Wednesday, November 23, 2016

पहल : डाक विभाग ने मरीजों का बांटा दर्द, नोटबंदी के बाद अस्पताल पहुँचकर बदली नकदी

नोटबंदी के बाद मरीजों और उनके परिजनों को हो रही परेशानियों को दूर करने के लिए जोधपुर में डाक विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अब अस्पतालों में पहुँच रहे हैं। डाक विभाग की ओर से 22 नवम्बर को महात्मा गाँधी राजकीय अस्पताल, जोधपुर में भर्ती मरीजों के 500 और 1,000 रूपये के पुराने नोट बदले गए। राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने वार्ड में भर्ती कुछेक मरीजों को अपने हाथों से 100-100 रुपए के नोट देकर इसकी शुरुआत की और तत्पश्चात डाक विभाग के कर्मचारियों ने सभी मरीजों तक इस पहल को पहुँचाया। मरीजों को जब पुराने नोटों की जगह नई  नोटें मिलीं तो उनके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई और परिजनों ने राहत की साँस ली। उन्होंने इसे डाक विभाग द्वारा आरम्भ की कई एक अनूठी और परोपकारी पहल बताया।


निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग लोगों के सुख-दुःख में बराबर भागीदार है और ऐसे में जो लोग अपने पुराने नोट बदलने के लिए डाकघर या बैंक तक जाने की स्थिति में नहीं हैं, अस्पतालों में उन्हें उनकी जरूरतों के मुताबिक खुले नोट देने के लिए यह पहल की गई है। श्री यादव ने कहा कि यह डाक विभाग के सामाजिक सरोकारों का भी परिचायक है।



महात्मा गाँधी राजकीय अस्पताल, जोधपुर के कार्यवाहक अधीक्षक डॉ. अजय मालवीय ने डाक विभाग की इस पहल की सराहना करते हुये कहा कि इससे मरीजों और उनके परिजनों को काफी सहूलियत होगी। जोधपुर प्रधान डाकघर के सीनियर पोस्टमास्टर श्री लाल शंकर पटेल ने कहा कि मरीजों को परेशानी न हो, इसलिए उनके फॉर्म भरने में भी डाक विभाग के कर्मचारियों ने मदद की, ताकि उन्हें 2000 रुपए तक के खुले पैसे दिये जा सकें। महात्मा गाँधी राजकीय अस्पताल, जोधपुर में भर्ती 300 से ज्यादा मरीजों के नोट बदले गए। दोपहर 11 बजे से आरंभ हुई यह प्रक्रिया शाम तक चली। गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद दवा की दुकानों या बाहर जाँच घर में पुरानी नोट नहीं लेने से मरीजों और उनके परिजनों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है।

 इस दौरान राजकीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अरुण पुरोहित, सहायक डाक अधीक्षक श्री विनय कुमार खत्री, डाक निरीक्षक श्री सुदर्शन सामरिया, राजेश व्यास, विजय सिंह, अब्दुल समद, हेमंत कुमार, लक्ष्मण सिंह, गोवर्धन राम, अशोक कुमार, मोहन सिंह सहित डाक विभाग और महात्मा गाँधी राजकीय अस्पताल, जोधपुर के तमाम अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे और नोटों के बदलने में सहयोग किया। 


















Tuesday, November 22, 2016

नोटबंदी के बाद जोधपुर के डाकघरों में जमा हुई 1 अरब रूपये से ज्यादा की राशि

भारत सरकार द्वारा 500 और 1,000 रूपये के नोटों के विमुद्रीकरण (demonetisation) और तदनुसार नोटबंदी के बाद डाकघरों में भी 500 और 1,000 रूपये के नोट खूब बदले गए और लोगों ने अपने खातों में  पुराने नोट  भी जमा कराये। राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि 10 नवम्बर से आरम्भ हुए इस अभियान के तहत जोधपुर के डाकघरों में 21 नवम्बर तक अपने खातों  में लोगों ने 500 और 1,000 रूपये की  लगभग 1 अरब 9  करोड़ की राशि जमा की।  डाकघरों में एक्सचेंज के तहत इस दौरान  लगभग 28 करोड़ 94 लाख रूपये की राशि बदली गई। 

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाकघर की तमाम बचत योजनाओं -बचत खाता, आवर्ती जमा खाता, सावधि खाता, मासिक जमा योजना, पीपीएफ, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना, एन एस सी, किसान विकास पत्र में 500 और 1,000 रूपये के पुराने नोट स्वीकार किये जा रहे हैं। प्रधान डाकघर और उप डाकघरों के अलावा गाँवों में स्थित शाखा डाकघरों में भी  500 और 1,000 रूपये के पुराने नोट सभी बचत योजनाओं हेतु स्वीकार किये जा रहे हैं। ग्रामीण शाखा डाकघरों में पचीस हजार जमा करने की सीमा को भी वर्तमान परिस्थियों में डाक विभाग ने उदार बनाते हुए बढ़ा दिया है। अब गाँव के लोग अपने नजदीकी शाखा डाकघर में जाकर अपने खाते में 500 और 1,000 रूपये के  पुराने नोट जमा कर सकते हैं। जोधपुर डाक मंडल के अधीन कुल 558 डाकघरों में से 473 शाखा डाकघर हैं ।

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग द्वारा इस दौरान काफी संख्या में सभी तरह के खाते भी खोले जा रहे हैं। जोधपुर प्रधान डाकघर में खोले जा रहे बचत खातों में तत्काल निशुल्क एटीएम सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे लोग बिना किसी परेशानी के प्रधान डाकघर स्थित एटीएम से राशि निकाल सकते हैं। इसी प्रकार सुकन्या समृद्धि योजना के तहत लोग 10 साल तक की बेटियों का खाता खोलकर साल भर में  एक हजार से डेढ़ लाख रूपये तक जमा कर सकते हैं। इसमें आयकर छूट का भी प्रावधान है।




  

Wednesday, November 16, 2016

सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के सपनों को पूरा करने का सशक्त माध्यम : हनुमानगढ़ जिले का प्रथम “सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना ग्राम” बना खोथांवाली

सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के सपनों को पूरा करने का सशक्त माध्यम है।  हर बेटी को उसके जन्म पर माँ-बाप  द्वारा सुकन्या समृद्धि खाता उपहार स्वरूप देकर नई परम्परा का सूत्रपात करना चाहिये। बेटियों की उच्च शिक्षा, कैरियर और उनके विवाह में सुविधा के लिए 10 वर्ष तक की बेटियों हेतु डाकघरों में सुकन्या समृद्धि योजना आरंभ की गयी है। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने  हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा तह्सील में स्थित खोथांवाली गाँव में सुकन्या समृद्धि योजना के लिये 08 नवंबर को आयोजित मेले में व्यक्त किये। गाँव की 10 वर्ष तक की समस्त योग्य बालिकाओं के सुकन्या खाते खोलकर खोथांवाली गाँव हनुमानगढ़ जिले का प्रथम “सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना ग्राम” बन गया है।


इस अवसर पर आयोजित कार्यक्र्म में मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने "बेटी बचाओ, बेटी पढाओ” के अंतर्गत बालिकाओं  के राष्ट्र निर्माण पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि आज बेटियाँ समाज में नित नये मुकाम हासिल कर रही हैं। बेटियों की समृद्धि और खुशहाली में ही समाज का भविष्य टिका हुआ है। इसीलिए सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुडा हुआ हैं। इस योजना के आर्थिक के साथ साथ सामाजिक आयाम महत्वपूर्ण हैं। इसमें जमा धनराशि पूर्णतया बेटियों के लिए ही होगी, जो उनकी शिक्षा, कैरियर  एवं विवाह में उपयोगी होगी। 


 डाक विभाग की योजनाओं की चर्चा करते हुए डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग का उद्देश्य समावेशी विकास के तहत शहरों के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण अंचल स्थित लोगों को भी इन सभी योजनाओं के तहत लाना है। इसके तहत आने वाले दिनों में ग्रामीण डाक सेवकों सहित विभाग के सभी कर्मचारियों को सूचना प्रौद्योगिकी के माहौल में प्रभावकारी तरीके से कार्य करने के लिए तैयार करना है। इसी क्रम में ग्रामीण शाखा डाकघरों को भी तकनीकी तौर पर दक्ष बनाने के उद्देश्य से ग्रामीण आईसीटी के तहत हाईटेक किया जायेगा और वहाँ पर नेटबुक व हैण्डहेल्ड डिवाइस भी दिया जायेगा। शाखा डाकघरों को सोलर चार्जिंग उपकरणों से जोडने के साथ-साथ मोबाइल थर्मल प्रिन्टर, स्मार्ट कार्ड रीडर, फिंगर प्रिन्ट स्कैनर, डिजिटल कैमरा एवं सिगनेचर व दस्तावेज स्कैनिंग के लिये यन्त्र भी मुहैया कराया जायेगा ताकि ग्रामीण लोगों को इन सुविधाओं के लिये शहरों की तरफ न भागना पडे।
             



 इस अवसर पर श्रीगंगानगर मण्डल के अधीक्षक डाकघर श्री गोपी लाल माली ने बताया कि किसी भी डाकघर में दस साल तक की बालिकाओं का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा सकते है। इसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 1,000 और अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक जमा किये जा सकते हैं। इस योजना में खाता खोलने से मात्र 15  वर्ष तक धन जमा कराना होगा।  बेटी की उम्र 18 वर्ष होने पर जमा राशि का 50 प्रतिशत व सम्पूर्ण राशि 21 वर्ष पूरा होने पर निकाली जा सकती है। ब्याज दर 8.5 प्रतिशत हैं और जमा धनराशि में आयकर छूट का भी प्रावधान है।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि श्रीमती ज्योति मेघवाल डायरेक्टर पंचायत समिति पीलीबंगा ने इस योजना की भूरि-भूरि प्रशंसा कर लोकप्रिय एवं कल्याणकारी योजना बताया तथा कहा कि बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया यह प्रयास एक मील का पत्थर साबित होगा।

इस अवसर पर श्री राजेंदर सिंह थोरी, सरपंच खोथांवाली ग्राम पंचायत ने डाक विभाग की इस पहल की सराहना की और कहा कि ग्रामवासियों के लिए यह अत्यन्त गर्व की बात हैं कि यह जिले  का प्रथम “सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना ग्राम” बनकर “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान को मूर्त रूप दे रहा है।


डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बालिकाओं को पासबुकें उपहार देकर उनके सुखी व समृद्ध भविष्य की कामना की। श्री यादव ने सरपंच श्री राजेंदर सिंह थोरी के प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि बेटियों के लिए ऐसे प्रयास अन्य गांवों में भी किये जायेंगे।
         
इस अवसर पर सहायक डाक अधीक्षक सर्वश्री राकेश कुमार धींगडा, डाक निरीक्षक सुदर्शन सामरिया, शाखाडाकपाल लेखराम सहारण, लोकेश मीणा, रतन लाल, सुखदेव सिंह, सोहन लाल, रामचन्द्र, सत्यनारायण शर्मा ग्रामीण डाक सेवक हेतराम, गुरदेव सिंह, मामराज सहित तमाम स्थानीय जनप्रतिनिधि व गाँववासी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री जसपाल सिंह सेठी ने किया।



Sunday, November 13, 2016

राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले का प्रथम “सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना ग्राम” बना ख्यालीवाला गाँव, डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने बालिकाओं को सौंपी पासबुकें


आज बेटियाँ समाज में नित नये मुकाम हासिल कर रही हैं। बेटियों की समृद्धि और खुशहाली में ही समाज का भविष्य टिका हुआ है। इसीलिए बेटियों की उच्च शिक्षा, कैरियर और उनके विवाह में सुविधा के लिए 10 वर्ष तक की बेटियों हेतु डाकघरों में सुकन्या समृद्धि योजना आरंभ की गयी है। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने श्रीगंगानगर जिले में स्थित ख्यालीवाला गाँव में सुकन्या समृद्धि योजना के लिये  07 नवंबर 2016 को आयोजित मेले में व्यक्त किये। गाँव की 10 वर्ष तक की समस्त योग्य बालिकाओं के (215) सुकन्या खाते खोलकर ख्यालीवाला गाँव, श्रीगंगानगर जिले का प्रथम “सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना ग्राम” बन गया है।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्र्म में मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने "बेटी बचाओ, बेटी पढाओ” के अंतर्गत बालिकाओं  के राष्ट्र निर्माण पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुडा हुआ हैं। इस योजना के आर्थिक के साथ साथ सामाजिक आयाम महत्वपूर्ण हैं। इसमें जमा धनराशि पूर्णतया बेटियों के लिए ही होगी, जो उनकी शिक्षा, कैरियर  एवं विवाह में उपयोगी होगी। सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के सपनों को पूरा करने का सशक्त माध्यम हैं। श्री यादव ने कहा कि कहा कि हर बेटी को उसके जन्म पर माँ-बाप  द्वारा सुकन्या समृद्धि खाता उपहार स्वरूप देकर नई परम्परा का सूत्रपात करना चाहिये। 

डाक विभाग की योजनाओं की चर्चा करते हुए डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग का उद्देश्य समावेशी विकास के तहत शहरों के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण अंचल स्थित लोगों को भी इन सभी योजनाओं के तहत लाना है। इसके तहत आने वाले दिनों में ग्रामीण डाक सेवकों सहित विभाग के सभी कर्मचारियों को सूचना प्रौद्योगिकी के माहौल में प्रभावकारी तरीके से कार्य करने के लिए तैयार करना है। इसी क्रम में ग्रामीण शाखा डाकघरों को भी तकनीकी तौर पर दक्ष बनाने के उद्देश्य से ग्रामीण आईसीटी के तहत हाईटेक किया जायेगा और वहाँ पर नेटबुक व हैण्डहेल्ड डिवाइस भी दिया जायेगा। शाखा डाकघरों को सोलर चार्जिंग उपकरणों से जोडने के साथ-साथ मोबाइल थर्मल प्रिन्टर, स्मार्ट कार्ड रीडर, फिंगर प्रिन्ट स्कैनर, डिजिटल कैमरा एवं सिगनेचर व दस्तावेज स्कैनिंग के लिये यन्त्र भी मुहैया कराया जायेगा ताकि ग्रामीण लोगों को इन सुविधाओं के लिये शहरों की तरफ न भागना पडे।
               
इस अवसर पर श्रीगंगानगर मण्डल के अधीक्षक डाकघर श्री गोपी लाल माली ने बताया कि किसी भी डाकघर में दस साल तक की बालिकाओं का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा सकते है। इसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 1,000 और अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक जमा किये जा सकते हैं। इस योजना में खाता खोलने से मात्र 15  वर्ष तक धन जमा कराना होगा।  बेटी की उम्र 18 वर्ष होने पर जमा राशि का 50 प्रतिशत व सम्पूर्ण राशि 21 वर्ष पूरा होने पर निकाली जा सकती है। ब्याज दर 8.5 प्रतिशत है और जमा धनराशि में आयकर छूट का भी प्रावधान है।

 कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री बृजमोहन यादव, निदेशक कृषि उपज मंडी समिति श्रीगंगानगर ने इस योजना की भूरि-भूरि प्रशंसा कर लोकप्रिय एवं कल्याणकारी योजना बताया तथा कहा कि बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया यह प्रयास एक मील का पत्थर साबित होगा।



इस अवसर पर श्रीमती उर्मिला देवी, सरपंच  खायालीवाला ग्राम पंचायत ने डाक विभाग की इस पहल की सराहना की और कहा कि ग्रामवासियों के लिए यह अत्यन्त गर्व की बात हैं कि यह जिले  का प्रथम “सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना ग्राम” बनकर “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान को मूर्त रूप दे रहा है।

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बालिकाओं को पासबुकें उपहार देकर उनके सुखी व समृद्ध भविष्य की कामना की। श्री यादव ने सरपंच श्रीमती उर्मिला देवी के प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि बेटियों के लिए ऐसे प्रयास अन्य गांवों में भी किये जायेंगे।
       
इस अवसर पर सहायक डाक अधीक्षक सर्वश्री पुखराज राठौड़, श्री जयसिंह वर्मा, राकेश कुमार धींगडा, शाखा डाकपाल मदन लाल शर्मा  सहित तमाम स्थानीय जनप्रतिनिधि व गाँववासी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जसपाल सिंह सेठी लेखाकार मंडल कार्यालय श्रीगंगानगर ने किया।


डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने जारी किया 'शेखावाटी हवेली' व 'पीरामल बालिका विद्यालय' पर विशेष आवरण


डाक टिकटों के माध्यम से जहाँ अपनी सभ्यता और संस्कृति के गुजरे वक्त को आईने में देखा जा सकता है, वहीं इस नन्हे राजदूत का हाथ पकड़कर नित नई-नई बातें भी सीखने को मिलती हैं। व्यक्तित्व परिमार्जन के साथ-साथ डाक टिकटों का शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में अहम योगदान है। हर डाक टिकट एक अहम एवं समकालीन विषय को उठाकर वर्तमान परिवेश से इसे जोड़ता है। ऐसे में स्कूली विद्यार्थियों और युवाओं में डाक टिकट संग्रह की अभिरुचि विकसित करने की जरूरत है।  उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने डाक विभाग द्वारा झुञ्झुनु में आयोजित दो दिवसीय डाक टिकट प्रदर्शनी 'शेखावाटीपेक्स-2016' के समापन समारोह में 5 नवम्बर 2016 को बतौर मुख्य अतिथि अपने उद्बोधन में व्यक्त किये। 

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि ग्लोबलाइजेशन कि अवधारणा भले ही नई हो परंतु डाक टिकट एक लंबे समय से भूमंडलीकरण के प्रतीक रहे हैं। डाक टिकट लगे पत्र विभिन्न देशों के मध्य जिस तरह अबाधित रूप से आते-जाते रहते हैं, वह वर्तमान ग्लोबलाइजेशन की पूर्व-पीठिका को दर्शाता है। ‘शौक़ों का राजा’ और ‘राजाओं का शौक’ कहे जाने वाली इस विधा ने  आज सामान्य जनजीवन में भी उतनी ही लोकप्रियता प्राप्त कर ली है। छोटा सा कागज का टुकड़ा दिखने वाले डाक टिकट वक्त के साथ एक ऐसे अमूल्य दस्तावेज बन जाते हैं, जिनकी कीमत लाखों से करोड़ों रुपए में होती है। भारत में 1852 में जारी प्रथम डाक टिकट 'सिंदे टिकट' की कीमत आज 4 लाख से 35 लाख रुपए तक है तो दुनिया का सबसे महंगा डाक टिकट ब्रिटिश गुयाना द्वारा  सन् 1856 में जारी किया गया एक सेण्ट का डाक-टिकट है जो वर्ष 2014 में रिकॉर्ड 9.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर में बिका।



निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव  ने प्रदर्शनी में राजस्थान की प्रसिद्ध शेखावाटी हवेली एवं  झुञ्झुनु स्थित पीरामल बालिका विद्यालय, बगड़ पर एक विशेष आवरण (लिफाफा) और विरूपण भी जारी किया। श्री यादव ने कहा कि शेखावाटी हवेलियाँ अपने भित्ति चित्रों एवं वास्तु कला के लिए विश्वविख्यात हैं। इन हवेलियों की छतों तथा दीवारों पर की गयी चित्रकारी इन्हें अन्य हवेलियों से श्रेष्ठ बनाती है। 


श्री कृष्ण कुमार यादव ने आगे कहा कि पीरामल बालिका विद्यालय की स्थापना महिला शिक्षा को प्रसारित करने के उद्देश्य से स्वतंत्रता से पूर्व सेठ श्री पीरामल द्वारा सन 1930 में की गयी थी, वर्तमान में यह शिक्षण संस्थान बालिकाओं की शिक्षा हेतु  नवीन आयाम स्थापित कर रहा है।

झुंझुनू मंडल के  अधीक्षक डाकघर  श्री के एल सैनी ने कहा कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से झुंझुनू मंडल में डाक टिकट संग्रहकर्ताओं को नए आयाम मिले हैं। जिस तरह डाक टिकटों के क्षेत्र में नित अनूठे परिवर्तन हो रहे हैं, वह सराहनीय हैं। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे पीरामल ट्रस्ट के सचिव श्री विकास उपाध्याय ने कहा कि डाक विभाग भारत के सबसे पुराने विभागों में है और इस प्रकार की पहल फिलेटली को युवाओं के और नजदीक लाती है।







शेखावाटीपेक्स-2016  के समापन अवसर पर डाक टिकट प्रदर्शनी प्रतियोगिता के विजेताओं को निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव द्वारा पुरस्कृत किया गया। इनमें  सीनियर सवंर्ग में  सर्वश्री सुशील सोनी, राकेश गोगावत व अजय कुमार गुप्ता एवं जूनियर सवंर्ग में मनन उदय परिहार, अर्चित कुमार व शहजाद मोहम्मद को क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। स्कूली विद्यार्थियों  हेतु आयोजित पत्र लेखन प्रतियोगिता में सीनियर वर्ग में मनिका कुमारी, तनिषा टीबडेवाल एवं डिम्पल योगी एवम जूनियर वर्ग में रितिका शर्मा, नवीना व प्रियांशु ढाका क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। डाक टिकट डिजाइन प्रतियोगिता में कक्षा 1-5 तक के वर्ग में सिया रिनगसिया, स्पर्श तुलसियान व पलक तथा कक्षा 9-12  तक के वर्ग में आदित्य कस्वां, श्रृष्टि व जितेश कुमार को क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में जय पब्लिक विद्यालय, जीबी मोदी विद्या मन्दिर तथा जीबी मोदी पब्लिक स्कूल को क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।


इस अवसर पर 'शेखावाटीपेक्स-2016' के ज्यूरी सदस्य श्री आर.के. भूतड़ा एवं श्री अजय कुमार आचार्य, सहायक डाक अधीक्षक राधे श्याम चौहान, डाक निरीक्षक सुदर्शन सामरिया, आर.पी. कुमावत, हरी प्रसाद कुड़ी, तथा कार्यालय सहायक हेमलता सैनी, राकेश कुल्हरी, हरी सिंह महला,सतेंदर सिंह, श्रीराम सैनी,एमई सहित तमाम फिलेट्लिस्ट, स्कूली विद्यार्थी और प्रबुद्धजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्री एस.के. पोरवाल तथा धन्यवाद ज्ञापन श्री धर्मपाल सिंह ढाका ने किया।