कहते हैं पत्रों और संवेदनाओं का बड़ा गहरा रिश्ता है. कई बार पत्रों में कैद भावनाएं इतनी जीवंत हो उठती हैं कि रिश्तों में पसरता अविश्वास या दूरियाँ नजदीकियों में बदलने लगता है. शायद यही कारण है कि चीन के सरकारी डाकघर एक ऐसी मुहिम को बढ़ावा दे रहे हैं जिससे वहाँ बढ़ते तलाक की संख्या कम की जा सकेगी.
चीन के सरकारी डाकघर की इस योजना के अंतर्गत नवविवाहित जोड़े एक सील लिफ़ाफ़े में अपना प्रेम पत्र भेज सकेंगे जिसे उनके विवाह के सात साल बाद उनके जीवन साथी तक पहुँचा दिया जाएगा. इसके पीछे सोच यह है कि तलाक के बारे में सोचने वाले जोड़ों को समय रहते यह याद दिलाया जाए कि आख़िर वह एक दूसरे के नज़दीक क्यों आए थे.
आज की इस भागदौड़ वाली इंस्टेंट लाइफ में कईयों को डाकघर की यह मुहिम अनूठी लग रही है और यही कारण है कि चीनी जोड़े इसे अपनाने में पीछे नहीं हट रहे हैं.वह चाहते हैं कि उनका प्यार सात सालों तक परवान चढ़ता रहे, इसलिए वह डाकघर की इस योजना का लाभ उठा कर एक दूसरे को पत्र लिखने के बारे में सोच रहे हैं.
गौरतलब है कि चीन में पिछले दशक में असफल विवाहों की संख्या दोगुनी हुई है.पिछले साल 19 लाख 60 हज़ार जोड़ों ने तलाक की अर्ज़ी दी थी जो कि 2009 से 14.5 फ़ीसदी ज़्यादा है. एक ज़माने में चीन में बहुत कम तलाक होते थे, लेकिन अब वह आम हो गए हैं. दूसरे देशों की तरह यहां भी बढ़ती व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आमदनी को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है.
हाल में चीन में शादी के नियमों में परिवर्तन ने तलाक के मुद्दे को केंद्र बिंदु में ला दिया है.नया कानून आने से पहले अगर किसी जोड़े में तलाक होता था तो उनमें घर बराबर-बराबर बाँटा जाता था. लेकिन अब बँटवारा इस आधार पर होगा कि घर ख़रीदने में उनमें से किसने कितना पैसा लगाया है.यह एक बड़ा बदलाव है.ऐसे में घरों की बढ़ती कीमतों के साथ तलाक की दर में भी वृध्दि हो रही है.यही कारण है कि हाल के एक सर्वेक्षण में 70 फ़ीसदी चीनी महिलाओं ने कहा कि वह उसी पुरुष के साथ शादी करना पसंद करेंगी जिसके पास पहले से अपना कोई घर हो.जो भी हो, इस नए कानून से कई महिलाओं की चिंताएं बढ़ गई हैं.
ऐसे में चीन के सरकारी डाकघरों को उम्मीद है कि इस नई योजना से कुछ लोगो की तलाक के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटाने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी. यही नहीं, लोगों में प्यार बरकरार रहे इसके लिए चीनी डाकघर विवाह की हर सालगिरह पर विशेष डाक टिकट, पोस्टकार्ड और यहाँ तक कि प्रेम पासपोर्ट भी जारी कर रहे हैं जिन पर हर सालगिरह पर मोहर लगाई जाती है. फ़िलहाल इस योजना के जनक और बीजिंग डाकघर के प्रबंधक सन बुक्सिन का मानना है कि इसकी सफलता का पता सात वर्ष के बाद ही लग पाएगा.जो भी हो, पर चीन के सरकारी डाक-घरों की यह मुहिम रोचक है और और माना जाना चाहिए कि इसका अंजाम भी खूबसूरत ही होगा.
चीन के सरकारी डाकघर की इस योजना के अंतर्गत नवविवाहित जोड़े एक सील लिफ़ाफ़े में अपना प्रेम पत्र भेज सकेंगे जिसे उनके विवाह के सात साल बाद उनके जीवन साथी तक पहुँचा दिया जाएगा. इसके पीछे सोच यह है कि तलाक के बारे में सोचने वाले जोड़ों को समय रहते यह याद दिलाया जाए कि आख़िर वह एक दूसरे के नज़दीक क्यों आए थे.
आज की इस भागदौड़ वाली इंस्टेंट लाइफ में कईयों को डाकघर की यह मुहिम अनूठी लग रही है और यही कारण है कि चीनी जोड़े इसे अपनाने में पीछे नहीं हट रहे हैं.वह चाहते हैं कि उनका प्यार सात सालों तक परवान चढ़ता रहे, इसलिए वह डाकघर की इस योजना का लाभ उठा कर एक दूसरे को पत्र लिखने के बारे में सोच रहे हैं.
गौरतलब है कि चीन में पिछले दशक में असफल विवाहों की संख्या दोगुनी हुई है.पिछले साल 19 लाख 60 हज़ार जोड़ों ने तलाक की अर्ज़ी दी थी जो कि 2009 से 14.5 फ़ीसदी ज़्यादा है. एक ज़माने में चीन में बहुत कम तलाक होते थे, लेकिन अब वह आम हो गए हैं. दूसरे देशों की तरह यहां भी बढ़ती व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आमदनी को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है.
हाल में चीन में शादी के नियमों में परिवर्तन ने तलाक के मुद्दे को केंद्र बिंदु में ला दिया है.नया कानून आने से पहले अगर किसी जोड़े में तलाक होता था तो उनमें घर बराबर-बराबर बाँटा जाता था. लेकिन अब बँटवारा इस आधार पर होगा कि घर ख़रीदने में उनमें से किसने कितना पैसा लगाया है.यह एक बड़ा बदलाव है.ऐसे में घरों की बढ़ती कीमतों के साथ तलाक की दर में भी वृध्दि हो रही है.यही कारण है कि हाल के एक सर्वेक्षण में 70 फ़ीसदी चीनी महिलाओं ने कहा कि वह उसी पुरुष के साथ शादी करना पसंद करेंगी जिसके पास पहले से अपना कोई घर हो.जो भी हो, इस नए कानून से कई महिलाओं की चिंताएं बढ़ गई हैं.
ऐसे में चीन के सरकारी डाकघरों को उम्मीद है कि इस नई योजना से कुछ लोगो की तलाक के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटाने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी. यही नहीं, लोगों में प्यार बरकरार रहे इसके लिए चीनी डाकघर विवाह की हर सालगिरह पर विशेष डाक टिकट, पोस्टकार्ड और यहाँ तक कि प्रेम पासपोर्ट भी जारी कर रहे हैं जिन पर हर सालगिरह पर मोहर लगाई जाती है. फ़िलहाल इस योजना के जनक और बीजिंग डाकघर के प्रबंधक सन बुक्सिन का मानना है कि इसकी सफलता का पता सात वर्ष के बाद ही लग पाएगा.जो भी हो, पर चीन के सरकारी डाक-घरों की यह मुहिम रोचक है और और माना जाना चाहिए कि इसका अंजाम भी खूबसूरत ही होगा.
3 comments:
अच्छी जानकारी मिली ...
वाकई अजूबा...भारत में भी कोई चांस है क्या.
सामाजिक दायित्वों का सटीक निर्वहन...उम्दा.
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