Saturday, August 29, 2015

रक्षाबंधन और डाकघरों का संबंध है पुराना


राखी और पोस्ट ऑफिस का सम्बन्ध बहुत पुराना है।  यही कारण है कि रक्षाबंधन के समय डाकघरों में राखियाँ भेजने वालों की लंबी कतारें लगती हैं और सिर्फ देश ही नहीं विदेशों में भी खूब राखियाँ भेजी जा रही हैं। राखी का धागा ऑनलाइन होते  इस युग में  आज भी अपनी अहमियत रखता है।
 (साभार : राजस्थान पत्रिका, 29 अगस्त, 2015) 


Sunday, August 23, 2015

भारतीय डाक विभाग को पेमेंट बैंकिंग के लिए मिला लाइसेंस


भारतीय डाक विभाग सहित 11 संस्थानों को भारतीय रिज़र्व बैंक ने 'पेमेंट बैंकों' के लिए लाइसेंस जारी करने की मंज़ूरी  20 अगस्त को दे दी है। रिज़र्व बैंक को पेमेंट बैंक लाइसेंस के लिए 41 अर्जियां मिली थीं, जिनमें से 11 को लाइसेंस के योग्य पाया गया। गौरतलब है कि पेमेंट बैंक के लिए रिज़र्व बैंक ने 2013 में डिस्कशन पेपर जारी किया था. इसके बाद नचिकेत मोर कमेटी का गठन किया गया. बाद में रिज़र्व बैंक ने पेमेंट बैंक के लाइसेंस जारी करने के लिए नियम-क़ायदे तय किए.

अरबपति मुकेश अंबानी, कुमारमंगलम बिड़ला की कंपनियों के साथ साथ सुनील भारती मित्तल की भारती एयरटेल, डाक विभाग और विदेशी स्वामित्व वाली दूरसंचार कंपनी वोडाफोन सहित 11 कंपनियों को रिजर्व बैंक ने बुधवार को भुगतान बैंक चलाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। भुगतान बैंक लोगों से जमा स्वीकार करेंगे और धन का प्रेषण करेंगे। इस तरह के बैंक किसी को कर्ज नहीं देंगे। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड  जिसने हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक के साथ भागीदारी की घोषणा की, के साथ-साथ एयरटेल एम-कामर्स सविर्सिज लिमिटेड, आदित्य बिड़ला नुवो, वोडाफोन एम-पैसा, टेक महिन्द्रा और डाक विभाग को रिजर्व बैंक से भुगतान बैंक शुरू करने के लिये सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी मिल गई। सनफार्मा के प्रवर्तक दिलीप शांतिलाल सांघवी और पे-टीएम के विजय शेखर शर्मा को अपनी व्यक्तिगत हैसियत में भी भुगतान बैंक के लिये सैद्धांतिक मंजूरी मिली है।

इसके अलावा चोलामंडलम् डिस्ट्रीब्यूशन सर्विसिज, फिनो पे-टेक और नेशनल सिक्युरिटीज डिपाजिटरी लिमिटेड :एनएसडीएल: को भी इसके लिये मंजूरी दी गई है। कुल मिलाकर 41 आवेदकों में से 11 कंपनियों को व्यक्तियों को भुगतान बैंक के लिये सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। भुगतान बैंक लाइसेंस के तहत कंपनियों को शुरूआत में ग्राहकों से एक लाख रुपये तक की जमा राशि स्वीकार करने की मंजूरी होगी। ये बैंक अपने ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग, धन प्रेषण सुविधा देने के साथ साथ बीमा एवं म्यूचुअल फंड योजना भी बेचेंगे।  इसके अलावा भुगतान बैंक अपने ग्राहकों को एटीएम, डेबिट कार्ड जारी कर सकेंगे लेकिन क्रेडिट कार्ड देने की अनुमति नहीं होगी। भुगतान बैंक की शुरूआत हेतु 18 महीने की  समय सीमा भी तय की गई है। 

पेमेंट बैंक की विशेषतायें :

पेमेंट बैंक में हर खाताधारक अधिकतम एक लाख रुपए तक की राशि जमा कर सकता है.
इसके माध्यम से पैसे का लेन-देन किया जा सकता है. ये बैंक ग्राहकों को एटीएम/डेबिट कार्ड जारी कर सकते हैं.
पेमेंट बैंक इंटरनेट बैंकिंग के ज़रिए लेन-देन की सुविधा भी देंगे.
पेमेंट बैंक से बैंकिंग सि‍स्‍टम में कैशलेस ट्रांजेक्‍शन को बढ़ावा मि‍लेगा.
पेमेंट बैंक नियमित बैंकों की तरह कर्ज़ नहीं दे सकते. क्रेडिट कार्ड भी जारी नहीं कर सकते.
ये बैंक अपने पास नक़दी या सरकारी प्रतिभूतियां ही रख सकते हैं.

Friday, August 14, 2015

जब देश की आजादी पर जारी हुआ डाक टिकट

आजादी के उपलक्ष्य में भारतीय डाक विभाग ने  साढ़े तीन आना (यानि चौदह पैसा) का एक डाक टिकट जारी किया था।  इस पर तिरंगे ध्वज के चित्र के साथ जय हिन्द शब्द मुद्रित है। कई लोग ऐसा सोचते हैं की यह डाक टिकट 15 अगस्त, 1947 को जारी हुआ होगा, पर ऐसा नहीं है।  स्वतंत्रता पश्चात 21नवंबर,1947 को प्रथम भारतीय डाक टिकट साढ़े तीन आने का ‘जयहिंद’ जारी किया गया। 



नेहरू जी ने आजादी के बाद, लाल किले से अपने पहले भाषण का समापन भी , 'जय हिन्द' से किया था। उस समय डाक विभाग को सूचना  भेजी गई कि नए डाक टिकट आने तक, डाक टिकट चाहे अंग्रेज राजा जॉर्ज की ही मुखाकृति की उपयोग में आए लेकिन उस पर मुहर 'जय हिन्द' की लगाई जाए। 31 दिसम्बर 1947 तक यही मुहर चलती रही। 

हिंदुस्तान अख़बार में डाकखाने की इस मुहर पर प्रथम पृष्ठ पर समाचार भी प्रकाशित था। 

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शताब्दियों की दासता के बाद जब भारत में स्वतंत्रता का मंगल प्रभात हुआ था तो सबकी आँखों में एक नई रोशनी टिमटिमाई थी।  नए सपने, नई सोच, नए जज्बे .... वाकई आज हमने एक लंबा सफ़र तय कर लिया है। आजादी के 69वें साल में प्रवेश कर रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनायें !! 

Wednesday, August 12, 2015

अब वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे में भेजें राखी

हर बहन चाहती है कि उसके द्वारा भेजी जा रही राखी सुरक्षित और तीव्रता से उसके भाई के पास पहुँच सके। ऐसे में बहनों द्वारा भाईयों की कलाइयों पर बँधने वाली राखी सुरक्षित रूप में व तीव्र गति से भेजी जा सके, इसके लिए डाक विभाग ने विशेष प्रबन्ध किये हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं  कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि राखियों को सुरक्षित भेजने हेतु प्रधान डाकघरों द्वारा विशेष रुप से निर्मित डिजाइनदार राखी लिफाफों की ब्रिकी आरम्भ की जा रही है। 


डाक निदेशक श्री यादव ने कहा कि ये राखी लिफाफे वाटर प्रूफ तथा सुरक्षा की दृष्टि से मजबूत हैं, जिससे मानसून के मौसम में भी बहनों द्वारा भेजी गई राखियाँ सुदूर रहने वाले भाइयों तक सुरक्षित पहुँच सकें। राखी लिफाफों को चिपकाने हेतु इनमें विशेष स्टिकर का प्रयोग किया गया है जिससे लेई या गम की आवश्यकता नहीं होगी। 11 सेमी X 22 सेमी आकार के इन राखी लिफाफों का मूल्य रुपया 7.50 है जो डाक शुल्क के अतिरिक्त है। वाटरप्रूफ लिफाफे के बाएं हिस्से के ऊपरी भाग में भारतीय डाक के लोगों के साथ अंग्रेजी में राखी शब्द लिखा गया है। श्री यादव ने कहा  कि रंगीन और डिजाइनदार होने की वजह से इन्हें अन्य डाकों से अलग करने में समय की बचत और पर्व के पूर्व वितरण कराने में सहुलियत होगी।  जोधपुर प्रधान डाकघर सहित सभी प्रधान डाकघरों से इसकी बिक्री शुरू कर दी गई है। 




Saturday, August 8, 2015

Bay village in Jhunjhunu became the first 100% covered Sukanya Samriddhi Scheme village in Rajasthan

आज का दौर बेटियों का है। बेटियाँ समाज में नित नये मुकाम हासिल कर रही हैं। बेटियों की समृद्धि और खुशहाली में ही समाज का भविष्य टिका हुआ है। इसीलिए बेटियों की उच्च शिक्षा और उनके विवाह में सुविधा के लिए 10 वर्ष तक की बेटियों हेतु डाकघरों में सुकन्या समृद्धि योजना आरंभ की गयी है। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने झुंझुनू के नवलगढ़ स्थित बाय गाँव में सुकन्या समृद्धि योजना के लिये 7 अगस्त को आयोजित मेले में व्यक्त किये।


मुख्य अतिथि के रूप में अपने सारगर्भित सम्बोधन में राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के अंतर्गत बालिकाओं  के राष्ट्र निर्माण पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुड़ा हुआ हैं। इस योज़ना के आर्थिक के साथ साथ सामाजिक आयाम महत्वपूर्ण हैं। इसमे जमा धनराशि पूर्णतया बेटियों के लिए ही होगी, जो उनकी शिक्षा, कैरियर  एवं विवाह में उपयोगी होगी। श्री यादव ने कहा कि 21 वीं  सदी में बेटियों की भूमिका अहम हो गई हैं और सुकन्या समृद्धि योज़ना बेटियों के सपनों को पूरा करने का सशक्त माध्यम हैं। उन्होने कहा कि.हर बेटी को उसके जन्म पर अभिभावकों द्वारा सुकन्या समृद्धि खाता उपहार स्वरूप देकर नई परम्परा का सूत्रपात करना चाहिये।

इस अवसर पर झुञ्झुनू मण्डल के अधीक्षक डाकघर श्री के॰ एल॰ सैनी ने कहा कि यह स्कीम 10 साल तक की बच्चियों के लिए है। इसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 1,000 और अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक जमा किये जा सकते हैं। इस योजना में खाता खोलने से मात्र 14 वर्ष तक धन जमा कराना होगा। ब्याज दर 9.2 प्रतिशत हैं और जमा धनराशि में आयकर छूट का भी प्रावधान है।
    
कार्यक्रम की विशिष्ठ अतिथि श्रीमति तारा पूनिया, सरपंच बाय ग्राम पंचायत ने इस योजना की भूरि-भूरि प्रशंसा कर लोकप्रिय एवं कल्याणकारी योजना बताया तथा कहा कि बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया यह प्रयास एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होने कहा कि यह अत्यन्त ही सौभाग्य की बात हैं कि इस गाँव की 10 वर्ष तक की समस्त योग्य बालिकाओं के सुकन्या खाते खोलकर, उनका गाँव राजस्थान का प्रथम “सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना ग्राम” बन गया हैं।    

इस दौरान बाय गाँव  की समस्त कुल 215 बालिकाओं के खाते खोले गये। इसके बाद झुंझुनू का बाय गाँव बना राजस्थान का प्रथम सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना गाँव बन गया है। उपस्थित बच्चियों व उनके अभिवावकों को निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने पासबुकें व उपहार देकर उनके सुखी व समृद्ध भविष्य की कामना की। इस अवसर पर डाक निदेशक के.के.यादव ने सरपंच श्रीमती तारा पूनियां के प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि बेटियों के लिए ऐसे प्रयास अन्य गांवों में भी किये जायेंगे। श्री यादव ने श्रीमती पूनियां को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया।

        स्वागत संभाषण  झुञ्झुनू मण्डल के अधीक्षक डाकघर श्री के॰ एल॰ सैनी द्वारा, आभार ज्ञापन सहायक अधीक्षक डाकघर  श्री जी॰ एन॰ कनवाड़िया द्वारा एवं कार्यक्रम का संचालन श्री एस॰के॰ पोरवाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय कार्यालय जोधपुर के सहायक अधीक्षक पुखराज राठौड़ , निरीक्षक डाक राजेन्द्र सिंह भाटी, नवलगढ़ उप मंडल के निरीक्षक आर.पी.कुमावत, श्री अनिल मीणा, ब्रांच पोस्टमास्टर, बाय तथा डाक विभाग के तमाम अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ग्रामवासी, स्कूली बच्चे और उनके अभिभावक व अध्यापक भी शामिल हुए।


















झुंझुनू का बाय गाँव बना राजस्थान का प्रथम सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना गाँव।
साभार : दैनिक भास्कर, 8 अगस्त 2015 



बेटियाँ कर रही हैं मुकाम हासिल। 
साभार : राजस्थान पत्रिका, 8 अगस्त 2015