फ्रांस के मोंट ब्लांक पर्वतों में 46 वर्ष पहले दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया की उड़ान संख्या 101 का चिट्ठियों से भरा एक डिप्लोमेटिक बैग बरामद हुआ है। इस दुर्घटना में भारत के शीर्षस्थ परमाणु वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा का भी निधन हो गया था।
आल्पस पर्वतमालाओं में स्थित मोंट ब्लांक में छुट्टियां मनाने आए एक पर्वतारोहियों ने पिछले सप्ताह जूट के बने इस बैग को एक ग्लेशियर पर पड़ा देखा था। मीडिया की खबरों के अनुसार इस बैग को एक पर्वत रक्षण दल के एक कर्मी आरुआं क्रिस्टमैन ने अपने एक मित्र के माध्यम से सफलतापूर्वक ढूंढ़ निकाला है।
क्रिस्टमैन ने अपनी इस खोज से बेहद उत्साहित होते हुए कहा कि हमें उम्मीद थी कि उस जगह से हमें हीरे अथवा सोने के कुछ आभूषण बरामद होंगे लेकिन पानी में भीगी कुछ डाक और कुछ भारतीय अखबार हमारे हाथ लगे। इस डाक को 46 वर्षों पहले ही अपने गंतव्य तक पहुंच जाना चाहिए था।
क्रिस्टमैन ने यह भी बताया कि यह बैग वहां पर इस स्थिति में मौजूद था जैसे किसी ने इसे जानबूझकर वहां रखा हो। घटनास्थल पर विमान का एक केबिन एक जूता कुछ केबल इत्यादि भी पडे़ हुए थे। इस बैग के ऊपर डिप्लोमेटिक मेल और भारत का विदेश मंत्रालय का नाम चस्पा है। बैग को चेमोनिक्स कस्बे के पुलिस विभाग को सौंप दिया गया है। पेरिस स्थित भारतीय दूतावास ने बताया है कि पुलिस ने फिलहाल उसे बैग की बरामदगी की सूचना नहीं दी है लेकिन दूतावास के अधिकारी इस संबंध में पड़ताल कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 24 जनवरी 1966 को मोंट ब्लांक के ऊपर से गुजर रहा एयर इंडिया का बोइंग 707 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। दुर्घटना के वक्त इसमें भाभा समेत 106 यात्री और 11 कर्मी दल के सदस्य सवार थे। दुर्घटना में कुल मिलाकर 117 लोगों की मौत हुई थी।
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