Sunday, December 30, 2012

Instant money order a boon for customers


ALLAHABAD: Gone are the days when you waited anxiously for the postman to arrive with money order. India Post's i-MO is a web-based instant money transfer service offered by India Post to transfer money between two resident individuals within India.
Director postal services, Allahabad region, Krishna Kumar Yadav told TOI that money transferred through i-MO can be received by the payee within few minutes of the transfer. To make this user more cost-efficient for customers i-MO tariffs have been reduced lately.

I-MO is an instant, reliable, affordable and most convenient way for transferring money within the country, for sending an amount up to Rs 50,000 a customer has to pay only Rs 120. Now, customers have to pay Rs 100 for an amount of Rs 1,000-10,000, Rs 110 for transfer between Rs 10,001 and 30,000, and Rs 120 for transfer between Rs 30,001 and Rs 50,000. The facility of ordinary money order is already being provided by India Post, in which Rs five is charged per Rs 100. The instant money order is much faster and efficient compared to ordinary money order.
 
Further Mr. KK Yadav added that, to send money through i-MO, a customer is required to fill a "To Remit Payment Form" and submit it with money and i-MO commission at i-MO post office counter. i-MO counter clerk will give a printed receipt immediately after booking the i-MO that contains 16 digits i-MO number. This 16 digits i-MO number has to be conveyed by sender to the receiver over phone, SMS, or e-Mail or any other means. Receiver can collect money from any designated i-MO Post Office counter on presentation of the 16 digits i-MO number. He will be required to fill up a simple "To Make Payment Form" and submit it along with a copy of any of the prescribed Identity Proofs.
 

Friday, December 28, 2012

भारतीय मुद्रा परिषद् के शताब्दी वर्ष पर डाक विभाग ने जारी किया विशेष आवरण

मुद्रा और डाक-टिकट दोनों ही सभ्यता व संस्कृति के संवाहक हैं। इनके माध्यम से जहाँ तत्कालीन इतिहास व अर्थव्यवस्था की जानकारी मिलती है, वहीं ये विभिन्न पीढि़यों में संचारित होकर विभिन्न काल खंडों के मध्य पुल का भी कार्य करते हैं। उक्त उदगार इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने भारतीय मुद्रा परिषद के शताब्दी वर्ष पर ’विशेष आवरण’ जारी करते हुए व्यक्त किये ।
 
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग में 28 दिसम्बर 2012 को आयोजित समारोह में डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने सिक्कों एवं डाक-टिकटों को एकत्र करने के अपने अनुभवों को समझा करते हुए इनके ऐतिहासिक व सांस्कृतिक पहलुओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने प्राचीन इतिहास के विनिर्माण में मुद्राओं का अध्ययन महत्वपूर्ण बताया और डाक टिकटों के विशिष्ट अवारण के सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व का ब्यौरा भी प्रस्तुत किया। श्री यादव ने युवा पीढ़ी को भी इनसे जोड़ने की बात कही।
 
भारतीय मुद्रा परिषद के शताब्दी वर्ष समारोह के मुख्य अतिथि रूप में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति डा. लालजी सिंह ने जहाँ भारतीय डाक विभाग द्वारा परिषद पर विशेष आवरण जारी करने को महत्वपूर्ण कदम बताया वहीं संग्रहालय द्वारा प्रकाशित जर्नलस को ज्ञान में बढ़ोतरी के लिए सहायक बताया। डा0 सिंह ने कहा कि मुद्राओं के माध्यम से इतिहास का ज्ञान, विज्ञान को पुष्ट करने के लिए आधार मुहैया कराता है एवं इसका सुव्यवस्थित अध्ययन कर लक्ष्य को पाया जाता है।
 
भारतीय मुद्रा परिषद के अध्यक्ष प्रो. पारसनाथ सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुये अपने सम्बोधन में मुद्रा परिषद की ऐतिहासिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारतीय मुद्रा परिषद की स्थापना 28 दिसम्बर 1910 को इलाहाबाद में हुई थी। कालांतर में बी एच यू के कुलपति डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रयास से इसे 1961 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में स्थापित किया गया। 1966 में काशी नरेश विभूति नारायण सिंह ने भवन का शिलान्यास किया था।
 
इस अवसर पर कुलपति डा. लालजी सिंह और निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने मुद्रा परिषद की शोध पत्रिका का विमोचन भी किया। गौरतलब है कि अब तक पत्रिका के 73 अंक प्रकाशित हो चुके हैं और 2500 देशी-विदेशी मुद्राशास्त्री इसके आजीवन सदस्य है।
 
कार्यक्रम का आरम्भ मदन मोहन मालवीय की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ। आभार ज्ञापन भारतीय मुद्रा परिषद के मुख्य सचिव प्रो. मोहम्मद नसीम ने किया। कार्यक्रम में प्रवर डाक अधीक्षक श्री शिव सहाय मिश्र, सहायक डाक अधीक्षक प्रभाकर त्रिपाठी, श्री बी के शर्मा, सीनियर पोस्टमास्टर श्री एस एम राय सहित बीएचयू के प्रशासनिक अधिकारी, प्रोफेसर, मुद्राशास्त्री एवं शोध छात्र उपस्थित थे।

Saturday, December 22, 2012

डाक लिफाफों (स्पेशल कवर) पर दिखेगी प्रयाग महाकुंभ-2013 की विरासत

बारह वर्षों बाद जनवरी 2013 में लगने वाले प्रयाग कुंभ की विरासत को देश-दुनिया में पहुँचाने के लिए डाक विभाग ने अभी से तैयारियां आरंभ कर दी हैं। प्रयाग कुंभ की ऐतिहासकता, पौराणिकता एवं आध्यात्मिकता को दर्शाने के लिए डाक विभाग ने विशेष आवरण (लिफाफा) जारी करने की योजना बनाई है, ताकि मेले में आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालु इसे अपने साथ यादगार रूप में ले जा सकें।
 
इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक विभाग इस कुंभ मेले को ऐतिहासिक बनाने के लिए छः प्रमुख स्नानों पर विशेष विरूपण सहित छः विशेष आवरण (डाक लिफाफा) जारी करेगा। इन्हें प्रमुख स्नानों-मकर संक्राति (14 जनवरी 2013), पौष पूर्णिमा (27 जनवरी, 2013), मौनी अमवस्या (10 फरवरी, 2013), वसंत पंचमी (15 फरवरी, 2013), माघ पूर्णिमा (25 फरवरी, 2013), महाशिवरात्रि (10 मार्च, 2013) पर जारी किया जायेगा। इन विशेष आवरण पर डिजाइन के रूप में कुम्भ की विरासत एवं प्रमुख स्नान पर्वों की आध्यामिकता के रूप में दर्शन होंगे। इन लिफाफों को जारी किये जाने वाले दिन विशेष विरूपण (स्टैम्प कैंसिलेशन) से अंकित किया जायेगा एवं हर विशेष विरूपण पर प्रमुख स्नान की तिथि भी अंकित जाएंगी।
 
निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इससे पूर्व भी विभिन्न कुंभ मेलों के दौरान विशेष आवरण जारी हुये हैं, लेकिन यह पहली बार होगा कि जब हर प्रमुख स्नान पर एक विशेष आवरण जारी किया जायेगा। ऐसे में महाकुंभ मेले में देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालु एवं पर्यटक इन लिफाफों को प्रयाग कुंभ-2013 की यादगार व धरोहर के रूप में अपने साथ ले जा सकेंगे।
 
साभार : राष्ट्रीय सहारा, 20 दिसंबर 2012 

Interview of KK Yadav, Director Postal Service on Postal Services in Kumbh-Allahabad, 2013 @
http://kumbhexpress.blogspot.in/2012/12/postal-services-in-kumbh.html

Friday, December 21, 2012

Special Postal Covers on Maha Kumbh dip dates

ALLAHABAD: To showcase the historical, mythical and spiritual significance of Prayag Maha Kumbh, Department of Posts has planned to issue Special Covers (envelopes), as a souvenir for devotees coming from across the world.
 
Krishna Kumar Yadav director Postal Services Allahabad Region said to make the event historical, the department will issue six special covers showcasing six important baths. These will be released on Makar Sankranti (January 14, 2013), Paus Purnima (January 27), Mauni Amwasya (February 10), Basant Panchami (February 15), Magh Purnima (February 25) and Mahashivratri (March 10, 2013).
 
The design of the covers will portray the legacy of Mahakumbh and spirituality of the important holy 'shahi snans'. At the time of release of these covers.
 
Yadav added that special covers have been issued during Kumbh Melas earlier too, but it will be the first time they will be issued on the occasion of every important bath and devotees from across the world may take back these envelopes with them as a souvenir of Mahakumbh-2013.
 


Interview of KK Yadav, Director Postal Service on Postal Services in Kumbh-Allahabad, 2013 @

Tuesday, December 18, 2012

भिन्न-भिन्न देशों में डाक सेवाएँ

हमारे देश भारत की पोस्टल सर्विस दुनिया की सबसे बड़ी पोस्टल सर्विस है। इस विभाग की स्थापना 1774 में वारेन हेस्टिंग्स ने की थी। चिट्ठियों को पोस्ट करते समय लगाए जाने वाले स्टैंप्स की शुरुआत भारत में 1852 में शुरू हुई। इसके बाद हर शहर और गांव में पोस्ट ऑफिस बनाए गए। इन पोस्ट ऑफिसों में चिट्ठियों को संभालने के साथ-साथ लोगों के पैसों को भी जमा करने का काम किया जाता है। पोस्ट ऑफिस कभी-कभी बैंक का काम भी करते हैं। आजकल भारतीय डाक विभाग रजिस्ट्री पोस्ट, स्पीड पोस्ट, बिजनेस पोस्ट और ग्रीटिंग पोस्ट से चिट्ठियों को भेजने का काम करता है। भारत में पोस्टमैन खाकी रंग की यूनिफॉर्म पहनता है।

भारत की डाक सेवा में एक खास बात यह है कि यहां एक खास तरह का पिन कोड होता है। यह पिन कोड 6 नम्बरों का होता है। पिन कोड पोस्ट ऑफिस का नंबर होता है। इसकी मदद से ही तुम तक चिट्ठियां पहुंच पाती हैं।

दुनिया भर में सबसे ऊंचाई पर बना पोस्ट ऑफिस भारत में है। यह हिमाचल प्रदेश के हिक्किम में स्थित है।

ब्रिटेन
लंदन में इस डिपार्टमेंट को रॉयल मेल के नाम से जाना जाता है। रॉयल मेल की स्थापना 1516 में की गई थी। ब्रिटेन का मेन पोस्ट ऑफिस इंग्लैंड में बनाया गया है। ब्रिटेन के रॉयल मेल के साथ एक खास बात यह है कि यहां पोस्ट बॉक्स को पिलर बॉक्स के नाम से जाना जाता है। इस विभाग ने एक खास तरह की सर्विस भी शुरू की है, जो अगले ही दिन चिट्ठियों को कहीं भी पहुंचा देती है। यह विभाग रॉयल मेल, बिजनेस सर्विस और नॉन पोस्टल सर्विस भी चलाती है।

अमेरिका
अमेरिका में डाक विभाग को यूएस मेल के नाम से जाना जाता है। यूएस मेल की स्थापना 1775 में की गई थी। यूएस मेल में सेना के लिए एक अलग सर्विस है, जिसेआर्मी पोस्ट ऑफिस और फील्ड पोस्ट ऑफिस कहा जाता है। साथ ही एक्सप्रेस मेल, मीडिया मेल, फस्र्ट क्लास मेल, लाइब्रेरी मेल और पार्सल पोस्ट इसकी खास सेवाएं हैं।

फ्रांस
फ्रांस में डाक विभाग को ला पोस्टे के नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना 1576 में की गई थी। इसका हेड क्वार्टर फ्रांस की राजधानी पेरिस में है। यह चिट्ठियां लाने के साथ ही साथ बैंक और कुरियर का भी काम करता है। ला पोस्टे के पोस्ट ऑफिस पीले रंग के होते हैं और देखने में बहुत सुन्दर लगते हैं।

यहां भी हैं प्रमुख पोस्ट ऑफिस

जर्मनी— जर्मनी में डाक विभाग को डूटस्चे पोस्ट के नाम से जाना जाता है। यह दुनिया की सबसे बड़ी कुरियर कंपनी है। इसका हेडक्वार्टर बॉन में बना हुआ है।

नॉर्वे— नार्वे में डाक सेवा को नॉर्वे पोस्ट के नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना 1647 में की गई थी। इसका हेडक्वार्टर ओस्लो में है।

चीन— चीन में डाक विभाग को चाइना पोस्ट या चुनघवा पोस्ट के नाम से जाना जाता है। चाइना पोस्ट की नींव 1949 में रखी गई थी। इसका हेडक्वार्टर चीन की राजधानी बीजिंग में है।

श्रीलंका— हमारे पड़ोसी देश श्रीलंका में डाक विभाग का नाम है श्रीलंका पोस्ट। श्रीलंका पोस्ट की नींव 1882 में रखी गई थी। इसका हेडक्वार्टर श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में है।
 
पाकिस्तान— पाकिस्तान में डाक विभाग को पाकिस्तान पोस्ट कहा जाता है। इसकी नींव 1947 में रखी गई थी। इसका हेडक्वार्टर इस्लामाबाद में है।

दुनिया भर की 5 बड़ी डाक सेवाएं
भारत
चीन
रूस
अमेरिका
जापान

Saturday, December 15, 2012

भारतीय डाक विभाग की ऑनलाइन सेवाएँ

जमाना अब काफी हाईटेक हो गया है। हर क्षेत्र में ऑनलाइन सेवाओं की बढ़ोतरी हो रही है। समय एवं धन की बचत के लिए ऑनलाइन सेवाओं पर काफी जोर दिया जा रहा है। इस मामले में भारतीय डाक विभाग भी पीछे नहीं है। ग्राहकों की सहूलियत एवं सेवाओं में पारदर्शिता के मद्देनजर डाक विभाग अपनी अधिकतर सेवाएं ऑनलाइन तरीके से भी उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहा है। गौरतलब है कि दुनिया में सबसे ज्यादा डाकघर भारत में हैं एवं भारतीय डाक विभाग काफी सफलतापूर्वक इसका संचालन भी कर रहा है। आज भी भारत में आधारभूत ढ़ांचों का पूर्ण विकास नहीं हो पाया है एवं देश के दूर-दराज के इलाकों में डाकघर ही लेन-देन जैसे महत्वपूर्ण कार्य को भी अंजाम देता है। इस लेख के जरिए हम डाकघर विभाग द्वारा प्रदान किए जा रहे कुछ महत्वपूर्ण ऑनलाइन सेवाओं की चर्चा कर रहे हैं।
ऑनलाइन मनी ऑर्डर
आम तौर पर मनी ऑर्डर भेजने के लिए आपको डाक घर में जाकर फार्म भरना होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर बैठे-बैठे भी आप मनी ऑर्डर भेज सकते हैं। ग्राहक अब ऑनलाइन तरीके से भी मनी ऑर्डर भेज सकते हैं। आईसीआईसीआई बैंक का स्मार्ट मनी ऑर्डर एक विशेष सेवा है जो ग्राहकों को भारत में कही भी यह सेवा उपलब्ध कराता है। इसके लिए आपको आईसीआईसीआई बैंक का अपना ऑनलाइन एकाउंट नंबर लॉगइन करने की आवश्यता होगी। ग्राहक को रकम एवं प्राप्तकर्ता का पता भी दर्ज कराना होगा। यह रकम भारतीय डाक विभाग द्वारा संबंधित पते पर (जिस पते पर ग्राहक भेजना चाहता है) पहुंचा दिया जाएगा। स्मार्ट मनी ऑर्डर में किसी तरह की कोई रूकावट नहीं है एवं इसे आप अपने गांव, शहर या अपने घर, कहीं से भी (जहां इंटरनेट की सुविधा हो) भेज सकते हैं।

एनआरआई भी उठा सकते हैं लाभ- इस सुविधा का लाभ एनआरआई भी उठा सकते हैं। पर उन्हें इसके लिए इंडिया का स्थानीय पता दर्ज कराना होगा। यह सेवा वर्ष भर चौबीसों घंटे उपलब्ध है। इंडिया पोस्ट इस सेवा के बदले मनी ऑर्डर की राशि का 5 फीसदी कमीशन के रूप में लेता है जबकि आईसीआईसीआई बैंक इस सेवा के बदले 25 रुपये प्रोसेसिंग फीस प्रति मनी ऑर्डर एवं सर्विस टैक्स के रूप में लेता है।

डिलिवरी टाइम-डिलिवरी प्राप्त होने में लगने वाला समय दरअसल डाक विभाग के पोस्टल सर्विस विभाग द्वारा तय होता (आमतौर पर 15 कार्यदिवस) है।

क्या होगा यदि मनी ऑर्डर प्राप्त न हो- मनी ऑर्डर जिस पते पर भेजा गया है एवं जिस व्यक्ति के लिए भेजा गया है यदि वह संबंधित पत पर न मिले तो उस सूरत में पोस्ट मास्टर प्राप्तकर्ता के पते पर मनी ऑर्डर आने का एक नोटिस देता है एवं उसे सात कार्यदिवस में पोस्ट ऑफिस से प्राप्त करना होता है। यदि तय कार्य दिवस में मनी ऑर्डर पोस्ट ऑफिस से प्राप्त नहीं किया तो विभाग इसे भेजने वाले को रिफंड कर देता है।

इंस्टेंट मनी ऑर्डर (आईएमओ)
इंस्टेंट मनी ऑर्डर भारतीय डाक विभाग द्वारा प्रदान किया जाने वाली एक महत्वपूर्ण सेवा है। इंस्टेंट ऑनलाइन मनी ट्रांसफर एक तेज, सुरक्षित एवं विश्वसनीय सर्विस है। आईएमओ, पोस्ट ऑफिस द्वारा शुरू किया गया एक वेब आधारित मनी ट्रांसफर सेवा है। आईएमओ की सुविधा युक्त पोस्ट ऑफिस के जरिए आप 1,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक की रकम ट्रांसफर कर सकते हैं। इस सेवा ने डाक विभाग की कार्य पद्धति में काफी परिवर्तन ला दिया है। इसने मनी ऑर्डर सेवा में आमूल-चूल बदलाव किए हैं।

इस सेवा के लिए एक फार्म भरना होता है। उसके बाद इसे आईएमओ पोस्ट ऑफिस के काउंटर पर जमा कराना होता है एवं काउंटर क्लर्क तुरंत आईएमओ बुक करता है एवं इसका एक प्रिंटेड रसीद ग्राहक को देता है जिसमें एक कम्प्यूटर जनित 16 अंको का गुप्त नंबर दर्ज होता है। इस अंक के बारे में क्लर्क को भी पता नहीं होता। मनी ट्रांसफर करने वाले व्यक्ति के लिए यह जरूरी है कि सुरक्षा मानकों एवं विश्वसनीयता के मद्देनजर इस नंबर को एसएमएस, ई-मेल या फोन के जरिए प्राप्तकर्ता (जिसे पैसे भेजे गए हैं) को बता दे ताकि उसकी सही पहचान की जा सके। क्योंकि इसी नंबर को उसे (प्राप्तकर्ता) पोस्ट ऑफिस में दिखाना पड़ता है।
 
ई-पोस्ट कॉरपोरेट सर्विस
भारतीय डाक विभाग ने ई-पोस्ट कॉरपोरेट सर्विस लांच किया है इसके जरिए कंपनियां पूरे देश में कही भी इंटरनेट के जरिए बिजनेस ईमेल भेज सकती है। इस सेवा का लाभ उठाने के लिए संबंधित कंपनियों को डाक विभाग के साथ एक बिजनेस एकाउंट खुलवाना होता ( इस पर कोई चार्ज नहीं लगता) है एवं इसके बाद कंपनी डाक विभाग को ईमेल भेजेगी। विभाग इस ईमेल का प्रिंट लेकर संबंधित पते पर पहुंचा देगा। डाक विभाग प्रिटिंग, पैकेजिंग, पोस्ट प्रिंटिंग एवं डिलीवरी सभी काम करता है। कंपनी ने इसके लिए दिल्ली एवं कोलकाता में दो प्रिंटिंग सेट अप भी स्थापित किए हैं। कंपनियों को बिजनेस ईमेल से संबंधित सारे डाटा उपलब्ध कराने होंते हैं। इसके बाद डाक विभाग प्रोग्रामिंग एवं लेआउट, प्रिंट, पैकेज एवं डिलीवरी से संबंधित सारे कार्य करता है एवं प्रति पेज के हिसाब से 6 रुपये चार्ज करता है। इस ईमेल सुविधा में क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट, मोबाइल फोन बिल एवं बाजार संबंधित अन्य सूचनाएं भी शामिल हो सकती हैं।

इंटरनेट न होने पर भी ई-पोस्ट सेवा- यदि आप ई-पोस्ट प्रीपेड कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं तो चाहे दोनों पक्ष इंटरनेट के जरिए न भी जुड़ें हो तब भी आप ऑनलाइन तरीके से पत्र भेज सकते हैं। गौरतलब है कि इंडिया पोस्ट ई-पोस्ट सेवा के जरिए ग्राहकों को ऑनलाइन तरीके से भी लेटर भेजने की सेवा उपलब्ध करा रहा है। यह मैसेज पेन ड्राइव में भी दिया जा सकता है। डाक विभाग की ईपोस्ट सेवा देश के बाहर भी अपनी सेवाएं देता है। लेकिन देश के बाहर इस सेवा को डाक विभाग द्वारा सिर्फ इलैक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में भेजा जाता है। इसकी हार्ड कॉपी नहीं भेजी जाती है।

ऑनलाइन भरें आवेदन फॉर्म
डाक विभाग अपने ग्राहकों को ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जमा करने की इजाजत देता है। इस सेवा के जरिए अब अभ्यर्थी पोस्ट ऑफिस के जरिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए संबंधित ग्राहक को प्रति आवेदन के हिसाब से 20 रुपये चुकाना होगा। हालांकि आवेदन की हार्ड कॉपी आवेदक को बाद में रजिस्टर्ड डाक से भी भेजना पड़ता है।

ऑनलाइन जांचें स्पीड पोस्ट

भारतीय डाक विभाग ने स्पीड पोस्ट एवं एक्सप्रेस पार्सल के ऑनलाइन ट्रैकिंग की भी सुविधा दी है। इस सेवा के जरिए ग्राहक यह ट्रैक कर सकते हैं कि उनका पार्सल कहां तक पहुंचा है। इतना ही नहीं आप पार्सल एवं एक्सप्रेस पार्सल कंसाइनमेंट की डेलिवरी रिकार्ड को भी ट्रैक कर सकते हैं।


कौन-कौन सी सुविधाएं होंगी ट्रैक-स्पीड पोस्ट (डॉमेस्टिक ईएमएस), इंटरनेशनल ईएमएस, इलैक्ट्रॉनिक मनी ऑर्डर (ईएमओ), रजिस्टर्ड ईमेल, एक्सप्रेस पार्सल, इलैक्ट्रॉनिक वैल्यू पेबल पार्सल (ईवीपीपी) जैसी सुविधाओं को आप ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।

कैसे करें ट्रैक- ट्रैकिंग नंबर बॉक्स में पोस्टल आर्टिकल नंबर डालें। उसके बाद गो बटन पर क्लिक करें। ध्यान रहे ट्रैकिंग नंबर फॉर्मेट हमेशा 13 अंकों का होता है। कोई जल्दबाजी न करें एवं इन नंबर को सावधानीपूर्वक बॉक्स में डालें।

इस पर रखें ध्यान- यदि पार्सल को ट्रैक करना चाहते हैं एवं आपने इससे संबंधित प्रक्रिया भी अपनाई है पर इससे संबंधित कोई सूचना नहीं मिल रही तो घबराएं नहीं। यह न समझें कि आपका पार्सल भेजा ही नहीं गया है। यह संभव है कि स्कैनिंग में देरी हो रही हो, इसलिए ट्रैकिंग संबंधित सूचना नहीं प्राप्त हो रही हो। ऐसा नहीं है कि पार्सल भेजते ही आपको ट्रैकिंग संबंधित सूचना मिल जाए। इसमें थोडा़ समय लगता है।
 
एनएससी रिटर्न की ऑनलाइन गणना

डाक विभाग ने अपने ग्राहकों को एनएससी स्कीमों में मिलने वाली रिटर्न की गणना के लिए ऑनलाइन कैलकुलेटर की व्यवस्था की है। विभाग ने ऐसा संबंधित स्कीम में पारदर्शिता बरतने के मद्देनजर किया है।


 एसएमएस स्टेटस सेवा

ग्राहकों को बेहतर सेवा उपलब्ध कराने के लिए डाकविभाग ने स्पीड पोस्ट एवं ईएमओ (इलैक्ट्रॉनिक मनी ऑडर्र) के लिए एसएमएस ट्रैकिंग सुविधा लांच की है। इस सुविधा को अन्य डाक सेवाओं पर भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।

इंटरनेट बैंकिंग सुविधा

भारतीय डाक विभाग ग्राहकों के लिए जल्द ही इंटरनेट बैंकिंग सुविधा शुरू करने वाला है। इसके अलावा डाक विभाग एटीएम भी स्थापित करेगा। विभाग अपने ग्राहकों को डेबिट कार्ड भी जारी करने की योजना पर काम कर रहा है। इससे आसान ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में मदद मिलेगी। इंडिया पोस्ट बैंकों से इस संबंध में समझौता करने की कोशिश कर रहा है ताकि उसके डेबिट कार्ड ग्राहकों को कोई परेशानी न हो। डाक विभाग जल्द ही दूर-दराज के इलाकों में अपनी पहुंच का फायदा उठाने के लिए स्वयं का बैंकिंग सेट-अप लगानेे के लिए भी जोर आजमाइश कर रहा है।

ऑनलाइन आरटीआई

डाक विभाग ने ऑनलाइन आरटीआई दायर करने की सुविधा भी दी है। आप चाहें तो घर बैठे-बैठे आरटीआई दायर कर सकते हैं। भारतीय नागरिक के अलावा देश के बाहर यात्रा पर गए लोग या एनआरआई भी दुनिया में कहीं से भी डाक विभाग के माध्यम से आरटीआई दायर कर सकते हैं।

डाक विभाग ने एक पोर्टल लांच किया जिसके जरिए देश के बाहर से भी ऑनलाइन आरटीआई दायर कर सकते हैं। पहले देश के बाहर रह रहे भारतीयों को आरटीआई दाखिल करने में काफी परेशानी होती थी क्योंकि इसके लिए आवश्यक फीस विदेशी करेंसी में कैसे जमा किया जाए इसका कोई स्पष्ट नियम नहीं था। इसलिए पहले ऐसे आवदेकों को भारत में रह रहे सगे -संबंधियों पर निर्भर रहना पड़ता था।

Courtesy : Money Mantra

Thursday, December 13, 2012

बैंक बन जाएगा भारतीय डाक

सरकार ने सब्सिडी का दुरुपयोग रोकने की मुहिम क्या छेड़ी, भारतीय डाक को बैंक में तब्दील करने की अब तक लटकी पुरानी योजना भी ठंडे बस्ते से अचानक निकल आई है। पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की तरफ से खास तवज्जो नहीं मिलने से यह योजना लटक गई थी। वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने पिछले दिनों अपने अधिकारियों को इस बारे में साफ निर्देश दे दिया है कि चालू वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान ही भारतीय डाक को बतौर बैंक काम करने की इजाजत मिल जानी चाहिए। वित्त मंत्रालय और डाक विभाग के कुछ अधिकारियों को मिलाकर एक टीम बनाई गई है। इन्हें मार्च, 2013 तक कैबिनेट नोट तैयार करने को कहा गया है।
 
वित्त मंत्रालय को अब यह लग रहा है कि सब्सिडी पर नियंत्रण पाने की कोशिशों में भारतीय डाक [इंडिया पोस्ट] को बैंक में तब्दील करने का कदम काफी उपयोगी साबित हो सकता है। सरकार खाद्य, उर्वरक व पेट्रोलियम सब्सिडी कम करने के लिए सीधे जनता के हाथों में नकदी देने की योजना लागू कर रही है। इस योजना की सफलता के लिए हर घर में बैंक खाता और हर गांव में बैंक शाखा का होना जरूरी है। इस दिशा में कदम उठाया जा रहा है, लेकिन इसमें अभी काफी समय लग सकता है। ऐसे में भारतीय डाक को बैंक में बदलने पर देश के 1.55 लाख से ज्यादा डाकघर तुरंत बैंक ब्रांच के तौर पर काम करना शुरू कर सकते हैं। इससे सरकार के लिए आम जनता तक सब्सिडी पहुंचाना आसान हो जाएगा।
 
वित्त मंत्रालय यह भी मान रहा है कि गरीबों को वित्तीय सेवा पहुंचाने में भारतीय डाक सबसे अहम भूमिका निभा सकता है। अभी डाक विभाग जमा और बीमा स्कीम जैसी कई तरह की वित्तीय सेवाएं मुहैया कराता है। मगर वह कर्ज वितरण नहीं कर सकता। गांव वाले डाकघरों में पैसे तो जमा कर देते हैं, लेकिन कर्ज लेने के लिए उसे दूरदराज के गांवों में संपर्क करना पड़ता है। बैंक सेवा शुरू होने के बाद इन्हें गांवों में भी सभी तरह की सेवाएं मिलने लगेंगी।
 
अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो भारतीय डाक के तहत पोस्ट बैंक ऑफ इंडिया के नाम से एक नया बैंक काम करने लगेगा। इस बैंक को स्थापित करने की योजना उस समय बनी थी, जब रिजर्व बैंक ने नए बैंकिंग लाइसेंस देने की अपनी मंशा जताई थी। आरबीआइ इस बारे में अपनी नीति बना चुका है और माना जा रहा है कि बहुत जल्द ही कुछ नए बैंकों को लाइसेंस दिए जाएंगे। बैंक में तब्दील होते ही 'पोस्ट बैंक ऑफ इंडिया' देश का सबसे अधिक शाखाओं और जमाकर्ताओं वाला बैंक बन जाएगा। फिलहाल डाकघरों में बचत खाता चलाने वालों की संख्या 23.7 करोड़ के करीब है।
 
साभार : जागरण

भारतीय डाक की बैंक एवं बीमा कारोबार को संवारेगी इन्फोसिस

भारतीय डाक विभाग ने  बैंकिंग और बीमा कारोबार का कायाकल्प करने की 700 करोड़ की योजना के लिए इन्फोसिस को चुना है। इसके तहत भारतीय डाक के 1,50,000 डाकघरों में बैंकिंग व बीमा कारोबार के परिचालन को नया रुप दिया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत इन्फोसिस, भारतीय डाक के लिए 1,000 एटीएम भी लगाएगी।


इन्फोसिस के बयान में कहा गया है कि इस पहल का उद्देश्य भारतीय डाक को तकनीकी रूप से सक्षम बाजार अग्रणी बनाना है। यह ‘भारतीय डाक 2012’ का ही एक हिस्सा है। इसके तहत विभाग के कामकाजों में पादर्शिता, संचालन में सुधार आदि लाना है।

Postal dept to hold UPU letter writing contest



The Universal Postal Union is organising 42nd letter writing contest on the topic " Why water is precious". Director postal services, Allahabad region, Krishna Kumar Yadav said the contest will be held at the headquarters of all postal circles/regions on January 6.
 
In Allahabad region, the contest will be organised here where participants from Allahabad, Kaushambi, Pratapgarh, Varanasi, Bhadohi, Chandauli, Sonebhadra, Mirzapur, Ghazipur and Jaunpur will participate. Besides, schools and colleges may organize a similar contest in collaboration of department of posts.
 
Schoolchildren upto 15 years (as on March 3l, 2013) can participate. Last date of application is December 26. The application forms can be obtained from the office of senior superintendent/ superintendent of post offices. All divisional heads have been told to ensure wide publicity and supply of forms to all schools.
 
Yadav said these letters will be evaluated at the circle level and three best letters will be sent to Postal Directorate, New Delhi for inclusion at the national level. Three best participants at the national level will be awarded first, second and third prizes while one best entry from each circle will also be awarded. The best letter at national level will be included in the international contest. Out of which, top three participants will be awarded gold, silver and bronze medals with certificate and an official stamps album of the Universal Postal Union.
 

Wednesday, December 12, 2012

यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन द्वारा 6 जनवरी को पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन

जल ही जीवन है। यह हम बचपन से ही सुनते आ रहे है। पर जरूरत जल के मूल्य को समझने एवं इसे शुद्ध रूप में संरक्षित करने की है। यदि हम आज नही चेते तो विकट समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसी भावना के मद्देनजर यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन द्वारा वैश्विक स्तर पर 42वीं पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसका विषय  है -”जल क्यों मूल्यवान है, इस पर एक पत्र लिखें।”

        इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि सभी डाक सर्किल /परिक्षेत्रों के मुख्यालय पर उक्त पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन 6 जनवरी 2013, रविवार को सुबह 10.00 बजे से 11.00 बजे तक किया जायेगा। इलाहाबाद परिक्षेत्र में यह परीक्षा इलाहाबाद में आयोजित की जायेगी, जिसमें इलाहाबाद, कौषाम्बी, प्रतापगढ, वाराणसी, भदोही, चन्दौली, सोनभद, मिर्जापुर, गाजीपुर एवं जौनपुर जनपदों के प्रतियोगी षामिल होंगे। यही नहीं स्कूल-कालेज, डाक विभाग से मिलकर अपने स्तर पर  भी इस प्रतियोगिता का आयोजन कर सकते हैं। 

 निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इस प्रतियोगिता में दिनांक 31 मार्च 2013 के अनुसार 15 वर्ष तक के स्कूली बच्चे भाग ले सकते हैं।  प्रतियोगिता हेतु   आवेदन करने की अन्तिम तिथि 26 दिसम्बर 2012 है। प्रतियोगिता हेतु आवेदन करने का प्रारूप सम्बन्धित प्रवर अधीक्षक/अधीक्षक कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है, हलांकि सभी मण्डलीय अधीक्षकों को व्यापक प्रचार व प्रमुख स्कूलों को प्रारूप उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये है।

 निदेशक श्री यादव ने बताया कि पत्र लेखन प्रतियोगिता का मूलयांकन परिमण्डलीय स्तर पर किया जायेगा तथा श्रेष्ठ तीन पत्र लेखन को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मिलित करने हेतु डाक निदेशालय नई दिल्ली भेजा जायेगा। राष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ तीन प्रतियोगियों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय व प्रत्येक परिमण्डल के श्रेष्ठ प्रतियोगी को पुरस्कृत किया जायेगा। राष्ट्रीय स्तर के श्रेष्ठ पत्र लेखन को अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में सम्मिलित किया जायेगा। जिसमें से श्रेष्ठ तीन प्रतियोगियों को स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक के साथ प्रमाण पत्र व यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के अधिकारिक डाक टिकटों का एलबम प्राप्त होगा। 
 
साभार : दैनिक आज, 12 दिसंबर, 2012