगों के प्रेरणास्त्रोत भी बने।

वरिष्ठ बाल साहित्यकार डॉ राष्ट्रबन्धु ने अपने अनुभवों को बांटते हुए कहा कि वे स्वयं डाक विभाग से जुड़े रहे हैं, ऐसे में केके यादव जैसे गरिमामयी व्यक्तित्व को देखकर हर्ष की अनुभूति होती है। सामर्थ्य की संयोजिका गीता सिंह ने कहा कि बहुआयामी प्रतिभा सम्पन्न श्री यादव अपने कार्यों और रचनाओं में प्रगतिवादी हैं और जमीन से जुडे़ हुए व्यक्ति हैं। उत्कर्ष अकादमी के निदेशक डॉ प्रदीप दीक्षित ने कहा कि केके यादव इस बात के प्रतीक हैं कि साहित्य हमारे जाने-पहचाने संसार के समानांतर एक दूसरे संसार की रचना करता है और हमारे समय में हस्तक्षेप भी करता है। जेके किड्स स्कूल के प्रबन्धक इन्द्रपाल सिंह सेंगर ने श्री यादव को युवाओं का प्रेरणास्त्रोत बताया। केके यादव पर संपादित पुस्तक ‘‘बढ़ते चरण शिखर की ओर‘‘ के संपादक दुर्गाचरण मिश्र ने कहा कि उनकी नजर में वे डाक विभाग के पहले ऐसे अधिकारी हैं, जिन्होंने नगर में रहकर नये कीर्तिमान स्थापित किये। इसी कारण उन पर पुस्तक भी संपादित की गई। प्रेस इन्फारमेशन ब्यूरो इंचार्ज एमएस यादव ने आशा व्यक्त की कि श्री यादव जैसे कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों के चलते लोगों का साहित्य प्रेम बना रहेगा। नगर हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ एसपी शुक्ल ने कहा कि श्री यादव कम समय में ज्यादा उपलब्धियों को समेटे न सिर्फ एक अधिकारी हैं बल्कि साहित्य-कला को समाज में उचित स्थान दिलाने के लिए कटिबद्ध भी दिखते हैं। कवयित्री गीता सिंह चौहान ने श्री यादव की संवेदनात्मक अनुभूति की प्रशंसा की। सहायक निदेशक बचत राजेश वत्स ने श्री यादव के सम्मान में कहा कि वे डाक विभाग जैसे बड़े उपक्रम में जो अपने कठोर अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा व ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध है। जिला बचत अधिकारी विमल गौतम ने श्री यादव के कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण उपलब्धियों को इंगित किया तो सेवानिवृत्त अपर जिलाधिकारी श्यामलाल यादव ने श्री यादव को एक लोकप्रिय अधिकारी बताया।

केके यादव ने इस अवसर पर कहा कि अब तक कानपुर में उनका सबसे लम्बा कार्यकाल रहा है और इस दौरान उन्हें यहां से बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। यहां के परिवेश ने न सिर्फ उनकी सृजनात्मकता में वृद्धि की बल्कि उन्नति की राह भी दिखाई। वे विभागीय रूप में भले ही यहां से जा रहे हैं पर कानपुर से उनका भावनात्मक संबंध हमेशा बना रहेगा। केके यादव की प्रोन्नति के अवसर पर नगर की तमाम साहित्यिक-सामाजिक संस्थाओं ने अभिनन्दन एवं सम्मान किया। इनमें मानस संगम, उप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन युवा प्रकोष्ठ, विधि प्रकोष्ठ, सामर्थ्य, उत्कर्ष अकादमी, मानस मण्डल जैसी तमाम चर्चित संस्थाएं शामिल हैं।
दैनिक जागरण में "भाई साहब" स्तम्भ के चर्चित कार्टूनिस्ट अंकुश जी ने इस अवसर पर के.के. यादव का एक चित्र भी बनाकर भेंट किया.

12 comments:

कविता रावत said...

Hamari or se bhi bahut bahut badhi sweekare.....

Shyama said...

बधाई. आपका अगला सफ़र मंगलमय हो.

Shyama said...

बधाई. आपका अगला सफ़र मंगलमय हो.

Udan Tashtari said...

के के यादव जी को बहुत बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ.

डॉ. मनोज मिश्र said...

अनेकानेक शुभकामनायें.

aarkay said...

बहुत बहुत बधाई व हार्दिक शुभकामनाएं !

Shahroz said...

आप पोर्टब्लेयर में भी नाम कमायें, मुबारकवाद हमारी.

Ram Shiv Murti Yadav said...

See this news at Yadukul blog also.

Amit Kumar Yadav said...

नई जगह पर नया जोश .

S R Bharti said...

बहुत बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ.

KK Yadav said...

आप सभी का आभार. स्नेह बनाये रखें !!

raghav said...

बेहतरीन कवरेज...नए सफ़र की बधाई.