

महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू जैसी महान हस्तियों की फोटो वाली डाक टिकटें तो सभी ने देखी होगी, लेकिन इन टिकटों पर गांधी जी और पंडित नेहरू की जगह खुद की तस्वीर अंकित हो जाए तो यह आपके लिए अनूठा अनुभव होगा। इन दिनों कुछ ऐसा ही प्रगति मैदान के हॉल संख्या 9 में हो रहा है। दिल्लीवाले अपनी इस ख्वाहिश को पूरा करने के लिए भारी संख्या में यहां पहुंच रहे हैं। शुक्रवार से प्रगति मैदान में शुरू हुए विश्व फिलाटेलिक प्रदर्शनी INDIPEX-2011 में यह नजारा देखने को मिल रहा है।
यहां देश में पहली बार लांच हुई ‘माई स्टाम्प’ तकनीक लोगों के लिए खासा रोमांचक और आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। लोग अपनी पसंद के थीम टिकटों पर अपनी तस्वीर लगवा रहे हैं। बच्चे जहां पंचतंत्र और हवाई जहाज जैसी थीम को पसंद कर रहे हैं तो वहीं कई लोग राशिफल और ताजमहल वाली थीम को चुन रहे हैं। यहां ऐसी 17 थीम बनाई गई हैं।
राजौरी गार्डन से आए रोशन ने बताया कि उन्हें टिकट कलेक्शन का शौक है। डाक तकनीक ‘माई स्टाम्प’ मेरे कलेक्शन में नई जान डाल देगी। पर्सनलाइज्ड स्टाम्प के नाम से मशहूर इस रोमांचक तकनीक से लोग अपने यादगार लम्हों को भी टिकट के रूप में छपवा रहे हैं।
66 वर्षीय अरुण ने बताया कि यह तकनीक लम्हों को सम्हालने और यादगार बनाने के लिए एक बढ़िया माध्यम है। इसलिए वह अपने बचपन की फैमिली फोटो छपवाना चाहते हैं। इसके अलावा यहां हॉल संख्या 8-11 में 70 देशों के प्रतिनिधि अपने देश के डाक टिकटों को लाए हुए हैं।

पिछले साल आयोजित दिसम्बर में सेव द टाइगर थीम पर आधारित पत्र लेखन प्रतियोगिता और डाक टिकट डिजाइनिंग प्रतियोगिता के विजेताओं के नाम भी घोषित किए गए और लोगों को देखने के लिए उनकी इन कृतियों को यहां विशेष रूप से प्रदर्शित भी किया गया है।
बता दें कि भारत में यह प्रदर्शनी इससे पहले आजादी की पचासवीं वर्षगांठ के अवसर पर 1997 में यहां लगाई गई थी। इस प्रदर्शनी का मजा यहां 18 फरवरी तक लिया जा सकेगा।
साभार : दैनिक भास्कर
4 comments:
जानकारी भरी पोस्ट,आभार.
BAHUT BAHUT AABHAR, HAM DAK KARMCHARIYO KO IKLAUTA BLOG HAI JO PURN JAANKARI DETA HAI.
अपना भी चेहरा अब डाक टिकट पर..बल्ले-बल्ले.
साहित्य का प्रकाश यूँ ही चारों तरफ फैलाते रहें
कृष्ण बनकर जग का अँधियारा भगाते रहें.
भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘’डा. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान-2010‘‘ से सम्मानित होने पर श्री कृष्ण कुमार यादव जी को हार्दिक शुभकामनायें और बधाइयाँ.
Post a Comment