निदेशक डाक सेवायें श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इस परीक्षा में मेरिट में स्थान पाने वाले परीक्षार्थियों का ही अंतिम आधार पर चयन किया जायेगा। 12 बजे से 2 बजे तक हुई वस्तुनिष्ठ श्रेणी की इस परीक्षा में 25-25 अंक के चार खण्ड शामिल थे जिनमें सामान्य ज्ञान, गणित, अंग्रेजी व हिन्दी से सम्बंधित प्रश्न शामिल थे। सामान्य श्रेणी के परीक्षार्थियों को परीक्षा उत्तीर्ण करने हेतु 10 अंक, अन्य पिछड़ी जाति के परीक्षार्थियों के लिए 9 अंक व अनुसूचित जाति के परीक्षार्थियों के लिए 8 अंक प्रत्येक खण्ड में प्राप्त करना अनिवार्य है। नकारात्मक अंक न होने के कारण परीक्षार्थियों ने प्रायः सारे प्रश्नों को हल किया।
गौरतलब है कि पहले डाक विभाग पोस्टमैन के पदों को अधिकतर विभागीय पदोन्नति के माध्यम से भरता था, पर अब पोस्टमैन बनने के लिए खुली प्रतियोगिता परीक्षा भी कराता है। ऐसे में पोस्टमैन पद, जिसके लिए अहर्ता मात्र 10 वीं पास है, उसके लिए उच्च शिक्षा प्राप्त - एम. ए., एम. एस. सी और यहाँ तक कि पीएचडी धारक और बी-टेक की डिग्री लिए इंजीनियर भी परीक्षा दे रहे हैं। तमाम महिलाओं और दिव्यांगों ने भी पोस्टमैन बनने के लिए परीक्षा दी।
बीटेक डिग्रीधारी और हाईटेक छात्रों द्वारा पोस्टमैन की परीक्षा दिए जाने पर डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि आज का पोस्टमैन भी टेक्नॉलाजी से जुड़ा हुआ है और उसे अपना कार्य सुचारू रूप से सम्पादित करने हेतु कंप्यूटर का ज्ञान आवश्यक है। समाज में डाकिया की अपनी अलग ही प्रतिष्ठा है और सरकारी सेवा के स्थायित्व के साथ-साथ उसका वेतन भी कई निजी कंपनियों से बढ़िया और आकर्षक है। पहली पोस्टिंग में उसे लगभग 25 हजार रूपये वेतन मिलता है। श्री यादव ने कहा कि डाक विभाग आई. टी. मॉडर्नाइजेशन के दौर से गुजर रहा है और ऐसे में यदि बीटेक डिग्रीधारी और हाईटेक लोग विभाग में आते हैं या पोस्टमैन बनने के लिए आकर्षित होते हैं तो इसे एक शुभ संकेत के रूप में देखा जाना चाहिए।
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