भारतीय डाक विभाग सहित 11 संस्थानों को भारतीय रिज़र्व बैंक ने 'पेमेंट बैंकों' के लिए लाइसेंस जारी करने की मंज़ूरी 20 अगस्त को दे दी है। रिज़र्व बैंक को पेमेंट बैंक लाइसेंस के लिए 41 अर्जियां मिली थीं, जिनमें से 11 को लाइसेंस के योग्य पाया गया। गौरतलब है कि पेमेंट बैंक के लिए रिज़र्व बैंक ने 2013 में डिस्कशन पेपर जारी किया था. इसके बाद नचिकेत मोर कमेटी का गठन किया गया. बाद में रिज़र्व बैंक ने पेमेंट बैंक के लाइसेंस जारी करने के लिए नियम-क़ायदे तय किए.
अरबपति मुकेश अंबानी, कुमारमंगलम बिड़ला की कंपनियों के साथ साथ सुनील भारती मित्तल की भारती एयरटेल, डाक विभाग और विदेशी स्वामित्व वाली दूरसंचार कंपनी वोडाफोन सहित 11 कंपनियों को रिजर्व बैंक ने बुधवार को भुगतान बैंक चलाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। भुगतान बैंक लोगों से जमा स्वीकार करेंगे और धन का प्रेषण करेंगे। इस तरह के बैंक किसी को कर्ज नहीं देंगे। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जिसने हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक के साथ भागीदारी की घोषणा की, के साथ-साथ एयरटेल एम-कामर्स सविर्सिज लिमिटेड, आदित्य बिड़ला नुवो, वोडाफोन एम-पैसा, टेक महिन्द्रा और डाक विभाग को रिजर्व बैंक से भुगतान बैंक शुरू करने के लिये सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी मिल गई। सनफार्मा के प्रवर्तक दिलीप शांतिलाल सांघवी और पे-टीएम के विजय शेखर शर्मा को अपनी व्यक्तिगत हैसियत में भी भुगतान बैंक के लिये सैद्धांतिक मंजूरी मिली है।
इसके अलावा चोलामंडलम् डिस्ट्रीब्यूशन सर्विसिज, फिनो पे-टेक और नेशनल सिक्युरिटीज डिपाजिटरी लिमिटेड :एनएसडीएल: को भी इसके लिये मंजूरी दी गई है। कुल मिलाकर 41 आवेदकों में से 11 कंपनियों को व्यक्तियों को भुगतान बैंक के लिये सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। भुगतान बैंक लाइसेंस के तहत कंपनियों को शुरूआत में ग्राहकों से एक लाख रुपये तक की जमा राशि स्वीकार करने की मंजूरी होगी। ये बैंक अपने ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग, धन प्रेषण सुविधा देने के साथ साथ बीमा एवं म्यूचुअल फंड योजना भी बेचेंगे। इसके अलावा भुगतान बैंक अपने ग्राहकों को एटीएम, डेबिट कार्ड जारी कर सकेंगे लेकिन क्रेडिट कार्ड देने की अनुमति नहीं होगी। भुगतान बैंक की शुरूआत हेतु 18 महीने की समय सीमा भी तय की गई है।
पेमेंट बैंक की विशेषतायें :
पेमेंट बैंक में हर खाताधारक अधिकतम एक लाख रुपए तक की राशि जमा कर सकता है.
इसके माध्यम से पैसे का लेन-देन किया जा सकता है. ये बैंक ग्राहकों को एटीएम/डेबिट कार्ड जारी कर सकते हैं.
पेमेंट बैंक इंटरनेट बैंकिंग के ज़रिए लेन-देन की सुविधा भी देंगे.
पेमेंट बैंक से बैंकिंग सिस्टम में कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा मिलेगा.
पेमेंट बैंक नियमित बैंकों की तरह कर्ज़ नहीं दे सकते. क्रेडिट कार्ड भी जारी नहीं कर सकते.
ये बैंक अपने पास नक़दी या सरकारी प्रतिभूतियां ही रख सकते हैं.
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