आजादी के उपलक्ष्य में भारतीय डाक विभाग ने साढ़े तीन आना (यानि चौदह पैसा) का एक डाक टिकट जारी किया था। इस पर तिरंगे ध्वज के चित्र के साथ जय हिन्द शब्द मुद्रित है। कई लोग ऐसा सोचते हैं की यह डाक टिकट 15 अगस्त, 1947 को जारी हुआ होगा, पर ऐसा नहीं है। स्वतंत्रता पश्चात 21नवंबर,1947 को प्रथम भारतीय डाक टिकट साढ़े तीन आने का ‘जयहिंद’ जारी किया गया।
नेहरू जी ने आजादी के बाद, लाल किले से अपने पहले भाषण का समापन भी , 'जय हिन्द' से किया था। उस समय डाक विभाग को सूचना भेजी गई कि नए डाक टिकट आने तक, डाक टिकट चाहे अंग्रेज राजा जॉर्ज की ही मुखाकृति की उपयोग में आए लेकिन उस पर मुहर 'जय हिन्द' की लगाई जाए। 31 दिसम्बर 1947 तक यही मुहर चलती रही।
हिंदुस्तान अख़बार में डाकखाने की इस मुहर पर प्रथम पृष्ठ पर समाचार भी प्रकाशित था।
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शताब्दियों की दासता के बाद जब भारत में स्वतंत्रता का मंगल प्रभात हुआ था तो सबकी आँखों में एक नई रोशनी टिमटिमाई थी। नए सपने, नई सोच, नए जज्बे .... वाकई आज हमने एक लंबा सफ़र तय कर लिया है। आजादी के 69वें साल में प्रवेश कर रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनायें !!
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